ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब

RBI ने ट्रेडिंग मार्केट की टाइमिंग को लेकर लिया बड़ा फैसला
राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन है, इसी के चलते पूरे देश आर्थिक मंदी का माहौल झेल रहा है। यही कारण है कि अलग-अलग कंपनियां इस मंदी की मार को झेलने के लिए तरह-तरह के फैसले ले रही हैं। इन सबके बीच वहीं, अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। RBI ने यह फैसला ट्रेडिंग मार्केट की टाइमिंग को लेकर लिया है।
RBI का फैसला :
दरअसल, RBI नेअलग-अलग ट्रेडिंग ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब मार्केट के समय में बदलाव करने का फैसला किया है। यह समय अवधि सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक के लिए कर दी गई है। जबकि, यह समय अवधि पहले सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक की थी। इसी के साथ सभी सेग्मेंट के लिए क्लोजिंग का समय दोपहर के 2:00 बजे का निर्धारित किया गया है। हालांकि, यह बदलाव सिर्फ कुछ समय के लिए ही किया गया है। बता दें, इन मार्केट की ट्रेडिंग के समय में बदलाव केवल 7 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब के लिए किया गया है।
इन मार्केट पर लागू होगी नई समय सीमा :
RBI द्वारा सरकारी सिक्योरिटीज स्टेटमेंट, डेवलपमेंट लोन फॉर ट्रेजरी बिल्स, फॉरेक्स डेरिवेटिव मार्केट और रुपया इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव मार्केट के साथ ही कॉल नोटिस, टाइम मनी, कॉरपोरेट ब्रांड की ट्रेडिंग के समय में भी यह बदलाव किया गया है।
RBI को क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला :
दरअसल, बीते दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरे मार्केट में आर्थिक मंदी का माहौल छा गया था। साथ ही पूरे मार्केट में कई उतार-चढ़ाव देखे गए। शेयर मार्केट के अलावा कमोडिटी करेंसी मार्केट में भी भारी उतार-चढ़ाव आया। इन हालातों को मद्देनजर रखते हुए RBI ने यह फैसला किया है।
24 घंटे उपलब्ध सेवाएं :
RBI द्वारा कुछ सप्ताह पहले जनता के लिए कुछ सेवाओं को 24 घंटे के लिए अवेलेबल करने का फैसला लिया गया था। इन सेवाओं में नॉन-कैश डिजिटल पेमेंट के तहत IMPS, NEFT, UPI, BBPS और फंड ट्रांसफर को शामिल किया गया है।
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फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का खुलासा 4 गिरफ्तार
राजसमन्द/ पुलिस ने फोरेक्स ट्रेंडिग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए 4 जनो को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है । इस गिरोह का मास्टर माईंड खुद 10वीं फेल है जबकि गिरोह में बीई व बीटेक किये हुए लोगो को रख रखा है। इन्होंने
गूगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन तैयार कर रखी है जिसके द्वारा लोगों से ठगी की जाती है।
कहां-कहां की ठगी और कौन-कौन शामिल
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी रेहान खान पुत्र अब्दुल शमद (19) सूरत, गुजरात का रहने वाला है। इसके साथ अमीश दुबे पुत्र प्रमोद दुबे (28) निवासी जिला रोहताश, बिहार, मोहम्मद जेद पुत्र मोहम्मद शोएब (23) एवं मदनी पुत्र इजाज कलुदी (20) निवासी सूरत गुजरात को भी गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह द्वारा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मुम्बई व अन्य राज्यों के कई लोगो को फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर ठगी का ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब शिकार बना करोड़ों रूपयो की ठगी की जा चुकी है। जिनसे और भी मामले खुलने की संभावना है।
कैसे फंसाते थे लोंगो को
गिरोह के मास्टर माईन्ड रेहान द्वारा गुगल प्ले स्टोर पर आईटीसी ट्रेड नाम की फर्जी एप्लीकेशन बना रखी है, जिसमें फोरेक्स ट्रेडिंग की मार्केटिंग उतार चढाव को दर्शाता है जो स्वयं रिहान के हाथ में रहता है कब कितना शौ करना है व स्वयं करता है।
उसके बाद सर्वप्रथम अपने दोस्तों के परिचित जो पैसो की तंगी से जुझ रहे हो उनको टारगेट बनाता है और उनके बैंक खातें खुलवाकर उनके चैक बुक, एटीएम कार्ड , ऑन लाईन बैंकिंग के लाॅग इन आईडी पासवर्ड ले लेता है। जिसके बदले में उन्हे कुछ राशि दे देता है।
कैसे करते थे ठगी
19 वर्षीय रेहान गिरोह के दूसरे सदस्यों को कमीशन के आधार पर अपनी टीम में शामिल करता है। गिरोह के सदस्य जैद बैंलिम को रेहान लोगो के मोबाईल नम्बर व नाम की सूची उपलब्ध करवाता है।
