कॉमर्स संदर्भ

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(डॉ. भरत झुनझुनवाला) (साभार दैनिक जागरण ) देश भर में किसान इस समय परेशान हैं। दूध एवं दूध आधारित उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि हुई है जबकि खपत स्थिर बनी हुई है। इससे बाजार में दूध के दाम गिर रहे हैं और किसान त्रहिमाम कर रहे हैं।.
02 Aug राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति
राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति संदर्भ • सरकार ई-कॉमर्स को नियंत्रित और व्यवस्थित बनाने के लिए राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति लाने जा रही है। • हाल ही मे नीति का मसौदा जारी किया गया, जिसमें ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए एक रेग्युलेटर बनाने का प्रस्ताव है जो इससे जुड़ी कंपनियों के कारोबार.
02 Aug एनआरसी का अंतिम परिणाम जारी
एनआरसी का अंतिम परिणाम जारी संदर्भ • असम में वैध नागरिकों पहचान के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का अंतिम ड्राफ्ट सोमवार को प्रकाशित कर दिया है, एनआरसी द्वारा प्रकाशित ड्राफ्ट के मुताबिक 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 वक्ति को वैध नागरिक माना गया.
01 Aug क्या होता है ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन?
क्या होता है ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन? (हरिकिशन शर्मा) ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन’ (जीएफसीएफ) यानी ‘सकल स्थायी पूंजी निर्माण’ सरकारी और निजी क्षेत्र के फिक्स्ड असेट पर किए जाने वाले शुद्ध पूंजी व्यय का एक आकलन है। फिक्स्ड असेट्स का आशय ऐसी मूर्त/अमूर्त परिसंपत्तियों से है, जिन्हें.
01 Aug ब्रिक्स देश : ट्रेड वार पर दिखी एकजुटता
ब्रिक्स देश : ट्रेड वार पर दिखी एकजुटता (जयंतीलाल भंडारी) हाल ही में 25 से 27 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में आयोजित दसवें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन की ओर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई थीं। इस सम्मेलन का.
31 Jul The State of The Economy
Prabhat Patnaik July 23, 2018 Newspaper headlines over the last few days have highlighted three facts which point to the current abysmal state of the Indian economy. The first relates कॉमर्स संदर्भ to inflation, where the June 2018 wholesale price index was 5.77 percent above that of June.
31 Jul देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े कुछ तथ्य
अगर भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे-असम, अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा,मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और बिहार को मिलाकर एक देश मान लिया जाए, तो यह विश्व में बॉक्साइट का पाँचवा, लौह-अयस्क का चैथा और कोयले का सातवाँ सबसे बड़ा उत्पादक कहा.
30 Jul Micro Economics Theories of Consumer Behavior
Micro Economics Theories of Consumer Behavior 1 Marginal Utility Analysis Marshall 1890 2 Indifference Curve Theory Hicks and Allen 1934 3 Revealed Preference Theory Samuelson 1938 4 Neumann – Morgenstern Approach Neumann & Morgenstern 1944 5 Friedman – Savage Hypothesis Friedman and Savage 1948 Market 6 Cournot Duopoly Model Cournot 1838 7 Edgeworth Oligopoly.
