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निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं

निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं

मार्केट में आया करारा प्रीपेड प्लान, 40Mbps स्पीड के साथ सिर्फ ₹499 में मिलेगा 3300GB डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग

यानी भारत संचार निगम लिमिटेड की भारत के निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं तमाम शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच है। सरकार द्वारा संचालित इस टेलीकॉम कंपनी के प्लान काफी आकर्षित होते हैं। लोग इसके प्लान्स काफी पसंद करते हैं क्योंकि लोगों को कम कीमत में बहुत सारे खास फीचर्स और बेनिफिट्स मिल जाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही ब्रॉडबैंड प्लान्स के बारे में बताते हैं।

BSNL का धांसू प्लान

बीएसएनएल ने 499 रुपये का एक नया ब्रॉडबैंड प्लान पेश किया है, जिसमें 40Mbps की स्पीड मिलती है। कंपनी ने इस प्लान का नाम फाइबर बेसिक प्लान (Fiber Basic Plan) रखा है। इस नए बेसिक प्लान में यूजर्स को 3300GB इंटरनेट डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलती है।

इसके अलावा बीएसएनएल के पास पहले भी एक फाइबर बेसिक प्लान था, जिसकी कीमत 449 रुपये है। अब कंपनी ने अपने इस प्लान का नाम बदलकर फाइबर बेसिक नियो (Fiber Basic Neo) कर दिया है।

3300GB डेटा वाला प्लान

अपने इस पुराने प्लान को जारी करते हुए कंपनी ने एक नया प्लान पेश किया है। बीएसएनएल के इस नए प्लान में यूजर्स को 499 रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिसमें उन्हें 3300GB यानी 3.3TB डेटा मिलेगा।

इसका मतलब है कि जबतक यूजर्स इतना इंटरनेट डेटा निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं खत्म नहीं कर देते तब तक उन्हें मिलने वाली इंटरनेट स्पीड 40Mbps से बिल्कुल भी कम नहीं होगी। हालांकि, इतना डेटा खत्म होने के बाद यूजर्स को सिर्फ 4Mbps की स्पीड ही मिलेगी, लेकिन 3300GB डेटा एक महीने में खत्म करना ही बहुत बड़ी बात है। इसके अलावा इस प्लान के साथ यूजर्स को अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है।

इस समय रेसिडेंशियल एरिया में निवेश पर बेहतर रिटर्न की संभावना, जानिए विस्तार से

 residential aria

मुंबई. जब बात निवेश की आती है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि जमीन और घर जैसी मूर्त संपत्ति अपने साथ के दूसरे वर्चुअल निवेश की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं. कोरोना महामारी के बाद स्थितियां और बदल गई हैं. मूर्त संपत्ति जैसे सोना अपनी अफोर्डबिलिटी के कारण अधिक आकर्षक लग सकता है. लेकिन रियल एस्टेट सुरक्षा की भावना प्रदान करता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 08, 2021, 10:54 IST

मुंबई. जब बात निवेश की आती है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि जमीन और घर जैसी मूर्त संपत्ति अपने साथ के दूसरे वर्चुअल निवेश की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं. कोरोना महामारी के बाद स्थितियां और बदल गई हैं. मूर्त संपत्ति जैसे सोना अपनी अफोर्डबिलिटी के कारण अधिक आकर्षक लग सकता है. लेकिन रियल एस्टेट सुरक्षा की भावना प्रदान करता है. यह बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति कम संवेदनशील निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं है. अधिक अनिश्चितता के कारण, अन्य निवेश मार्गों को इस लाभ का फायदा नहीं मिलता.

वर्तमान बाजार की स्थिति को देखते हुए, घर खरीदारों के पास अब निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं ऐसी संपत्ति में निवेश करने का विकल्प है जो कई दर कटौती के परिणामस्वरूप अधिक सस्ती हो गई है. बेहतर कुल रिटर्न प्रदान करती है. इसने पिछले 5 वर्षों में भारत के शीर्ष 10 शहरों में समग्र अफोर्डिबिलिटी इंडेक्स में सुधार किया है.

