शुरुआती के लिए ट्रेडिंग ट्यूटोरियल

ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं

ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं
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शेयर डीमेट खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी: धोखाधड़ी आम बात

भारत में 1999 में शेयर की फिजिकल ट्रेडिंग बंद करते हुए पूरी प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया गया, जिसमें फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखना भी शामिल था और इसके लिए डीमेट खाता बनाया गया.

हम आप आज के समय शेयर को भी बैंकों में जमा पैसे की तरह डीमेट खाते से उपयोग कर सकते हैं. नेट बैंकिंग की तरह डीमेट खाता भी लाग इन आईडी और पासवर्ड से चलता है और इसी तरह हमारा शेयर ट्रेडिंग आकंउट भी चलता है.

डिजिटल रुप में सहुलियत तो बहुत है लेकिन उतनी सावधानी भी जरूरी है.

कोविड काल में शेयर बाजार में भारी उछाल और निवेश के विकल्पों की कमी के कारण लोगों का शेयर बाजार की तरफ आकर्षित होना स्वाभाविक ही था.

और शेयर बाजार ने भी इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कई कंपनियों को पैसे उगाहने में मदद की, साथ ही लाखों नए डीमेट खाते और शेयर ट्रेडिंग आकंउट खुल गए. न केवल लोग अपनी जमा पूंजी का निवेश शेयर बाजार में जमकर करने लगे, बल्कि कई शेयर एक्सपर्ट, ट्रेडिंग, ब्रोकर और डीमेट की दुकानें आनलाइन सोशल मीडिया पर खुल गई.

यही से शुरू हुआ शेयर बाजार में एक नए तरीके से धोखाधड़ी का कारोबार.

शेयर बाजार में धोखाधड़ी कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी हमने अनुभव किया है कि फर्जी डिमेट खातों के माध्यम से निवेश का घोटाला, फिर हाल में ही एक प्रतिष्ठित ब्रोकर कंपनी द्वारा डीमेट खाते में रखे शेयर को बिना शेयरधारकों से पूछे गिरवी रख देना. आज भी शेयरधारक अपने शेयर वापसी और नुकसान भरपाई की सालों बाद भी राह देख रहे हैं.

यह देश की विडम्बना ही तो है कि इतने सारे नियम कानून, नियामक एजेंसियों, सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी हो रही है और लोगों के पास निवेश के विकल्प नहीं है.

हाल में ही देश की सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म जेरोधा के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने ब्लॉग में लिखा है, “जब हमें नुकसान होता है तब हम किसी की भी सलाह मान लेते हैं. बाजार में बहुत सारे सलाहकार हैं जो निवेशक की मदद करते हैं. इनके बीच ही ऐसे कई धोखेबाज भी हैं जो सोशल मीडिया पर मार्केट एक्सपर्ट होने का दावा करते हैं और किसी निवेशक का शिकार करने की फिराक में रहते हैं.”

*मार्केट एक्सपर्ट या सलाहकार बनकर ये धोखेबाज आपकी मदद के नाम आपके डीमैट अकाउंट का लॉग-इन डिटेल्स ले लेंगे.ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं *

इसके बाद ये आपके अकाउंट में गैर-वास्तविक ट्रेड्स का उपयोग करके एक नुकसान पैदा कर देते हैं और आपके पैसे को किसी अन्य ट्रेडिंग अकाउंट में भेज देते हैं.

शेयर डीमेट खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी धोखाधड़ी आम बात

इससे आपके लिए यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि आपके अकाउंट में घोटाला हो चुका है.

सावधानी और ध्यानपूर्वक काम करना ही बचने का तरीका

1. निवेशक इसलिए ठगे जाते हैं, क्‍योंकि वे अपने अकाउंट का लॉग इन डिटेल्‍स दूसरों को दे देते हैं.

2. निवेशक के ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे निकालने के लिए इलिक्विड ऑप्शंस या पेनी स्टॉक का इस्तेमाल करके फर्जी नुकसान दिखाया जा सकता है.

