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मौलिक विश्लेषण क्या है

मौलिक विश्लेषण क्या है

किसी भी Shares का Fundamental Analysis कैसे करे Fundamental Analysis in Hindi

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Fundamental Analysis in Hindi – किसी भी कंपनी का शेयर्स का मौलिक विश्लेषण (Stock Fundamental Analysis) उसके भविष्य में होने वाली गतिविधिओ को तय करता है और बताता है की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है।

आज हम आपको बताते है की किसी भी स्टॉक का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis in Hindi) किस प्रकार से किया जाता है इसके बारे में पूरी जानकारी के साथ सीखेगे ताकि हम भविष्य में किसी भी Fundamental Analysis of Stock आसानी से कर सके।

कोई भी इन्वेस्टर Fundamental Analysis in Hindi जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है और ये रिसर्च किस प्रकार की जाती है इसकी पूरी जानकारी आप इस लेख के जरिये पढ़ सकते है।

Fundamental Analysis क्या होता है?

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Share Market में Investment करने के लिए जिस प्रकार हम अपने अच्छे शेयर को ढूढ़ते है उस शेयर्स को ढूढ़ने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है।

ज्यादा रिटर्न्स कमाने के लिए निवेशक शेयर मार्किट में निवेश करते है और वो वही शेयर को खरीदते है जिनकी भविष्य में कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है।

Fundamental Analysis किसी भी शेयर को खरीदने से पहले किया जाता है ताकि किसी भी शेयर की स्थिति को समझ सके की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है और भविष्य में कितनी तरक्की करने वाली है।

इन सभी बातो की जानकारी हमे कंपनी के मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करने से मिलती है।

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मौलिक विश्लेषण क्यों करना चाहिए?

Fundamental Analysis in Hindi- जैसा की हम सबको पता है की शेयर्स मार्किट में Risk बहुत ज्यादा होता है और उस रिस्क से बचने के लिए शेयर मार्किट में निवेशों दुवारा मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) किया जाता है।

शेयर मार्किट में कभी भी शेयर को उसके कीमत के हिसाब से नहीं खरीदना चाहिए क्योकि हर शेयर्स की कीमत हर दिन कभी बढ़ जाती है कभी घट जाती है लेकिन शेयर का मौलिक विश्लेषण ही उसके बारे में सही जानकारी देता है।

जिसके कारण शेयर मार्किट ने निवेश करने से पहले मौलिक विश्लेषण करना जरूरी है।

Fundamental Analysis किस प्रकार किया जाता है?

मौलिक विश्लेषण करने के लिए हमको सबसे पहले एक बड़ी सी कंपनी चुननी होती है जिसका Market-Cap काफी बड़ा हो मतलब उस कंपनी की कीमत ज्यादा हो।

Fundamental Analysis in Hindi- उसके बाद कंपनी का मौलिक विश्लेषण दो प्रकार से किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस

Technical Analysis क्या होता है?

टेक्निकल एनालिसिस कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।

How To Do Technical Analysis

1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।

2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।

3. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए।

4. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।

Fundamental Analysis क्या होता है?

फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस Fundamental Analysis in Hindi करने के लिए कंपनी के अन्दर की चीज़ो को परखा जाता है की कंपनी किस प्रकार का बिज़नेस करती है कंपनी की फाइनेंसियल स्टेटमेंट क्या है कंपनी से जुड़े लोग कौन कौन से है, उन लोगो कि PERSONAL BUSINESS EXPERIENCE और BACKGROUND क्या है इन सब की जानकारी हमे फंडामेंटल एनालिसिस दुवारा मिलती है।

How To Do Fundamental Analysis

Fundamental Analysis करने के लिए हमे कंपनी के डाक्यूमेंट्स (Documents) की जांच करनी होती है जैसे:-

Fundamental Analysis Kaise Kare

  • Balance Sheet पर नज़र डालना
  • P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
  • Cash Flow Statements को चेक करना
  • Annual Report को देखना
  • Financial Ratio को देखना
  • PE Ratio नज़र डालना
  • EPS Earning Per Share नज़र डालना
  • Book Value को चेक करना
  • Management Analysis नज़र डालना
  • Profit And Sales Growth को देखना
  • Opponent Company की जांच करना
  • जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)

इस तरह हम फंडामेंटल एनालिसिस Fundamental Analysis in Hindi में हम ये चेक करते है कि – हम जिस कंपनी का स्टॉक खरीदना चाहते है, वह कंपनी आर्थिक रूप से कितना STRONG है, और वो कंपनी फ्यूचर में कितना ग्रोथ कर सकती है।

मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) के फायदे

Benefits of Fundamental Analysis in Hindi, What is fundamental analysis and its objectives?

