एक ट्रेडिंग रोबोट

बुल कॉल स्प्रेड

बुल कॉल स्प्रेड

Bull Spread क्या है?

ट्रेडिंग ऑप्शंस में, बुल स्प्रेड एक बुलिश, वर्टिकल स्प्रेड ऑप्शंस स्ट्रैटेजी है जिसे अंतर्निहित सुरक्षा की कीमत में मामूली वृद्धि से लाभ के लिए डिज़ाइन किया गया है। पुट-कॉल समानता के कारण, पुट ऑप्शंस या कॉल ऑप्शंस का उपयोग करके बुल स्प्रेड का निर्माण किया जा सकता है।

बुल स्प्रेड क्या है? [What is Bull Spread?] [In Hindi]

एक बुल स्प्रेड एक आशावादी विकल्प रणनीति है जिसे किसी सुरक्षा या परिसंपत्ति की कीमत में मामूली वृद्धि से लाभ के लिए डिज़ाइन किया गया है। वर्टिकल स्प्रेड की एक किस्म, इसमें कॉल ऑप्शंस की एक साथ खरीद और बिक्री शामिल है या अलग-अलग स्ट्राइक कीमतों के साथ पुट ऑप्शंस लेकिन एक ही अंतर्निहित परिसंपत्ति और समाप्ति तिथि के साथ। चाहे पुट हो या कॉल, कम स्ट्राइक मूल्य वाला विकल्प खरीदा जाता है और उच्च स्ट्राइक मूल्य वाला विकल्प बेचा जाता है।

एक बुल कॉल स्प्रेड को डेबिट कॉल स्प्रेड भी कहा जाता है क्योंकि व्यापार खाते को खोलने पर शुद्ध ऋण उत्पन्न करता है। खरीदे गए विकल्प की कीमत बेचे गए विकल्प से अधिक है।

'बुल स्प्रेड' की परिभाषा [Definition of "Bull Spread"] [In Hindi]

बुल स्प्रेड एक रणनीति है जिसका उपयोग विकल्प व्यापारी तब करते हैं जब वे अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत में अपेक्षित वृद्धि से लाभ कमाने का प्रयास करते हैं। इसे विभिन्न स्ट्राइक कीमतों पर पुट और कॉल दोनों का उपयोग करके बनाया जा सकता है। आमतौर पर, कम स्ट्राइक मूल्य पर एक विकल्प खरीदा जाता है और एक उच्च कीमत पर लेकिन उसी समाप्ति तिथि के साथ इस रणनीति में बेचा जाता है।

Bull Spread क्या है?

बुल स्प्रेड के फायदे और नुकसान [Advantages and Disadvantages of Bull Spread] [In Hindi]

बुल स्प्रेड हर बाजार की स्थिति के अनुकूल नहीं होते हैं। वे उन बाजारों में सबसे अच्छा काम करते हैं जहां अंतर्निहित परिसंपत्ति (Underlying asset ) मामूली रूप से बढ़ रही है और बड़ी कीमतों में उछाल नहीं कर रही है।

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, बुल कॉल विकल्पों के लिए भुगतान किए गए शुद्ध प्रीमियम (डेबिट) तक अपने अधिकतम नुकसान को सीमित करता है। बुल कॉल विकल्प के स्ट्राइक मूल्य तक लाभ को भी सीमित करता है। Bullish Trends क्या है? हिंदी में

दूसरी ओर, बुल पुट लाभ को उस अंतर तक सीमित कर देता है, जो व्यापारी ने दो पुट के लिए भुगतान किया था - एक बेचा और एक खरीदा। पुट स्प्रेड के निर्माण पर प्राप्त कुल क्रेडिट को घटाकर स्ट्राइक कीमतों के बीच के अंतर पर हानियों को सीमित किया जाता है।

एक ही Asset और समाप्ति के विकल्पों को एक साथ बेचने और खरीदने से, लेकिन अलग-अलग स्ट्राइक कीमतों के साथ व्यापारी विकल्प लिखने की लागत को कम कर सकता है।

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Understand Best Bull Call Spread Option Strategy-In Hindi-1

Bull Call Spread Option Strategy

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एक बुल कॉल स्प्रेड विकल्प रणनीति (Bull Call Spread Option Strategy) क्या होती है?

