एक ट्रेडिंग रोबोट

ब्रोकर तुलना

ब्रोकर तुलना
अद्वितीय सक्रिय वॉलेट गतिविधि। स्रोत: डैपराडार

MP Top Ten 7 PM: एक क्लिक पर जानें मध्यप्रदेश की 7 बजे तक की ब्रोकर तुलना बड़ी खबरें

एक क्लिक पर जानें मध्यप्रदेश की अब तक की बड़ी खबरें, सिर्फ ईटीवी भारत पर.

चुनाव प्रचार के लिए गुजरात Shivraj ब्रोकर तुलना In Gujrat गए सीएम शिवराज की शुक्रवार को बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में 4 सभाएं हैं. Gujrat assembly election जिसमें मांडवी, अबडासा, मोरबी और भावनगर पश्चिम विधानसभा में हैं. इसके बाद रात 11 बजे वे वापस भोपाल पहुंचेंगे.

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) की वो तस्वीर जो इस यात्रा की तस्वीरों में कहीं दर्ज नहीं हुई. करीब 1500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर रहे राहुल गांधी कैसे अब तक इतने फिट बने हुए है.? हर दिन कम से कम 20 किलोमीटर पैदल चलने का टारगेट कैसे होता है पूरा.? राहुल गांधी के चेहरे पर बड़ी सी दाड़ी केवल उनका नया मेकओवर है या वाकई ये यात्रा के बाद आ रहा भीतरी बदलाव है. किस एक्सरसाइज की वजह से राहुल इतनी लंबी यात्रा में खुद को शरीर के साथ जहनी तौर पर भी चुस्त दुरुस्त रख पा रहे हैं.? राहुल गांधी की यात्रा में लगातार बने हुए 70 पार के दिग्विजय सिंह अपनी फिटनेस से कैसे नौजवानों को भी कॉम्पलेक्स दे रहे हैं.

शिवपुरी पुलिस ने 6 लूटेरों को गिरफ्तार किया है, आरोपी के पास से करीब 8 लाख के जेवरात और दो मोटरसाइकिल बरामद हुई हैं. आरोपियों से 14 लूट की वारदातों का खुलासा हुआ है. आरोपी बाइक सवार महिलाओं को अपना निशाना बनाते थे. वहीं इंदौर पुलिस ने अलग-अलग 2 मामलों में कार्रवाई करते हुए पिस्टल लेकर घूम रहे युवक और 2 ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है.

इंदौर। एमजी रोड थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके में एक अधजली लाश मिलने से सनसनी फैल गई. घटना शुक्रवार की बताई जा रही है. लाश शहर के लता मंगेशकर शासकीय संगीत महाविद्यालय (Indore Lata Mangeshkar Government Music College) के समीप निर्माणाधीन बिल्डिंग में मिली है. जानकारी के बाद एमजी रोड पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस ने देखा कि, अधजले शव के पास से कुछ दूरी पर एक नारियल भी जला हुआ पड़ा था. जिससे जादू-टोने की आशंका भी जताई जा रही है. माना जा रहा है कि, महिला की बली चढ़ाई गई है. बिल्डिंग के पास चौकीदार का घर है. यहां प्रारंभिक जांच के दौरान खून के धब्बे भी मिले हैं. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए हॉस्पिटल भेजकर पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी के आधार पर जांच कर रही है. माना जा रहा है कि, आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में ब्रोकर के साथ हुई लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटी हुई राशि भी बरामद कर ली है, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इधर ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने मालिक की बीमारी का फायदा उठाकर उसके साथ 75 हजार रुपये की ठगी करने वाले केयरटेकर को गिरफ्तार कर लिया है.

इंदौर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जल्द ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करने जा रही है. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी 2000 किलोमीटर ब्रोकर तुलना से ज्यादा का सफर कर चुके हैं. वह लगभग 25 किलोमीटर प्रतिदिन चल रहे हैं. राहुल गांधी की फिटनेस को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. माना जा रहा है कि, राहुल गांधी अच्छे रनर हैं इसलिए वे प्रतिदिन कई किलोमीटर का सफर आसानी से कर पा रहे हैं. मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा की यात्रा प्रभारी और कांग्रेस नेता शोभा ओझा के मुताबिक राहुल गांधी फिटनेस के प्रति शुरू से सजग थे. वह दिल्ली में जब रहते थे तब भी रोज सुबह हर स्थिति में रनिंग करने जाते थे. यही वजह है कि राहुल गांधी प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर आसानी से चलकर सफलतापूर्वक भारत जोड़ो यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं.