  • Risk कम हो जाता है।
  • Profit की उम्मीद ज्यादा होती है।
  • Company की स्थिति पता चलती है।
  • Company के प्रोडक्ट के बारे में पता चलता है।
  • Loss-Profit के बारे में पता चलता है।
  • Stock Market Experience बढ़ता है।

फंडामेंटल एनालिसिस इस बात पर आधारित है कि – अगर कंपनी लाभ कमाती है, तो उस कंपनी के शेयर के भाव निश्चित रूप से बढ़ेंगे, और इसलिए फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट की जांच की जाती है।

What are the Tools of Fundamental Analysis?

Top 10 Best Tools of Fundamental Analysis? Fundamental Analysis in Hindi

  • Zerodha Demat Account
  • Upstox Demat Account
  • Angel Broking Demat Account
  • India Infoline (IIFL) Demat Account
  • Sharekhan Demat Account
  • Motilal Oswal Demat Account
  • ICICI Direct Demat Account
  • HDFC Securities Demat Account
  • Kotak Securities Demat Account
  • Groww Demat Account

हम उम्मीद करते है आपको Fundamental Analysis in Hindi से जुडी जानकारी पसद आयी होगी धन्यवाद्।

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5 मिनट में बनिए Market Expert, इस तरीके से आप खुद खोजें बेहतरीन शेयर. कमाएं पैसे!

रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.

ऐसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 22 सितंबर 2022, 1:10 PM IST)

देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.

उन्हें कोई कह देता है कि ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने मौलिक विश्लेषण क्या है ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?

कैसे करें Stock Selection?

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दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर पाना है.

इसलिए दूसरे के कहने पर निवेश (Invest) करने से पहले आप खुद आसानी से अच्छे स्टॉक (Best Stock) का चयन कर सकते हैं. अच्छे स्टॉक में निवेश करने से भले ही शॉर्ट टर्म (Short Term) में बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह मौलिक विश्लेषण क्या है से शेयर थोड़ा नीचे चला जाए और आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में नुकसान दिखे. लेकिन Long Term में हमेशा अच्छे स्टॉक में रिटर्न देने की क्षमता होती है.

ऑनलाइन चुन सकते हैं बेहतरीन स्टॉक्स

खुद 5 मिनट में खंगाल सकते हैं खाता-बही

अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.

आइए जानते हैं, एक स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के कारोबार में क्या देखें, ताकि आप तय कर पाएं कि इसमें निवेश करना है या नहीं. आप आसानी से कंपनी के कारोबार का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) कर सकते हैं. कंपनी छोटी है या बड़ी, आप चंद मिनट में उस कंपनी के खाता-बही को खंगाल सकते हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों में निवेश से जोखिम (Risk) कम होते हैं. कैसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स.

स्टेप-1: सबसे पहले कंपनी के रेवेन्यू को खंगालिए. देखें कि कंपनी सालाना कितना रेवेन्यू (Revenue) जेनरेट करती है. अगर साल-दर-साल कंपनी के कुल राजस्व (Total Revenue) में इजाफा हो रहा है तो फिर तो मान के चलिए कंपनी का कारोबार फल-फूल रहा है. अभी कंपनी एक पैमाने पर कंपनी खरी उतरी है.

स्टेप-2: अब इसके बाद कंपनी की Net Income पर नजर डालिए. अगर लगातार कंपनी की Net Income बढ़ रही है तो फिर इससे पता चल जाएगा कि कंपनी अपने सभी खर्चे को काटकर मुनाफे में चल रही है. अगर मोटा रेवेन्यू के बाद भी कंपनी की आमदनी नहीं बढ़ रही है तो फिर ऐसी कंपनी में निवेश से बचें.

स्टेप-3: उसके बाद जिस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की संपत्ति (Assets) को भी जरूर चेक करें. अगर साल-दर-साल कंपनी की संपत्ति (Total Assets) में इजाफा हो रहा है तो, इससे साफ है कि कंपनी अपने कारोबार को विस्तार दे रही है. इसके बाद देखें कि कंपनी पर कुल कितनी देनदारी (Total Liabilities) है.

