शेयर बाज़ार के प्रकार

Shares Meaning in Hindi – शेयर बाज़ार में शेयर्स का मतलब
शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी या अंश।
आप जब किसी भी कंपनी में निवेश करते है तो आप आंशिक रूप से उस कंपनी के हिस्सेदर बन जाते है।
आपके पास कंपनी के जितने अधिक शेयर्स होंगे आपकी हिस्सेदारी उस कंपनी में उतनी ही अधिक होगी।
किसी भी कंपनी के शेयर्स जब आप खरीदते है तो आप उस कंपनी के शेयर होल्डर्स बन जाते है।
आप शेयर्स को खरीद कर Share Market में listed किस भी कंपनी के शेयर बाज़ार के प्रकार शेयर बाज़ार के प्रकार मालिक बन सकते है।
शेयर्स से हमारा तात्पर्य कंपनी की कुल पूंजी का हिस्सा जिसे छोटे-छोटे हिस्सों में बराबर बाँट दिया जाता है।
उदहारण के लिए ABC नाम की कोई कंपनी शेयर बाज़ार के प्रकार है, जिसकी कुल पूंजी 15 करोड़ है।
तो अगर उस पूंजी के एक सामान छोटे छोटे हिस्से कर दिए जाएँ तो उस पूंजी के 15 लाख हिस्से हो जायेंगे और एक हिस्से की value होगी 150/- होगा।
यह एक हिस्सा एक छोटी पूंजी होती है जिसे 1 शेयर कहा जाता है।
Types Of Shares – शेयर्स कितने प्रकार के होते है?
भारत में मुख्यत शेयर्स तीन प्रकार के होते है।
- ✔️Equity Shares
- ✔️Preference Shares
- ✔️DVR (Differential Voting Rights) Shares
What is Equity Share – इक्विटी शेयर्स क्या होते हैं ?
- ✔️Equity Share को साधारण और आम शेयर्स भी बोला जाता है।
- ✔️शेयरधारकों को कंपनी में हिस्सेदारी या भागीदारी के साथ साथ मतदान(वोटिंग) का भी अधिकार मिलता है।
- ✔️आमतोर पर शेयरधारकों एक शेयर पर एक मतदान का अधिकार मिलता है।
- ✔️कंपनी के बड़े बड़े फैसले जैसे विलय, अधिग्रहण और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स आदि पर मतदान का अधिकार मिलता है
- ✔️Equity शेयर्स पर कोई नियमित और तय लाभांश नहीं मिलता है।
- ✔️अगर कोई कंपनी आम शेयर्स पर लाभांश दे रही है तो कोई तय नहीं है की आगे भी लाभांश देगी।
- ✔️Boards of directors ही तय करते है की Equity Share पर लाभांश देना है या नहीं।
Ordinary शेयर्स में capital appreciation लाभ का मुख्य स्रोत होता है। क्युकि ordinary शेयर्स पर लाभांश मिलेगे या नहीं यह निश्चित नहीं होता है।
What is Preference Share – प्रेफेरेंस शेयर्स क्या होते हैं ?
- ✔️Preference Shares यानि जिन शेयर्स को प्राथमिकता दी जाती है।
- ✔️PREFERENCE का अर्थ है प्राथमिकता। PREFERENCE शेयर में लाभांश पहले से ही तय होता।
- ✔️Preference शेयरधारकों को हर साल कितना लाभांश दिया जायेगा यह पहले से ही तय होता है।
- ✔️अगर कंपनी किस कारण वश बंद हो जाती है या दिवालिया घोषित हो जाती है तो Preference शेयरधारकों को ordinary शेयर धारकों से पहले पैसे वापस दिया जाते है।
- ✔️यानि Preference शेयरधारकों को प्राथमिकता दी जाती है।
- ✔️Preference Shares में मतदान का अधिकार नहीं दिया जाता है।
- ✔️Preference Shares में निवेश करने की एक तय राशी होती है जोकि 10 लाख तय की गयी है।
- ✔️आमतोर पर Preference Shares private प्लेसमेंट के द्वारा प्रस्तावित किये जाते है।
- ✔️Preference Shares में liquidity यानि तरलता भी कम होती है।
DVR (Differential Voting rights) Share क्या होते हैं ?