श्रद्धा मर्डर केस अब सामुदायिक रूप लेता नजर आ रहा है. भिंड जिले के दंदरौआ धाम (Bhind Dandraua Dham) में कथा वाचन कर रहे बागेश्वर सरकार के धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. (Bhind Bageshwar Dham Sarkar Statement) उन्होंने व्यंग कसते हुए कहा कि, मैं हमेशा कहता हूं कि, अक्सर उन लोगों की ट्रेन निकल जाया करती है. जिनके घर रेलवे स्टेशन के नजदीक होते हैं.

ग्वालियर। बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Narayan Shejwalkar Statement) ने देश की राजनीति में हो रहे जाति विभाजन को लेकर बड़ा बयान दिया है. सांसद ने कहा कि ''जो विभाजन हुआ वह अननेचुरल है, पाकिस्तान के लोग भी भारत माता के पुत्र हैं और थे, एक ही पिता की संतान हैं, मुसलमान कोई बाहर से नही आएं हैं. अखंड भारत का मिलना यानी संस्कृति का एक होना है. हिंदू मुस्लिमों के बीच अलगाववाद जरूर बड़ा है,

इंदौर में लव जिहाद से संबंधित मामला सामने आया है, एक मुस्लिम युवक हिंदू युवती के साथ एक गार्डन में बैठकर उसके साथ अश्लील हरकत कर रहा था. खबर लगते ही बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने युवक को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी, फिर पुलिस के हवाले किया, पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

World Children Day पर UNICEF द्वारा सीहोर जिले के ग्राम दिवाड़िया में ग्रामीण खेल आयोजन किया गया. इसमें 5 अलग-अलग टीमों के बीच फ्रेंडली मैच खेले गए. इन टीमों को आम, सीताफल, इमली आदि नाम दिए गए थे. यह एक एक्टिविटी पर आधारित कार्यक्रम था, जो आनेवाले विश्व बाल दिवस (जो 20 नवंबर को होता है) के उपलक्ष्य पर आयोजित किया गया था.

Paytm shares : पेटीएम के शेयर पर बुलिश हुआ जेपी मॉर्गन, 40% रिटर्न का जताया भरोसा

पेटीएम के शेयर कमजोर लिस्टिंग के बाद 38 फीसदी टूट चुके हैं और मंदी के रुझान से जूझ रहे हैं, साथ ही ग्लोबल एवं प्राइवेट पीयर्स की तुलना में इसमें डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही

Paytm shares : ग्लोबल ब्रोकरेज जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) पर कवरेज शुरू कर दिया है और खास बात यह है कि उसने शेयर के लिए 1,850 रुपये का टारगेट दिया है। यह टारगेट उसके करंट मार्केट प्राइस 1,318 रुपये से 40 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, पेटीएम के शेयर कमजोर लिस्टिंग के बाद 38 फीसदी टूट चुके हैं और उसको लेकर मंदी के रुझान, निफ्टी के कमजोर प्रदर्शन और ग्लोबल एवं प्राइवेट पीयर्स की तुलना में डिस्काउंट पर ट्रेडिंग से जूझ रहा है।

पेटीएम के प्रोडक्ट्स पर जताया भरोसा

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट्स ने मंगलवार को एक नोट में कहा, “हम विभिन्न श्रेणियों में मोनेटाइजेशन को बढ़ावा देने और विभिन्न प्रोडक्ट्स के लिए उसकी कंज्यूमर एक्विजिशन कॉस्ट (सीएसी) चुकाने की उसकी क्षमता को देखते हुए हम पेटीएम को खास ‘फिनटेक होरिजोंटल’ के रूप में देखते हैं।” मंगलवार की दोपहर पेटीएम का शेयर 1.30 फीसदी (दोपहर 12.30 बजे) की कमजोरी के साथ 1,322 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

नए डेटा से पता चलता है कि एफटीएक्स मेल्टडाउन गाथा के बीच ब्लॉकचेन गेमिंग सेक्टर लचीला बना हुआ है