अगर Total Assets से Total Liabilities कम है तो फिर ये कह सकते हैं कि संकट में कंपनी अपने असेट्स बेचकर निवेशकों को पैसा लौट सकती है. इसलिए हमेशा Liabilities से Assets अधिक होना चाहिए. कर्ज में डूबी कंपनी में कतई निवेश न करें. (Photo: Getty Images)

मौलिक( maulika)अनुसंधान

अनुसंधान का वह स्वरूप जिसके तथ्यों का निर्धारण और उसके आधार पर संबंधों का विश्लेषण के बारे में परिश्रम पूर्ण ढंग से हम किसी निष्कर्ष की प्राप्ति करते हैं मौलिक ( maulika) अनुसंधान के रूप में जाना जाता है| मौलिक अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य धांतो का निरूपण ज्ञान कोष के विस्तार सिद्धांतों के विस्तार और उनके समानीकरण से जुड़ा होता है।

दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि मौलिक ( maulika) अनुसंधान के अंतर्गत सिद्धांत और नियम उप नियमों और उनके विस्तृत समानीकरण पर आधारित होता है मौलिक अनुसंधान को नियंत्रित परिस्थिति में संपादित किया जाता है |आजकल शिक्षा शास्त्री के द्वारा मौलिक अनुसंधान से संबंधित कुछ निश्चित मौलिक शैक्षिक समस्याओं के अध्ययन हेतु इस प्रकार के अनुसंधान को संपादित करना होता है जो औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों ही परिस्थितियों में संपादित किए जा सकते हैं।

शैक्षिक संदर्भ में मौलिक अनुसंधान के कुछ उदाहरण उल्लेखनीय है जैसे जीन पियाजे द्वारा बालकों के वास्तविक संसार और उसने कार्य कारण संबंध के उदाहरण के बारे में किए गए अध्ययन प्रोफ़ेसर स्पिनर द्वारा अभिक्रमित अनुदेशन पद्धति एवं शिक्षण यंत्र से संबंधित प्रयोग मैक्लेइलैंड एवं एटकिंस के शोध अनुसंधान के माध्यम से प्राप्त निष्पत्ति अभिप्रेरणा का नवीन विचार नेट फेंडर के नेतृत्व में कक्षा शिक्षण की परिस्थिति में शिक्षण व्यवहार को ध्यान में रखकर निर्मित 2/3 का नियम अपने देश में महात्मा गांधी के बुनियादी शिक्षण के तहत तकली केंद्रित शिक्षा और अरविंदो घोष की आश्रम प्रणाली यह सभी शिक्षा के मौलिक अनुसंधान के उदाहरण माने जाते हैं|

मौलिक अनुसंधान की विशेषताएं

मौलिक अनुसंधान को पूरा करने में कराया अनियंत्रित पर शेती गठित की जाती है| जिसके आधार पर या प्रयास किया जाता है कि किसी सामग्री में चयनित प्रतिनिधि समूह प्रतिदर्श के अवलोकन द्वारा सामान्य करण किया जाता

मौलिक अनुसंधान एक प्रमुख उद्देश्य नवीन सिद्धांतों का निरूपण ज्ञान की सीमा में विस्तार लाना नए सिद्धांतों का विकास करना साथ ही साथ नियमों एवं नवीन शक्तियों की अवधारणा विकसित करना

मौलिक अनुसंधान का परिपेक्ष्य संदर्भ अमूर्त प्रकृति का होता है| जो तथ्यों एवं विचारों के परिमार्जन से संबंधित उच्च स्तरीय विचारधाराओं से मिलकर बना होता है

इस शोध का या अनुसंधान के अंतर्गत समस्या की प्रकृति को तथ्यों का अवधारणाओं को सिद्धांतों के बीच संबंधों का पता इस दृष्टि से लगाया जाताहै कि उनके आधार पर व्यवहार आत्मकथा है|आधार तैयार किया जा सके जिस पर किसी सिद्धांत को निर्मित किया जाना है।

अनुसंधान की परिकल्पना जिसे चिन्हित
समस्या के प्रस्तावित समाधान के रूप में निर्मित किया जाता है| उसे मौलिक अनुसंधान के अंतर्गत एक उच्च स्तरीय संबंध संरचना के आधार पर विकसित किया जाता है जो सिद्धांत निरूपण हेतु हमें प्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान करती है

मौलिक अनुसंधान की एक दूसरी विशेषता यह भी है कि इसमें अनुसंधान की रूपरेखा को पर इस तरह पूर्ण ढंग से विकसित एवं क्रियान्वित किया जाता है जो एक उद्देश्य का कार्य करती है |जिसमें शोध के चारों को परिभाषित करने उनके बीच संबंध है निरूपितकरने उनके सत्यापन करने तथा मूल्यांकन करने की ओर प्रवृत्त होने और शैंकी की दृष्टि से उस से सत्यापित होने की जानकारी प्राप्त होती है

मौलिक अनुसंधान के अंतर्गत अनुसंधानकर्ता समग्र दर के आधार पर एक प्रतिनिधि रविदास को अपने अध्ययन हेतु चयनित कर लेता है और इस प्रकार प्राप्त प्रतिदर्श पर किए गए अध्ययन और उसके आधार पर प्राप्त निष्कर्षों के समग्र दर समान रूप से लागू हुआ मान लिया जाता है।

मौलिक अनुसंधान में सिद्धांतों के निवारण पर बल दिया जाता है जो आगे चलकर के सिद्धांत के सामान्य करण के लिए आधार का काम करता है

मौलिक अनुसंधान की सीमाएं मौलिक अनुसंधान के स्वरूप को जिस के आधार पर निष्कर्ष निरूपण की प्रक्रिया पूरी होती है उसे हम सामाजिक जगह भारत विज्ञान के संदर्भ में उसी रुप से लागू नहीं कर सकते हैं क्योंकि नियंत्रण और परामर्श पूर्ण ढंग से संपन्न होने वाले मौलिक अनुसंधान में शामिल तथ्यों को शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली गतिशील और जटिल संदर्भ में नहीं लागू कर सकते इसलिए हैं हम यथाशक्ति मौलिक अनुसंधान से नहीं छोड़ सकते हैं|

स्टॉक विश्लेषण क्या है?

स्टॉक विश्लेषण इक्विटी का आकलन करने की प्रक्रिया है, फिर निवेश की सिफारिशें और/या मूल्य पूर्वानुमान लगाने के लिए। स्टॉक विश्लेषण आपको विशिष्ट स्टॉक खरीदने, बेचने या रखने के बारे में मार्गदर्शन करने में मदद कर सकता है। यह कंपनी के प्रदर्शन और उसके शेयर की कीमत कैसे आगे बढ़ेगी, इसके लिए अधिक विशिष्ट अपेक्षाओं को आकार देने में भी मदद कर सकता है।

संस्थागत और व्यक्तिगत दोनों निवेशक अपनी निवेश निर्णय लेने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में स्टॉक विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं। यहां बताया गया है कि आरंभ करने से पहले आपको क्या जानना चाहिए।

स्टॉक विश्लेषण की परिभाषा और उदाहरण

स्टॉक विश्लेषण में निवेशकों को यह सूचित करने का प्रयास करने के लिए कंपनियों/परिसंपत्तियों की समीक्षा करना शामिल है कि वे विशेष शेयरों से क्या उम्मीद कर सकते हैं।

स्टॉक विश्लेषण दो श्रेणियों में से एक में गिर सकता है, या यह दोनों का मिश्रण हो सकता है।

मौलिक विश्लेषण

इस प्रकार का स्टॉक विश्लेषण कंपनी के मूल सिद्धांतों को देखता है, जिसका अर्थ है व्यवसाय और वित्तीय जानकारी जो अंततः स्टॉक की कीमतों को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए,

मौलिक स्टॉक विश्लेषण इस समय स्टॉक एक अच्छा निवेश है या नहीं, इस बारे में भविष्यवाणियां करने के लिए कंपनी की तिमाही राजस्व वृद्धि का विश्लेषण करना शामिल हो सकता है। विश्लेषक कंपनी का उपयोग करते हैं वित्तीय विवरण जैसे बैलेंस शीट, आय विवरण, नकदी प्रवाह का विवरण, और उनकी वार्षिक फाइलिंग (फॉर्म 10-के) उनके विश्लेषण के लिए अनुपात और मीट्रिक तैयार करने के लिए।