DVR (Differential Voting rights) Shares में निवेशकों को Differential Voting rights यानि अंतर मताधिकार मिलते है।
DVR में ordinary शेयर के मुकाबले कम या जयादा मताधिकार मिलते है।
लेकिन भारत में DVR शेयर पर ordinary शेयर्स से अधिक मताधिकार का अनुमति नहीं है।
इसलिए DVR शेयर्स को ordinary शेयर्स से कम मताधिकार मिलते है।
उदाहरण के लिए अगर आप किसी कंपनी के 10 DVR शेयर्स को खरीदोगे तो आपको एक शेयर के मतदान का अधिकार मिलेगा।
कई कंपनिया कम वोटिंग राईट को पूरा करने के लिए DVR शेयर्स पर ordindary शेयर्स से अधिक लाभांश देती है।
जैसे ABC कंपनी अपने DVR शेयर्स पर ordinary शेयर्स से 5% अधिक लाभांश देता है।
DVR शेयर्स भी stock exchange पर सूचीबद्ध और आम शेयर्स की तरह ही trade होते है।
वोटिंग राइट्स कम होने के कारण DVR शेयर्स का मूल्य आम शेयर्स की तुलना में कम होता है
अमेरिका में DVR शेयर्स और आम शेयर्स के मूल्य के बीच लगभग 10%-15% का अंतर रहता है, वही भारत में यह अंतर काफी ज्यादा है।
Preference Shares (प्रेफेरेंस शेयर्स) भी कई प्रकार के होते है। जैसे:
1). लाभांश के आधार पर – On Dividend Basis
- Cumulative Preference Share / संचयी वरीयता शेयर
- non-Cumulative Preference Share / गैर-संचयी वरीयता शेयर
2). मुनाफे में भागीदारी के आधार पर – On Profit Basis
- Participating Preference Shares / भाग लेने वाले वरीयता शेयर
- Non-Participating Preference Shares / गैर-भाग लेने वाले वरीयता शेयर
3). मोचन के आधार पर – On redemption basis
- Redeemable Preference Shares / प्रतिदेय वरीयता शेयर
- Irredeemable Preference Shares / अप्रतिदेय वरीयता शेयर
4). रूपांतरण के आधार पर – On Conversion Basis
- Convertible Preference Shares/ परिवर्तनीय वरीयता शेयर
- Non-Convertible Preference Shares / गैर-परिवर्तनीय वरीयता शेयर
Benefits of Share Investments – शेयर में निवेश के लाभ
शेयर से निवेश करने से कई तरह के लाभ हो सकते हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार है :
1). Profit of Dividend – डिविडेंड का लाभ
जब कोई कंपनी अपना मुनाफा या लाभ अपने शेयरधारकों के साथ पैसों के रूप में share करती है, उसे dividend कहते हैं।
यह लाभांश शेयर की face value पर दिया जाता है।
लाभांश tax free income होती है।
अगर किसी कंपनी को भविष्य में लाभ होता है तो कंपनी उस लाभ का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को लाभांश के रूप में देती है।
लाभांश प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में दिया जाता है।
इसका लाभ हर एक निवेशक को उसके द्वारा निवेश किये गए पैसों के अनुपात में दिया जाता है।
2). Capital Appreciation – पूंजी विकास
जिस मूल्य पर अपने शेयर को खरीदा है और यदि आप उसे उससे अधिक दाम या मूल्य पर बेचते है तो उसे पूंजी विकास या capital Growth कहते है।
जैसे किसी निवेशक ने 2015 में XYZ कंपनी के 20 शेयर्स 211000 में जिनकी कीमत 5 साल बाद 1235000 हो गए या जो शेयर्स की कीमत बाद है उसे capital appreciation कहते है।
3). Profit Of Bonus – बोनस का लाभ
जब कंपनी अपना मुनाफा या लाभ अपने निवेशकों को शेयर्स के रूप में प्रदान करती है तो उसे बोनस कहते है।
4). TAX BENEFITS यानि टैक्स में छूट
शेयर्स में पैसे निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ ये है की निवेश करने के एक साल बाद आपको जो भी मुनाफा या लाभ होता है वह टैक्स फ्री हो जाता है। आपको एक भी पैसा income टैक्स को नहीं देना होता है।
5). COMPOUND INTEREST यानि चक्रवृद्धि ब्याज
कंपाउंड इंटरेस्ट एक बहुत भी बड़ा फायदा है तोह काफी लोगों नहीं पता होता है। कोई कंपनी अगर आपको लगातार 3 साल तक 30% लाभ दे रही है तो उस लाभ पर आपको कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता है। यानि 3 साल में आपके पैसे दुगुना हो जायेंगे।
6). VOTING RIGHTS यानि मतदान का अधिकार या मताधिकार
आप जब किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीदते है तो आपकी उस कंपनी में हिस्सदारी बन जाती है और आपको उस कंपनी में मतदान का अधिकार मिल जाता है।
जब भी कंपनी अपनी management में कोई बदलाव करने के लिए voting होती है तो आप वह पर अपना मत दे सकते है।
7). Security Loans यानि सुरक्षा ऋण
आप अपने शेयर्स को बैंक में गिरवी रख सकते है और इसके बदले बैंक आपको ऋण देती है। बैंक कितना प्रतिशत ऋण देगी ये बैंक को ही बता सकती है।
8). Share value Appreciation – शेयर वैल्यू बढने से
अगर शेयर्स के मूल्य में वृद्धि हो रही है तो इसका मतलब ये हुआ को कंपनी मुनाफा या लाभ हो रहा है। तो आप इन शेयर्स को शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज में बेच कर लाभ ले सकते है।
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निष्कर्ष – Conclusion
मैंने इस पोस्ट के द्वारा share meaning in hindi समझाने की पूरी कोशिश करी है, यदि आपको कोई पॉइंट समझ में ना आया हो तो आप मुझसे कमेंट करके पूछ सकते हैं
मैं आपको और विस्तार में समझाने की कोशिश करुँगी
कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?
Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।
Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। शेयर बाज़ार के प्रकार यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Trading और Investment में क्या अंतर है?
- Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
- Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
- Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
- Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
- Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
आपने क्या जाना
जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
Multibagger Stock : 1 रुपये के शेयर का कमाल! 4 साल में 1 लाख बना दिए 65 लाख, अब दी स्टॉक स्प्लिट की सौगात
Sanmit Infra ने अपने शेयरहोल्डर्स को स्टॉक स्प्लिट की सौगात दी है। इसके तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले एक शेयर के बदले में निवेशकों को 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 10 शेयर दे दिए गए हैं
सनमीत इन्फ्रा (Sanmit Infra shares) के शेयर बीते एक साल में 213 फीसदी के दमदार रिटर्न के साथ अपने शेयरहोल्डर्स के लिए मल्टीबैगर साबित हुए हैं
- bse live
- nse live
Multibagger Stock : सनमीत इन्फ्रा (Sanmit Infra shares) के शेयर बीते एक साल में 213 फीसदी के दमदार रिटर्न के साथ अपने शेयरहोल्डर्स के लिए मल्टीबैगर साबित हुए हैं। पिछले 5 साल की बात करें तो यह शेयर 5,350 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। हाल में, Sanmit Infra ने अपने शेयरहोल्डर्स को स्टॉक स्प्लिट की सौगात दी है। इसके तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले एक शेयर के बदले में निवेशकों को 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 10 शेयर दे दिए गए हैं। हालांकि, 17 नवंबर 2022 को 85.70 रुपये का आल टाइम हाई छूने के बाद शेयर में प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिली। सोमवार को बीएसई पर शेयर मामूली तेजी के साथ 71.40 रुपये पर बंद हुए।
4 साल पहले 1.31 रुपये का था शेयर
Sanmit Infra का शेयर लगभग 4 साल पहले 21 दिसंबर, 2018 को 1.31 रुपये के स्तर पर था। इस प्रकार, उस समय किसी निवेशक ने इस पेट्रोकेमिकल शेयर में 1 लाख रुपये लगाए होते तो यह रकम बढ़कर 65 लाख रुपये हो गई होती। हालांकि शेयर में अभी भी तेजी जारी है। पिछले एक महीने में शेयर 35 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। पिछले छह महीने में शेयर 40.90 रुपये से बढ़कर 73.70 रुपये का हो चुका है। इस प्रकार छह महीने में शेयर ने 80 फीसदी रिटर्न दिया है।
बाजार में किया जा रहा नकली अदरक का व्यापार, जानिये असली और नकली अदरक में फर्क
नई दिल्ली | अदरक के बिना चाय अधूरी होती है. यदि चाय में अदरक न डाली जाए, तो चाय का स्वाद ही बिगड़ जाता है. अदरक के चाय मे डालने के साथ कई और फायदे भी है. आजकल बाजार में नकली अदरक का भी व्यापार किया जा रहा है, जो स्वाद तो दूर की बात है सेहत पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है. मुनाफा कमाने के लिए असली की तरह दिखाई देने वाला हूबहू नकली अदरक बाजार में बेचा जा रहा है. आज की इस खबर में हम आपको नकली और असली अदरक में फर्क करने के बारे में जानकारी देंगे. इसके जरिए आप आसानी से नकली और असली अदरक की पहचान कर पाएंगे.
क्या है नकली अदरक
असली अदरक की तरह दिखाई देने वाली नकली अदरक एक पहाड़ी पेड़ का हिस्सा है. नकली अदरक तहड नामक पेड़ का हिस्सा है, जो सुख कर बिल्कुल अदरक की तरह दिखाई देता है. तहड़ को सुखाकर असली अदरक के साथ मिलाकर बाजारों में बेचा जा रहा है.
इस प्रकार करें असली अदरक की पहचान
- अदरक की सबसे बड़ी पहचान उसकी खुशबू होती है. असली नकली की पहचान करने के लिए आप अदरक को सूंघकर देखें.
- इसकी एक जड़ होती है, जो जमीन के अंदर उगती है. इस वजह से अदरक में कहीं-न-कहीं मिट्टी रह जाती है. यदि आपको अदरक एकदम साफ दिखे और उस पर मिट्टी का किसी प्रकार का भी कोई निशान ना हो और ना ही खुशबू आ रही हो तो निश्चित तौर पर वह नकली अदरक है.
- आप दुकान पर ही अदरक को तोड़ कर देख लें. यदि अदरक के भीतर रेशे नहीं मिलते तो यह नकली अदरक है. बता दें कि असली अदरक के अंदर रेशे अच्छी खासी मात्रा में मौजूद होते हैं.
- अदरक सेहतमंद होने के साथ-साथ खाने की चीजों का स्वाद भी बढ़ाता है इसलिए अदरक खरीदने से पहले चखकर जरूर देखें.
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