3. जैसे अपने बैंक खाते से जुड़े लॉगिन डिटेल्स हम किसी के साथ शेयर नहीं करते, वैसे ही अपने ट्रेडिंग खाते के लॉग-इन पासवर्ड भी शेयर नहीं करने चाहिए.

4. डीमैट अकाउंट से छेड़छाड़ का एक दूसरा तरीका फिशिंग फ्रॉड है.

5. आप आधिकारिक ब्रोकर वेबसाइटों और ऐप के अलावा कहीं भी लॉग इन डिटेल्स न भरें.

6. कभी भी अपने लॉगिन डिटेल्स किसी के साथ शेयर ना करें.

7. अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग नहीं समझते हैं, तो उसमें कभी ट्रेड न करें, भले ही कोई आपसे कुछ भी कहे.

8. यदि आपको ऑप्‍शंस की समझ है, तो यह जान लें कि जब इलिक्विड ऑप्शंस का ट्रेज होता है, तो आप उसकी फेयर वैल्यू इम्प्लॉइड वोलैटिलिटी का इस्तेमाल करके लिक्विड स्ट्राइक और उसकी अंडरलाइंग को बदल सकते हैं और यहीं धोखाधड़ी होती है.

9. अगर आपने किसी ऐसे व्यक्ति को अपने खाते की डिटेल्स दी है, जिसने इस तरह से आपका नुकसान किया है तो इसकी शिकायत आप पुलिस से कर सकते हैं.

10. आखिर में सावधानी ही सुरक्षा है और ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं बिना आपकी जानकारी के कोई भी लेनदेन अमान्य होगा. साथ ही पैसे लेनदेन की सीमा जरूर तय करें ताकि कोई भी अधिकृत व्यक्ति आपके खाते में एक तय सीमा से ज्यादा का लेनदेन न कर सकें.

डिजिटल युग में हम आनलाइन कार्यों से नहीं बच सकते लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि हम अपनी जमापूंजी आनलाइन फ्राड में लुटवाते रहे और सिस्टम को कोसते रहे.

हजारों बेरोजगार लोग आनलाइन हम और हमारे लेनदेन पर नजर रख रहे हैं और छोटी सी असावधानी हमारे लिए नुकसान कारक हो सकती है.

Forex ट्रेडिंग क्या है? | What is Forex in Hindi

forex kya hai

दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे और ट्रेडिंग कई तरह की होती है उन्ही में से एक फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग क्या होती है और ये कितने तरह की होती है अगर नही, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देते हैं.

forex kya hai

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Table of Contents

Forex ट्रेडिंग क्या है (What is Forex in Hindi)

फॉरेक्स का अर्थ होता है विदेशी मुद्रा का विनिमय विदेशी मुद्रा की खरीदारी करना और ट्रेडिंग का अर्थ होता है किसी भी चीज़ का बिज़नेस करना.

फॉरेक्स ट्रेनिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमे हम किसी भी दूसरे देश की करेंसी का एक जोड़ा खरीदते हैं बस जोड़े में दो करेंसी होती है इन करेंसीज का मार्केट में मूल्य घटता और बढ़ता रहता है तो ऐसे में फॉरेस्ट ट्रेडिंग करने वाला व्यक्ति टेक्निकल एनालिसिस करके अंदाजा लगाता है की आज कनसी किस रेट में नीचे जाने वाला है और किस रेट में ये ऊपर आने वाला है फॉरेक्स ट्रेडिंग में हम अच्छा पैसा लगाकर इनकम भी कमा सकते हैं फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट है जहाँ दुनिया की सभी करेंसी की ट्रेडिंग होती है। जहाँ तक बात भारत फॉरेक्स ट्रेडिंग की है तो यहाँ निवेशकों के मन में फॉरेक्स ट्रेडिंग की वैधता (लीगल) को को लेकर जरूर संदेह है.