तकनीकी विश्लेषण

स्टॉक विश्लेषण में भी शामिल हो सकते हैं तकनीकी विश्लेषण , जिसमें अंतर्निहित व्यावसायिक जानकारी के बजाय विशेष रूप से स्टॉक ट्रेडिंग के आसपास तकनीकी संकेतकों का विश्लेषण करना शामिल है। उदाहरण के लिए, तकनीकी विश्लेषण में यह निर्धारित करने के लिए स्टॉक चार्ट की समीक्षा करना शामिल हो सकता है कि एक विशेष स्टॉक आमतौर पर एक निश्चित व्यापारिक मूल्य पर गिरने के बाद वापस उछलता है। इसके बाद कुछ निवेशकों को स्टॉक खरीदने के लिए प्रेरित किया जा सकता है क्योंकि यह उस बिंदु पर पहुंच सकता है जहां यह रिबाउंड हो सकता है।

विभिन्न विश्लेषकों और निवेशकों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं कि क्या मौलिक या तकनीकी स्टॉक विश्लेषण जाने का रास्ता है, या क्या एक संयुक्त दृष्टिकोण होना चाहिए। स्टॉक विश्लेषण करने का एक सही तरीका जरूरी नहीं है; यह सब निवेशक पर निर्भर करता है।

स्टॉक विश्लेषण समग्र रूप से उद्योगों या शेयर बाजार के व्यापक विश्लेषण पर भी लागू हो सकता है। हालांकि, इस प्रकार के आकलन को अक्सर क्रमशः सेक्टर विश्लेषण और शेयर बाजार विश्लेषण के रूप में अलग-अलग संदर्भित किया जाता है।

स्टॉक विश्लेषण कैसे काम करता है?

निवेश करने के लिए इतनी सारी कंपनियां उपलब्ध होने के साथ, आप कैसे जानते हैं कि अपना पैसा एक स्टॉक बनाम एक स्टॉक में रखना है या नहीं? एक और? क्या आपको Apple या Microsoft में निवेश करना चाहिए? अमेज़न या गूगल? जीई या जीएम? और उन छोटी कंपनियों के बारे में क्या जिनसे आप अपने निजी जीवन में अपरिचित हैं? यहीं से स्टॉक विश्लेषण चलन में आता है।

तकनीकी विश्लेषण आम तौर पर केवल स्टॉक व्यापारियों द्वारा उपयोग किया जाता है जो अल्पकालिक मूल्य आंदोलनों के आधार पर खरीदते और बेचते हैं।

कई वित्तीय कंपनियां, जैसे निवेश बैंक या अनुसंधान कंपनियां, विशिष्ट कंपनियों या निवेश निधि जैसी अन्य व्यापार योग्य प्रतिभूतियों का अध्ययन करने के लिए विश्लेषकों को नियुक्त करती हैं। स्टॉक विश्लेषक सीधे अपनी फर्म के ग्राहकों को सिफारिशें प्रदान कर सकते हैं, या वे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो सकते हैं।

स्टॉक विश्लेषण को अक्सर स्टॉक खरीदने, बेचने या रखने के लिए रेटिंग के रूप में व्यक्त किया जाता है। स्टॉक विश्लेषण में यह भी शामिल हो सकता है मूल्य लक्ष्य , जैसे कि जब कोई विश्लेषक भविष्यवाणी करता है कि अगले वर्ष के भीतर किसी विशेष कंपनी के शेयर की कीमत क्या होगी। साथ ही, स्टॉक विश्लेषण में विस्तृत डेटा शामिल हो सकता है, जैसे कि भविष्य के राजस्व और आय के आसपास की अपेक्षाएं।

आप जहां देख रहे हैं, उसके आधार पर, आप कई स्टॉक विश्लेषकों के औसत पूर्वानुमान और अनुशंसाएं देख सकते हैं, या आप देख सकते हैं कि एक विशेष स्टॉक विश्लेषक क्या सोचता है।

व्यक्तिगत निवेशकों के लिए स्टॉक विश्लेषण का क्या अर्थ है

स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और निवेश सूचना साइट अक्सर व्यक्तिगत निवेशकों के उपयोग के लिए विश्लेषक रिपोर्ट से स्टॉक विश्लेषण प्रदर्शित करते हैं। इसलिए, यदि आप किसी विशेष कंपनी में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो आप यह देखना चाहेंगे कि आपके निर्णय को सूचित करने में सहायता के लिए उस कंपनी के लिए स्टॉक विश्लेषण उपलब्ध है या नहीं।

