चलती औसत का आवेदन

Psychological Fact : अमूमन तौर पर लोग अपने आप को औसत से अधिक चलती औसत का आवेदन बुद्धिमान मानते है. ऐसा Psychological Study में पाया गया है. उनका मानना होता है कि उनका IQ Level औसत से अधिक होता है.
मंदसौर मंडी में सोयाबीन आवक बढ़ी; भाव पिछले साल की तुलना में कम लेकिन एमएसपी से अधिक
19 सितम्बर 2022, भोपाल: मंदसौर मंडी में सोयाबीन आवक बढ़ी; भाव पिछले साल की तुलना में कम लेकिन एमएसपी से अधिक – मध्य प्रदेश की मंडियों में फसल की आवक स्थिर रहने से सोयाबीन के भाव में तेजी आने लगी है। वहीँ मध्य प्रदेश की टॉप 7 मंडियां- मंदसौर, बैतूल, खंडवा, देवास, बदनावर, उज्जैन और रतलाम में इन दिनों सोयाबीन की आवक हो रही है ।इन मंडियों में औसत कीमत 5,149 रुपये प्रति क्विंटल रही, अधिकतम 5,468 रुपये प्रति क्विंटल और न्यूनतम 3940 रुपये प्रति क्विंटल रहा । सरकार द्वारा सोयाबीन के लिए वर्ष 2022-23 का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है जो पिछले वर्ष की तुलना में 350 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। कुल मिलाकर मंडियों में सीमित आवक के कारण कीमतें एमएसपी से ऊपर बनी हुई हैं।
किस तरह मापते हैं पुरुष व महिलाएं अपना IQ Level
IQ Level के मामलों में लोगों में पूर्वाग्रह देखने को मिल सकता है. आम तौर पर लोग Intelligence के मामले में खुद को बेहतर मानते है. उनके अनुसार उनका IQ Level दूसरों के मुकाबले अधिक होता है.
इसे कुछ अन्य गुणों के साथ ‘औसत से ऊपर का प्रभाव’ के रूप में पहचाना जाता है. इसे आप स्वस्थ पूर्वाग्रह कह सकते हैं.
हाल ही में IQ Level को लेकर एक Research Study हुई है. यह Research पुरुष व महिलाओं के IQ Level जानने के लिए हुई.
इसमें यह जानने की कोशिश की गई कि दोनों खुद की बुद्धिमत्ता या अपना IQ Level यानी बुद्धिमत्ता किस प्रकार मानते है. साथ ही इनके IQ Level का अलग-अलग अध्ययन किया गया.
जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ पर अधिक प्रभाव
डेविड रैली और उनके साथियों ने पुरुषों व महिलाओं के व्यक्तिगत व सामान्य आत्मसम्मान संबंधी विषय में आंकलन किया. उन्होंने अपने अध्ययन में चलती औसत का आवेदन पाया कि जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ की धारणा पर अधिक प्रभाव है.
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आपको बताये कि लोगों की अपने बारे में अधिक बुद्धिमत्ता की धारणा होने के बाद भी व्यक्तियों की निजी धारणाएं अलग अलग थीं. अभी भी अधिकतर लोग पौरुषीय गुणों के कारण पुरुष में जन्म लेना चाहते हैं.
पुरुष मानते हैं खुद को अधिक बुद्धिमान
अध्ययन में यह देखा गया है कि पुरुष खुद को अधिक बुद्धिमान मानते है. उनका कहना है कि जितना उन्हें बुद्धिमान समझा जाता है वे उससे ज्यादा बुद्धिमान हैं.
वहीं महिलाएं खुद को सौम्य मानता है. उनके अनुसार वे अधिक सौम्य हैं. शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को अन्य कई संस्कृतियों पर भी समान रूप से लागू होने की बात कही है.
मनोवैज्ञानिक और बुद्धिमत्ता शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुष और महिलाएं बौद्धिक स्तर (intelligence quotient) में अलग अलग नहीं होते हैं.