एक बुल कॉल स्प्रेड विकल्प (Bull Call Spread Option Strategy) एक ट्रेडिंग रणनीति है जिसे मूल्य में स्टॉक की सीमित वृद्धि से लाभ के लिए डिज़ाइन किया गया है। रणनीति स्ट्राइक कम कीमत और ऊपरी स्ट्राइक प्राइस वाली सीमा बनाने के लिए दो कॉल विकल्पों का उपयोग करती है। बुल कॉल स्प्रेड विकल्प मालिक के नुकसान को सीमित करने में मदद करता है, लेकिन यह लाभ को भी सिमित रखता है।

निवेशकों द्वारा स्टॉक विकल्प का उपयोग स्टॉक की कीमत में ऊपर की ओर बढ़ने से किया जा सकता है। समाप्ति तिथि से पहले अभ्यास किये जाने पर ये व्यापारिक विकल्प निवेशक को एक घोषित मूल्य पर शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं । विकल्प धारक को शेयरों को खरीदने की आवश्यकता नहीं है । ट्रेडर्स जो मानते हैं कि एक विशेष स्टॉक एक ऊपर की ओर मूवमेंट के लिए अनुकूल है वही कॉल विकल्पों का उपयोग करेगा।

प्रमुख बिंदु :

  • बुल कॉल स्प्रेड एक विकल्प रणनीति है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यापारी यह शर्त लगा रहा हो कि किसी शेयर की कीमत में सीमित वृद्धि होगी।
  • रणनीति स्ट्राइक कम कीमत और ऊपरी स्ट्राइक प्राइस वाली सीमा बनाने के लिए दो कॉल विकल्पों का उपयोग करती है।
  • बुल कॉल स्प्रेड एक विकल्प मालिक के नुकसान को सीमित कर सकते हैं और इसका लाभ भी सिमित होता हैं।

बुल कॉल स्प्रेड विकल्प रणनीति (Bull Call Spread Option Strategy) की परिरचना :बुल कॉल स्प्रेड

बुल कॉल स्प्रेड कॉल विकल्प (Bull Call Spread Option Strategy) की लागत को कम करता है। स्टॉक की कीमत में लाभ को भी सीमित कर दिया जाता है, जिससे एक सीमित सीमा बनती है जहां निवेशक लाभ कमा सकता है। यदि वे मानते हैं कि किसी परिसंपत्ति में मामूली वृद्धि होगी, तो व्यापारी बुल बुल कॉल स्प्रेड कॉल स्प्रेड का उपयोग करते है । ज्यादातर, उच्च अस्थिरता के समय के दौरान, वे इस रणनीति का उपयोग करते है।

बुल कॉल स्प्रेड में दो कॉल विकल्प शामिल करने वाले चरण होते हैं।

  1. वह संपत्ति चुनें जिसे आप मानते हैं कि दिन, सप्ताह या महीनों की एक निर्धारित अवधि में सराहना होगी।
  2. एक विशिष्ट समाप्ति तिथि के साथ वर्तमान बाजार के ऊपर स्ट्राइक मूल्य के लिए एक कॉल विकल्प खरीदें और प्रीमियम का भुगतान करें। इस विकल्प का दूसरा नाम एक लंबी कॉल (Long Call) है।
  3. इसके साथ ही, उच्च स्ट्राइक मूल्य पर एक कॉल विकल्प बेचें जो पहले कॉल विकल्प के समान समाप्ति तिथि है। इस विकल्प का दूसरा नाम एक छोटी कॉल (Short Call) है।

कॉल विकल्प को बेचकर, निवेशक को एक प्रीमियम मिलता है, जो पहले कॉल के लिए भुगतान की गई कीमत को आंशिक रूप से पूरा कर देता है। व्यवहार में, निवेशक ऋण दो कॉल विकल्पों के बीच का शुद्ध अंतर है, जो कि इस रणनीति की लागत है।

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बुल कॉल स्प्रेड विकल्प रणनीति (Bull Call Spread Option Strategy) के फायदे :

बुल कॉल स्प्रेड विकल्प रणनीति (Bull Call Spread Option Strategy) से होने वाले लाभ और नुकसान निचली और ऊपरी स्ट्राइक की कीमतों के कारण सीमित हैं। यदि समाप्ति के समय, शेयर की कीमत निचली स्ट्राइक मूल्य से कम हो जाती है (पहला, खरीदा हुआ कॉल विकल्प) निवेशक विकल्प का प्रयोग नहीं करता है। विकल्प रणनीति बेकार हो जाती है, और निवेशक शुरुआत में भुगतान किए गए शुद्ध प्रीमियम को खो देता है। यदि वे विकल्प का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अधिक-चयनित स्ट्राइक मूल्य का भुगतान करना होगा उस परिसंपत्ति के लिए जो वर्तमान में कम कारोबार कर रही है।

यदि समाप्ति पर, शेयर की कीमत बढ़ गई है और ऊपरी स्ट्राइक प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहा है ( दूसरा, बेचा गया कॉल विकल्प) निवेशक कम स्ट्राइक मूल्य के साथ अपने पहले विकल्प का उपयोग करता है। अब, वे मौजूदा बाजार मूल्य से कम के लिए शेयर खरीद सकते हैं।

हालांकि, दूसरा, बेचा गया कॉल विकल्प अभी भी सक्रिय है। विकल्प मार्केटप्लेस स्वचालित रूप से इस कॉल विकल्प का उपयोग करेगा या असाइन करेगा। निवेशक दूसरे स्ट्राइक मूल्य के लिए पहले, निचले स्ट्राइक विकल्प के साथ खरीदे गए शेयरों को बेच देगा। नतीजन, पहले कॉल विकल्प के साथ खरीदने से अर्जित लाभ बेचे गए विकल्प के स्ट्राइक मूल्य पर छाया हुआ है। लाभ निचली स्ट्राइक मूल्य और ऊपरी स्ट्राइक प्राइस माइनस के बीच का अंतर है।

बुल कॉल के प्रसार के साथ, नुकसान सीमित जोखिम को कम करने के बाद से निवेशक केवल ये रणनीति बनाने के लिए शुद्ध लागत खो सकता है। हालांकि, रणनीति के नकारात्मक पक्ष यह है कि इसका लाभ भी सीमित हैं।

फायदे :

  • निवेशक स्टॉक की कीमत में एक ऊपर की ओर बढ़ने से सीमित लाभ का एहसास कर सकते हैं।
  • एक बुल कॉल स्प्रेड स्वयं द्वारा एक व्यक्तिगत कॉल विकल्प खरीदने से सस्ता हैं।
  • बुल कॉल स्प्रेड कॉल की रणनीति की शुद्ध लागत के लिए किसी शेयर के बुल कॉल स्प्रेड बुल कॉल स्प्रेड मालिक होने के अधिकतम नुकसान को सीमित करताहैं।

नुकसान :

निवेशक बेची गई कॉल विकल्प की स्ट्राइक से ऊपर स्टॉक की कीमत में कोई लाभ हासिल नहीं करता हैं।

इस रणनीति में अधिकतम लाभ दो कॉल विकल्पों के लिए प्रीमियम की शुद्ध लागत तक ही सीमित हैं।

बुल कॉल स्प्रेड विकल्प रणनीति (Bull Call Spread Option Strategy) का उदाहरण :

मान लीजिए कि आप निफ्टी पर बुलिश हैं,

वर्तमान में निफ़्टी १०५०० पे कारोबार कर रहा है, और इसकी कीमत में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। इस रणनीति में आप १०३०० के स्ट्राइक पर १७० की प्रीमियम मूल्य का कॉल खरीदकर और १०७०० स्ट्राइक पर कॉल विकल्प को ६० के प्रीमियम मूल्य पर बेचकर आप इस रणनीति से लाभ उठा सकते हैं। यहां दिया गया शुद्ध प्रीमियम ₹ 110 है जो आपकी अधिकतम हानि भी है।

निफ्टी की बुल कॉल स्प्रेड

वर्तमान निफ्टी – १०५००

विकल्प लॉट आकार – ७५

कॉल ऑप्शन का स्ट्राइक मूल्य – १०३००

प्रीमियम भुगतान – १७०

शॉर्ट कॉल ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस – १०७००

प्रीमियम प्राप्त – ₹ ६०

नेट प्रीमियम भुगतान – ₹ ११०

लाभ – अलाभ स्थिति (खरीदा कॉल + नेट प्रीमियम का स्ट्राइक मूल्य) – १०४१०

बुल कॉल प्रसार रणनीति में ३ प्रकार के उत्पादन हो सकते है

इसने ब्रेक-सम पॉइंट को भी नीचे ला दिया है। यदि केवल कॉल ऑप्शन खरीदा जाता, तो ब्रेक-ईवन बिंदु १०४७० होता। अब यह १०४१० है।

इसने शुद्ध प्रीमियम को कम किया है। यदि केवल कॉल विकल्प खरीदा गया था, तो भुगतान किया गया प्रीमियम Call ₹ १७० होगा। अब यह ₹ ११० है।

इसने नुकसान की सीमा को भी नीचे लाया है। यदि केवल कॉल ऑप्शन खरीदा जाता तो अधिकतम नुकसान ₹ १७० का होता। अब यह ₹ ११० है।

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जरुरी संपर्क (Links ) इन शेयर मार्किट – NSE & BSE INDIA : IMPORTANT LINKS

Bull Put Spread Strategy In Hindi | बुल पुट स्प्रेड स्ट्रैटजी इन हिंदी

बुल पुट स्प्रेड भी बुल कॉल स्प्रेड स्प्रेड की ही तरह दो चरणों वाली स्प्रेड होती है और इसका भी इस्तेमाल हम तब करते हैं जब आपका नजरिया बुल कॉल स्प्रेड मार्किट को लेकर स्पष्ट न हो जहाँ एक और बुल कॉल स्प्रेड में कॉल को लेकर स्प्रेड बनाया जाता है वहीँ बुल पुट स्प्रेड में पुट को लेकर स्प्रेड बनाया जाता है यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि दोनों का पे ऑफ एक जैसा ही होता है।

अब जबकि दोनों का पे ऑफ एक जैसा ही होता है तो बुल पुट स्प्रेड ही क्यों जब हमने बुल कॉल स्प्रेड को समझ ही लिया है तो, तो इसका जवाब है ऑप्शन के प्रीमियम जब मार्किट में एक बड़ी गिरावट होती है तो ऑप्शन के प्रीमियम बढ़े हुए होते हैं और जहां एक ओर बुल कॉल स्प्रेड का इस्तेमाल डेबिट के तौर पर किया जाता है वहीँ दूसरी ओर बुल पूत का इस्तेमाल क्रेडिट के तौर पर किया जाता है।

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बुल पुट स्प्रेड क्यों बनाई जाती है :-

1. बाजार के काफी गिरने की वजह से ऑप्शन के प्रीमियम काफी बढ़ चुके हैं।

2. एक्सपायरी अभी काफी दूर है।

3. वोलैटिलिटी काफी ज्यादा हाई है।

सारांश :- जब आपका नजरिया मार्किट को लेकर बुलिश हो गया है किन्तु स्पष्ट नहीं है तो ऐसे में हम पुट के बढे हुए ऑप्शन के प्रीमियम का फायदा उठाएंगे, नेट डेबिट लेने की बजाये नेट क्रेडिट लेना ज्यादा अच्छा मन जाता है।

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Bull Put Spread Strategy In Hindi | बुल पुट स्प्रेड स्ट्रैटजी इन हिंदी

बुल पुट स्प्रेड की स्ट्रेट्जी बनाना :-

जैसा कि आप जानते हैं कि ये भी दो चरणों वाली स्ट्रेट्जी होती है और इसमें अधिकतर ITM और OTM ऑप्शन का इस्तेमाल किया जाता है।

1. एक पुट ऑप्शन के OTM को खरीदें।

2. एक पुट ऑप्शन के ITM को बेचें।

इसमें आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए :-

1. दोनों ऑप्शन का चुनाव करने के लिए एक ही एक्सपायरी सीरीज़ को चुने।

2. ऑप्शन की संख्या हर चरण में एक ही जैसी हो।

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अब मान लीजिये एक्सपायरी 19 मार्च 2020 है और आपका नजरिया है कि अब गिरावट थम सकती है और मार्किट ऊपर जा सकता है, निफ़्टी का स्पॉट प्राइस 7810 है अब आपको कुछ इस तरह बुल पुट स्प्रेड बनाना है।

1. 7700 PE खरीदें जो कि 72 रुपये का है ये OTM ऑप्शन है और इसे हमने ख़रीदा है इसलिए हम प्रीमियम अदा करेंगे अतः ये डेबिट होगा।

2. 7900 PE बेचें जो कि 163 रुपये का है ये ITM ऑप्शन है और इसे हमने बेचा है इसलिए ये हमे प्राप्त होगा अतः ये एक क्रेडिट होगा।

3. इन दोनों स्प्रेड में दोनों प्रीमियम का अंतर -72 +163 = 91 जो कि पॉजिटिव है और हमारे एकाउंट में क्रेडिट होगा।

जैसा कि आपने मार्किट का अनुमान ऊपर जाने का लगाया था किन्तु ये मार्किट है और किसी भी दिशा में जा सकता है तो क्या तो क्या-क्या परिस्थिति हो सकती है आइये जानने की कोशिश करते हैं :-

परिस्थिति - 1 :- अगर निफ़्टी की एक्सपायरी 7600 पर होती है यानि कि जो आपने PE ख़रीदा था उससे नीचे आपको शायद याद होगा कि एक्सपायरी के समय पुट की एन्ट्रेंसिक वैल्यू :-

Max ( Strike Price - Spot Price,0 )

= Max ( 7700 - 7600,0 )