आप कई जगहों पर स्टॉक विश्लेषण पा सकते मौलिक विश्लेषण क्या है हैं, जिसमें स्टॉक उद्धरण प्रदर्शित करने वाली वेबसाइटें और अन्य शामिल हैं ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग साइट . "स्टॉक विश्लेषण," "विश्लेषक रेटिंग," "अनुसंधान," या इसी तरह के शब्दों के लेबल वाले अनुभाग देखें। यदि आपको अभी भी इस जानकारी का पता लगाने में परेशानी हो रही है, तो आप अपने खोज इंजन पर किसी विशेष कंपनी के स्टॉक विश्लेषण की खोज करने का प्रयास कर सकते हैं।

एक कंपनी के स्टॉक के प्रदर्शन की तुलना उसी उद्योग में दूसरे के स्टॉक प्रदर्शन के साथ करें और एक समान वित्तीय संरचना के साथ एक बेहतर विचार प्राप्त करने के लिए कि पहली कंपनी का स्टॉक कैसा है प्रदर्शन कर रहा है।

कुछ व्यक्तिगत निवेशक अपने स्वयं के स्टॉक विश्लेषण करने का निर्णय भी ले सकते हैं, लेकिन ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण को प्रभावी ढंग से करने के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होती है।

उस ने कहा, पेशेवर स्टॉक विश्लेषकों के बीच हितों का टकराव हो सकता है, उदाहरण के लिए, उनकी फर्म की उस स्टॉक में बड़ी हिस्सेदारी है जिसका वे विश्लेषण कर रहे हैं। यही कारण है कि व्यक्तिगत निवेशक विश्लेषक रिपोर्टों की समीक्षा करना चाहते हैं लेकिन फिर भी अपने निष्कर्ष पर आते हैं- और यू.एस. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) इससे सहमत हैं।

एसईसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, "एक सामान्य मामले के रूप में, निवेशकों को स्टॉक खरीदने, रखने या बेचने का फैसला करते समय पूरी तरह से एक विश्लेषक की सिफारिश पर भरोसा नहीं करना मौलिक विश्लेषण क्या है चाहिए।"

फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ स्टॉक्स क्या है ?

कम्पनी फंडामेंटल एनालिसिस, स्टॉक एनालिसिस का एक समीक्षात्मक भाग है। जिसे आसानी से सीखा जा है। इसके द्वारा आप किसी भी कम्पनी को आसानी से समझ सकते हैं। Fundamental Analysis के द्वारा आप कम्पनी का बिजनेस तथा उसके भविष्य के बारे में जान सकते है। आप कम्पनी के एनुअल रिपोर्ट तथा फाइनेंशियल स्टेटमेंट पढ़कर उनका विश्लेषण कर सकते हैं। इसके द्वारा आप कम्पनी के competitors (प्रतिस्पर्धी) market environment तथा comparative advantages (तुलनात्मक लाभ) के बारे में जान सकते हैं। इस पोस्ट में Fundamental analysis of stocks kya hai? के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Fundamental analysis of stocks in Hindi

फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग क्यों करना चाहिए ?:

फंडामेंटल एनालिसिस शेयर के बारे में सही धारणा बनाता है किन्तु शेयर बाजार इसे समय समय पर गलत समझ सकता है। आप किसी undervalue स्टॉक को खोजकर प्रॉफिट बना सकते हैं। बाजार के द्वारा कम्पनी का उचित मूल्य निर्धारित करने का इंतजार करें। कम्पनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट का विश्लेषण करके आप कंपनियों की market valuation समझ सकते हैं।
किसी कम्पनी का Fundamental Analysis (मौलिक विश्लेषण) करके आप अच्छी तरह समझ सकते है कि किस शेयर का प्राइस अंडरवैल्यू है तथा किसका ओवरवैल्यू। आप किसी भी सेक्टर, शेयर तथा पूरी इकॉनमी की परफॉर्मेंस का भी फंडामेंटल विश्लेषण कर सकते हैं। Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi
फंडामेंटल विश्लेषण करने के लिए निम्नलिखित टॉपिक को समझना बहुत जरूरी है -
The True Value of a stock: कम्पनी की सही वैल्यूएशन के हिसाब से शेयर बाजार उसके शेयर की सही कीमत निर्धारित करता है जिसे शेयर की Intrinsic value कहते हैं। Stock market के विशेषज्ञ Fundamental Analysis के द्वारा किसी भी शेयर की इन्ट्रिंसिक वैल्यू का अनुमान लगा लेते हैं तथा उसी हिसाब से शेयर में buying और selling करते हैं। क्योंकि धीरे-धीरे शेयर का बाजार मूल्य उसके intrinsic value (आंतरिक मूल्य) की ओर बढ़ता है और इसी वजह से शेयर में निवेश करने वाले निवेशक मुनाफा कमाते हैं।

