भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

क्या है डिजिटल करेंसी और क्या हैं इसकी 5 महत्वपूर्ण बातें आइए जानते हैं।
RBI की डिजिटल करेंसी से ले रहे सीख! अपने यहां जल्द लॉन्च करेंगे अमेरिका समेत 100 देश, 2024 के लिए ये है योजना
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 18:46 IST
Photo:INDIA TV RBI की डिजिटल करेंसी से ले रहे सीख! ये 100 देश आगे
RBI Digital Currency: भारत की ई-रुपये यानि डिजिटल करेंसी की यात्रा शुरू होने के साथ ही अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी अपनी खुद की डिजिटल मुद्राओं की योजना बनानी शुरू कर दी है। वे बिटकॉइन की तरह अत्यधिक अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं फंसना चाहते हैं।
भारत सहित 100 से अधिक देश
भारत सहित 100 से भारत की खुद की डिजिटल करेंसी अधिक देश सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लागू करने को लेकर काम कर रहे हैं। यह देश की मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। जी 20 के 19 देश सीबीडीसी की खोज कर रहे हैं। इनमें से 16 देश पहले से ही डिजिटल मुद्रा के विकास की प्रक्रिया में हैं। द अटलांटिक काउंसिल के जियोइकॉनॉमिक सेंटर के अनुसार ऐसे देशों में दक्षिण कोरिया, जापान, भारत और रूस शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने इस साल क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नया आदेश जारी किया। आदेश में नियामकों को पर्याप्त निगरानी रखने और डिजिटल संपत्ति द्वारा उत्पन्न किसी भी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी वित्तीय जोखिम के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। आदेश में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए संभावित यूएस सीबीडीसी के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे और क्षमता की जरूरतों का आकलन करने की बात भी कही गई है।
आरबीए ने अगस्त में की घोषणा
रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आरबीए) ने अगस्त में घोषणा की थी कि उसने डिजिटल मुद्रा के संभावित उपयोग का पता लगाने के लिए एक परियोजना शुरू की है। आरबीए ने कहा कि वह डिजिटल फाइनेंस कोऑपरेटिव रिसर्च सेंटर (डीएफसीआरसी) के सहयोग से सीबीडीसी का एक साल तक सीमित स्तर का परीक्षण करेगी।
डीएफसीआरसी के सीईओ एंड्रियास फुर्चे ने कहा कि डिजिटल करेंसी के लिए तकनीक पहले से मौजूद है, यह परियोजना यह समझने के बारे में है कि सीबीडीसी ऑस्ट्रेलिया की मदद कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब विचार इस पर किया जाना चाहिए कि सीबीडीसी किस प्रकार के आर्थिक लाभों को हासिल कर सकता है और उन लाभों को विस्तार कैसे किया जा सकता है।
बीओके कर रहा समीक्षा
बैंक ऑफ कोरिया (बीओके) ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने सीबीडीसी की व्यवहार्यता के दो-चरणीय मॉक टेस्ट के अपने पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब वह समीक्षा कर रहा है कि मुद्रा के संभावित नए भारत की खुद की डिजिटल करेंसी रूप को पेश किया जाए या नहीं। बीओके ने एक बयान में कहा, हम विभिन्न कार्यों के संचालन की संभावना की जांच करेंगे, जैसे कि ऑफलाइन निपटान, नई तकनीकों का प्रयोग और गोपनीयता सुरक्षा को मजबूत करना आदि।
वैश्विक केंद्रीय बैंक नकदी की मांग में गिरावट और निजी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के उद्भव भारत की खुद की डिजिटल करेंसी के लिए डिजिटल मुद्राओं पर अपने शोध को तेज कर रहे हैं। कुछ लैटिन अमेरिकी देशों और अफ्रीकी देशों के केंद्रीय बैंकों ने सीबीडीसी जारी करना शुरू कर दिया है।
RBI की डिजिटल करेंसी के साथ भारत में शुरू हो रहा नया युग, जानिए आपको कितना फायदा होगा
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 28, 2022 12:30 IST
Photo:FILE RBI
भारत जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा भारत की खुद की डिजिटल करेंसी कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस बात पर मुहर लगाते हुए हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। पहले केवल ऑनलाइन पेमेंट तक ही ये सीमित था, लेकिन अब डिजिटल करेंसी की भी बात चल रही है। हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
डिजिटल करेंसी क्या है??
डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार भारत की खुद की डिजिटल करेंसी का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
कैसे काम करेगा Digital Rupee?
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया भारत की खुद की डिजिटल करेंसी जाएगा. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी. वहीं, दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा. CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कह सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपी की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की भारत की खुद की डिजिटल करेंसी आशंका नहीं होगी. जिस तरह क्रिप्टो में करेंसी का भाव घटता-बढ़ता है, डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी.
सभी को मिलेगा डिजिटल रूपी
डिजिटल रुपी दो तरह का होगा. एक बड़ी रकम के लेनदेन के लिए होगा जिसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल होगा. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके अलावा रिटेल के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल भी आएगा. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. ये भी पहले चुनिंदा जगहों और बैंकों के साथ शुरू होगा. रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर फीचर्स में बदलाव होगा.
डिजिटल रुपी को डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अहम कड़ी UPI से भी जोड़ा भारत की खुद की डिजिटल करेंसी जाएगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकें. जिस तरह 10, 20, 50, 100, 500 वाले नोट होते हैं. उसी वैल्यू (डिनॉमिनेशन) वाला डिजिटल रुपी भी आएगा. हालांकि, कोई व्यक्ति कितना डिजिटल रुपी रख सकेगा, इसकी सीमा भी तय की जा सकती है. डिजिटल करेंसी से पेमेंट पर गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की जाएगी. मुमकिन है कि चुनिंदा सरकारी एजेंसियों को छोड़कर बाकी किसी को डिजिटल रुपी से हुए सौदों की पूरी सटीक जानकारी नहीं दी जाए.
डिजिटल RUPEE की खासियत
- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान.
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा.
- मोबाइल से कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर होंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा.
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी.
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा.
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी. इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा. मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग भारत की खुद की डिजिटल करेंसी जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें.
भारत की होगी अपनी क्रिप्टोकरेंसी! RBI अगले साल ला सकता है इंडिया का डिजिटल करेंसी
- नई दिल्ली,
- 18 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 18 नवंबर 2021, 4:29 PM IST)
- पॉयलट बेस पर लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी
- लॉन्च से पहले कई मुद्दों पर चल रहा विमर्श
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है. इसके लिए वह लगातार काम कर रहा है और उसने एक प्लान भी बनाया है. रॉयटर्स ने एक स्थानीय अखबार के हवाले से खबर दी है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ‘बैकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पूरी संभावना जताई है.
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.