एक ट्रेडिंग रोबोट

निवेश प्रबंधन

निवेश प्रबंधन
लिक्विडिटी की ओर रुझान (Lean towards liquidity) निवेश प्रबंधन
जब हम अपना अधिकांश पैसा निवेश में लॉक कर देते हैं, तो हमें कुछ पैसा ऐसी जगह भी निवेश करना चाहिए जहां से हमें जरूरत पड़े तो तुरंत निकाल लें. और ऐसे निवेश में रिटर्न भी मिलता रहे. ऐसा निवेश प्रबंधन निवेश हमें किसी भी इमरजेंसी का सामना करने निवेश प्रबंधन के लिए तैयार रखता है.

नए विचारों में निवेश निवेश प्रबंधन निवेश प्रोत्साहन ऋण निवेश, धन निवेश, पर्स, ऋण निवेश

जागरूकता कार्यक्रम: बेहतरीन वित्तीय प्रबंधन के साथ सही दिशा में निवेश करें युवा

नेहरू निवेश प्रबंधन युवा केंद्र सवाई माधोपुर द्वारा निवेश शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण, कॉर्पोरेट मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से निवेशक-शिक्षा, जागरूकता एवं निवेश संबंधित सुरक्षा विषय पर आधारित तीन दिवसीय ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम की शुरुआत रणथंभौर रोड स्थित एक होटल में की गई। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निवेश प्रबंधन लीड बैंक मैनेजर श्योपाल मीणा ने युवाओं को बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ नियमित बचत एवं सही दिशा में निवेश कर सफल बनने का आह्वान किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नोमान राज पंचायत समिति सदस्य ने युवाओं से सरकार की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में बेहतर भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पोस्ट ऑफिस अधीक्षक मोहन लाल मीणा द्वारा की गई। मोहन लाल ने युवाओं को पोस्ट आफिस सेवाओं, बचत सेवाओं व कर निवेश की बैंक एवं सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में निवेश प्रबंधन डॉ. हरिचरण मीणा जिला समन्वयक एनएसएस, मुसव्वीर अहमद प्रभारी एनसीसी, सुरेश कुमार मीणा जिला विधिक न्याय चेतना समिति सदस्य, श्याम सुंदर शर्मा व ओमप्रकाश मीना सीकोईडिकोन प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम के विषय पर युवाओं को संबोधित कर विभिन्न विषय पर जानकारी प्रदान की। नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। मंच का संचालन कुमार भारद्वाज ने किया। इस दौरान यूथ लीडर दिलखुश खान, मनोज महावर, निशा गौतम, हरमीत सिंह आदि मौजूद रहे।

कैसे खुद तय करें बेस्ट म्यूचुअल फंड्स और करें निवेश

कैसे खुद तय करें बेस्ट म्यूचुअल फंड्स और करें निवेश

म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual fund investment) पर प्रतीकात्मक फोटो

समय बदल रहा है और करीब एक दशक होने के आया है जब से म्यूचुअल फंड्स लोगों के बीच काफी लोकप्रिय निवेश का माध्यम बन गया है. 1963-64 से आरंभ होकर म्यूचुअल फंड्स करीब पांच दौर देखें हैं. वर्तमान में पांचवां दौर जारी है जो मई 2014 से माना जा रहा है. सेबी के प्रयास रंग लाने लगे और टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में भी लोगों ने म्यूचुअल फंड में निवेश का लाभ लेना आरंभ कर दिया था. 31 मई 2014 तक म्यूचुअल फंड का AUM करीब 10 ट्रिलियन रुपये को पार कर गया था. इसके बाद दो साल के कार्यकाल में ही AUM दो गुना से ज्यादा हो गई यानि करीब 20 ट्रिलियन रुपया (20 लाख करोड़़). यह आंकड़ा अगस्त 2017 में छुआ गया और नवंबर 2020 तक यह आंकड़ा 30 ट्रिलियन रुपया को पहली बार छू गया. 31 अक्टूबर 2017 करीब 6.32 करोड़ लोगों के फोलियो रजिस्टर्ड थे और 31 अक्टूबर 2022 तक इसमें भी दोगुना से ज्यादा का उछाल आया और यह करीब 14 करोड़ के आस पास पहुंच गया.