चूँकि हमने 7700 का PE ख़रीदा था जिसके लिए हमने 72 रुपये का प्रीमियम अदा किया था अतः हमारी कुल कमाई होगी --

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अब जो हमने 7900 की पुट बेचीं थी उसकी इंटरेंसिंक वैल्यू होगी 300 रुपये किन्तु इसमें हमें 163 रुपये पहले ही मिल चुके थे तो इसमें पे ऑफ होगा --

परिस्थिति - 2 :- अगर निफ़्टी की एक्सपायरी 7700 पर होती है यानि कि नीचे की प्राइस पर

7700 PE की कोई भी एन्ट्रेंसिक वैल्यू नहीं है तो ये जीरो हो जायेगा मतलब 72 रुपये जीरो हो जायेंगे

7900 PE की इन्ट्रेंसिक वैल्यू होगी करीब 200 तो कुल पे बुल कॉल स्प्रेड ऑफ बनेगा

163-200-72 = -109 ( डेबिट )

परिस्थिति - 3 :- अगर निफ़्टी की एक्सपायरी 79 00 पर होती है यानि कि नीचे की प्राइस पर

7700 PE और 7900 PE की वैल्यू जीरो हो जाएगी और इसका पे ऑफ होगा = 163 -72 = 91

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परिस्थिति - 4 :- अगर निफ़्टी की एक्सपायरी 80 00 पर होती है यानि कि ऊपर के प्राइस पर

7700 PE और 7900 PE की वैल्यू जीरो हो जाएगी और इसका पे ऑफ होगा = 163 -72 = 91

आइये इसको एक चार्ट में देखते हैं :-

इसमें कुछ ध्यान देने योग्य बातें हैं :-

1. जब मार्किट में तेज़ी होगी तब इसमें आपको फायदा होगा।

2. आपका अधिकतम मुनाफा 91 है।

3. गिरावट में अधिकतम आपका नुक्सान 109 रुपये सिमित है।

4. स्प्रेड का मतलब ऊपर की और नीचे की स्ट्राइक प्राइस का अंतर होता है।

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इसमें खास बात ये है कि हम स्ट्राइक प्राइस से पता लगा सकते हैं कि हमें किस स्ट्राइक प्राइस में कितना लोस्स और कितना प्रॉफिट होना है यहां मै आपको इसे एक चार्ट के माध्यम से दिखती हूँ।

जैसा कि आप देख सकते हैं कि इस स्ट्रेट्जी में मैक्स लॉस 109 का और मैक्स प्रॉफिट 91 का ही है।

ब्रेकइवेन निकालना :-

ब्रेकइवेन पॉइंट यानि कि जहां पर इस स्ट्रेट्जी में न तो मुनाफा होगा और नहीं लोस्स वो है 7809 ( ऊपर चार्ट में देख सकते हैं ) अगर मार्किट 7809 पर बंद होता है मतलब बुल पुट का ब्रेक इवेन = ऊपर की स्ट्राइक - नेट क्रेडिट ( दोनों प्रीमियम का अंतर )

बुल पुट में पैसे कब बनते हैं :-

जब मार्किट 7809 के ऊपर बंद होता है तब पैसे बनते हैं हालांकि नफा और नुक्सान सिमित ही होता है।

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कुछ लोग शायद ज्यादा मुनाफा की भी सोच रहे होंगे और अलग स्ट्राइक के बारे में भी विचार कर रहे होंगे कि अगर हम की अलग स्ट्राइक का चुनाव करें तो क्या होगा तो चलिए कुछ और उदाहरण देखते हैं।

कुछ मुख्य और ध्यान देने वाली बातें :-

1. मुख्यतया इसका प्रयोग दो वजहों से किया बुल कॉल स्प्रेड जाता है एक जब आपका नजरिया बाज़ार को लेकर स्पष्ट न हो और दूसरा हेज करके अपने मार्जिन ( जो कि सेलिंग में बेहद ज्यादा पड़ता है ) को काम करने के लिए इस पर हम आगे आने वाले अध्याय में विस्तार से बात करेंगे।

2. इसमें OTM पुट को ख़रीदा और ITM पुट को बेचा जाता है।

3. मुनाफा और नुक्सान दोनों सीमित ही रहता है।

4. स्प्रेड जितनी बड़ी होगी मुनाफा और नुक्सान उतना ही बड़ा होगा।

5. ब्रेक इवेन = हाई स्ट्राइक - नेट क्रेडिट

उम्मीद है कि आप इसको भली-भाँती समझ गये होंगे अगर आपका कोई सवाल हो या कहीं कोई डाउट हो तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं धन्यवाद्।

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