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करना पूरी तरह से कानूनी काम है लेकिन यह केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय सिक्योरिटी विनिमय बोर्ड द्वारा तय पूर्व निर्धारित सीमाओं के तहत कि यूज किया जाता है.

ऐसे में अगर यदि कोई व्यक्ति भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करना चाहता है तो उसे इसके बारे में अच्छी जानकारी भी होनी चाहिए.

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करता है

जिस तरह से इक्विटी ट्रेडिंग में हमारे प्रॉफिट और लॉस के लिए हमारे द्वारा लिए गए किसी भी शेयर के मूल्य बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं ठीक उसी प्रकार से फॉरेक्स ट्रेडिंग भी हमारे देश के शेयर मार्केट में होने वाले इक्विटी ट्रेडिंग के जैसा ही होता है

फोरेक्स ट्रेडिंग में हमारे फायदे और नुकसान के लिए किसी भी विदेशी करेंसी का एक्सचेंज रेट या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उसके घटते बढ़ते हुए मोहल्ले इसका बहुत मायने रखते हैं उदाहरण मन कोई व्यक्ति हैं जो फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है और वह डॉलर के बढ़ते हुए मूल्य में अच्छा प्रॉफिट लेना चाहते हैं तो मान लीजिये की उसने 70 के हिसाब से 1000 यूएस डॉलर खरीद लिये जिनकी वैल्यू 7000 रूपये होती है और ये मान लीजिए कि कल उनमें 300 की वृद्धि हो रही है और जब वो उन $1000 का बेचता है तब उसे 73000 रूपये मिलते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग में अच्छा प्रॉफिट कमाने के लिए उसे अच्छी तरह से एक्सचेंज रेट का टेक्निकल लाइन से करना होगा.

फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए बेस्ट करेंसी कौन सी है

फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सभी देशों की मुद्राएं में से सबसे अच्छी करेंसी है

इन देशों की करंसी मैं अगर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करते हैं तो यह आपके लिए काफी बेनिफिट वाला हो सकता है.

हमारे देश भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करें?

हमारे देश में बहुत से लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करते हैं लेकिन उन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी न होने के कारण वह फॉरेक्स ट्रेडिंग नहीं कर पाते हैं हमारे भारत देश में बहुत सारी बड़ी बड़ी कंपनियां हैं और बड़े बड़े बैंक हैं जो फॉरेक्स ट्रेडिंग करते है और अच्छा प्रॉफिट भी कमाते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट कर कोई भी अच्छी इनकम कमा सकता है जैसे कि आप शेयर मार्केट में करते हुए इसमें बहुत ही कम रिस्क होता है पर ये आपको अच्छा प्रॉफिट भी देता है जिसके लिए आपको ब्रोकर आपको अच्छा मार्जिन भी देते हैं जिस कारण से अब कम इन्वेस्टमेंट करते हैं अधिक से अधिक फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं

फॉरेक्स ट्रेडिंग की सावधानियां क्या-क्या है?

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आपको ये सावधानियां रखना जरूरी है-

  • फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए आप पहले से ही मार्केट में एक इन्वेस्टर ग्रुप में काम कर रहे हो तो आप इसमें अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं
  • आज के टाइम में तो फर्स्ट थिंग करने के लिए बहुत से कोर्स भी आते हैं आप उन कोशिशों कर सकते हैं
  • अगर आप फॉरेस्ट ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का अच्छा ज्ञान होना चाहिए और आप को मार्केट का पूर्वानुमान लगाना भी आना चाहिए
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपके पास एक अच्छा बैंक बैलेंस भी होना चाहिए जिससे अगर आपको कभी ट्रेडिंग करने में कोई घाटा हो तो आप उसे कवर कर सकते हैं.

इसे भी पढ़े?

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (forex kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (forex kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

Share Market: कोरोना के बाद शेयर बाजार की तरफ बढ़ा युवा निवेशकों का ट्रेंड, 75 फीसदी नए ग्राहक नई पीढ़ी के

Rahul Sampal

राहुल संपाल
Updated Thu, 14 Jul 2022 05:03 PM IST

एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है.

