ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं

What is DP Means in Stock Market| DP Charges and role
स्टॉक मार्किट में DP का क्या Meaning होता है | DP चार्जेस क्यों और कितना लगता है
DP का full form stock market में क्या होता है
Depositories Participants (DPs)
यह एक तरह की संस्था (Organization ) होती है. जो गवर्नमेंट के अंडर में काम करती है. इसकी ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं देखरेख SEBI यानी कि SECURITY AND EXCHANGE BOARD OF INDIA करता है.
यह आपके द्वारा खरीदी गई सिक्योरिटीज Securities को अपने पास रखता है.
सिक्योरिटीज का मतलब जैसे आपके द्वारा खरीदे गए Stocks, Mutual funds, shares, debentures, mutual funds, derivatives, F&O, and commodities.
कमोडिटी में आपके Curde oil. gold silver, Copper, सोना चांदी, मेंथा, धनिया मिर्चा, अदरक लहसुन, जितनी भी कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है वह सब डीपी चार्जेस के अंतर्गत आती है.
Which is Safe NSDL or CDSL दोनों में कौन सुरक्षित हैं
NSDL AND CDSL यह दोनों संस्थाएं 1 तरीके से आपके लिए online Locker सिस्टम का काम करती हैं जिस तरह से आप अपने सोने को या गोल्ड को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखते हैं यह महसूस करके कि आपका सोना वहां पर सुरक्षित है उसी
तरीके से यहां पर आप अपने शेयर्स , म्यूच्यूअल फंड को सुरक्षित रखने के लिए यहां पर रखा जाता है क्योंकि, पुराने समय में कुछ घटनाएं ऐसी हुई है कि ब्रोकर बिना आपकी इजाजत के आपके द्वारा खरीदे गए shares को बेच देते थे स्क्वायर ऑफ (exit stocks position )
यह घटनाएं उस समय देखने में आई थी जब ऑनलाइन broking सिस्टम का जमाना नहीं था
लोगों को अपने शेयर खरीदने के बाद एक पेपर मिलता था फिर कंपनी की तरफ से पोस्टमैन या डाकिया आपके घर पर एक चिट्ठी ले करके आता था उसके अंदर वह सारे लिफाफे होते थे या ब्रोकर की ट्रेडिंग रिपोर्ट होती थी. यह सारा काम उस जमाने
में ऑफलाइन होता था. आप यह मान सकते थे इसमें धोखाधड़ी की संभावना काफी ज्यादा होती थी लेकिन आजकल ऐसा नहीं है आपके शेयर बेचने से पहले आपके पास ओटीपी आता है और ब्रोकर आपसे एक POA Form भी साइन करवाता है जिसको पावर ऑफ अटॉर्नी बोला जाता है.
फिलहाल अभी काफी हद तक सुरक्षित है भविष्य में क्या होगा इसका अंदाजा अभी नहीं है क्योंकि चीजें तो वक्त के साथ ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं बदलती रहती है.
आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है आपको भी भविष्य के साथ में बदलना जरूरी है.
इसलिए आप ऑनलाइन डिमैट अकाउंट में जो भी प्रक्रिया है उसको पूरा करें और अपने शेयर को डीपी में जरूर रखें.
भारत में दो तरह की डीपी काम कर रही है.
1 NSDL
One is the National Securities Depository Limited (NSDL)
2 CDSL
Central Depository Service (India) Limited (CDSL)
हर एक Depository Participant (DP) को Depository में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है भारत में ट्रेडिंग में काम करने के लिए.
What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है
जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.
जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.
और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल
T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.
जिसमें आपके शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.
यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.
इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.
Which is better CDSL or NSDL?
NSDL और CDSL दोनों में कौन ज्यादा बेहतर बढ़िया है
अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर दो संस्थाएं काम कर रही हैं तो इनमें से अच्छी कौन है.
यह सवाल आना आपके दिमाग में बिल्कुल जरूरी है क्योंकि भारत में यह दोनों संस्थाएं भारत सरकार के नियंत्रण में काम कर रहे हैं तो दोनों ही संस्थाए है अच्छी है अब रही बात आप आपको कौन सा पसंद है यह ब्रोकर डिसाइड करता है कि उसको कौन सी संस्था चाहिए एनएसडीएल या सीडीएसएल इन दोनों में से वह कोई भी चुन लेता है और आप जब भी अपना डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं किसी भी ब्रोकर के अंडर में तब आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स अपने आप उस संस्था के पास चले जाते हैं जो कि आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखता है.ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं
क्या मैं दोनों NSDL और CDSL ले सकता हूं?
