क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं

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Jaya Bachchan ने शादी और बच्चों के लिए बनाई थी फिल्मों से दूरी! दिग्गज एक्ट्रेस ने शेयर की मन की बात
डीएनए हिंदी: हिंदी सिनेमा की दिग्गज एक्ट्रेस जया बच्चन (Jaya Bachchan) आए दिन सुर्खियों में छाई रहती हैं. वो अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर नहीं बल्कि पर्सनल लाइफ को लेकर इस बार चर्चा में बनी हुई हैं. एक्ट्रेस अपनी नातिन नव्या नवेली नंदा (Navya Naveli Nanda) के पॉडकास्ट व्हाट द हेल नव्या (What The Hell Navya) पर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खुलकर बात करती आई हैं. हाल ही में फिनाले एपिसोड में एक्ट्रेस ने अपनी पर्सनल लाइफ के लिए प्रोफेशनल लाइफ से ब्रेक लेने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने पर्सनल लाइफ के लिए अपने करियर का बिल्कुल भी बलिदान नहीं दिया है.
जया बच्चन ने साल 1971 में फिल्म गुड्डी के साथ फिल्मों में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने मिली, अभिमान और चुपके चुपके जैसी कई हिट फिल्में दीं. 1981 में आई सिलसिला में अपने ब्लॉकबस्टर प्रदर्शन के बाद, सफल एक्ट्रेस ने अपने निजी जीवन पर ध्यान देने के लिए एक ब्रेक लिया. इसी ब्रेक के बारे में बोलते हुए, जया बच्चन ने कहा, मुझे याद है जब मैंने काम करना बंद कर दिया था और सभी ने कहा था, ओह, उसने अपनी शादी और बच्चों के लिए अपना करियर का बलिदान कर दिया. ऐसा क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं नहीं था. मैं एक मां और पत्नी बनकर बहुत खुश थी. मुझे जो करने को मिल रहा था, उससे कहीं ज्यादा मुझे उस भूमिका में मजा आया, जो उसी चीज का रिपीट था. ये बिल्कुल भी बलिदान नहीं था.
क्या होती है टीथ स्केलिंग (Teeth Scaling)? दांतों के लिए क्यों है जरूरी
दांतों की स्केलिंग (teeth scaling) आमतौर पर रूट प्लानिंग के साथ ही की जाती है। सरल शब्दों में इसे दांतों की सफाई के रूप में भी जाना जाता है। इसमें दांतों की समस्याओं जैसे- दांत की मैल (tartar), प्लाक (बैक्टीरिया से बनने वाली हल्के पीले रंग की परत) और दाग-धब्बे (stains) का इलाज किया जाता है। टीथ स्केलिंग और रूट प्लानिंग से पुरानी पीरियोडॉन्टल बीमारी (मसूड़ों की बीमारी) के इलाज में मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल में कि टीथ स्केलिंग के बारे में। यह कैसे होती है? इसके क्या फायदे हैं?
टीथ स्केलिंग (Teeth Scaling) क्यों जरूरी है?
यह प्रक्रिया आपके मुंह को क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं हेल्दी रखती है। अगर आपके मुंह में गंभीर पीरियोडॉन्टल बीमारी के लक्षण हैं, तो डेंटिस्ट दांतों की स्केलिंग और रूट प्लानिंग की सलाह देते हैं। यूं तो हम अपने दांत ब्रश से साफ करते हैं पर टूथब्रश से दांत के हर कोने की सफाई नहीं हो पाती है। स्केलिंग की मदद से दांतों के चारों तरफ जमी हुई सख्त गंदगी को हटाया जाता है क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं और यदि यह गंदगी समय के साथ साफ न की जाए, तो दांतों की अन्य बीमारियां हो ने की आशंका बढ़ जाती है।
दांतों में जमी जिद्दी गंदगी को बाहर निकालने का ‘स्केलिंग’ एक टेक्निकल और साइंटिफिक जरिया है। दांतों की स्केलिंग के लिए दो विधियां अपनाई जाती हैं। एक विधि में डॉक्टर हाथ से उपकरण के द्वारा प्लाक को साफ करता है, दूसरी विधि में डेंटिस्ट एक अल्ट्रासोनिक उपकरण (ultrasonic) के द्वारा दांतों की सफाई करता है। यह एकदम दर्दरहित प्रक्रिया है।
टीथ स्केलिंग (Teeth Scaling) के फायदे
टीथ स्केलिंग से डेंटिस्ट आपके मुंह की अच्छे से जांच कर पाता है क्योंकि ज्यादातर शारीरिक बीमारियों के लक्षण मुंह में दिखाई देते हैं, इसीलिए उन बीमारियों को समय से पहले पता लगाने का मौका भी मिलता है। टीथ स्केलिंग से क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं दांतों और मसूड़ों के बीच गैप भी कम किया जा सकता है। मसूड़े में सूजन और मसूड़ों की बीमारी इंसान के दिल तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी (cardiovascular) हेल्थ पर सीधा प्रभाव डालती है। टीथ स्केलिंग की सहायता से दांतों के मैल को हटाकर स्ट्रोक (stroke), हाई बीपी High blood pressure), हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