शेयर बाजार

कोविड-19 ने आज देश और दुनिया में काम करने के तरीकों को बदल कर रख दिया है। महामारी के बाद से कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर बदलाव देखने को मिले हैं। ऐसा ही एक अहम परिवर्तन शेयर बाजार में भी देखा गया है। आज नई पीढ़ी के युवा निवेशक उत्साह के साथ इस बाजार में कदम रख रहे हैं। वे अपने स्मार्टफोन के जरिए शेयर ट्रेडिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, नकदी बाजार के टर्नओवर में मोबाइल फोन के जरिए होने वाला कारोबार जून 2019 के 5.3 फीसदी के मुकाबले जून 2022 में बढ़कर 18.7 फीसदी पर पहुंच गया। जबकि एनएसई पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी जून 2022 में 19.5 फीसदी रही है।

हालिया एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है। इसमें ज्यादातर युवा निवेशक सक्रिय ट्रेडर बन रहे हैं। वे स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट के जरिए इस बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के

अरिहंत कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के सीए अनीश जैन अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि आज ट्रेडिंग में 70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के हैं। वे सभी ऑनलाइन ट्रेडिंग ही कर रहे हैं। पहले के मुकाबले आज आसानी से खाता खुलना मोबाइल ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं ट्रेडिंग में बढ़ोतरी में सबसे अहम माना गया है। आधार कार्ड ने भी डीमैट खाता बिना किसी परेशानी के खोलना की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले यही खाता खोलने में दो से तीन दिन लग जाते थे। आज जिस तरह की बढ़त हम देख रहे हैं, उसके लिए आधार के जरिए खाता खुलना एक उत्प्रेरक की तरह रहा है। इससे पहले ग्राहकों को खाता खोलने के लिए कम से कम 25 से 30 हस्ताक्षर आवेदन फॉर्म पर करने होते हैं और फॉर्म के साथ संलग्न किए जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना होता है। आज आधार के जरिए खाता खोलने पर ये प्रक्रियाएं नहीं अपनानी पड़ती हैं। अब महज केवल आधे घंटे में खाता खुल जाता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग से कर्मचारियों की संख्या घटी

शेयर बाजार कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों ने अमर उजाला से चर्चा ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं में कहा कि कोरोना महामारी के बाद बाजार में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहला, निवेशकों ने डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाया है। दूसरा, ब्रोकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों ने नई टेक्नोलॉजी में ज्यादा निवेश किया है। ऐसे में डीलरों के जरिए आने वाला वॉल्यूम मोबाइल की ओर शिफ्ट कर गया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते डीलिंग रूम में कर्मचारियों की उपलब्धता बहुत सीमित हो गई है।

आज टेक्नोलॉजी पर खर्च जरूर बढ़ा है। लेकिन कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की बचत भी हुई है। इससे बाजार में पिछले 10 साल में कर्मचारियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है। जबकि वॉल्यूम दोगुने से ज्यादा हो गया है। कंपनियां यह सब रिलेशनशिप मैनेजर के बड़े नेटवर्क के जरिए ही कर सकी है। क्योंकि आज सभी बड़ी कंपनियों के पास नई-नई ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं तकनीकें हैं। इससे काम पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है। इससे पहले क्लाइंट ब्रोकर के कंप्यूटर टू कंप्यूटर लिंक सिस्टम का इस्तेमाल ऑर्डर के लिए करते थे। इसमें उन्हें डीलरों की मदद लेना होती थी।

मोबाइल ट्रेडिंग से यह हो रहे फायदे

मोबाइल ने ट्रेडिंग की लागत काफी कम करने में मदद की है। क्योंकि इससे ऑर्डर के लिए किसी व्यक्ति पर आश्रित होने की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। चूंकि किसी व्यक्ति के लिए कार्य की एक सीमा होती है, ऐसे में जब ब्रोकरेज कर्मी के जरिए ऑर्डर दिए जाते हैं, तब गलत ट्रेड होने के चांसेंज काफी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा चूंकि डीलर ट्रेड की सिफारिश करते हैं, ऐसे में क्लाइंटों को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अब ग्राहक खुद ही मोबाइल पर ट्रेड करते हैं।