उसके बाद जैद बैलिम टारगेट किये गये लोगों को फोरेक्स ट्रेडिंग करने के बारे में जानकारी देकर मुनाफे का लुभावना ऑफर देकर अपने जाल में फसाता है जैसे ही उसके द्वारा फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिये हाॅ भर दी जाती है तो रेहान के द्वारा दिये गये बैंक खाते में पीड़ित से पैसा जमा करा लेते ।
जैसे ही पैसा खातें में जमा होता है तो तुरन्त बाद रेहान उन खातों से पैसा अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर कर देता है। गिरोह का तीसरा सदस्य मदनी पैसा खातों में आते ही विड्राल कर लेता है।
क्या था पूरा प्रकरण
एसपी चौधरी ने बताया कि 29 जुलाई,2021 को राजनगर निवासी राकेश लड्ढा ने उनके कार्यालय में एक परिवाद पेश किया की फोरेक्स ट्रेड में पैसे इन्वेस्ट करने के नाम पर उससे करीब आठ लाख रूपयें की ठगी की गई व अब उनके द्वारा काॅल नहीं उठाया जा रहा है।
परिवाद की जांच में ठगी होना पाया जाने से अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्व थाना राजनगर पर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजिबद्व किया जाकर सीओ राजसमन्द बैनी प्रसाद मीणा को जांच अधिकारी नियुक्त कर डीएसटी प्रभारक मुंशी मोहम्मद, साईबर सैल प्रभारी पवन सिंह एवं थानाधिकारी राजनगर प्रवीण सिंह के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया गया।
गठित टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुये त्वरित कार्रवाई कर हुये बेसिक पुलिसिंग व तकनीकी सहायता से चार ठगों को गुजरात से डिटेन कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। जिन्हें कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की जा रही है।
इंडियन बैंक के कार्यपालक निदेशक
श्री इमरान अमीन सिद्दीकी एचबीटीआई, कानपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के प्रमाणित एसोसिएट हैं। उन्होंने अपना बैंकिंग करियर 28 दिसंबर 1987 को एसएसआई फील्ड अधिकारी के रूप ट्रेडिंग फॉरेक्स पंजाब में शुरू किया था। उन्हें बैंकिंग के विविध क्षेत्रों में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव प्राप्त है।
श्री सिद्दीकी कारोबार विकास की पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं जिसके पीछे उनका 07 वर्षों का अंचल प्रबंधक एवं क्षेत्र महा प्रबंधक का अनुभव है। वे कोलकाता अर्बन, बारासत जैसे अंचल कार्यालयों में अंचल प्रबंधक रहे हैं एवं उन्होंने क्षेत्र महाप्रबंधक के तौर पर संपूर्ण पश्चिम बंगाल व उत्तर-पूर्वी राज्यों का नेतृत्व संभाला था। उन्होंने प्रशासनिक कार्यालयों में विविध प्रकार के वर्टीकल्स में भी अपनी सेवाएँ दी हैं।
कॉर्पोरेट स्तर पर उन्होंने ऋण विभाग एवं ऋण निगरानी विभाग का कुशल नेतृत्व किया है। श्री सिद्दीकी पदोन्नति से पूर्व कॉर्पोरेट कार्यालय, चेन्नै में संसाधन एवं सरकारी संबंध विभाग के प्रमुख थे।
श्री अश्वनी कुमार
श्री अश्वनी कुमार ने 21 अक्तूबर, 2021 को कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया ।
श्री अश्वनी कुमार एक चार्टेड अकाऊंटेंट, कॉमर्स में स्नातकोत्तर एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के प्रमाणित सदस्य भी हैं। उन्हें दो दशकों से भी अधिक वर्षों का बैंकिंग अनुभव है। इंडियन बैंक में कार्यपालक निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे पंजाब नैशनल बैंक के मुंबई अंचल कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में सेवारत थे।
श्री अश्वनी कुमार, सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, ओबीसी एवं पीएनबी के कई कार्यालयों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए सफलता की सीढ़ीयाँ चढ़े। उन्हें होलसेल बैंकिंग अनुभाग एवं कई शाखाओं (इंडस्ट्रियल फाइनेंस शाखाएँ व एलसीबी सहित) के प्रमुख के रूप में कार्य करने का अनुभव है। महाप्रबंधक के रूप में, वे मिड कॉर्पोरेट और बृहत कॉर्पोरेट वर्टिकल का नेतृत्व कर रहे थे एवं सीएफओ भी थे।
उन्होंने आईआईएम व काफराल समेत भारत एवं विदेशों के प्रमुख संस्थानों के कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया हैं। उन्होंने आईबीए व इगॉन ज़ेह्न्डर इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के परामर्श में बैंक बोर्ड ब्यूरो द्वारा आयोजित आईआईएम बैंगलोर के लीडरशिप डेवलपमेंट कार्यक्रम को भी पूर्ण कर लिया है।
तीन करोड़ की रिश्वत का मामला निपटाने में छह साल लगे, मद्रास हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में मद्रास उच्च न्यायालय से इस मामले को जल्द निबटाने को कहा था, लेकिन इसमें छह साल की देरी हो गयी.