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जीएसटी और ई-कॉमर्स पर बड़ी चर्चा के साथ आयोजित होने वाला राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन
वस्तुओं और सेवा कर (जीएसटी) के भीतर की विसंगतियों, विदेशी ई-कॉमर्स दिग्गजों की मनमानी और दमनकारी व्यावसायिक प्रथाओं के खिलाफ एक अभियान होगा। इसके लिए प्रयागराज में सोमवार से सोमवार तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। नागपुर में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आयोजित सम्मेलन में ई-कॉमर्स और जीएसटी पर कॉमर्स संदर्भ मंथन होगा। इसमें देश के सभी राज्यों के 2 सौ प्रमुख व्यापारी नेता शामिल होंगे। इस सम्मेलन के बाद संगठन द्वारा एक राष्ट्रीय अभियान भी चलाया जाएगा। यह बड़ी चर्चा है कि ई-कॉमर्स के साथ जीएसटी को कुछ प्रतिशत घटाकर या अलग-अलग प्रतिशत मानदंडों में रखा जाए। ई-कॉमर्स के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ प्रदान करने के संदर्भ में।
ई-कॉमर्स कंपनियों पर अंकुश लगाने की तैयारी
संगठन का कहना है कि यह ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नहीं है। हालांकि, ज़ाहिर है, मूल्य से कम कीमत पर सामान बेचना, अधिक छूट देना, केवल आपके पोर्टल पर ब्रांड बेचना, इस बात का ज्ञान छिपाना कि कौन से देश उत्पाद बेच रहे हैं, व्यापार मूल्यों के विपरीत है। संगठन देश के कानून का पालन करने या उन्हें अपने मूल देश की यात्रा करने के लिए मजबूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
व्यापारियों के लिए जीएसटी वास्तव में एक जटिल प्रणाली बन गई है: CAT प्रदेश अध्यक्ष
CAT के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि जीएसटी यह है कि करों के रूप में सबसे अच्छा कराधान प्रणाली कम है। हालांकि, वर्तमान परिदृश्य में व्यापारियों के लिए जीएसटी वास्तव में एक जटिल प्रणाली बन गई है। किसी भी कानूनी व्यवस्था में ऐसा नहीं था। इस कानून के लागू होने के चार साल बाद भी, जीएसटी पोर्टल को स्थिर नहीं किया जा सका। व्यापारियों के सिर पर सब कुछ डालना एक फैशन बन गया है। सम्मेलन के भीतर जीएसटी विसंगतियों पर एक महत्वपूर्ण बहस होगी। जीएसटी के सरलीकरण पर मंथन होगा, फिर सरकार को अवगत कराया जाएगा।
भारत, अमेरिका ई-कॉमर्स आपूर्ति पर डिजिटल कर लगाने को लेकर संक्रमणकालीन रुख को सहमत
नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) भारत और अमेरिका ने ई-कॉमर्स आपूर्ति पर एक अप्रैल 2022 से डिजिटल कर लगाने को लेकर संक्रमणकालीन रवैये पर सहमति जताई है। गत आठ अक्टूबर को भारत समेत 136 देशों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर उनके परिचालन वाले देशों में कर देने संबंधी प्रारूप पर सहमति जताई थी। इसे अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में एक बड़े सुधार के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि इस समझौते में प्रावधान है कि देशों को सभी तरह के डिजिटल कर हटाने होंगे और भविष्य में ऐसा कोई कर नहीं लगाने की प्रतिबद्धता भी जतानी होगी। इस संदर्भ में भारत और
गत आठ अक्टूबर को भारत समेत 136 देशों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर उनके परिचालन वाले देशों में कर देने संबंधी प्रारूप पर सहमति जताई थी। इसे अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में एक बड़े सुधार के तौर पर देखा जा रहा है।
हालांकि इस समझौते में प्रावधान है कि देशों को सभी तरह के डिजिटल कर हटाने होंगे और भविष्य में ऐसा कोई कर नहीं लगाने की प्रतिबद्धता भी जतानी होगी।
इस संदर्भ में भारत और अमेरिका ने संक्रमणकाल में दो फीसदी की दर से डिजिटल कर लगाने पर सहमित जताई है। सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक यह दर एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2024 तक के संक्रमणकाल में प्रभावी रहेगी।
ई-कॉमर्स कंपनियों की आपूर्ति कॉमर्स संदर्भ पर यह कर लागू होगा। इस समझौते की शर्तों को एक फरवरी 2022 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
अमेरिका ने भारत पर लगाया 'अनुचित' व्यापार दस्तूर अपनाने का आरोप
भारत दौरे पर आए अमेरिकी कॉमर्स कॉमर्स संदर्भ सेक्रेटरी विलबर रॉस ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि भारत 'अनुचित' कॉमर्स संदर्भ व्यापार नीति अपना रहा है और उसे भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मार्ग में आ रही बाधाओं को कम करना चाहिए.