विस्तार

कोविड-19 ने आज देश और दुनिया में काम करने के तरीकों को बदल कर रख दिया है। महामारी के बाद से कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर बदलाव देखने को मिले हैं। ऐसा ही एक अहम परिवर्तन शेयर बाजार में भी देखा गया है। आज ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं नई पीढ़ी के युवा निवेशक उत्साह के साथ इस बाजार में कदम रख रहे हैं। वे अपने स्मार्टफोन के जरिए शेयर ट्रेडिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, नकदी बाजार के टर्नओवर में मोबाइल फोन के जरिए होने वाला कारोबार जून 2019 के 5.3 फीसदी के मुकाबले जून 2022 में बढ़कर 18.7 फीसदी पर पहुंच गया। जबकि एनएसई पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी जून 2022 में 19.5 फीसदी रही है।

हालिया एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है। इसमें ज्यादातर युवा निवेशक सक्रिय ट्रेडर बन रहे हैं। वे स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट के जरिए इस बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के

अरिहंत कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के सीए अनीश जैन अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि आज ट्रेडिंग में 70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के हैं। वे सभी ऑनलाइन ट्रेडिंग ही कर रहे हैं। पहले के मुकाबले आज आसानी से खाता खुलना मोबाइल ट्रेडिंग में बढ़ोतरी में सबसे अहम माना गया है। आधार कार्ड ने भी डीमैट खाता बिना किसी परेशानी के खोलना की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले यही खाता खोलने में दो से तीन दिन लग जाते थे। आज जिस तरह की बढ़त हम देख रहे हैं, उसके लिए आधार के जरिए खाता खुलना एक उत्प्रेरक की तरह रहा है। इससे पहले ग्राहकों को खाता खोलने के लिए कम से कम 25 से 30 हस्ताक्षर आवेदन फॉर्म पर करने होते हैं और फॉर्म के साथ संलग्न किए जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना होता है। आज आधार के जरिए खाता खोलने पर ये प्रक्रियाएं नहीं अपनानी पड़ती हैं। अब महज केवल आधे घंटे में खाता खुल जाता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग से कर्मचारियों की संख्या घटी

शेयर बाजार कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों ने अमर उजाला से चर्चा में कहा कि कोरोना महामारी के बाद बाजार में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहला, निवेशकों ने डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाया है। दूसरा, ब्रोकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों ने नई टेक्नोलॉजी में ज्यादा निवेश किया है। ऐसे में डीलरों के जरिए आने वाला वॉल्यूम मोबाइल की ओर शिफ्ट कर गया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते डीलिंग रूम में कर्मचारियों की उपलब्धता बहुत सीमित हो गई है।


आज टेक्नोलॉजी पर खर्च जरूर बढ़ा है। लेकिन कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की बचत भी हुई है। इससे बाजार में पिछले 10 साल में कर्मचारियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है। जबकि वॉल्यूम दोगुने से ज्यादा हो गया है। कंपनियां यह सब रिलेशनशिप मैनेजर के बड़े नेटवर्क के जरिए ही कर सकी है। क्योंकि आज सभी बड़ी कंपनियों के पास नई-नई तकनीकें हैं। इससे काम पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है। इससे पहले क्लाइंट ब्रोकर के कंप्यूटर टू कंप्यूटर लिंक सिस्टम का इस्तेमाल ऑर्डर के लिए करते थे। इसमें उन्हें डीलरों की मदद लेना होती थी।