वास्तव में, अक्टूबर और नवंबर के दौरान वेब3 खेलों में उपयोगकर्ता गतिविधि 50 नेटवर्क में सभी ब्लॉकचेन गतिविधि (42.67%) के लगभग आधे के लिए जिम्मेदार है, एक नए के अनुसार डैपराडार रिपोर्ट 30 नवंबर को फिनबोल्ड के साथ साझा की गई।

अकेले नवंबर में, औसतन 800,875 यूनीक एक्टिव वॉलेट (UAW) प्रत्येक दिन गेम के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के साथ इंटरैक्ट कर रहे थे, सितंबर के बाद से 12% की अपेक्षाकृत छोटी कमी दर्ज की गई, जिसके दौरान उद्योग में 911,720 सक्रिय वॉलेट थे।

अद्वितीय सक्रिय वॉलेट गतिविधि। स्रोत: डैपराडार

उस ने कहा, वर्तमान स्थिति अभी भी 2021 के अंत और 2022 की शुरुआत की तुलना में गिरावट का प्रतिनिधित्व करती है। सोलाना (एसओएल) ब्लॉकचैन को सभी प्रासंगिक नेटवर्कों का सबसे महत्वपूर्ण झटका लगा, क्योंकि इसने करीब की अद्वितीय वॉलेट गतिविधि में भारी गिरावट देखी। महीने के दौरान 90% तक, औसतन 2,326 दैनिक सक्रिय वॉलेट।

अनुदान छोटे पैमाने पर जारी है

संकट के बावजूद, ब्लॉकचैन गेम्स और मेटावर्स प्रोजेक्ट्स में फंड डालना जारी रहा, जिसने अक्टूबर और नवंबर में 534 मिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें सबसे अधिक निवेश बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव के लिए किया गया था।

अब तक, इस वर्ष के लिए ब्लॉकचेन गेम में निवेश की चल रही उम्मीदें लगभग $8.16 बिलियन हैं, जो 2021 में कुल $4 बिलियन से 104% अधिक है। 2022 की चौथी तिमाही में फंडिंग की सबसे कम राशि – $500 मिलियन दर्ज की गई।

जैसा कि फिनबोल्ड ने पहले बताया था, ब्लॉकचेन गेम और मेटावर्स प्रोजेक्ट्स ने 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान 1.3 बिलियन डॉलर जुटाए, जो 2022 की दूसरी तिमाही की तुलना में 48% की कमी का प्रतिनिधित्व करता है।

इस बीच, अक्टूबर और नवंबर में अपूरणीय ब्रोकर तुलना टोकन (एनएफटी) की कुल इन-गेम ट्रेडिंग वॉल्यूम $ 55 मिलियन थी, जिसमें लोकप्रिय ब्लॉकचेन कार्ड गेम गॉड्स अनचाही कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 64.25% उत्पन्न करके सूची में सबसे ऊपर था, $ 21.6 तक पहुंच गया और दो महीनों में क्रमशः $ 13.45 मिलियन।

अस्वीकरण: इस साइट की सामग्री को निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश सट्टा है। निवेश करते समय, आपकी पूंजी जोखिम में होती है।

एफटीएक्स मेल्टडाउन सागा के बीच ब्लॉकचैन गेमिंग क्षेत्र लचीला बना हुआ है, नए डेटा का खुलासा ब्रोकर तुलना सबसे पहले फिनबोल्ड पर हुआ।

फ्यूचर्स और आप्शंस के चक्कर में न पड़ें नए निवेशक, इक्विटी में ही बनेगी असली वेल्थ

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। इक्विटी में मुनाफे पर की गई बिक्री में पैसा कहां से आता है? आसान जवाब होगा कि जिसने भी स्टाक को पहले खरीदा है उसी से। ये सही है, मगर क्या इसका मतलब यह नहीं है कि पहले खरीदने वाले को नुकसान हुआ? नहीं, कम-से-कम तब तो नहीं जब स्टाक खरीदने वाले ने उसे फायदे में बेचा हो। आमतौर पर वक्त के साथ बाजार ऊपर ही जाते हैं, इसलिए इक्विटी निवेशक पैसा ही बनाते हैं। लेकिन फ्यूचर्स या आप्शंस में पैसा कहां से आता है? और डेरिवेटिव्स में? अजीब बात ये है कि इसका जवाब कम ही लोग जानते हैं।