रेसिडेंशियल मार्केट डायनामिक्स

रियल एस्टेट को शुद्ध रूप से निवेश के अवसर के रूप में मानने के दिन कबके बीत चुके है. महामारी ने सभी को घर खदीदने का महत्त्व बताया है. डेवलपर्स से अंतिम उपयोगकर्ता तक, बाजार में परिवर्तन के परिणामस्वरूप, लगभग 90% घर खरीदार आज या तो किराएदार हैं, जो किराए के अपार्टमेंट में रह रहे है या फेन्स-सिटर्स है, जो अपने सपनों का घर खरीदने के लिए इंतजार कर रहे थे. लेकिन उच्च कीमतों के कारण नहीं खरीद पाएं. स्टांप ड्यूटी में कटौती, होम लोन की दरें दो दशक में सबसे कम होना और आकर्षक डेवलपर स्किम के कारण मांग में भारी उछाल है.

मुख्य पहलू जो घर खरीदारों को देखने चाहिए

मौजूदा स्थिति में, घर खरीदारों के पास कई प्रकार की संपत्तियों का चयन करने का विकल्प है जो अधिक सस्ती हो गई हैं. हालांकि यह आशाजनक लग रहा है, घर खरीदारों को उन संपत्तियों की खोज करने के लिए खुद को सीमित नहीं करना चाहिए, जो वास्तव में दूसरों की तुलना में निवेश पर अधिक रिटर्न देते हैं.

महामारी के परिणामस्वरूप लोगों ने निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को भी समझा है. स्कूलों से अस्पतालों तक, ताजी हवा के लिए खुले कमरे से लेकर अच्छी तरह से संरक्षित परिसर तक, सभी के लिए जरूरी है. आराम, स्वच्छता और सुरक्षा के कारणों के लिए, घर खरीदार को इंटीग्रेटेड टाउनशिप में एक घर चुनना चाहिए. यह महामारी में भी उनके रहने की स्थिति में सुधार करेगा.

बेहतर रिटर्न के लिए 2021 में निवेश करने हेतु रेसिडेंशियल एरिया

यह देखा गया है कि संपत्तियां जो बिज़नेस सेंटर के करीब है और जिनके पास बेहतर कनेक्टिविटी है, वे दूर स्थित संपत्तियों की तुलना में अधिक रिटर्न देतें है. एमएमआर क्षेत्र के कल्याण, वसई-विरार, भिवंडी, और ठाणे से लेकर मुंबई उपनगर चेंबूर, अंधेरी, कांदिवली तक कुछ आकर्षक स्थान हैं जहां अधिकांश घर खरीदारों के लिए सुविधाएं, कनेक्टिविटी और अफोर्डेबिलिटी हैं.

कल्याण - नवी कल्याण, वसई-विरार, भिवंडी: अपनी अफोर्डेबिलिटी और विशाल आवास इकाइयों के कारण, एमएमआर क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से मार्केट इंजन रहा है. सेकंड होम के रूप में जो शुरू हुआ था वह कई मध्यम-आय वाले घर खरीदारों के लिए फर्स्ट होम हॉटस्पॉट के रूप में तेजी से विकसित हुआ, जो यात्रा करने के लिए इच्छुक थे निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं और कम कीमत पर बड़ी जगह चाहते थे. यह क्लस्टर शहर से दूर दर्शनीय स्थान, अच्छी तरह से परिभाषित सुविधाएं और बडे साइज़ के 1,2 और 3 BHK जैसे विभिन्न प्रकार के होम कॉन्फिगरेशन प्रदान करता है, जिनकी कीमत 27 लाख से शुरू होती हैं.
विशेष रूप से नवी-कल्याण जैसे नए उभरे क्षेत्रों में आसपास के क्षेत्रों के भीतर सस्ती कीमत के कारण कल्याण में आवास को रिशेप करने की क्षमता है. इसके अतिरिक्त, नौकरी के अवसरों के लिए भिवंडी ठाणे, बदलापुर, कल्याण और उससे आगे रहने वाले लोगों के लिए काम के अवसरों के मामले में ई-कॉमर्स के आगमन के बाद से महाराष्ट्र का लॉजिस्टिक हब रहा है. इसने आसपास के क्षेत्रों में रह रहें लोगों के लिए लाखों नौकरियों के निर्माण में सहायता की है.