यह भी पढ़ें

अक्टूबर 2017 के बाद से हर महीने लगभग 12.65 लाख फोलियो हर महीने जुड़े हैं. म्यूचुअल फंड में लोगों के इस बढ़े रुझान के पीछे केवल दो कारण सबसे अहम रहे. एक SEBI द्वारा नियमों में बदलाव कर लोगों के विश्वास को बहाल करते रहने का प्रयास और दूसरा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा समय पर दिया गया सपोर्ट. इतना ही नहीं अप्रैल 2016 तक SIP खाता धारक जहां एक करोड़ पार कर गए थे वहीं, 31 अक्टूबर 2022 तक SIP खाताधारकों की संख्या करीब 6 करो़ड़ तक पहुंच गई.

जब म्यूचुअल फंड लोगों के बीच इतना मजबूत से अपनी पैठ बना रहा है तब यह जरूरी हो जाता है कि यह सभी को जान लेना चाहिए कि कोई म्यूचुअल फंड लेने से पहले उसकी पहचान कैसे की जाए.

अमूमन म्यूचुअल फंड को एक्सपर्ट ही मैनेज करते हैं. इन लोगों को फंड मैनेजर कहा जाता है. यह फंड मैनेजर यह देखते हैं कि कहां निवेश करने से निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा यानि ज्यादा रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जो निवेश का जोखिम खुद उठाने में सक्षम नहीं होते. ये लोग बाजार के बारे में और कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के चलते ऐसे फंड मैनेजरों की राय पर काम कर सकते हैं.

High Risk High Gain: निवेश में रिस्क है तो रिटर्न भी, पोर्टफोलियो में बनाएं जोखिम प्रबंधन

स्मार्ट निवेशक वही है जो रिस्क को कम करते हुए अपने रिटर्न को हाई (High Risk High Reward) बनाए रखे. और यह काम पोर्टफोलियो के सही प्रबंधन से किया जा सकता है.

स्मार्ट निवेशक वही है जो रिस्क को कम करते हुए अपने रिटर्न को हाई (High Risk High Reward) बनाए रखे. और यह काम पोर्टफोलियो के सही प्रबंधन से किया जा सकता है.

जोखिम और निवेश एकदूसरे के पूरक हैं. रिस्क आपके पहले निवेश के साथ शुरू होता है जब तक निवेश चलता है, रिस्क भी साथ में बना . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 30, 2021, 12:28 IST

Best Investment Plan: कोई भी निवेश, चाहे कितना भी स्थिर क्यों न हो, उसमें जोखिम जरूर शामिल होता है. बिना रिस्क के मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है. बाजार में तो एक कहावत प्रचलित भी है कि हाई रिस्क-हाई गेन (High Risk High Gain), नो रिस्क-नो गेन. यानी बिना जोखिम के आप मुनाफा नहीं कमा सकते हैं.

और यह फार्मूला बाजार ही नहीं जीवन के हर मोर्च निवेश प्रबंधन पर काम करता है. जिन लोगों ने लीक से हटकर अपनी लाइफ में रिस्क लिए हैं उन्होंने ही कामयाबी के मुकाम को छूआ है.

लेकिन स्मार्ट निवेशक वही है जो रिस्क को कम करते हुए अपने रिटर्न को हाई (High Risk High Reward) बनाए रखे. और यह काम पोर्टफोलियो के सही प्रबंधन से किया जा सकता है. पोर्टफोलियो में रिस्क मैनेजमेंट होना बहुत जरूरी है, इनमें जोखिम की पहचान, उसकी गणना और उसका समाधान शामिल है.

रेटिंग: 4.53
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 304
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *