घोटाले के दलालों से बचना

जानकारों के मुताबिक कोल ट्रांसपोटिंग का यह ठेका बाजार भाव से लगभग तीन गुनी अधिक दरो पर दिया गया था। इस ठेके के जरिये सूर्यकान्त एंड कम्पनी हर माह 25 से 30 करोड़ रूपए अकेले CSEB से मुनाफा कमा घोटाले के दलालों से बचना रही थी। उसका भ्रष्टाचार यही नहीं थमा। उसने खदान से निकलने वाले कोयले में मिलावट कर घटिया कोयला CSEB को सप्लाई करना शुरू कर दिया। नतीजतन सरकारी बिजली घर में कोयले की खपत बढ़ गयी। जबकि विद्युत उत्त्पादन घट गया। इसके चलते CSEB को रोजाना करोडो का नुकसान उठाना पड़ा।
व्यापमं घोटाला : एक अपराध. तीन अपराधी. तीन तरह का रवैया, यह कैसी जांच?
एक ही अपराध, तीन आरोपी और एसटीएफ का घोटाले के दलालों से बचना तीन तरह का रवैया. एक लड़की, जिसने अपराध के कुछ महीनों पहले ही नाबालिगी की दहलीज पार की थी। दूसरा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साला और रिटायर आईजी का बेटा, और तीसरा भी एक रसूखदार रहा शख्स. । जांच के इसी रवैये की पड़ताल करती खबर। साथ ही उन छात्रों के भविष्य का रास्ता तलाशने की कोशिश भी जो चाहे-अनचाहे ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था और व्यापमं गैंग के कुचक्र में फंसकर, अपराधी बन भविष्य तबाह कर चुके हैं।
इंदौर. अब सीबीआई उन मामलों की फिर से समीक्षा करने की बात कर रही है, जिनकी जांच कर एसटीएफ चालान पेश कर चुकी है। ऐसे में एक बार फिर आस बंधी है कि एक ओर जहां उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो अपने अभिभावकों की करतूतों के चलते अपराधी होने का दंश झेल रहे हैं। दूसरी ओर उन चेहरों के सामने आने की भी उम्मीद है जो अपने रसूख के चलते अपराधियों की सूची से बाहर हो गए।
Madhya Pradesh Vyapam Scam : व्यापमं घोटाले में बदले गए 3133 रोल नंबर, STF ने 1577 पर ही की कार्रवाई
Madhya Pradesh Vyapam Scam रवींद्र कैलासिया, भोपाल। मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाले Vypam Scam में कांग्रेस जिस एसटीएफ की जांच पर सवाल खड़े करके सीबीआई जांच कराने में सफल रही थी, आज सरकार में आने के बाद उसी से 197 पुरानी शिकायतों की जांच करवा रही है। अब तक एसटीएफ ने 10 एफआईआर दर्ज की हैं, लेकिन व्यापमं Vypam द्वारा 2008 से 2011 के बीच चार साल में जिन 556 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले, उनमें एफआईआर नहीं हुई है। जबकि व्यापमं Vypam द्वारा करीब छह साल पहले लिखित में यह स्वीकार किया जा चुका है कि उसने 2008 से 2013 के 3133 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले और 1073 की परीक्षाएं निरस्त कीं। एसटीएफ द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने के पहले 2012 व 2013 की परीक्षाओं में ही इंजन-बोगी (परीक्षार्थी व स्कोरर) सहित व्यापमं Vypam के तत्कालीन अधिकारियों, अभिभावकों व दलालों पर एफआईआर की गई थीं, लेकिन उसमें भी कई खामियां पाए जाने पर सीबीआई ने अपनी जांच में उन्हें सुधारते हुए चालान पेश किए।
छात्रवृत्ति घोटाला: हाईकोर्ट के चाबुक का दिखा असर, संयुक्त निदेशक को भेजा गया जेल
Published: November 2, 2019 11:58 AM IST
देहरादून: राज्य के समाज कल्याण विभाग अफसर, कर्मचारियों और दलालों द्वारा करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हेराफेरी में हाईकोर्ट के चाबुक ने असर दिखाना शुरू कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों से इस घोटाले के तार जुड़े पाए थे. एसआईटी की जांच के बाद उत्तराखंड राज्य भर में ताबड़तोड़ मामले भी दर्ज हुए. फिलहाल विद्यार्थियों के धन से अपनी जेब भरने के काले-कारोबार में गिरफ्तार समाज कल्याण विभाग घोटाले के दलालों से बचना के संयुक्त निदेशक को जेल भेज दिया गया है.