ठाणे: ठाणे बड़े पैमाने पर विकास का एक केंद्र है, जिसमें कई प्रकार की सुविधाएं शामिल हैं. नई मेट्रो लाइन की बदौलत ठाणे मुंबई से और भी ज्यादा जुड़ जाएगा. भिवंडी से इसकी निकटता इसे क्षेत्र में अन्य नौकरी केंद्रित स्थान बनाता है, जो आवास, नौकरी और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है. 1BHK के लिए, ठाणे में प्राइस रेंज रु. 50 लाख से रु. 75 लाख के बीच है. घोड़बंदर रोड और मुंबई उपनगरों के बीच रोड लिंक के कारण, यह अब एक और क्षेत्र है जो निवेश पर अधिक रिटर्न प्रदान करने में सक्षम है.
बदलापुर: बदलापुर का विकास दो प्रमुख कारकों द्वारा प्रोत्साहित रहा हैं. कनेक्टिविटी और अफोर्डेबिलिटी. डेवलपर्स टॉप-नॉच सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विभिन्न आवासीय परियोजनाओं का निर्माण कर रहे हैं. इस क्षेत्र की संपत्तियां आकर्षक और सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं, जो इसे फर्स्ट-टाइम होमबायर्स के लिए एक आम विकल्प बनाती हैं. बदलापुर कई प्रकार के ट्रांसपोर्टेशन द्वारा सेवित है, जिसमें रेलवे और हाइवे का समावेश है.

यह क्षेत्र एक प्रमुख हाइवे द्वारा पार किया निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं जाता है, जो कल्याण और कर्जत को जोड़ता है. सड़कों के माध्यम से नवी मुंबई से क्षेत्र की कनेक्टिविटी ने ट्रैवेल टाइम को आधा कर दिया है और नवी मुंबई में प्रस्तावित हवाई अड्डा केवल की दूरी पर है, जो इसे एमएमआर क्षेत्र के आसपास निवेश के लिए प्रमुख स्थानों में से एक बनाता है.

जैसे-जैसे रियल एस्टेट उद्योग बढ़ रहा है, अधिक डेवलपर्स आज के घर खरीदारों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने हेतू इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने का महत्त्व समझ रहे हैं. घर खरीदारों के लिए यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि COVID-19 जैसी महामारी यहां रहने के लिए है और पूरी तरह से संरक्षित रहने के लिए, स्कूलों, अस्पतालों और आसपास में अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं के साथ इंटीग्रेटेड टाउनशिप में घर डिसाइडिंग फॅक्टर होना चाहिए.

नोट- यह आर्टिकल रोहित पोद्दार, मैनेजिंग डायरेक्टर, पोद्दार हाऊसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा लिखा गया है. यह लेखक का व्यक्तिगत विचार है.

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मार्केट में आया करारा प्रीपेड प्लान, 40Mbps स्पीड के साथ सिर्फ ₹499 में मिलेगा 3300GB डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग

यानी भारत संचार निगम लिमिटेड की भारत के तमाम शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच है। सरकार द्वारा संचालित इस टेलीकॉम कंपनी के प्लान काफी आकर्षित होते हैं। लोग इसके प्लान्स काफी पसंद करते हैं क्योंकि लोगों को कम कीमत में बहुत सारे खास फीचर्स और बेनिफिट्स मिल जाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही ब्रॉडबैंड प्लान्स के बारे में बताते हैं।

BSNL का धांसू प्लान

बीएसएनएल ने 499 रुपये का एक नया ब्रॉडबैंड प्लान पेश किया है, जिसमें 40Mbps की स्पीड मिलती है। कंपनी ने इस प्लान का नाम फाइबर बेसिक प्लान (Fiber Basic Plan) रखा है। इस नए बेसिक प्लान में निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं यूजर्स को 3300GB इंटरनेट डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलती है।

