दिन व्यापारी रणनीतियाँ

बाजार विभक्तिकरण का महत्व

बाजार विभक्तिकरण का महत्व
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (AMA, 2004) के अनुसार, "विपणन एक संगठनात्मक कार्य एवं प्रक्रियाओं का समूह है, जिनका उपयोग ग्राहकों के लिए उपयोगी उत्पादों के सृजन, संचारण एवं प्रदत्त करने तथा ग्राहक सम्बन्धों के प्रबन्धन में इस प्रकार किया जाता है ताकि संगठन तथा उसके हितधारी (stakeholders) लाभान्वित हो सके।

Marketing Management (विपणन प्रबन्ध) For B.B.A. & M.B.A.

प्रस्तुत पुस्तक ‘विपणन प्रबन्ध’ (Marketing Management) विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे की बी.बी.ए (BBA), एम.बी.ए (MBA) आदि के विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत उपयोगी पुस्तक है। यह पुस्तक संशोधन होने के पश्चात नवीन पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार बाजार विभक्तिकरण का महत्व करी गई है। वर्तमान संस्करण का सृजन विषय-सामग्री, गुड़वत्ता तथा प्रस्तुतीकरण तीनों दृष्टि बाजार विभक्तिकरण का महत्व से अपनी विशेष पहचान चिन्हित्त करने के लिए प्रयासरत है । विद्यार्थियों की सहायता हेतु, पुस्तक की विषय-सामग्री सरल, सुबोध एवं बोधगम्य भाषा में दी गई है एवं उचित स्थान पर आवश्यक बाजार विभक्तिकरण का महत्व आंकड़े, उदहारण, सारिणी,आदि का उपयोग करा गया है। प्रत्येक अध्याय के सिद्धांतों बाजार विभक्तिकरण का महत्व को समझने के लिए एवं स्वयं का आंकलन करने के लिए अध्याय के अंत में विभिन्न विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में पूछे गए दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions), लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions) एवं वस्तुनिष्ठ बाजार विभक्तिकरण का महत्व प्रश्न (Objective Type Questions) दिए गए हैं।

बाजार विभक्तिकरण का महत्व

Principles & Practice of Marketing
  • Previous Product

Principles-Practice-of-Marketing- books

Principles & Practice of Marketing

    • Name of the Textbook: विपणन के सिद्धान्त एवं व्यवहार (Principles & Practice of Marketing)
    • Author(s): Dr. S.C. Jain
    • Publisher: Sahitya Bhawan Publications
    • Language: Hindi
    • Book: New
      (Save with offers)Pay with (Debit/Credit,Paytm,UPI,Gpay,Phonepe) and get 3% refund in 24 hr.

    Services:

    Description

    विपणन के सिद्धान्त एवं व्यवहार Principles & Practice of Marketing Book विषय-सूची

    परिचय (विपणन का स्वभाव एवं क्षेत्र, महत्व, कार्य, विचारधारा, परम्परागत एवं आधुनिक, विक्रय बनाम विपणन)
    विपणन-मिश्रण एवं विपणन-वातावरण
    ई-मार्केटिंग
    पभोक्ता व्यवहार (स्वभाव, क्षेत्र, महत्व एवं प्रभावित करने वाले घटक)
    बाजार विभक्तिकरण (विचारधारा एवं महत्व, बाजार विभक्तिकरण के आधार)
    संवर्द्धन (संवर्द्धन के तरीकेय अनुकूलतम संवर्द्धन सम्मिश्रण)
    वैयक्तिक विक्रय
    वस्तु (वस्तु विचारधारा, उपभोक्ता एवं औद्योगिक वस्तु एवं वस्तु/उत्पादन जीवन-चक्र)
    वस्तु-नियोजन एवं विकास
    पैकेजिंग (भूमिका एवं कार्यय ब्राण्ड नाम एवं ट्रेडमार्क)
    मूल्य (विपणन में मूल्य का महत्व एवं वस्तु के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक, प्रकार तथा निर्धारण मूल्य)
    वितरण-माध्यम (विचारधारा एवं भूमिका, प्रकार तथा चुनाव को प्रभावित करने वाले घटक)
    फुटकर एवं थोक विक्रेता
    वस्तुओं का भौतिक वितरणय स्टाक नियन्त्रण एवं आदेश प्रोसेसिंग
    परिवहन एवं भण्डारण

    बाजार विभक्तिकरण का महत्व

    Principles & Practice of Marketing
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      • Name of the Textbook: विपणन के सिद्धान्त एवं व्यवहार (Principles & Practice of Marketing)
      • Author(s): Dr. S.C. Jain
      • Publisher: Sahitya Bhawan Publications
      • Language: Hindi
      • Book: New
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      विपणन के सिद्धान्त एवं व्यवहार Principles & Practice of Marketing Book विषय-सूची

      परिचय (विपणन का स्वभाव एवं क्षेत्र, महत्व, कार्य, विचारधारा, परम्परागत एवं आधुनिक, विक्रय बनाम विपणन)
      विपणन-मिश्रण एवं विपणन-वातावरण
      ई-मार्केटिंग
      पभोक्ता व्यवहार (स्वभाव, क्षेत्र, महत्व एवं प्रभावित करने वाले घटक)
      बाजार विभक्तिकरण (विचारधारा एवं महत्व, बाजार विभक्तिकरण के आधार)
      संवर्द्धन (संवर्द्धन के तरीकेय अनुकूलतम संवर्द्धन सम्मिश्रण)
      वैयक्तिक विक्रय
      वस्तु (वस्तु विचारधारा, बाजार विभक्तिकरण का महत्व उपभोक्ता एवं औद्योगिक वस्तु एवं वस्तु/उत्पादन जीवन-चक्र)
      वस्तु-नियोजन एवं विकास
      पैकेजिंग (भूमिका एवं कार्यय ब्राण्ड नाम एवं ट्रेडमार्क)
      मूल्य (विपणन में मूल्य का महत्व एवं वस्तु बाजार विभक्तिकरण का महत्व के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक, प्रकार तथा निर्धारण मूल्य)
      वितरण-माध्यम (विचारधारा एवं भूमिका, प्रकार तथा चुनाव को प्रभावित करने वाले घटक)
      फुटकर एवं थोक विक्रेता
      वस्तुओं का भौतिक वितरणय स्टाक नियन्त्रण एवं आदेश प्रोसेसिंग
      परिवहन एवं भण्डारण

      Vipanan (विपणन) meaning in hindi

      Vipanan meaning in hindi
      Vipanan meaning in hindi

      Vipanan meaning in hindi को बाजार विभक्तिकरण का महत्व अनेक तरीकों से परिभाषित किया गया है। कुछ ने इसे एक ऐसी मानवीय के रूप में परिभाषित किया है जिसका उद्देश्य मूल्य के बदले उत्पादों के विनिमय से ग्राहकों क सन्तुष्ट करना है।

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