2020 के मध्य से लेकर वर्क-फ्राम होम, एप-आधारित ट्रेडिंग और लाकडाउन ने मिलजुल कर नए निवेशकों की बाढ़ सी ला दी है। हालांकि, कई लोगों ने क्रिप्टो से चोट खाई है और वो अब वापस अपने-अपने आफिस की तरफ लौट गए हैं। मगर अब भी कई नए आए लोग इक्विटी में जमे हुए हैं।

इक्विटी और डेरिवेटिव्स के बीच के अंतर को समझें

हाल ही में एक युवा से बातचीत हो रही थी। इस युवक से फ्यूचर और आप्शंस को लेकर सवाल पूछा। उसे फ्यूचर और आप्शंस में ट्रेडिंग के लिए तैयार कर लिया गया, लेकिन उसे इसका कोई आइडिया नहीं था और न ही उसने कभी इस बारे में गहराई से सोचा था। असल में, उसने डेरिवेटिव्स के बारे कुछ जानने की कोशिश की थी और कई तरह की जानकारी जो ब्रोकरों ने दी, उससे कुछ समझने की ब्रोकर तुलना कोशिश भी की थी। इसके अलावा गूगल से हर तरह की वेबसाइटों पर जाकर कुछ जान भी लिया था।

इसका नतीजा ये था कि उसने मुझे डेरिवेटिव्स के फायदों पर काफी अजीबोगरीब बातें सुनाईं कि कैसे वो ट्रेडर को सुरक्षित तरीके से ट्रेड करने ब्रोकर तुलना में मदद करते हैं? कैसे वो लिक्विडिटी प्रमोट करते हैं? कैसे वो डिस्कवरी प्राइस को प्रोत्साहित करते हैं? आदि। हालांकि, इस पूरी आरएंडडी और इस सारे प्रोपेगेंडा में किसी ने उसे ये नहीं बताया था कि इसमें हर बार जब कोई मुनाफा कमाता है, उसमें किसी दूसरे का नुकसान होता है।

फ्यूचर्स और आप्शंस हैं जीरो-सम गेम

असल इक्विटी निवेश में ऐसा नहीं होता। यहां अर्थव्यवस्था की ग्रोथ इक्विटी की बुनियाद होती है, वहीं फ्यूचर और आप्शंस एक जीरो-सम गेम है, जो बात सबसे दिलचस्प लगी वो ये कि एक बार जब मैंने अपने उस युवा दोस्त को सारी चीजें समझा दीं, तो वो जो भी कर रहा था, उसे लेकर कुछ हद तक डर गया। ये जरूर है कि वो समझता है कि वो और उसका ब्रोकर बड़े बुद्धिमान हैं। फिर भी, ये जानकारी कि उस पूरे काम में कोई पैसा नहीं बन रहा, और सारा नफा-नुकसान बराबर है, ये बात किसी भी काम को लेकर हमारा रवैया बदल ही देती है।

असल में, लाखों लोगों का डेरिवेटिव का लेनदेन-जो भारतीय एक्सचेंज के कामकाज का 90 प्रतिशत है, कुल मिला कर कोई वेल्थ नहीं पैदा करता, ये बात सोच में डालने वाली है। अगर कोई अमीर बन रहा है, तो सिर्फ इसलिए क्योंकि कोई दूसरा गरीब हो रहा है। ब्रोकर और एक्सचेंज इस सब में पैसे बना रहे हैं। ये सोच कि भारत में फ्यूचर्स और आप्शंस काम के हैं, सिर्फ एक थ्योरी है और कुछ नहीं। कुछ गायब होते थोड़े से निवेशक डेरिवेटिव्स को नुकसान कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई के दौरान बताया गया था कि स्टाक मार्केट का मकसद है कि निवेशकों के रिसोर्स बिजनेस में इस्तेमाल हों, ताकि फाइनेंशियल ग्रोथ हासिल की जा सके और सभी निवेशक ब्रोकर तुलना इस ग्रोथ में हिस्सेदारी ले सकें।

इक्विटी में बनेगी असली वेल्थ

फ्यूचर्स और आप्शंस का ये जुआ इस मकसद से बहुत दूर है। मगर ब्रोकर तुलना हां, ये सब बदलने वाला नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी जैसे इनोवेशन की तुलना में फ्यूचर्स और आप्शंस काफी सौम्य नजर आते हैं। निवेशक अपने निवेश तक ही रहें और उसके लालच में न पड़ें जो ऊपरी तौर पर तो निवेश लगता है ब्रोकर तुलना मगर असल में निवेश से काफी अलग है।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

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