इसके अलावा बीएसएनएल के पास पहले भी एक फाइबर बेसिक प्लान था, जिसकी कीमत 449 रुपये है। अब कंपनी ने अपने इस प्लान का नाम बदलकर फाइबर बेसिक नियो (Fiber Basic Neo) कर दिया है।

3300GB डेटा वाला प्लान

अपने इस पुराने प्लान को जारी करते हुए कंपनी ने एक नया प्लान पेश किया है। बीएसएनएल के इस नए प्लान में यूजर्स को 499 रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिसमें उन्हें 3300GB यानी 3.3TB डेटा मिलेगा।

इसका मतलब है कि जबतक यूजर्स इतना इंटरनेट डेटा खत्म नहीं कर देते तब तक उन्हें मिलने वाली इंटरनेट स्पीड 40Mbps से बिल्कुल भी कम नहीं होगी। हालांकि, इतना डेटा खत्म होने के बाद यूजर्स को सिर्फ 4Mbps की स्पीड ही मिलेगी, लेकिन 3300GB डेटा एक महीने में खत्म करना ही बहुत बड़ी बात है। इसके अलावा इस प्लान के साथ यूजर्स को अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है।

जयपुर ग्रेटर नगर निगम के महापौर के उपचुनाव की प्रक्रिया पर रोक

जयपुर, 10 नवंबर (भाषा) राज्य निर्वाचन आयोग ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जयपुर ग्रेटर नगर निगम की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर की बर्खास्तगी संबंधी सरकारी आदेश को रद्द किये जाने के बाद महापौर के उपचुनाव की प्रक्रिया पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव चित्रा गुप्ता की ओर से जारी आदेश के अनुसार सौम्या गुर्जर बनाम राज्य सरकार तथा अन्य मामले में उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा पारित निर्णय में सौम्या गुर्जर का नगर निगम जयपुर ग्रेटर के महापौर पद से हटाये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 27 सितम्बर को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है।
आदेशानुसार इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता (सौम्या गुर्जर) के अधिवक्ता ने नगर निगम ग्रेटर जयपुर के महापौर पद के लिये आयोग द्वारा कराए जा रहे उपचुनाव की प्रक्रिया को रोकने का निवेदन किया है।
उन्होंने अपने आदेश में आगे कहा कि चूंकि अभी तक उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश की प्रति ना तो उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड हुई और ना ही उक्त आदेश की प्रति उच्च न्यायालय से प्राप्त हुई है। इसलिये मामले में नगर निगम जयपुर ग्रेटर के महापौर पद पर करवाये जा रहे उपचुनाव की प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाये। मामले में उच्च न्यायालय के ओदश की प्रति आयोग को प्राप्त होने पर आगामी निर्णय लिया जायेगा।
राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को जयपुर नगर निगम ग्रेटर की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर के अयोग्यता के सरकार के आदेश को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि महापौर का पद खाली नहीं है।

न्यायिक जांच के बाद दोषी महापौर से कोई टिप्पणी नहीं मांगी गई थी और उन्हें छह साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश नियमानुसार मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना पारित किया गया था।
उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने यह भी माना कि आदेश को निरस्त करने के बाद जयपुर नगर निगम ग्रेटर के महापौर पद का पद खाली नहीं है।
इससे पूर्व आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ और दोपहर दो बजे तक पूर्ण हो गया। उपचुनाव की मतगणना के बाद परिणाम आज ही घोषित किया जाना था। इस उपचुनाव के लिए भाजपा ने रश्मि सैनी तथा कांग्रेस ने हेमा सिंघानिया को उम्मीदवार बनाया था ।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ दुर्व्यवहार और उन्हें आधिकारिक काम से रोकने के मामले में न्यायिक जांच में दोषी ठहराए जाने के बाद जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को 27 सितंबर में महापौर पद के लिये अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