स्मार्ट सेक्ट (Smart Sex) जैसा कुछ नहीं होता है. शोधकर्ताओं ने केवल उद्देश्यात्मक तरीकों से ही बुद्धिमत्ता (Intelligence) का आंकलन कर यह नतीजा निकाला है.
इतिहरास में महिलाओं को बुद्धिमत्ता के नजिरए से कम माना जाता था क्योंकि उनकी खोपड़ी का आकार छोटा था. लेकिन दिमाग के आकर का संबंध बुद्धिमत्ता से नहीं है. आज यह धारणा बदल चुकी है. लेकिन पाया गया है कि लिंग और बुद्धिमत्ता को लेकर कुछ छिपी हुई धारणाएं और विश्वास हैं.
अभिवावकों द्वारा बुद्धिमत्ता का आकलन
एक शास्त्रीय सामाजिक मनोवैज्ञानिक अध्ययन में शोधककर्ताओं ने अभिभावकों (Parents) से पूछा कि वे अपने बच्चों की बुद्धिमत्ता का आंकलन कैसे करते हैं.
उन्होंने लड़कों (Boys) को लड़कियों से ज्यादा बुद्धिमान माना. इस तरह की धारणा पूरी दुनिया में चलती है. बच्चों की बुद्धिमत्ता आत्मछवि के प्रभावित करने में माता पिता की अपेक्षाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं.
लेकिन इससे बाद में पढ़ाई में भी फायदा मिलता है. आत्म सम्मान (Self Esteem) में लिंग भेद भी एक अहम कारक है क्योंकि ज्यादा आत्म सम्मान वाले लोग
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जीवन के हर पहलू को ज्यादा सकारात्कम तौर पर देखने का प्रयास करते हैं. लड़कियां और महिलाएं, लड़कों और पुरुषो की तुलना में अपना कम आत्मसम्मान देखती हैं.
जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ पर अधिक प्रभाव
डेविड रैली और उनके साथियों ने पुरुषों व महिलाओं के व्यक्तिगत व सामान्य आत्मसम्मान संबंधी विषय में आंकलन किया. उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ की धारणा पर अधिक प्रभाव है.
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आपको बताये कि लोगों की अपने बारे में अधिक बुद्धिमत्ता की धारणा होने के बाद भी व्यक्तियों की निजी धारणाएं अलग अलग थीं. अभी भी अधिकतर लोग पौरुषीय गुणों के कारण पुरुष में जन्म लेना चाहते हैं.
पुरुष मानते हैं खुद को अधिक बुद्धिमान
अध्ययन में यह देखा गया है कि पुरुष खुद को अधिक बुद्धिमान मानते है. उनका कहना है चलती औसत का आवेदन कि जितना उन्हें बुद्धिमान समझा जाता है वे उससे ज्यादा बुद्धिमान हैं.
वहीं महिलाएं खुद को सौम्य मानता है. उनके अनुसार वे अधिक सौम्य हैं. शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को अन्य कई संस्कृतियों पर भी समान रूप से लागू होने की बात कही है.
मनोवैज्ञानिक और बुद्धिमत्ता शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुष और महिलाएं बौद्धिक स्तर (intelligence quotient) में अलग अलग नहीं होते हैं.
स्मार्ट सेक्ट (Smart Sex) जैसा कुछ नहीं होता है. शोधकर्ताओं ने केवल उद्देश्यात्मक तरीकों से ही बुद्धिमत्ता (Intelligence) का आंकलन कर यह नतीजा निकाला है.
इतिहरास में महिलाओं को बुद्धिमत्ता के नजिरए से कम माना जाता था क्योंकि उनकी खोपड़ी का आकार छोटा था. लेकिन दिमाग के आकर का संबंध बुद्धिमत्ता से नहीं है. आज यह धारणा बदल चुकी है. लेकिन पाया गया है कि लिंग और बुद्धिमत्ता को लेकर कुछ छिपी हुई धारणाएं और विश्वास हैं.
