क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं

भारत अधिक इंपोर्ट करने वाला देश
2 साल के निचले स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार, डॉलर के आगे रेंग रहा रुपया, आप पर क्या असर?
अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद भारतीय करेंसी रुपया एक बार फिर रेंगने लगा है। इस बीच, विदेशी मुद्रा भंडार ने भी चिंता बढ़ा दी क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह गिरा है और अब यह 2 साल के निचले स्तर पर आ चुका है।
रुपया की स्थिति: डॉलर के मुकाबले रुपया ने पहली बार 81 के स्तर को पार किया है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान गिरावट ऐसी रही कि रुपया 81.23 के स्तर तक जा पहुंचा था। क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं हालांकि, कारोबार के अंत में मामूली रिकवरी हुई। इसके बावजूद रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ। यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है।
विदेश यात्रा से लौटते वक्त भारतीय यात्री कितनी विदेशी मुद्रा साथ ला सकते हैं-
नेपाल और भूटान को छोड़कर यदि कोई भारतीय यात्री किसी देश में अस्थाई दौरे पर गया है, तो वह क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं भारत लौटते वक्त भारतीय नोट वापस ला सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि यह राशि 25 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बात अगर नेपाल और भूटान की करें , तो कोई भी व्यक्ति वहां से लौटते वक्त 100 रूपए से ज्यादा मूल्य वर्ग के भारत सरकार के करेंसी नोट व भारतीय रिजर्व बैंक के नोट नहीं ले जा सकता।
विदेशी व्यक्ति भारतीय यात्रा के लिए भारत में कितनी विदेशी मुद्रा साथ ला सकता है-
विदेश से भारत की यात्रा करने आने वाला व्यक्ति बिना किसी लिमिट के अपने साथ विदेशी मुद्रा ला सकता है। लेकिन अगर करेंसी नोट, बैंक नोट और ट्रेवलर चैक के रूप में साथ क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं ले आए विदेशी मुद्रा का मूल्य 10,000 डॉलर है, तो एयरपोर्ट पर कुछ कार्यवाही की जा सकती है। उन्हें भारत आने पर करेंसी डिक्लेरेशन फॉर्म CDF में एयरपोर्ट पर कस्टम ऑफिसर्स के सामने घोषणा करने की जरूरत होगी।
क्या विदेश यात्रा के लिए खरीदी जाने वाली विदेशी मुद्रा का रूपए में भुगतान कर सकते हैं-
विदेश यात्रा करने के लिए 50,000 रूपए से कम राशि का रूपए में नगद भुगतान कर खरीद सकते हैँ। लेकिन अगर फॉरेन करेंसी की रकम 50, 000 रूपए से ज्यादा है, तो पूरा भुगतान क्रॉस्ड चैक, , बैंकर्स चैक, पे ऑर्डर, क्रेडिट कार्ड , डेबिड कार्ड या प्री पैड कार्ड के जरिए कर सकते हैं।
क्या भारत लौटने वाले यात्री के लिए विदेशी मुद्रा लौटाने की कोई लिमिट तय है-
जी हां, विदेश यात्रा से लौटने पर यात्रियों को करेंसी नोट और चैकों को लौटाने का नियम है। आमतौर से वापस आने की तारीख से 180 दिन के अंदर विदेशी मुद्रा क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं लौटा देनी चाहिए। हालांकि, कभी आगे उपयोग करने के लिए यात्री विदेशी मुद्रा को चैक के रूप में 2000 अमेरिकी डॉलर रख सकते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त बरकरार, लगातार दूसरी बार 500 अरब डॉलर के पार
- नई दिल्ली,
- 20 जून 2020,
- (अपडेटेड 20 जून 2020, 5:36 PM IST)
- इस हफ्ते में 5.क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं 942 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है
- कुल विदेशी मुद्रा भंडार 507 अरब डॉलर पर पहुंच गया है
बीते 12 जून को समाप्त सप्ताह में एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने नया मुकाम हासिल किया है. दरअसल, इस हफ्ते में 5.942 अरब क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल विदेशी मुद्रा भंडार 507.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसी तरह, सप्ताह में सोने का रिजर्व भंडार 82.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 33.173 अरब डॉलर हो गया.
Dollar vs Rupee: सबके लिए घाटे का सौदा नहीं होता गिरता रुपया, इन भारतीयों को हो रहा है मोटा फायदा!
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 17 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं 17 जुलाई 2022, 2:04 PM IST)
- एक्सपोर्टरों को भी मिलता है गिरते रुपये का फायदा
- इंपोर्ट के लिए खर्च करनी पड़ती है अधिक रकम
डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया (Indian Currency) इन दिनों अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुका है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.99 पर बंद हुआ था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय करेंसी ही कमजोर हुई है. डॉलर ने यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाली करेंसी को भी गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारतीय रुपये की गिरती कीमत कुछ लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
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अगर 100 डॉलर आपके लिए किसी ने भेजा है, तो आज के समय भारतीय करेंसी (Indian Currency) में ये लगभग 8000 रुपये होगी. वहीं, अगर डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 70 रुपये होती, तो आपको 7000 रुपये मिलते. यानी 1000 रुपये आपको कम प्राप्त होते. इस तरह रुपये की गिरती वैल्यू के बीच भी कई लोगों को तगड़ा फायदा मिल रहा है.
कितना आता है विदेशों से पैसा
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशों से साल 2020 में 83 अरब डॉलर से अधिक धन भेजा गया था. वहीं, 2021 में 87 अरब डॉलर की रकम भारत आई थी. विदेशों में नौकरी कर रहे भारतीय भारी मात्रा में पैसा देश में अपने परिवारों के पास भेजते हैं. इससे देश के विदेशी मुद्रा कोष को फायदा होता है.
एक्सपोर्टरों के लिए भी फायदे का सौदा
जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू गिरती है, तो एक्सपोर्टर फायदे में रहते हैं. सॉफ्टवेयर कंपनियां और फार्मा कंपनियां इसका अधिक फायदा उठाती हैं. क्योंकि उन्हें पेमेंट का भुगतान डॉलर में मिलता है, जिसकी वैल्यू भारत में आकर बढ़ जाती है. इस वजह उन्हें रुपये में आई गिरावट का फायदा मिलता है.
रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?
विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है. अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है. इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है. यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर.
अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं. यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है.
इसे एक उदाहरण से समझें
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारत के ज्यादातर बिजनेस डॉलर में होते हैं. आप अपनी जरूरत का कच्चा तेल (क्रूड), खाद्य पदार्थ (दाल, खाद्य तेल ) और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अधिक मात्रा में आयात करेंगे तो आपको ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. आपको सामान तो खरीदने में मदद मिलेगी, लेकिन आपका मुद्राभंडार घट जाएगा.