क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ

क्रिप्टो लेंडिंग फर्म सेल्सियस ने निकासी पर लगाई रोक
अमेरिकी क्रिप्टो लेंडिंग फर्म सेल्सियस ने अपने सभी खातों की निकासी पर रोक लगा दी है. फिलहाल, कोई भी ग्राहक इससे पैसे नहीं निकाल सकेंगे. इसके पास 17 लाख ग्राहक हैं. इनकी संपत्ति 12 बिलियन डॉलर है. इस खबर के बाद सेल्सियस की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है.
हैदराबाद : बाजार में 'एक्स्ट्रीम स्थिति' होने की वजह से क्रिप्टो स्टेकिंग और लेंडिंग प्लेटफॉर्म सेल्सियस ने सभी निकासी, स्वैप और ट्रांसफर पर रोक लगा दिया है. इसे क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ सेल्सियस के सभी खातों पर लागू किया गया है. कंपनी ने ऑनलाइन पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म 'मीडियम' पर एक ब्लॉग पोस्ट में इसकी जानकारी दी है.
इसमें कहा गया है, "हम सेल्सियस को बेहतर स्थिति में लाने के लिए आज यह कार्रवाई कर रहे हैं. हम निकासी का सम्मान करते हैं, लेकिन स्थिति को और बेहतर किया जा रहा है.' कंपनी ने अपने बयान में कहा कि हम अपने पूरे समुदाय के लाभ के लिए तरलता और संचालन को स्थिर करना चाहते हैं. इसलिए यह आवश्यक कार्रवाई है. हम संपत्ति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए कदम उठाते हैं. इसके अलावा, हम इस दौरान अपने ग्राहकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता जारी रखेंगे. उन्हें उस अनुरूप लाभ भी मिलता रहेगा.
एक बिजनेस अखबार हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी उद्यमी एलेक्स माशिंस्की के नेतृत्व वाली इस फर्म के पास मई तक 1.7 मिलियन उपयोगकर्ताओं के साथ कुल ग्राहक संपत्ति लगभग 12 बिलियन डॉलर थी. लेकिन खातों पर रोक लगाने की वजह से सेल्सियस के मूल सेल्सियस टोकन की कीमत 52% गिरकर $0.17 हो गई.
सोशल मीडिया पर अटकलों के अनुसार, सेल्सियस ने Aave से $ 247 मिलियन मूल्य के रैप्ड बिटकॉइन को खोल दिया और इसे FTX क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव एक्सचेंज को भेज दिया. रैप्ड बिटकॉइन, बिटकॉइन का एक संशोधित संस्करण है, जो उसकी कीमत के बराबर है. इसका उपयोग एथेरियम या फिर डिजिटल खाते पर किया जा सकता है.
Aave एक विकेन्द्रीकृत उधार प्रोटोकॉल है जो उपयोगकर्ताओं को एक केंद्रीकृत मध्यस्थ के बिना क्रिप्टोकरेंसी को उधार देने या उधार लेने की सुविधा देता है. सेल्सियस ने बड़ी मात्रा में रैप्ड बिटकॉइन (WBTC), एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को स्थानांतरित कर दिया है, साथ ही साथ उपयोगकर्ताओं द्वारा निकासी पर रोक लगा दी गई है.
सेल्सियस के मेल डेफी (विकेंद्रीकृत वित्त) वॉलेट से क्रिप्टो ने तरलता को FTX में ले जाना शुरू कर दिया, क्योंकि WBTC को सेल्सियस के मुख्य Aave स्टेकिंग और लेंडिंग प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया था. उपयोगकर्ताओं के अनुसार, 247 मिलियन डॉलर मूल्य के 9,500 WBTC टोकन Aave से FTX एक्सचेंज में स्थानांतरित किए गए हैं. साथ ही, $74.5 मिलियन मूल्य के 54,749 एथेरियम को FTX में स्थानांतरित कर दिया गया है. फर्म पर $320 मिलियन मूल्य की तरलता को FTX एक्सचेंज में स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया है.
P2P प्लेटफॉर्म से लोन लेने के ये हैं 7 फायदे
बैंकों के उलट पी2पी प्लेटफॉर्म पर किसी भी जरूरत के लिए अनसिक्योर्ड लोन लिए जा सकते हैं.
1. हर जरूरत के लिए लोन
बैंकों के उलट पी2पी प्लेटफॉर्म पर किसी भी जरूरत के लिए अनसिक्योर्ड लोन लिए जा सकते हैं. कर्ज को चुकाने से लेकर शादी-ब्याह और छुट्टी मनाने के लिए पैसों की जरूरत तक को ये पूरा करते हैं. आप अपने हिसाब से ब्याज दर, लोन की रकम और अवधि को चुन सकते हैं. 50,000 रुपये से नीचे क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ के छोटे लोन भी पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं.
2. लोन अदायगी की छोटी अवधि
पी2पी पर कर्ज लेने वालों के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है लोन अदा करने की कम अवधि. ये लोन 3 से 36 महीनों के बीच की अवधि के होते हैं. वहीं, बैंकों के पर्सनल लोन एक से पांच साल की अवधि के होते हैं.
3. कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं
बैंक के पर्सनल लोन को समय से पहले बंद करने पर आप से 2-4 फीसदी की प्री-क्लोजर फीस ली जा सकती है. वहीं, पी2पी लोन को चुकाने पर तीन महीने के बाद इस तरह का कोर्इ चार्ज नहीं लगता है. इसके अलावा केवल कुछ ही बैंक आपको पार्ट-पेमेंट की सुविधा देते हैं. पी2पी लोन के मामले में यह बात लागू नहीं होती है. आप पार्ट-पेमेंट करने के लिए आजाद होते हैं.