Chennai : मद्रास उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी है. जान लें कि उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी द्वारा आर्थिक अपराध में शामिल एक महिला से तीन करोड़ की जबरन वसूली के आरोप में दायर एक रिट याचिका को निपटाने में छह साल लगाये थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी गयी है. खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में मद्रास उच्च न्यायालय से इस मामले को जल्द निबटाने को कहा था, लेकिन इसमें छह साल की देरी हो गयी.
न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन ने माफीनामा जमा किया
रिट याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सीवी. कार्तिकेयन ने लिखा कि मुझे इसके साथ माफी का एक नोट संलग्न करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की आशा और विश्वास पर उच्च न्यायालय खरा नहीं उतरा. छह साल से अधिक समय के बाद मामले की पूरी सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने बताया कि याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार 2009 में पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिम क्षेत्र) के रूप में कार्यरत थे, जब तिरुपुर सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने पाजी फॉरेक्स ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इन सभी पर आकर्षक रिटर्न का वादा कर जनता से करोड़ों रुपये वसूली का आरोप लगाया गया था.
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3 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी
दो अधिकारियों प्रमोद कुमार, आईपीएस, तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक, पश्चिम जोन, कोयंबटूर और वी मोहन राज, पूर्व पुलिस निरीक्षक, सीसीबी, तिरुपुर के खिलाफ आरोप यह था कि उन्होंने मामले में मुख्य आरोपियों एवं पैजी के निदेशकों के मोहन राज, के कतिरावन और ए कमालावल्ली को बचाने के लिए कथित तौर पर 3 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी. कंपनी पर जमाकर्ताओं से भारी ब्याज के साथ वापसी का झूठा वादा करके लगभग 100 करोड़ रुपये कथित तौर पर जमा किये थे और उन्हें धोखा दिया था.
2011 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी
इस मामले में 2011 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जब दो पुलिस अधिकारियों द्वारा याचिका दायर की गयी थी, तब चेन्नई में सीबीआई, आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच की जा रही थी. दोनों पूर्व पुलिस अधिकारियों ने मद्रास हाईकोर्ट से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को तिरुपुर में पैजी फॉरेक्स ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक मामले की जांच करने से रोकने का अनुरोध किया था.
पीएम की सुरक्षा में चूक, नरोत्तम मिश्रा ने पंजाब सरकार को लताड़ा
सुरक्षा उल्लंघन के कारण प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहली पंजाब रैली रद्द करने पर एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई छिड़ गई है। भाजपा ने प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई नाकेबंदी को उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की साजिश करार दिया। प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री को 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहना पड़ा था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने घटना की निंदा की और कांग्रेस के नेतृत्व वाली चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
नरोत्तम मिश्रा का बयान
मध्य प्रदेश के गृह एवं राज्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पंजाब की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, ” देश में इस तरह की घटना पहली बार हुई है। यह संघीय व्यवस्था पर अक्षम्य प्रहार है। राज्य सरकार की सफाई भी निंदनीय है।” गृह मंत्री ने कहा ” प्रोटोकॉल के अनुसार स्थानीय जनता को नियंत्रित करने जिम्मा SPG नहीं, बल्कि लोकल पुलिस का होता है”।