मोबाइल ट्रेडिंग से यह हो रहे फायदे

मोबाइल ने ट्रेडिंग की लागत काफी कम करने में मदद की है। क्योंकि इससे ऑर्डर के लिए किसी व्यक्ति पर आश्रित होने की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। चूंकि किसी व्यक्ति के लिए कार्य की एक सीमा होती है, ऐसे में जब ब्रोकरेज ट्रेडिंग सीमाएं क्या हैं कर्मी के जरिए ऑर्डर दिए जाते हैं, तब गलत ट्रेड होने के चांसेंज काफी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा चूंकि डीलर ट्रेड की सिफारिश करते हैं, ऐसे में क्लाइंटों को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अब ग्राहक खुद ही मोबाइल पर ट्रेड करते हैं।

कार्बन ट्रेडिंग किसे कहते हैं और इसका व्यापार कैसे किया जाता है?

कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है. कार्बन क्रेडिट सही मायने में किसी देश द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है जिसे प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा से जोड़ दिया गया है. अर्थात कार्बन ट्रेडिंग से सीधा मतलब है कार्बन डाइऑक्साइड का व्यापार.

Carbon trading

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार विश्व में सबसे अधिक कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन (9040 मिलियन मीट्रिक टन)चीन के द्वारा किया जाता है जबकि 4997 मिलियन मीट्रिक टन उत्सर्जन के साथ अमेरिका दूसरे नम्बर पर और 2066 मिलियन मीट्रिक टन उत्सर्जन के साथ भारत तीसरे स्थान पर है. यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि दुनिया में प्रति व्यक्ति कार्बन का सबसे अधिक उत्सर्जन अमेरिका में होता है.

विश्व के सभी देशों द्वारा की जा रही औद्योगिक गतिविधियों के कारण विश्व में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत तेज गति से बढ़ रहा है इसी कारण पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि होती जा रही है. तापमान की इस वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का है.

कार्बन का उत्सर्जन उन देशों के ज्यादा होता है जहाँ पर औद्योगिक गतिविधियाँ ज्यादा होतीं है. इसी कारण विकसित देशों द्वारा कार्बन का ज्यादा उत्सर्जन किया जाता है. क्योटो प्रोटोकोल एक ऐसी ही संधि है जो कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए विश्व के विकसित और विकासशील देशों को बाध्य करती है.

इन ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए एक ऐसा तंत्र भी विकसित करना जरूरी था जो इन गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित कर सके. इसके लिए यूनाईटेड नेशनस फ्रेमवर्क कनेक्शन आन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) ने मापदंड एवं मानदंड निर्धारण किये जो कि संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग है.

कार्बन ट्रेडिंग किसे कहते हैं?

कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है. कार्बन क्रेडिट सही मायने में किसी देश द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है जिसे प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा से जोड़ दिया गया है. कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए क्योटो संधि में एक तरीक़ा सुझाया गया है जिसे कार्बन ट्रेडिंग कहते हैं. अर्थात कार्बन ट्रेडिंग से सीधा मतलब है कार्बन डाइऑक्साइड का व्यापार.

विकसित और विकासशील देशों के बीच क्या अंतर होता है?
क्योटो प्रोटोकॉल में प्रदूषण कम करने के दो तरीके सुझाए गए थे. इस कमी को कार्बन क्रेडिट की यूनिट में नापा जाना था.
इन तरीकों में पहला था कि विकसित देश कम प्रदूषण फ़ैलाने वाली तकनीकी को विकसित करने में पैसे लगाएं या फिर, बाजार से कार्बन क्रेडिट खरीद लें. मतलब अगर विकसित देशों की कंपनियां खुद ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी न ला सकें तो विकासशील देशों से कार्बन क्रेडिट खरीद लें. चूंकि भारत और चीन जैसे देश में इन गैसों का उत्सर्जन कम होता है इसलिए यहां कार्बन क्रेडिट का बाजार काफी बड़ा है.

कार्बन क्रेडिट पाने के लिए कंपनियां ऐसे प्रोजेक्ट लगाती हैं जिनसे हवा में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड में कमी आए या फिर कम प्रदूषण फ़ैलाने वाली तकनीकी के माध्यम से अपनी औद्योगिक गतिविधियाँ जारी रखें.

