एएसआई संकेतक

तिमाही आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के मोर्चे पर बीओएम का प्रदर्शन कुल अग्रिम का 3.40 प्रतिशत रहा है जबकि एसबीआई का सकल एनपीए उसके कुल अग्रिम का 3.52 प्रतिशत रहा। इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए इस तिमाही में क्रमशः 0.68 प्रतिशत और 0.80 प्रतिशत रहा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ऋण वृद्धि के मामले में सार्वजनिक बैंकों में सबसे आगे
उसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की प्रतिशत वृद्धि दर 21.54 प्रतिशत रही और इसने तिमाही में 7,52,469 करोड़ रुपये के कर्ज आवंटित किए। तीसरे स्थान पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) रहा जिसकी ऋण वृद्धि दर 18.15 प्रतिशत रही और उसने कुल 25,47,390 करोड़ रुपये के कर्ज दिए।
दूसरी तिमाही में खुदरा, कृषि एवं एमएसएमई (आरएएम) कर्जों के संदर्भ में भी बीओएम ने सर्वाधिक 22.31 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा 19.53 प्रतिशत और एसबीआई 16.51 प्रतिशत की दर से बढ़े।
जहां तक कम लागत वाली चालू खाता बचत खाता जमाओं का सवाल है तो बीओएम ने 56.27 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि दर हासिल की। उसके बाद केनरा बैंक 50.99 प्रतिशत वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
लाभ कमाने के प्रमुख संकेतक माने जाने वाले शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के मामले में बीओएम और एसबीआई दोनों ने 3.55 प्रतिशत की दर हासिल की। उनके बाद बैंक ऑफ इंडिया 3.एएसआई संकेतक 49 प्रतिशत के साथ दूसरे और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3.44 प्रतिशत एनआईएम के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
धोलावीरा कहाँ स्थित है?
Key Points
- धोलावीरा , एक पुरातात्विक स्थल, सिंधु घाटी सभ्यता के काल से जुड़ा हुआ है।
- धोलावीरा, पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में, कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में खादिरबेट में एक पुरातात्विक स्थल है , जिसने इसका नाम आधुनिक गांव से 1 किलोमीटर दक्षिण में रखा है।
- यह गाँव राधनपुर से 165 किमी दूर है।
- स्थानीय रूप से कोटड़ा टिब्बा के रूप में भी जाना जाता है , इस स्थल में एक प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता/हड़प्पा शहर के खंडहर हैं।
- धोलावीरा का स्थान कर्क रेखा पर है।
अतः, विकल्प 4 सही है।
एयरस्पीड इंडिकेटर में?
एयरस्पीड इंडिकेटर में?
एयरस्पीड इंडिकेटर, उपकरण जो आसपास की हवा के सापेक्ष एक विमान की गति को मापता है, स्थिर हवा (स्थिर दबाव) और चलती हवा के दबाव के बीच अंतर का उपयोग करके शिल्प की आगे की गति (राम दबाव) द्वारा संकुचित; जैसे-जैसे गति बढ़ती है, इन दबावों के बीच का अंतर…
एयरस्पीड इंडिकेटर में किस प्रकार का दबाव दर्शाया गया है?
आपका एयरस्पीड इंडिकेटर डायनेमिक प्रेशर मापता है। यह वही दबाव है जो हवा के माध्यम से आपके हवाई जहाज की गति के कारण होता है। हालाँकि, आपके एयरस्पीड इंडिकेटर के लिए गतिशील दबाव को सही ढंग से मापने के लिए, इसे स्थिर हवा को भी मापने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप जितना ऊपर जाते हैं, वायुमंडलीय दबाव उतना ही कम होता है।
पिटोट प्रेशर डायफ्राम में दबाव डालता है जिससे यह गुब्बारे की तरह फैल जाता है। स्थैतिक दबाव संकेतक मामले के भीतर और डायाफ्राम के आसपास समाहित है।
एयरस्पीड इंडिकेटर से हम किस एयरस्पीड को पढ़ते हैं?
एयरस्पीड इंडिकेटर (एएसआई) या एयरस्पीड गेज एक उड़ान उपकरण है जो एक विमान की एयरस्पीड को किलोमीटर प्रति घंटे (किमी/घंटा), नॉट्स (kn), मील में दर्शाता है। प्रति घंटा (MPH) और/या मीटर प्रति सेकंड (m/s)। आईसीएओ द्वारा किमी/घंटा का उपयोग करने की सिफारिश की गई है, हालांकि वर्तमान में समुद्री मील सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली इकाई है।
एयरस्पीड इंडिकेटर दबाव के अंतर को मील प्रति घंटे या नॉटिकल मील प्रति घंटे (गांठ) में विमान की संकेतित गति के रूप में प्रदर्शित करता है, तापमान या संकेतक घटकों के सामान्य पहनने के लिए समायोजित नहीं.
Bhilwara सड़क हादसे में महिला की मौत : अज्ञात वाहन की टक्कर, इलाज के दौरान मौत
राजस्थान न्यूज डेस्क, भीलवाड़ा के पुर थाना क्षेत्र में सोमवार की रात अज्ञात वाहन ने हाईवे पर एक अधेड़ महिला को टक्कर मार दी. जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। लोगों के गुजरने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को महात्मा गांधी अस्पताल ले गई. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में रखवा दिया है. महिला की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
पुर थाने के एएसआई संकेतक एएसआई पीरूलाल ने बताया कि सोमवार की रात थाने में सूचना मिली थी कि पुर ओवरब्रिज के पास एक महिला को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी है. महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला की उम्र करीब 55 साल है। उसकी अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव को मोर्चरी में रखवाया गया है। और उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। उसकी शिनाख्त के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सड़कों की खामी दूर करने में नाकाम, हादसों पर कैसे लगेगी लगाम
भोपाल। मध्य प्रदेश में ब्लैक स्पाट सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। प्रदेश में इसको लेकर एजेंसियां तो तय की गई हैं, लेकिन इसके बाद भी सड़कों की हालत खराब है। पीडब्ल्यूडी, एमपीआरडीसी, एनएचएआइ, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, गृह एवं परिवहन विभाग को अलग-अलग सड़कों की देखरेख, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन सड़कों की स्थिति में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। भोपाल क्षेत्र की तीन हजार 700 किलोमीटर सड़क का आडिट किया गया, जिसमें 194 ब्लैक स्पाट, 248 अवैध कट्स, 34 बाटल नेक एवं रोड डिजाइन में 76 कमियां मिलीं है। इसी तरह मालवा-विमाड़ अंचल की तीन 900 किमी सड़कों में 419 ब्लैक स्पाट, 273 अवैध कट मिले है। धार जिले में एएसआई संकेतक मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 13 वर्षों में एक हजार 23 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 411 लोगों की जान गई और दो हजार 700 घायल हुए। कमोबेश यही स्थिति ग्वालियर-चंबल अंचल की सड़कों एएसआई संकेतक की भी है। ग्वालियर हाइवे पर हर पांच किमी पर ब्लैक स्पाट्स हादसे का सबब बना हुआ है। अधिकतर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में संकेतक भी नहीं लगे हैं। उधर, सरकार का दावा है कि साढ़े चार सौ ब्लैक स्पाट सुधारे जा चुके हैं। इससे दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। निर्माण एजेंसियों के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।