धारा 370 हटाने से ऐसे बदलेगी जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली। संसद के उच्च सदन में कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव आ चुका है। जिसकी वजह से सदन में हंगामा भी चल रहा है। वैसे एनडीए के सत्ता में आने के बाद से देश के लोगों को कश्मीर से इस धारा को हटाने की चर्चा हो चुकी थी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में इस मुद्दे से थोड़ा दूर ही रही। अब जब मोदी सरकार पहले की तुलना में और मजबूती के साथ सत्ता में लौटी है। इस मुद्दे को संसद में लेकर आ गई है। अब सवाल ये है कि आखिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के क्या फायदें होंगे। वहां की टूरिज्म इंडस्ट्री को कितना फायदा होगा। राज्य की इकोनॉमी को किस तरह से लाभ होगा। आइए आपको भी बताते हैं.

Jammu Kashmir

आखिर क्या है धारा 370
पहले हम सभी धारा 370 को समझ लेते हैं। जिसकी वजह से देश की संसद में इंगामा चल रहा है। वास्तव में देश की आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा रिश्ता होगा इसका पूरा एक प्रस्ताव जम्मू कश्मीर की सरकार ने बनाया था। जिसे पहले कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव के साथ आर्टिकल 306ए ( अब आर्टिकल 370 ) को स्वीकार किया। उसके बाद 17 अक्टूबर, 1949 को भारतीय संविधान का हिस्सा बना। इस आर्टिकल में कहा गया है कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा किसी दूसरे विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। वहीं इस आर्टिकल में जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की परमीशन भी दी गई।

धारा 370 हटने के आखिर क्या है फायदे
- अगर बात जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के फायदों की करें तो राज्य में व्यापार और इंडस्ट्री के लिहाज से निवेश बढ़ सकता है। जो अब तक वहां के माहौल की वजह से नहीं आ रहा था।
- जम्मू कश्मीर में व्यापार और उद्योग आएगा तो प्रोडक्शन बढ़ेगा। जिसका असर राज्य की जीडीपी पर सकारात्मक रूप से बढ़ेगा। जिसका फायदा वहां के लोगों को सीधे तौर होगा।
- इंडस्ट्री और व्यपाार आने से जम्मू और कश्मीर के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्हें अपने घर को छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए नहीं जाना होगा। वहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होगा और जीवनशैली में सुधार होगा।
- जम्मू कश्मीर के लोग मुख्य रूप से टूरिज्म सेक्टर से जुड़े हुए हैं। प्रदेश और वहां के लोगों को टूरिज्म सेक्टर में बड़ा फायदा होता है। जब से कश्मीर के हालात बिगड़े हैं। तब से वहां टूरिज्म में फर्क पड़ा है। खासकर कश्मीर पर। 370 हटने की वजह से कश्मीर के टूरिज्म को फायदा होगा।
- इस समय जम्मू कश्मीर में प्राइवेट हॉस्पिटलों की बहुत कमी है, धारा 370 हटने के बाद कई प्राइवेट हॉस्पिटल वहां खुलने के आसार बढ़ेंगे।

धारा 370 हटने के नुकसान
- जब किसी चीज के फायदे होते हैं तो उसके नुकसान भी होते हैं। धारा 370 के साथ भी कुछ ऐसा है। धारा 370 के रहने से दूसरे राज्यों के लोग कश्मीर में कोई व्यवसाय नहीं कर सकते इसलिए वहां की मार्केट कांप्टीशन ज़्यादा नहीं है। 370 हटने से बाहर से निवेश आएगा और दूसरे राज्यों के लोगों का बिजनेस आने से प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ जाएगी। जिसका नुकसान मूल कश्मीरियों को हो सकता है।
- धारा 370 हटने से कश्मीर में प्रॉपर्टी का दाम में उछाल देखने को मिलेगा। मौजूदा समय में कश्मीर में प्रॉपर्टी का दाम सीमित दायरे में हैं।
- बाहरी निवेश से प्रदेश में फैक्ट्रियां और इंडस्ट्री लगेगी। कश्मीर में जो काम हाथों से हो रहा है वो मशीनों से होगा। ऐसे में कश्मीर के मशहूर हैंडीक्राफ्ट उद्योग को काफी नुकसान होगा।

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