इन्ट्रिंसिक वैल्यू को सरल शब्दों में इस तरह समझ सकते हैं जैसे, यदि किसी शेयर का वर्तमान मूल्य उसके इन्ट्रिंसिक वैल्यू से कम चल रहा है तो इन्वेस्टर को वह शेयर खरीद लेना चाहिए। क्योंकि भविष्य में ऐसे शेयर की कीमत उसके इन्ट्रिंसिक वैल्यू के पास पहुँचने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है। इसी तरह यदि किसी शेयर की कीमत उसके इन्ट्रिंसिक वैल्यू से ज्यादा होती है तो (यदि वो वायदा बाजार में है) आप उसे overbought समझकर sell भी कर सकते हैं क्योंकि आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि भविष्य में शेयर का प्राइस उसकी इंट्रीसिक वैल्यू के पास आ सकता है। कंपनियों के इन्ट्रिंसिक वैल्यू को जानने के लिए निम्नलिखित फेक्टर जानना बहुत जरूरी है -

Earnings: किसी भी कम्पनी में निवेश करने से पहले निवेशक उसकी earnings (कमाई) देखते हैं, इसलिए आपको भी सबसे पहले कम्पनी का प्रॉफिट देखना चाहिए क्योंकि भविष्य की कमाई कंपनी के बिजनेस और ग्रोथ के अवसरों की भावी संभावनाओं के रूप में एक महत्वपूर्ण मौलिक विश्लेषण क्या है कारक है। इसी से भविष्य में कम्पनी के शेयर का मूल्य निर्धारित होगा। make money from money-paise se paisa kaise kmaaye कंपनियों की आमदनी को निर्धारित करने वाले वाले फेक्टर - Sales, costs, assets and liabilities. अर्निंग पर शेयर (EPS) एक सिंपल तरीका है जिसके द्वारा कम्पनी की आमदनी को आसानी से समझा सकता है। EPS आमदनी का आंकड़ा है जो कम्पनी के प्रत्येक शेयर की कमाई को दर्शाता है।
प्रॉफिट मार्जिन: P rofit margin एक कंपनी के लाभ (बिक्री के सभी खर्चों को घटाकर) का अनुपात है जो इसके राजस्व से विभाजित होता है। प्रॉफिट मार्जिन अनुपात मौलिक विश्लेषण क्या है बिक्री से हुए लाभ की तुलना करता है और आपको बताता है कि कंपनी अपने वित्त को अच्छी तरह से संभालकर रही है या नहीं। प्रॉफिट मार्जिन एक सेक्टर की एक समान कंपनियों की तुलना करने में भी उपयोगी है।
ज्यादा प्रॉफिट मार्जिन यह दर्शाता है कि कम्पनी ने अपनी लागत पर,अपने प्रतिस्पर्धी से अच्छा नियंत्रण कर रखा है। इसे हमेशा प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। दस प्रतिशत प्रॉफिट का मतलब है कि कम्पनी प्रत्येक रूपये के रेवेन्यू से दस पैसे कमा रही है। Systematic Investment Plan - SIP