हां, अगर कोई व्यक्ति काफी समय से सांस की बदबू (जिसे हैलिटोसिस के नाम से जानते है) या मुंह की दुर्गंध से पीड़ित हैं, तो इससे निजात क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं पाने के लिए भी डेंटल स्केलिंग (dental scaling) प्रभावी है। इस हिसाब से ओरल हाइजीन को मेंटेन करके कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं (health problems) के होने की संभावना कम की जा सकती है।
टीथ स्केलिंग (Teeth Scaling) के बाद सावधानियां
टीथ स्केलिंग, रूट प्लानिंग (root planning) के बाद हो सकता है। आप हल्का-सा दर्द मुंह के आसपास महसूस कर सकते हैं। कुछ लोगों में प्रक्रिया के कुछ दिनों बाद तक सूजन या ब्लीडिंग भी देखने को मिलती है, जिसको कम करने के लिए डेंटिस्ट मेडिकेटेड टूथपेस्ट (medicated toothpaste) और माउथवॉश (mouthwash) का उपयोग करने की सलाह देते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि डेंटल स्केलिंग (dental scaling) के बाद दांतों की सफाई के लिए आप डॉक्टर द्वारा बताई गई प्रक्रियाओं का उपयोग करें।
दांतों को बिमारियों से दूर रखने के लिए ओरल केयर (oral care) करना बहुत जरूरी है। इससे सिर्फ दांतों की नहीं बल्कि पूरे स्वास्थ को सही रखा जा सकता है। ओरल हाइजीन को मेंटेन करके दिल की कई तरह की बिमारियों से निपटा जा सकता है। दांतों के स्वास्थ्य के लिए नीचे बताई गई ये टिप्स फॉलो करें-
क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं
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कहीं आप भी तो नहीं खरीद रहे नकली अंडे, जानिए किस तरह की जाती है असली और Fake Eggs की पहचान
How To Identify Real Eggs: इस तरह नकली अंडे खरीदने से बच सकेंगे आप.
Real Vs Fake Eggs: अंडों को सुपरफूड की कैटेगरी में रखा गया है क्योंकि ये सेहत से भरपूर होते हैं. अंडे में एक नहीं बल्कि कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इनमें ओमेगा -3 की मात्रा अधिक होती है और विटामिन ए और ई से भी ये भरपूर हैं. अंडे के ये सभी पोषक तत्व आपको तभी मिलते हैं जब आप सही अंडे का चुनाव करते हैं. देश के बहुत से शहरों में नकली अंडों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. इन अंडों की चमक के आगे आप भी चकरा सकते हैं कि आखिर असली अंडा कौन सा है और नकली कौन सा. यहां जानिए असली और नकली अंडे पहचानने के तरीके.
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अंडे को हिला कर देखें
आप अंडा खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसे चेक करने के लिए अपने हाथों में उठाकर अंडे को हिलाएं. नकली अंडे को हिलाने से उसके अंदर से आवाज आ सकती है जबकि अंडा अगर असली है तो किसी तरह की आवाज नहीं आएगी.
चमक से क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं न करें पहचान
नकली अंडों में असली अंडे के मुकाबले अधिक चमक (Shine) होती है क्योंकि उन्हें ऐसा ही बनाया जाता है. ऐसे में आप अंडे खरीदते वक्त चमक के आधार पर चयन बिल्कुल भी न करें.
आग से हो सकती है पहचान
नकली अंडे में प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आप आग के जरिए भी अंडे की पहचान कर सकते हैं. अंडे को आग के पास ले जाएं. अगर अंडे से प्लास्टिक (Plastic) के जलने जैसी बदबू आने लगे या अंडा आग पकड़ ले तो समझें कि अंडा नकली है. अगर ऐसा कुछ नहीं होता तो आप अंडा खरीद सकते हैं.
Mobile Tips: अगर पानी में गिर गया है स्मार्टफोन तो तुरंत करें ये काम, बच सकता है खराब होने से
Mobile Tips and Tricks: आजकल मोबाइल की मदद से घर बैठे-बैठे ही ज्यादातर काम आसानी से हो जाते हैं। बिजली का बिल भरना हो, किसी को पेमेंट करनी हो, बैंक खाता खुलवाना हो, गेम खेलना हो, ऑनलाइन क्लास लेनी हो आदि। ऐसे ही कई काम मोबाइल के जरिए हो जाते हैं। क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं वहीं, मार्केट में नई-नई तकनीक के मोबाइल फोन आते रहते हैं, जिनमें कई फीचर्स के साथ क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं वॉटरप्रूफ और वॉटर रेसिस्टेंट जैसी चीजें होती हैं। लेकिन ऐसा सभी मोबाइल में नहीं होता है। इसलिए अगर कभी किसी का मोबाइल गलती से पानी में गिर जाए या बारिश में भीग जाए, तो लोगों का परेशान होना लाजमी है। इसलिए आज जानेंगे कि जब मोबाइल फोन पानी में गिर जाए, तो ऐसा क्या करना चाहिए जिससे वो खराब होने से बच सके। तो चलिए जानते हैं इस बारे में। आप अगली स्लाइड्स में इसके बारे में जान सकते हैं.