कार्बन ट्रेडिंग कैसे होती है ?
इस व्यापार में प्रत्येक देश या उसके अन्दर मौजूद विभिन्न सेक्टर जैसे ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, खिलौना उद्योग या किसी विशेष कम्पनी को एक निश्चित मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने की सीमा निर्धारित कर दी जाती है. यदि किसी देश ने अधिक औद्योगिक कार्य करके अपनी निर्धारित सीमा (cap and trade) का कार्बन उत्सर्जित कर लिया है और उत्पादन कार्य जारी रखना चाहता है तो वह किसी ऐसे देश से कार्बन को खरीद सकता है जिसने अपनी सीमा का आवंटित कार्बन उत्सर्जित नही किया है. हर देश को कार्बन उत्सर्जन की सीमा का आवंटन (cap and trade) यूनाईटेड नेशनस फ्रेम वर्क कनेक्शन आन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) द्वारा किया जाता है.

how carbon trading works


ऐसा ही कार्बन व्यापार किसी देश की सीमा में स्थित कंपनी करती है. कार्बन ट्रेडिंग का बाजार मांग और पूर्ती के नियम पर चलता है. जिसको जरुरत है वो खरीद सकता है और जिसको बेचना है वो बेच सकता है.
उदाहरण के लिए ब्रिटेन, भारत में कोयले की जगह सौर ऊर्जा की कोई परियोजना शुरु करे. इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा जिसे आंका जाएगा और फिर उसका मुनाफ़ा ब्रिटेन को मिलेगा.
कार्बन क्रेडिट का बाजार कितना बड़ा है?
पिछले कुछ वर्षों में क्रेडिट का वैश्विक व्यापार लगभग 6 बिलियन डॉलर अनुमानित किया गया था जिसमें भारत का योगदान लगभग 22 से 25 प्रतिशत होने का अनुमान है. भारत और चीन दोनों देशों ने कार्बन उत्सर्जन को निर्धारित मानदंडों से नीचे रखकर कार्बन क्रेडिट यूनिट्स जमा किये हैं. भारत ने लगभग 30 मिलियन क्रेडिटस जमा किये हैं और आने वाले समय में संभवत: 140 मिलियन क्रेडिटस और तैयार हो जायेंगे जिन्हें विश्व बाजार में बेचकर पैसा कमाया जा सकता है. एक कार्बन यूनिट एक टन कार्बन के बराबर होता है.

एक अनुमान के अनुसार 2017 तक कार्बन ट्रेडिंग से कम से कम 150 अरब डॉलर कमाए जा सकते हैं और अगर भारत चाहे, तो खाली पड़ी 15 लाख हेक्टेयर भूमि पर पेड़ लगाकर इस धंधे से अच्छी कमाई कर सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार एक लाख हेक्टेयर भूमि पर पेड़ लगाकर वातावरण से हर साल 10 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखी जा सकती है.
इस प्रकार आपने पढ़ा कि किस प्रकार कार्बन ट्रेडिंग का बाजार ग्रीन हाउस “गैस कार्बन डाई ऑक्साइड” के उत्सर्जन में कमी लाकर ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में योगदान दे रहा है.

क्या चैनलिंक ने $9.4 की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है? यहां देखने के लिए कुछ स्तर दिए गए हैं

Has Chainlink begun a rally toward $9.4? Here are some levels to watch out for

चेन लिंक पिछले कुछ दिनों में कुछ सकारात्मक खबरें देखीं, एफटीएक्स संकट के मद्देनजर बाजार में हुए नरसंहार के बीच। सक्रिय पते मई 2021 में पहले देखे गए उच्च स्तर तक बढ़ गया। यह एक संकेत हो सकता है कि चैनलिंक की रिकवरी मजबूत हो सकती है।

Bitcoin इस सप्ताह की शुरुआत में 15.4k डॉलर तक की गिरावट देखी गई थी, लेकिन पिछले 24 घंटों के कारोबार में यह तेजी से उलट गया। क्या यह ऊपर की ओर बढ़ना एक रैली की वास्तविक शुरुआत थी, या यह एक बुल ट्रैप से अधिक था?