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जेल भेजे गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक का नाम गीताराम नौटियाल है. गीताराम नौटियाल को 14 दिन की घोटाले के दलालों से बचना न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. जेल भेजने का आदेश अपर जिला जज श्रीकांत पांडेय की अदालत द्वारा सुनाया गया. इस मामले में जेल से बचने के लिए आरोपी द्वारा शुक्रवार को जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी. इस अर्जी पर अब 4 नवंबर को सुनवाई होगी.
संयुक्त निदेशक को जेल भेजे जाने की पुष्टि शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने भी मीडिया से बातचीत में की. जेल भेजा गया संयुक्त निदेशक गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गया था. वहां से जब उसे कोई राहत नहीं मिली तो उसने गुरुवार को सिडकुल थाने जाकर खुद को पुलिस के सामने पेश कर दिया. पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को विशेष सतर्कता जज की अदालत में पेश किया था. फिलहाल अदालत के आदेश के मुताबिक आरोपी 14 नवंबर तक जेल में ही रहेगा.
गौरतलब है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में यूं तो अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मगर संयुक्त निदेशक की गिरफ्तारी उन सबमें सबसे अहम और बड़ी मानी जा रही है. इस घोटाले में कई और रहीस घोटालेबाजों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी द्वारा छापेमारी बदस्तूर जारी है.
छत्तीसगढ़ में अडानी और कोयला दलालों को फायदा पहुंचाने के लिए जनता को महंगी बिजली क्यों सरकार ? CSEB में फिर बड़े घोटाले का टेंडर, अफसरों की अनोखी शर्ते चर्चा में, घटिया कोयला सप्लाई को लेकर अडानी की कम्पनी पर कार्यवाही और पेनाल्टी वसूली भी हो गई मैनेज.
रायपुर : छत्तीगढ़ में कोयले की कालिख से बिजली विभाग के अफसरों, माफिया कारोबारी और कुछ नेताओं की बल्ले – बल्ले है। भले ही बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी का दावा कर छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही हो लेकिन सूर्यकान्त तिवारी को उपकृत करने के लिए उसने CSEB की ओर से अपनी नजरे फेर ली है। इस विभाग में कोयले की सप्लाई मोटी कीमतों पर सूर्यकान्त तिवारी एंड कम्पनी कर रही है।
छत्तीसगढ़ में अडानी और कोयला दलालों को फायदा पहुंचाने के लिए जनता को महंगी बिजली क्यों सरकार ? CSEB में फिर बड़े घोटाले का टेंडर, अफसरों की अनोखी शर्ते चर्चा में, घटिया कोयला सप्लाई को लेकर अडानी की कम्पनी पर कार्यवाही और पेनाल्टी वसूली भी हो गई मैनेज.
रायपुर : छत्तीगढ़ में कोयले की कालिख से बिजली विभाग के अफसरों, माफिया कारोबारी और कुछ नेताओं की बल्ले – बल्ले है। भले ही बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी का दावा कर छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही हो लेकिन सूर्यकान्त तिवारी को उपकृत करने के लिए उसने CSEB की ओर से अपनी नजरे फेर ली है। इस विभाग में कोयले की सप्लाई मोटी कीमतों पर सूर्यकान्त तिवारी एंड कम्पनी कर रही है।