आप यह बिल्कुल कर सकते हैं आप अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा डिमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं वहां पर जो भी ब्रोकर जिस संस्था से जुड़ा होगा वह अपने आप आपको उसका लाभ मिल जाएगा मतलब आपको सीडीएसएल या एनएसडीएल दोनों मिल जाएंगे अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा
जैसे अगर मैं उदाहरण के तौर पर बताऊ तो भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर zerodha है और ज़ेरोधा के पास CDSL का अकाउंट है ज़ेरोधा आपके शेयर को सीडीएसएल के पास में रखता है.
वहीं अगर किसी और ब्रोकर जैसे कि एंजल ब्रोकिंग के पास NSDL है और यह आपके शेयर को यहां पर रखता है तब आप अलग-अलग डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं
DP CHARGES OF BROKER
Angel broking DP charges |
भारत में कौन broker सबसे कम डीपी चार्जेस लेता है. देखिए दोनों ही तरह की संस्था है. और दोनों में बहुत ही थोड़ा सा अंतर है.
एक ब्रोकर का जो डीपी चार्जेस होगा वह संस्था के पास जाएगा ना कि ब्रोकर के पास.
वैसे अगर इसका अंदाजा यह लगाए कि आज के समय में जो भी डीपी चार्जेस चल रहे हैं वह लगभग हर एक आर्डर पर कम से कम 35 रुपए के आसपास चल रहे हैं और यह 45 रुपए तक है.
यह चार्जेस हर एक Oder पर अलग-अलग लिए जाते हैं.
जैसे कि इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं
मान लेते हैं आप नेस्ले इंडिया का एक ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं शेयर खरीदते हैं. और उसको hold करते हैं. तब आपको उसका डीपी चार्जेस 35 रुपए तक लग सकता है.
वहीं अगर आप एक बार में अगर 1000 नेस्ले के शेयर्स खरीदते हैं या और किसी कंपनी के भी खरीदते हैं तब भी आपको DP का पैसा 35 रुपए से लेकर 45 रुपए के बीच में ही लगेगा.
यह हर एक आर्डर पर लगता है ना कि आपने कितने शेयर्स खरीदे एक बार में. इस पर
आप एक बार में चाहे हजार शेयर खरीद ले तब भी आपको उतने ही पैसे देने हैं और चाहे आप एक बार में 1 शेयर खरीदे तब भी आपको उतने ही पैसे देने पड़ेंगे चार्जर्स के रूप में.
Is CDSL and NSDL safe क्या यह सुरक्षित है?
कौन सा ब्रोकर सबसे कम डीपी चार्ज लेता है
Which broker charges Less DP
इसका उत्तर मैंने आपको बता दिया चाहे DP CHARGES IN ANGLE BROKING, ZERODHA, UPSTOX,KOTAK SECURTIES, SHAREKHAN, ICICI DIRECT ,5 PAISA, GROWW, IIFL SECURITIES
किसी में भी खरीदने हैं या किसी में भी ट्रेड करते हैं आपको हर जगह एक ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं ही तरह का देना पड़ेगा क्योंकि यह पैसा ब्रोकर के पास में नहीं जाता है ब्रोकर के जरिए इन दोनों संस्थाओं के पास में जाता है
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ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं
क्लियरिंग चार्ज आप अपने ब्रोकर को पे(pay) करते है, क्योकि ब्रोकर क्लीयरिंग एजेंसी को नियुक्त करके आपके ट्रेड सेटल करता है, और उनको कुछ चार्जेस देता है। क्लियरिंग प्रोसेस एक बैक ऑफिस का प्रोसेस होता है, जिसमे ब्रोकर के शेयर बेचने पर पैसे मिलने का सेटलमेंट और शेयर खरीने पर उन शेयर्स की डिलीवरी को एक्सचेंज के क्लीयरिंग मेकेनिस्म के द्वारा सेटल किया जाता है।
क्लियरिंग प्रोसेस में ध्यान रखा जाता है कि ट्रेड्स का सेटलमेंट ब्रोकिंग हाउस और एक्सचेंज के साथ आसानी से हो जाये।
हर ब्रोकर को यह चुनना होता है कि वो अपने ट्रेड्स खुद क्लियर करे या फिर किसी प्रोफेशनल क्लियरिंग मेंबर (PCM) से इस काम को करवाये। इक्विटी डिलीवरी ट्रेड के लिए कोई क्लियरिंग चार्जेस नहीं लगते है क्योंकि हर ब्रोकर को खुद अपने डिलीवरी ट्रेड्स क्लियर करने होते है।
Zerodha में क्लीयरिंग चार्जेस जीरो है:
Zerodha ने मार्च 2019 से सेल्फ-क्लीयरिंग मेंबर बनने का ऑप्शन लिया हुआ है, और हमारे यहाँ हम अपने पूरे ट्रेड्स खुद क्लियर करते है इसलिए क्लाइंट्स को कोई क्लियरिंग चार्जेस नहीं लगते है।
यदि आप किसी ऐसे ब्रोकर के यहाँ से ट्रेड करते है, जहाँ थर्ड पार्टी क्लियरिंग मेंबर ट्रेड्स क्लियर करते है, वहाँ आपको आपके ट्रांसक्शन्स की क्लीयरिंग में चार्जेस लगते है।ये चार्जेस 200₹/- से 2000₹/- प्रति करोड़ तक लग सकते है।
इसे और समझने के लिए, इंट्राडे ट्रेडिंग का एक उदहारण लेते है, जिसमे आप किसी दिन निफ्टी ऑप्शंस को 100₹ (प्रीमियम) पर 10 बार खरीदते और बेचते हैं। इस केस में प्रीमियम का टर्नओवर 15 लाख रुपये है।
यहाँ दूसरे ब्रोकर्स आपको ₹30 से ₹300/- के बीच क्लीयरिंग चार्जेस ले सकते हैं।