चैनलिंक $ 6.2 से ऊपर चढ़ गया लेकिन बैलों को अभी भी मंदी के दबाव से लड़ने की जरूरत है

स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर लिंक / यूएसडीटी

चैनलिंक मई से एक सीमा (पीले) के भीतर कारोबार कर रहा है। यह सीमा $9.45 से बढ़ाकर $5.62 कर दी गई। पिछले कुछ दिनों में, रेंज के निचले स्तर का एक बार फिर से सम्मान किया गया और कीमत में उछाल देखा गया। रैली में ट्रेडिंग वॉल्यूम भी $ 5.6 से बढ़ गया, जिसने सुझाव दिया कि इस कदम के पीछे कुछ मांग मौजूद थी।

हालाँकि, 1-दिवसीय चार्ट पर, कीमत में अभी भी एक मंदी की संरचना थी। लिंक को $6.5-$6.65 क्षेत्र को प्रतिरोध से समर्थन तक फ्लिप करने की आवश्यकता है, इससे पहले कि बैल $7.5 और ऊपर की ओर बढ़ने में कुछ विश्वास कर सकें।

आरएसआई तटस्थ 50 अंक से नीचे रहा, यह उजागर करने के लिए कि बैल अभी तक लिंक की दिशा को नियंत्रित नहीं करते हैं। इस बीच, OBV भी अक्टूबर में बने उच्च चढ़ाव से नीचे टूट गया। यह खरीदारों के लिए एक झटका था, जिन्होंने जुलाई के मध्य से लगातार खरीदारी का दबाव दिखाया था।

$ 6.2 का स्तर भी हाल की निचली समय सीमा की रैली में टूट गया था, और उसी का एक पुनर्परीक्षण अल्पकालिक व्यापारियों को खरीदारी का अवसर प्रदान कर सकता है। लंबी अवधि के व्यापारियों के लिए, $ 5.6- $ 6.2 क्षेत्र में $ 7.5 और $ 9.4 के तेजी के लक्ष्य के साथ पुनर्परीक्षण करना संभव था। इस विचार की अमान्यता $5.6 चिह्न के नीचे एक सत्र समापन होगा।

सुप्त परिसंचरण और विनिमय प्रवाह में भारी वृद्धि देखी गई

जैसे-जैसे तेजी की प्रेरणा शुरू होती है, चेनलिंक कम रेंज से रिकवरी शुरू करता है

पिछले दो हफ्तों में विकास गतिविधि बढ़ रही थी। हाई-टाइम होराइजन निवेशक इस तथ्य से निश्चिंत हो सकते हैं कि पिछले कुछ महीनों में चैनलिंक ने अच्छी मात्रा में विकास गतिविधि देखी है और यह मूल्य कार्रवाई से संबंधित नहीं थी।

पिछले कुछ दिनों में विनिमय प्रवाह में भारी वृद्धि देखी गई। इसने एक्सचेंज वॉलेट में लिंक टोकन का एक बड़ा प्रवाह दिखाया। यह स्पष्ट नहीं था कि बिक्री की लहर चलेगी या डेरिवेटिव उद्देश्यों के लिए टोकन जमा किए गए थे। हालाँकि, एक सेलऑफ़ परिदृश्य कुछ ऐसा था जिसमें व्यापारियों को कारक बनाने की आवश्यकता हो सकती है।

22 नवंबर को निष्क्रिय संचलन में भी बड़ी तेजी देखी गई, जबकि कीमत 5.6 डॉलर से बढ़ी। एक बार फिर, सुप्त परिसंचरण में स्पाइक कुछ ऐसा था जिससे व्यापारियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। हालांकि, पिछले तीन महीनों में, निष्क्रिय संचलन में स्पाइक्स के बाद कीमतों में गिरावट जरूरी नहीं है।

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