दिनेश अग्रहरि
- नई दिल्ली,
- 08 मई 2019,
- (अपडेटेड 08 मई 2019, 11:01 AM IST)
भारत दौरे पर आए अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि भारत 'अनुचित' व्यापार नीति अपना रहा है और उसे भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मार्ग में आ रही बाधाओं को कम करना चाहिए. रॉस ने यह उम्मीद जताई कि नई सरकार इन मसलों का समाधान करेगी.
अमेरिका चाहता है कि यहां काम कर रही उसकी कंपनियों के लिये भारत व्यापार करने और आंकड़ों के स्थानीय रूप से रखे जाने के संदर्भ में बाधाओं को कम करे. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री (कॉमर्स सेक्रेटरी) विलबर रॉस ने कहा, 'हम चाहते हैं कि यहां काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के लिये बाधाओं को दूर किया जाए. इसमें आंकड़ों को स्थानीय रूप से रखे जाने की पाबंदी का मुद्दा भी शामिल हैं. इससे वास्तव में आंकड़ों की सुरक्षा कमजोर होती है तथा कारोबार की लागत बढ़ती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रॉस ने ट्रेड विंड फोरम और ट्रेड मिशन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
ऊंचे आयात शुल्क का आरोप
रॉस 100 अमेरिकी बिजनेस डेलीगेट के साथ यहां आये हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम इनमें से कुछ बाधाओं को दूर करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं. नई सरकार के संभवत: जून में आने के बाद मामले के समाधान की उम्मीद है. रॉस ने यह आरोप लगाया कि भारत वाहन, मोटरसाइकिल और कृषि उत्पाद जैसे सामानों पर ऊंची दर से आयात शुल्क लगाता है.
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि व्यापार संबंध निष्पक्षता और परस्पर हितों पर आधारित होना चाहिए. लेकिन फिलहाल अमेरिकी कंपनियों को भारत में कई बाजार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसमें शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं शामिल हैं. साथ ही कई ऐसी गतिविधियां और नियमन हैं जो विदेशी कंपनियों के लिये नुकसानदायक हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत में औसत शुल्क दर 13.8 प्रतिशत है और यह दुनिया की किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक है. उदाहरण के लिये वाहनों पर 60 प्रतिशत शुल्क है, जबकि अमेरिका में यह 2.5 प्रतिशत है. मोटरसाइकिल पर 50 प्रतिशत तथा अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों पर 150 प्रतिशत कॉमर्स संदर्भ शुल्क है.'
अमेरिकी मंत्री ने कहा कि भारत कृषि उत्पादों पर औसतन 113.5 प्रतिशत की दर से तथा कुछ उत्पादों पर 300 प्रतिशत शुल्क लगा रहा है जो काफी ऊंचा है.
अमेरिकी आरोप को गलत बता रहे एक्सपर्ट
हालांकि, भारत के व्यापार विशेषज्ञ अमेरिका की बात को काटते हैं. उनका कहना है कि भारत ऊंचा शुल्क नहीं लगाता है और उसके पास कृषि जैसे विशेष क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिये सभी अधिकार है. रॉस ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं तथा हमारे निजी क्षेत्र के भागीदार बाजार में प्रवेश के मसले को अमेरिका-भारत वाणिज्यिक वार्ता तथा अमेरिका-भारत सीईओ मंच के जरिये समाधान करेंगे. अमेरिकी कंपनियों के समक्ष बड़ी बाधाओं में चिकित्सा उपकरणों पर मूल्य नियंत्रण तथा प्रतिबंधात्मक शुल्क तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार उत्पादों की जांच शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि राउटर, स्विच तथा सेल्यूलर फोन के कल-पुर्जो पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत है. रॉस ने कहा कि दूसरी तरफ अमेरिका द्वारा भारत से आयातित इन उत्पादों पर शुल्क शून्य है. उन्होंने उम्मीद जताई कि नई सरकार इन मामलों पर गौर करेगी. कार्यक्रम में भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि मंत्री रॉस ने मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बैठक के दौरान उन्होंने इन मुद्दों को उठाया.