Return-On-Equity (ROE): इक्विटी पर रिटर्न (ROE) इक्विटी के संबंध में एक व्यवसाय के लाभ को मापने का एक तरीका है। क्योंकि शेयरधारक की equity की गणना सभी परिसंपत्तियों को जोड़कर और सभी देनदारियों को घटाकर की जाती है, इसलिए आप यह कह सकते कि किसी एसेट से liabilities को घटाने बाद जो रिटर्न मिलता है उसे Return on Equity (ROE) कहते हैं। ROE यह भी मापता है कि शेयरधारक के खर्च हुए प्रत्येक रुपए से कितने रुपए का लाभ उत्पन्न होता है। ROE एक मीटर है जोकि यह पता लगाती है कि कंपनी मुनाफा कमाने के लिए अपनी इक्विटी का कितना अच्छा उपयोग करती है। Return on Equity = Net Income / Share Holders Equity.
Price-To-Earning Ratio (P/Eरेश्यो): प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो ही P /E रेश्यो के नाम से जाना जाता है। यह Fundamental Analysis का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रेश्यो है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, P/E रेश्यो को निकलने के लिए stock की वर्तमान कीमत को उसके earning per share (EPS) से divide करके P/E रेश्यो निकाल लिया जाता है। यदि किसी कम्पनी का P/E रेश्यो हाई है तो इसका मतलब earnings के मुकाबले इसके शेयर की कीमत ज्यादा है और शेयर overvalue है। ऐसे शेयर में निवेश करने से बचना चाहिए। What is Demat Account and how to open Demat Account -in Hindi
कम P/E रेश्यो का मतलब यह है कि शेयर undervalue है यानि की शेयर का मूल्य कम्पनी की earnings के मुकाबले कम है। ऐसे शेयर में इन्वेस्ट करना अच्छा माना जाता है। वैसे जिन कंपनियों हाई अर्निंग होती है उनका पी/ई रेश्यो हाई होता है। Fundamental Analysis के दौरान इसे देखना बहुत जरूरी है।

Price-To-Book (P/B रेश्यो): प्राइस टू बुक (P/B) रेश्यो एक फाइनेंशियल अनुपात है। इसमें कम्पनी के वर्तमान बाजार मूल्य की तुलना उसके शेयर की वर्तमान बुक वैल्यू (बुक वैल्यू के अंतर्गत कम्पनी की सभी सम्पतियों का मूल्य जुड़ा होता है) से की जाती है। P/B रेश्यो से हम यह समझ सकते हैं कि यदि कम्पनी दिवालिया हो जाती है, तब उसकी शेष कीमत क्या होगी

यदि किसी कम्पनी का P/B रेश्यो हाई है तो इसका मतलब उसके शेयर कीमत उसके total assets से ज्यादा है। P/B रेश्यो के आधार पर आप यह निर्णय ले सकते हैं कि stock में निवेश करना चाहिए अथवा नहीं। Stock Exchange of India in Hindi- भारत के स्टॉक एक्सचेंज BSE तथा NSE

price/Earning To Growth (PEG): PEG रेश्यो निकालने के लिए, कम्पनी के P/E रेश्यो को उसकी संभावित बारह महीने की ग्रोथ रेट से डिवाइड कर देने से उसका PEG रेश्यो निकल आता हैं। कम्पनी का PEG रेश्यो उसके P/E रेश्यो के आस-पास होना चाहिए। यदि किसी कम्पनी का PEG रेश्यो उसके P/E रेश्यो से कम होता है तो इसका मतलब उस कम्पनी का शेयर अंडरवैल्यू है तथा जिस कम्पनी का PEG रेश्यो हाई होता है इसका मतलब उसका शेयर ओवरवैल्यू है। इस तरह आप PEG रेश्यो के द्वारा यह अनुमान लगा सकते हैं कि कम्पनी के Fundamental के अनुसार उसके शेयर का प्राइस उचित मौलिक विश्लेषण क्या है है या नहीं।

सही कीमत पर शेयर को खरीदना :

लम्बे समय में शेयर प्राइस Fundamental True Value के हिसाब से चलते हैं। शार्ट टर्म में प्राइस किसी न्यूज या अन्य कारणों से गलत दिशा में भी जा सकते हैं। निवेशकों के भावनाएँ भी शेयर प्राइस को प्रभावित करती मौलिक विश्लेषण क्या है हैं। यदि आप दुनिया की सबसे अच्छी कम्पनी के शेयर को भी ऊँचे भाव पर खरीदेगें तो आप उससे कभी भी अच्छे रिटर्न नहीं कमा सकते। क्योंकि ऊँचे भाव पर निवेश कभी भी अच्छा नहीं होता है। इसलिए आपको निवेश हमेशा अच्छे Fundamental वाली कम्पनी में तथा कम भाव पर करना चाहिए। Risk management rules and risk reward ratio kya hota hai

प्रिय पाठकों, उम्मीद है कि अब आप Fundametal analysis of stocks kya hai ? के बारे में जान गए होंगे। आशा है कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी। मेरी यही कोशिश रहती जो भी लिखूँ ज्ञानवर्धक लिखूँ। ऐसी ही इन्फॉर्मेशनल पोस्ट पढ़ने लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें। इस पोस्ट से सम्बन्धित कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं यदि यह पोस्ट आपको पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ।

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