गोल्ड और ईटीएफ

Gold Silver ETF FoF: मात्र 500 रुपये से शुरू करें सोना और चांदी में निवेश, जानें इस म्यूचुअल फंड स्कीम की डिटेल
Investment in Gold and Silver: मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF लॉन्च कर दिया है. इसके NFO में आप मात्र 500 रुपये से निवेश कर सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 23 Sep 2022 04:23 PM (IST)
Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF
Investment in Gold-Silver ETF: क्या आप भी म्यूचुअल फंडों के जरिये सोना और चांदी में एक साथ निवेश करना चाहते हैं? अगर हां तो यह खबर आपके काम की है. मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) ने गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) और सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में निवेश से लाभ प्राप्त करने के लिए मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ एफओएफ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF) लॉन्च कर दिया है. इसका एनएफओ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF) 26 सितंबर 2022 को खुलेगा और 7 अक्टूबर 2022 को बंद होगा. म्यूचुअल फंड यूनिट का एलोकेशन 13 अक्टूबर 2022 को किया जाएगा.इस म्यूचुअल फंड के तहत गोल्ड और गोल्ड और ईटीएफ सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न हासिल किया जाएगा.
गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश आवंटन नए फंड ऑफर के दौरान 70:30 में किया जाएगा. बाद में डेली वेटेज बाजार पर निर्भर करेगा. अधिकतम वेटेज की सीमा 90 प्रतिशत है जिसकी समीक्षा तिमाही की जाएगी.
निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में क्यों शामिल करें गोल्ड और सिल्वर?
गोल्ड (Gold) और सिल्वर (Silver) दो ऐसी कीमती धातुएं हैं, जिसने पुराने जमाने के लोगों से लेकर आज के आधुनिक लोगों को भी काफी आकर्षित किया है. ये कीमती धातुएं 6000 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में हैं. सोने का व्यापक उपयोग गहनों के रूप में किया जाता है. सोने को अक्सर 'सुरक्षित गोल्ड और ईटीएफ निवेश' माना जाता है, क्योंकि यह बाजार की अनिश्चितता के दौरान अच्छा प्रदर्शन करता है. इसके विपरीत चांदी का इंडस्ट्रियल इस्तेमाल ज्यादा होता है, इसलिए आम तौर पर यह कारोबार के रिकवरी फेज में बेहतर प्रदर्शन करता है. दोनों धातुओं में निवेश से पोर्टफोलियो को उथल-पुथल भरे समय और रिकवरी अवधि दोनों में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है.
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ नवीन अग्रवाल ने कहा कि सोना और चांदी सदियों से भारतीय परिवारों की पसंदीदा संपत्ति रही है. इन कीमती धातुओं को खरीदकर भौतिक रूप में रखा जाता है. हालांकि, हम दुनिया भर में उच्च महंगाई देख रहे हैं. महंगाई से निपटने के लिए केंद्रीय बैंकों ने दरों में बढ़ोतरी और न्यूट्रल सिस्टम लिक्विडिटी का सहारा लिया है. सोना महंगाई के खिलाफ हेजिंग का सबसे बेहतरीन विकल्प है. अग्रवाल ने कहा कि हम एक दिलचस्प मोड़ पर हैं क्योंकि अमेरिका और यूरोप की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के मंदी की चपेट में आने का खतरा है, जबकि भारत में मजबूत विकास की संभावनाएं दिख रही हैं.
मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एवं सिल्वर ईटीएफ एफओएफ के लिए न्यूनतम आवेदन राशि 500 रुपये और इसके बाद 1 के गुणक में होगी. चालू आधार पर निवेशक वित्तीय सलाहकार के माध्यम से या ऑनलाइन जाकर स्कीम की यूनिट्स को खरीद सकते हैं या इन्हें रिडीम करा सकते हैं
Published at : 23 Sep 2022 03:56 PM (IST) Tags: Gold Silver Mutual fund Gold ETF silver ETF FoF हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Gold ETF Dhanteras 2022: गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश करने का एक सुविधाजनक तरीका
शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है और इस फेस्टिव सीजन में भारतीय परिवार एक बार फिर फेस्टिव सीजन में गोल्ड की खरीदारी के लिए बाहर निकलने लगे हैं। एक भारतीय निवेशक के रूप में सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। उपलब्ध सभी विकल्पों या प्रोडक्ट्स में से खरीदार को यदि गहनों की आवश्यकता नहीं है, तो जो विकल्प जो सबसे अधिक उम्दा है और जो सबसे बढ़िया निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है वह है गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करना फिजिकल मेटल में निवेश करने जितना ही अच्छा है, लेकिन इसे इलेक्ट्रोनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसा रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत उच्च शुद्धता के फिजिकल गोल्ड जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है। इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है। इसलिए, यदि आप निवेश के दृष्टिकोण से सोना खरीदना चाह रहे हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पोर्टफोलियो आवंटन के नजरिए से भी, गोल्ड ईटीएफ बेहतर स्थिति में हैं।
गोल्ड ईटीएफ की खूबियां
45 रुपए में निवेश शुरू: निवेशक गोल्ड ईटीएफ में कम से कम 45 रुपए में निवेश शुरू कर सकते हैं, जो कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट की कीमत है। इसलिए, एक निवेशक को सोने में निवेश करने के लिए बड़ी रकम जमा करने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है, जो अक्सर फिजिकल सोना खरीदने के मामले में होता है।
अफोर्डेबिलिटी: फिजिकल सोने की खरीद, स्टोरेज और बीमा की तुलना में निवेश की लागत अपेक्षाकृत कम है।
विश्वसनीयता: गोल्ड ईटीएफ का लक्ष्य 99.5 फीसदी शुद्धता या इससे अधिक शुद्धता वाला सोना खरीदना है।