पर इसी ट्रेड के लिए Zerodha में क्लीयरिंग चार्ज कुछ भी नहीं है।
नीचे दी गयी टेबल में अलग अलग मार्केट सेगमेंट के लिए क्लीयरिंग चार्जेज की दूसरे ब्रोकर से तुलना की हुयी है :
हर ब्रोकर को क्लीयरिंग चार्जेस एक अलग कॉलम में दिखाना होता है, पर बहुत सारे ब्रोकर इसे कंबाइंड करके दिखाते है, इसलिए आपको दूसरे ब्रोकरों के कॉन्ट्रैक्ट नोट में क्लीयरिंग चार्जेस का कॉलम अलग से नहीं भी मिल सकता है।
शेयर बाजार लुभाता है और खोलना है डीमैट अकाउंट, यहां जानें इसकी एबीसी
इस सप्ताह के पहले दिन भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Exchange) में तेजी का माहौल है। इससे पहले बीते शुक्रवार को भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का संवेदी सूचकांक (Index) एक हजार अंक से भी ज्यादा चढ़ कर बंद हुआ था। हालांकि, इससे पहले शेयर बाजार में उतार और चढ़ाव का दौर चल रहा है। तब भी इस समय कई अच्छे आईपीओ (IPO) आ रहे हैं। हाल ही में सरकारी कंपनी एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आया था, जिसमें रिकार्ड संख्या में आवेदन मिले थे। आवेदकों में ज्यादातर खुदरा निवेशक (Retail Investor) थे। इनमें से ढेरों निवेशकों ने हाल ही में डीमैट (Demat Account) अकाउंट खुलवाया था।
शेयर बाजार लुभाता है और खोलना है डीमैट अकाउंट, यहां जानें इसकी एबीसी
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते (Bank Account) की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। हम कह सकते हैं कि डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
समझदारी से चुनें ब्रोकर
आप ऐसे डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (App or Web based digital broking firms) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है। कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं। ये दोनों फेक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।
बैंक भी देते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा
आपका जिस बैंक में खाता (Bank Account) है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।
पूरी करें कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया
सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Online Customer Onboarding Process) है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।
सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें
आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
अकाउंट डिटेल्स प्राप्त करें
एक बार सत्यापित (After Varification) हो जाने के बाद आपके खाते को आधिकारिक रूप से शेयर ट्रेडिंग (Share Trading) के लिए मंजूरी मिल जाएगी। आपको एक वेलकम किट प्राप्त होगी जिसमें अकाउंट डिटेल्स जैसे कि एक यूनिक आईडी और आपके खाते तक ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं पहुंचने के लिए पासवर्ड होगा। आप शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading) करने के लिए तैयार हैं।
पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें
अंत में, यह आपका पहला ट्रेड करने का वक्त है! चूंकि आप ट्रेडिंग में नए हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप रेफरेंस मटेरियल के माध्यम से जाएं और ट्रेडिंग फंडामेंटल के वेबिनार में भाग लें। जरूरत पड़ने पर आप कई बैंक खातों को ट्रेडिंग खाते से लिंक भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको अपने टाइम-सेंसिटिव ट्रेड्स के लिए तुरंत टॉप-अप में मदद मिलती है। इस नए अकाउंट के साथ, आप निवेश की आदतों विकसित करने और बेहतर आरओआई की यात्रा पर निकले हैं। सुनिश्चित करें कि आप निवेश करते समय अनुशासित रहें और जब तक कि दुनिया लॉकडाउन से वापस आ जाए, अपने निवेश को बढ़ते देखें।
चार्जेस का भी रखें ध्यान
डीमैट अकाउंट खोलना आज की तारीख में काफी आकर्षक काम हो गया है। इसलिए इस क्षेत्र में ढेरों प्लेयर आ गए हैं। शुरूआत में जब डीमैट अकाउंट खुलने शुरू हुए थे तो चार्जेस काफी हाई थे। लेकिन अब कई कंपनियां जीरो फी पर डीमैट अकाउंट खोल रही हैं। ये कंपनियां सिर्फ ट्रेडिंग पर ही थोड़ा सा शुल्क वसूलती है। इस तरह से इनका काम इसी शुल्क से चल जाता है। इसलिए, किसी कंपनी के यहां अकाउंट खुलवाने से पहले इन जार्च की अच्छी तरह से तुलना अवश्य कर लें।
Angel Broking App Review in Hindi 2022
अभी शेअर मार्केट में काफी क्रेज चल रहा हैं हर कोई अलग अलग ब्रोकर के जरिये अपना डिमेट अकांउट निकाल रहा हैं.