4. तेजी से मिलता है लोन
बैंकों के मुकाबले न केवल लोन की प्रोसेसिंग, बल्कि इसे बांटने में भी तेजी दिखाई जाती है. कर्ज लेने वालों के वेरिफिकेशन के बाद 24-48 घंटे में लोन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है. बैंक के लोन अमूमन 5-7 दिनों में ग्राहक तक पहुंचते हैं.
5. अधिक फ्लेक्सिबिलिटी
बैंक ब्रांच मॉडल पर आपरेट करते हैं. उनके लिए छोटी राशि के लोन देना मुफीद नहीं होता है. बैंक लोन के मुकाबले पी2पी लोन के साथ ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी होती है. क्रेडिट स्कोर 750 के नीचे होने के बावजूद पी2पी पर ज्यादा लोन मिल सकता है. कर्ज लेने वाले का आकलन उसकी क्षमता और लोन वापस करने के इरादे के आधार पर किया जाता है.
6. कोई कागजी कार्यवाही नहीं
बताए गए पते के फिजिकल वेरिफिकेशन के अलावा पी2पी लेंडिंग की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होती है. यहां तक कि आप अपने मोबाइल फोन से दस्तावेजों को स्कैन और साझा कर सकते हैं.
7. कर्ज देने वालों की ज्यादा उपलब्धता
अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं तो बैंक से लोन मिलने में थोड़ी दिक्कत आ सकती है. पी2पी लोन के मामले में एक ही प्लेटफॉर्म पर आपको कर्ज देने वाले कई लोग मिल जाते हैं.
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क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ
Vaishali Basu Sharma
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केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है . इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है , ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा .
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( वीडीए ) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की .
क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है . यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है .
दूसरी ओर , भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर ) की वसूली की है . केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआईसी ) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन , कॉइन स्विच कुबेर , अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था . हालांकि , ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था , जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था .
जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है .
30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल , 2022 से प्रभावी हुआ है , लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि ) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा . इसके लिए आयकर अधिनियम , 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है .
वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस , कोई बुनियादी छूट नहीं , किसी नुकसान पर कोई सेट - ऑफ नहीं , होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं .
भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर - इक्विटी विकल्प , संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है . वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है .
वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन , डॉगकोइन आदि , नॉन - फंजीबाल टोकन ( एनएफटी ) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है , शामिल हैं . गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं . यहां परिभाषा , कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है .
यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं .
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी . सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है , लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है .
क्रेबैको के अनुसार , 105 मिलियन से अधिक लोग , जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है , वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं , जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है . उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी , जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र , जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे , अब प्रभावित होंगे .
देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना है कि ‘ अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट - ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है .’
1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती ( टीडीएस ) लागू होगा . हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है . लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी , जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद - बिक्री में शामिल होते हैं , बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे . उदाहरण के लिए , यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है , तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है .
इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है . पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ ट्रांसफर ’ के दायरे में क्या - क्या आता है .
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है , बल्कि एयरड्रॉप , फोर्किंग , स्टेकिंग , पी 2 पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन - देन होता है . इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है . ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है क्रिप्टो लेंडिंग के लाभ कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी , के दायरे में आएंगे .
2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी . हालांकि , खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है .
भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी . इसी तरह , ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति
'Markets'
माधबी पुरी बुच ने कहा, ‘‘दुनियाभर में चर्चा है कि एक ही कार्बन क्रेडिट बाजार होना चाहिए. हम मानते हैं कि उभरते बाजारों और विशेष रूप से कम लागत वाली अर्थव्यवस्थाओं के दृष्टिकोण से यह सही नहीं है क्योंकि इससे कार्बन क्रेडिट एक वस्तु बन जाएगा.’’
Simple One के साथ Ola Electric ने भी अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर S1 लॉन्च किया था और 15 दिसंबर से पहले बैच की डिलीवरी भी शुरू कर दी थी
यह डुअल-सिम (नैनो) वाला स्मार्टफोन एंड्रॉयड 12 पर चलता है और इसमें 6.78-full-HD+ (1,080X2,460 पिक्सल) IPS TFT डिस्प्ले एक वेरिएबल रिफ्रेश रेट के साथ है
क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि न्यायालय के आदेश और अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बाद डेवलपर ने महसूस किया कि 15-23 प्रतिशत की चक्रवृद्धि ब्याज दर देय राशि को बहुत अधिक बढ़ा देगी.
इससे ट्रांजैक्शंस की कॉस्ट में कमी होने की संभावना है। RBI का कहना है कि इससे बिजनेस करने के तरीके में बड़ा बदलाव हो सकता है
इस इलेक्ट्रिक कार का पावरट्रेन 301bhp की पावर जेनरेट कर सकता है। इसकी टॉप स्पीड 185 kmph है। इसमें दो इलेक्ट्रिक मोटर लेआउट दिए गए हैं
इस इमेज सेंसर में मौजूदा सेंसर्स की तुलना में प्रत्येक सिग्नल में सैचुरेशन सिग्नल लेवल को दोगुना करने की क्षमता होगी
एपल के लिए ऐसा करना सामान्य है क्योंकि वह अपने रूल्स को लागू करती है और इससे पहले Gab और Parler जैसे ऐप्स को रूल्स के उल्लंघन के कारण ऐप स्टोर से हटाया जा चुका है
इसके लिए TRAI के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड और मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की एक ज्वाइंट कमेटी ऑफ रेगुलेटर्स बनाई गई है
Go First Flight Update: इस योजना के तहत गो फर्स्ट 1,500 करोड़ रुपये तक हासिल कर सकती है. वहीं, अब तक कुल मिलाकर कंपनी 800 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.