कम खर्च: फिजिकल सोने के निवेश की तुलना में ईटीएफ गोल्ड से जुड़े खर्च काफी कम हैं, क्योंकि इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं जुड़ा है। उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेन्स रेशीयो 0.5 फीसदी है, जो गोल्ड ईटीएफ में सबसे सस्ता है।
लिक्विडिटी: गोल्ड ईटीएफ को किसी भी समय एक्सचेंज पर रीयल टाइम एनएवी पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान किसी की आवश्यकता के अनुसार एक यूनिट से बेचा जा सकता है। नतीजतन, यह आभूषणों, सिक्कों या बारों को बेचने की तुलना में अधिक आसान है।
कोलेटरल: ईटीएफ लोन के लिए कोलेटरल के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। टैक्स बचाने वाला: गोल्ड ईटीएफ को यदि तीन साल से अधिक समय तक रखा जाता है, तो इससे अर्जित आय को लांग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है। यह सोना रखने के लिए एक टैक्स बचाने का कुशल तरीका है।
निवेशक को इन बातों से सावधान रहना चाहिए
ईटीएफ की कीमतें फिजिकल गोल्ड की कीमतों के जैसे बढ़ती या घटती हैं। नतीजतन, गोल्ड ईटीएफ को सोने की कीमत से लाभ उठाने के लिए एक टूल के रूप में सबसे अच्छा उपयोग किया जाता है। यानी निवेशक वास्तविक संपत्ति खरीदे बिना सोने में निवेश के लाभों को हासिल कर सकता है। इसे बेचने पर निवेशक को नकद प्राप्त होता है न कि फिजिकल गोल्ड। वास्तव में, गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से किसी निवेशक को सस्ती कीमत पर और सुरक्षित संभव तरीके से गोल्ड के संपर्क में आने का आश्वासन दिया जा सकता है। इसके अलावा, जब ईटीएफ के माध्यम से निवेश किया जाता है, तो किसी की आवश्यकता के अनुसार छोटे लॉट में यूनिट्स को जमा करने या बेचने की सुविधा होती है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, एक निवेशक के पास सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करने या एकमुश्त निवेश का विकल्प चुनने का विकल्प होता है। इसलिए इसे खरीदने वाले को इसकी शुद्धता, रखने की परेशानी आदि के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसलिए, इस त्योहारों के मौसम में गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प चुनकर अपने निवेश पोर्टफोलियो में चमक बढ़ाने का काम करें।
Gold ETF investments: सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों की निकासी, हालांकि खातों की संख्या में वृद्धि
क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब
- Date : 12/08/2022
- Read: 3 mins Rating : -->
जुलाई के महीने में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है। लेकिन खातों की संख्या बढ़कर 46.43 लाख तक पहुँची। आखिर इसका क्या कारण है? जानते हैं गोल्ड ईटीएफ के बारे में।
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम गोल्ड और ईटीएफ मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
Gold ETF के बारे में जानकारी
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ गोल्ड और ईटीएफ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 गोल्ड और ईटीएफ करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी, क्या बढ़ती ब्याज दरें हैं कारण?
गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी की गई. जानकारों का मानना है कि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी की वजह से गोल्ड ईटीएफ की निकासी की जा रही है.
Published: August 9, 2022 5:03 PM IST
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से जुलाई, 2022 के दौरान 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. निवेशकों ने अपना पैसा अन्य परिसंपत्ति वर्गों में लगाया जिसके कारण यह निकासी हुई है.
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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में ईटीएफ में 135 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था.
मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक कविता कृष्णन ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने निकासी की है.
उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट ने भी सोने की मांग और आपूर्ति को प्रभावित किया है. यह प्रवृत्ति वैश्विक स्तर पर भी देखी गई है, जिसमें सोने की कम कीमतों के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने निकासी की है.
इस निकासी के साथ गोल्ड ईटीएफ में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां घटकर 20,038 करोड़ रुपये रह गई हैं, जो जून में 20,249 करोड़ रुपये थीं. हालांकि, इस श्रेणी में समीक्षाधीन अवधि में फोलियो की संख्या 37,500 बढ़कर 46.43 लाख पर पहुंच गई.
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Gold ETF investments: सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों की निकासी, हालांकि खातों की संख्या में वृद्धि
क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब
- Date : 12/08/2022
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जुलाई के महीने में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है। लेकिन खातों की संख्या बढ़कर 46.43 लाख तक पहुँची। आखिर इसका क्या कारण है? जानते हैं गोल्ड ईटीएफ के बारे में।
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल गोल्ड और ईटीएफ के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता गोल्ड और ईटीएफ है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस गोल्ड और ईटीएफ फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
Gold ETF के बारे में जानकारी
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। गोल्ड और ईटीएफ यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गोल्ड और ईटीएफ गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।