हमने पिछले आर्टिकल में Zerodha Company और UPSTOX Discount Broker क्या हैं? इसके बारे में पुरी तरिके से जानकारी ली हैं आज हम देखेंगे ऐसे ही एक ब्रोकर के बारे में जानकारी जिसका नाम है Angel One Broking. तो चलिये जानते हैं ऐंजल ब्रोकिंग क्या हैं, इसमें कौन-कौन से फिचर्स है.
ऐंजल ब्रोकिंग क्या हैं? ( What is Meaning Of Angle One )
यह Financial Services देनेवाली एक भारतीय स्टाॅक ब्रोकिंग कंपनी हैं, इसकी शुरुवात साल 1987 में हुईं थीं और इसका Head Office मुंबई में स्थीत हैं.
जो कि कुछ दिन पहले ही इसका नाम Angle Broking से बदलकर Angle One कर दिया हैं.
इसका ब्रोकरेज बहुत कम है और ब्रोकर शुल्क के साथ साथ यह Tips, Research जैसी सेवायें भी अपने ग्राहकों को देता हैं जो की बाकीयों कि तुलना में इसे अलग करता हैं.
ऐंजल वन का क्या मतलब हैं? ( Angle One Meaning)
Angle One का मतलब होता है One Solution यानी एक मंच जो की हर एक फायनाशियल जरुरतों को पुरा करता हैं. यानी यह स्टाॅक ब्रोकिंग, कमोडिटी सर्विस, डिपोजिटरी सर्विस, म्युचुअल फंड, इन्वेस्टमेंट ऐडवायजरी,लाइफ इंश्योरेंस, आईपीओ, पोर्टफोलियो कि सर्विस देती हैं.
ऐंजल वन के चेयरमैन कौन है ? ( Angel One chairman )
ऐंजल वन मे शुल्क कितना लगता हैं? ( Angel One Charges)
अगर ट्रेडिंग और डिमेट की बात करु तो इसका शुल्क कुछ भी नहीं है यह एकदम मुफ्त हैं. आपको साल के अकाउंट मेटेंनंस के रुप में 450 रुपयें का चार्ज देना पड़ेगा.
इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिये आपको 20 रुपयें प्रती ट्रेंड या 0.25% देना होगा.डिलिवरी के लिये आपसे कोई शुल्क नहीं लेता यह पुरी तरह फ्री हैं.
अगर हम फ्युचर और ऑप्शन कि बात करें तो इन दोनों में आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपये देना पड़ेगा.
अगर हम कमोडिटी कि बात करें तो कमोडिटीज़ में फ्युचर और ऑप्शन में आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपयें ही देना होगा.
करेंसी के लिये भी आपको प्रती ट्रेंड 20 रुपयें ही देना पड़ेगा.
अगर बात करें Angle One Charges कि तो यह काफी कम हैं.
ऐंजल वन में रजिस्टर्ड कैसे करें ? ( Angel One Sign Up )
यह काफी आसान है आप जिस तरह Zerodha और UPSTOX में अकाउंट निकाल ने प्रक्रिया देखी थी वैसे ही इसमे आप Angle One Login कर सकते हैं.
1. इसके लिये सबसे पहले आपको Angle One के पोर्टल पे जाना होगा.