अभिवावकों द्वारा बुद्धिमत्ता का आकलन
एक शास्त्रीय सामाजिक मनोवैज्ञानिक अध्ययन में शोधककर्ताओं ने अभिभावकों (Parents) से पूछा कि वे अपने बच्चों की बुद्धिमत्ता का आंकलन कैसे करते हैं.
उन्होंने लड़कों (Boys) को लड़कियों से ज्यादा बुद्धिमान माना. इस तरह की धारणा पूरी दुनिया में चलती है. बच्चों की बुद्धिमत्ता आत्मछवि के प्रभावित करने में माता पिता की अपेक्षाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं.
लेकिन इससे बाद में पढ़ाई में भी फायदा मिलता है. आत्म सम्मान (Self Esteem) में लिंग भेद भी एक अहम कारक है क्योंकि ज्यादा आत्म सम्मान वाले लोग
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जीवन के चलती औसत का आवेदन हर पहलू को ज्यादा सकारात्कम तौर पर देखने का प्रयास करते हैं. लड़कियां और महिलाएं, लड़कों और पुरुषो की तुलना में अपना कम आत्मसम्मान देखती हैं.
बौद्धिक स्तर का आंकलन
नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को बुद्धिमत्ता (intelligence) के स्कोर कैसे किया जाता है, उस बारे में बताने के बाद पूछा कि वे अपने बौद्धिक स्तर (intelligence quotient) का आंकलन करते हैं.
इसमें औसत अंक 100 बताए गए. प्रतिभागियों को बताया गया कि दो तिहाई प्रति लोग खुद को 115 से 85 के बीच आंकते हैं. प्रतिभागियों को सामन्य आत्मसम्मान (Self Esteem) के साथ बेमसेक्स रोल इन्वेंटरी (BemSex Role Inventory) को भी मापने को कहा गया
जिससे व्यक्तित्व में पुरुष और महिला के गुणों का पता चलता है. उन्होंने पाया कि औसत बौद्धिक स्तर 107.55 है जो कि औसत से ज्यादा है.
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के निर्णयों की सटीकता भी जांची. खुद के आंकलित किए हुए बौद्धिक स्तर और मापे गए बौद्धिक स्तर (Intelligence Quotient) में बहुत अंतर नहीं पाया गया.
हां इतना जरूर था कि पुरुषों (Man) का आंकलन अपने औसत से कहीं अधिक था तो महिलाओं (Women) का कम. आत्म आंकलित बुद्धिमत्ता के
पुर्तगाल में संपत्ति पर अधिक खर्च करने वाले विदेशी
पुर्तगाल में कारोबार करने वाले पारिवारिक आवासों का औसत मूल्य €1,494 प्रति वर्ग मीटर (€/m2) था, जो 2022 की पहली तिमाही की तुलना में 2.8 प्रतिशत और पिछले वर्ष की इसी अवधि (2021 की दूसरी तिमाही) की तुलना में 17.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप था।
एल्गरवे सबसे महंगा
एल्गरवे वह क्षेत्र था जिसने इस अवधि में सबसे अधिक मूल्य (2,358 €/m2) प्रस्तुत किए और साथ ही, देश के औसत से साल-दर-साल परिवर्तन की दर (+23.8 प्रतिशत) अधिक है।
लिस्बन मेट्रोपॉलिटन एरिया (€2,076/m2), पोर्टो मेट्रोपॉलिटन एरिया (€1,576/m2) और मेडिरा के स्वायत्त क्षेत्र (€1,534/m2) ने भी देश के औसत से अधिक औसत मूल्य दर्ज चलती औसत का आवेदन किए, हालांकि साल-दर-साल वृद्धि (+16.5 प्रतिशत, +17.5 प्रतिशत और +5.8 प्रतिशत) के साथ।