2. सबसे पहले आपको आपका मोबाईल नंबर पुछेगा वह इंटर करने के बाद आपको एक ओटिपी आयेगा वह सबमिट कर देना हैं.
3. इसके बाद आपको आपका आधार नंबर, पॅन कार्ड नंबर ,ई-मेल एड्रेस, बर्थ डेट यह सब पुछेगा वह फिल कर देना हैं.
3. यह सब जानकारी पुरी हो जाने के बाद आपको फाॅर्म को सबमिट कर देना हैं.
3. इसके बाद 24 से लेकर 48 घंटे के भीतर आपके ई-मेल पर आपके Angle One Login Details आपको मिल जायेंगें उसके इस्तमाल से आप Angle One Signup कर सकते हैं और अपना Demat और Trading Account Use कर सकतें हैं.
ऐंजल ब्रोकिंग का शेअर प्राइस ( Angel Broking Share Price )
इस कंपनी का खुदका शेअर ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं भी Stock Exchange में Listed हैं जो जिसकी NSE पर आज प्राइस चल रही हैं लगभग 1228 रुपयें.
अगर आप शेअर मार्केट में beginner हैं तो हमारा यह आर्टिकल जरुर से पढें शेअर मार्केट का गणित क्या होता हैं.
एंजेल ब्रोकिंग [वन] कस्टमर केयर नंबर( Angel One Customer Care)
अगर आपको ऐप या कोई दुसरी मदत चाहिये तो आप उन्हें [email protected] anglebroking.com पर ई-मेल अथवा 080-47480048 नंबर पर काॅल करके मदत ले सकते हैं आपकी Query वो जल्द ही सुलझाने का प्रयास करेंगे.
नहीं तो आप इनकी ऑफिशियल वेबसाईट www. angleone.com पर जाकर Contact Us पर जाकर उन्हें भी उन्हें लिख सकते हैं.
ऐंजल वन एप्लिकेशन रिव्हीव ( Angel One Review)
अगर हम Angle One Application के बारे में बात करें तो इसका इंटरफेस काफी आसान हैं, और जबसे यह ऐंजल ब्रोकिंग से ऐंजल वन बन गया हैं तबसे कंपनी ने इनमें काफी बदलाव कर रहीं हैं ताकि इनके ग्राहकों के लिये आसान हो और इस्तमाल में कोई तकलीफ़ ना आयें.
चलिये देखते हैं इस ऐप कि क्या क्या विषेशता हैं?
इस ऐप में आपको पसंद अनुसार शेअर पर नजर रखने के लिये Watchlist का ऑप्शन दिया गया हैं,
Portfolio में आप अपने खरिदे हुयें शेअर को देख सकते हों.
orders में आप अपने Pending और Executive Orders को देख सकते हों.
Funds में आप फंड को ऐंड और Withdraw कर सकते हों और अपना Balance चेक कर सकते हों.
Research में Angel One Team द्वारा कि गई अलग अलग रिसर्च कि मदत से आप Investment या Trading कर सकते हों ताकी आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो.
ऐंजल वन कॅलक्युलेटर क्या हैं? (Angel One Calculator)
अगर आपको जानना है की अगर आप एक शेअर या अधिक शेअर क्वांटिटी लेते हो और एक प्राइस पे बेच देते हो तो इसमें से आपको किसका कितना कितना चार्ज लगेगा यह सब आप ऐंजल वन कैल्क्युलेटर पर देख सकते हैं वो भी आसानी से.
अगर आप Angle One Calculator ऐसे गुगल पे आप सर्च करेंगे तो आपको यह पेज आसानी से मिल जायेगा यहां पर आप Intraday, Equity, Delivery, Future & Option, Currency, Commodity यह सब आराम से पता लगा सकते हों.
आपने क्या सीखा
ऐंजल वन क्या हैं ? इसका मिनींग क्या हैं, चेरमन कौन हैं, इसमें हम रजिस्टर कैसे करें? इसके ऐप में क्या क्या फिचर्स दिये गये हैं, शेअर प्राइस , कैल्क्युलेटर, चार्जेस यह सब देखा.
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने मित्रों से जरुर साझा करें, और आपके कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें जरुर लिखें.
FAQ
Q: इसकी शुरुवात कब हुई?
Ans: साल 1996
Q: Angle One के सीईओ कौन हैं?
Ans: नारायण गंगाधर
Q: Angle Broking और Angle One में क्या अंतर हैं?
Ans: दरसल दोनों एक ही है, 2021 में Angle Broking का नाम बदलकर Angle One कर दिया हैं.
Q: Angle One Head Office कहा हैं?
Ans: यह मुंबई में स्थित हैं.