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शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें?

शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें?
दिवाली के दिन LPG सिलेंडर सस्ता हुआ या महंगा? चेक करें लेटेस्ट रेट्स

Things Before Investing: निवेश करने से पहले ध्यान रखें ये 9 जरूरी बातें

Things Before Investing: सभी जानते हैं कि आम जनता से जमा राशियां प्राप्त करने का अधिकार आमतौर पर केवल विधिवत रूप से स्थापित बैंकों को है। फिर भी समय-समय पर ऐसी घटनाएं होती रहती है, जिनमें निवेश की किसी स्कीम में बहुत अधिक लाभ का लालच देकर लोगों को गुमराह करके हजारों-लाखों लोगों से भारी-भरकम राशि इकट्ठी कर ली जाती है और इसे बाद स्कीम चलाने वाले लोग या तो गायब हो जाते हैं या फिर लाभ नहीं दे पाते या निवेशकों का मूलधन भी वापस नहीं कर पाते। देश में लाखों ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने निवेश के धन को वापस प्राप्त करने के लिए अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। परंतु वर्षो की कानूनी लड़ाई के बाद भी उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे में यदि आप अपना पैसा किसी भी तरह के निवेश में लगाने से पहले कुछ सावधानियां बरत लें तो न केवल अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं परंतु अच्छा लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

1. विज्ञापनों पर भरोसा नकरें

निवेश करते समय सबसे पहली गलती जो कई लोग करते हैं वह यह है कि वे जल्दी से जल्दी बहुत लाभ का वादा देने वाले विज्ञापनों या कंपनियों की बातों पर बिना जांच पड़ताल किए विश्वास कर लेते हैं। आए दिन दैनिक समाचारपत्र ऐसे लुभावने विज्ञापन छापते रहते हैं। लोगों को ईमेल या एसएमएस द्वारा भी ऐसी स्कीमों के चंगुल में फंसाने की कोशिश की जाती है। सामान्यत: यह कहा जा सकता है कि यदि कोई विज्ञापनकर्ता 10/12% वार्षिक से अधिक ब्याज या लाभ की बात करता है या थोड़े ही समय में लाखों की कमाई का आश्वासन देता है तो ऐसी स्कीमों से दूर रहना चाहिए। कहा जा सकता है कि ऐसी किसी स्कीम के बारे में कुछ क्षण के लिए सोचने या पढऩे की भी जरूरत नहीं है।

2. किसी भी व्यक्ति की बातों में न आएं

ऐसे ही विज्ञापनों की श्रेणी में वे विज्ञापन भी आते हैं, जिनमें कोई व्यक्ति खुद को किसी प्रतिष्ठित संस्था या बैंक का प्रतिनिधि बता कर राशि जमा करने की बात करता है। सभी बैंक या प्रतिष्ठित संस्थाओं के अधिकृत कार्यालय या शाखाएं होती हैं, जिनमें जाकर निवेश की किसी योजना का पता लगाया जा सकता है। बाजार में घूम रहे सेल्समैन या एसएमएस भेजने वाले किसी व्यक्ति की बात पर विश्वास करके निवेश करना एक शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? बड़ी भूल है।

3. बचत की जानकारी गोपनीय रखें

सभी तरीके के निवेश में से मान्यता प्राप्त बैंकों में पैसे जमा करवाना सबसे सुरक्षित तरीका है। परंतु इसमें ऐसा नहीं कि कुछ भी जोखिम नहीं या सावधानी बरतने की जरूरत नहीं। कई बार बैंकों के कर्मचारी भी किसी ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी से पैसा निकाल लेते हैं यानी निवेशक का निकट व्यक्ति संबंधित चेक पर जाली हस्ताक्षर करके या एटीएम कार्ड का पिन डालकर धोखाधड़ी से पैसा निकाल सकता हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे बैंक में अपनी बचत की जानकारी गोपनीय रखें, अपनी चेक बुक सुरक्षित रखें, अपने एटीएम के पिन की गोपनीयता बनाए रखें एवं अपने सहकर्मियों या मित्रों पर अंधविश्वास न रखें।

4. किसी एक जगह ज्यादा पैसा न लगाएं

धोखाधड़ी के डर के अतिरिक्त निवेश का एक मूलभूत सिद्धांत यह है कि किसी एक ही जगह बहुत ज्यादा पैसा न लगाया जाए। अगर कोई निवेशक कई तरह की अलग-अलग परिसंपत्तियों में पैसा लगाता है तो चाहे वह अपना पैसा शेयर बाजार में ही क्यों न लगाए, एक मोटे नुकसान की आशंका से बच सकता है। ऐसी उम्मीद कम ही है कि लंबे समय तक अलग-अलग कंपनियों के शेयरों के दाम में भी भारी गिरावट हो।

5. निवेश योजना से पहले आकलन करें

कोई भी निवेश योजना बनाने से पहले निवेशक को आकलन करना चाहिए कि उसे किस पैसे शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? की कब जरूरत होगी। कुछ पैसा बैंक सावधि जमा खाते (एफडी) में रखने का लाभ यह है कि किसी भी समय जरूरत पडऩे पर सावधि जमा राशि का भुगतान लिया जा सकता है जबकि कुछ अन्य तरह की परिसंपत्तियों में परिसंपत्ति को कैश कराने में कठिनाई आ सकती है। अगर हम पिछले 40-50 साल के निवेश के माध्यमों का अध्ययन करें तो शेयर बाजार में लगाई गई पूंजी से निवेशकों को सबसे अधिक लाभ मिला है। अगर दस वर्ष या अधिक अवधि के लिए निवेश करना है तो आप निसंकोच शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।

6. एसआईपी है सबसे बेहतर

निवेश का एक आधुनिक तरीका है जो एसआईपी के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब है- सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान। इसमें निवेशक एक या दो म्युचुअल फंड चुन सकता है और अपने बैंक को निर्देश दे सकता है कि हर महीने एक निश्चित राशि किसी म्युचुअल फंड में लगा दी जाए। क्योंकि म्युचुअल फंड मैनेजर सैकड़ों कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, इसलिए निवेश का जोखिम उन सैकड़ों कंपनियों में विभाजित हो जाता है। इसके साथ ही क्योंकि एसआईपी में निवेशक का निवेश हर महीने कई साल तक चलता है इसलिए किसी विशेष समय पर शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी निवेश पर नहीं पड़ता। यही वजह है कि एसआईपी यानी सिप में निवेश सुरक्षित माना जाता है।

7. जमीन में निवेश कर बचें बाजार के संकट से

money

शेयर बाजार के बाद जमीन-जायदाद एक ऐसा निवेश है, जिसमें बाजार की मूल्यवृद्धि से भी बचाव है। जैसे सब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं संपत्ति का मूल्य भी बढ़ जाता है। परंतु इस निवेश में दो खतरे हैं- एक यह कि जरूरत पडऩे पर संपत्ति को जल्दी से बेचा नहीं जा सकता है और दूसरा यह कि किसी-किसी संपत्ति पर कई बार विवाद हो जाते हैं। किसी भी संपत्ति को खरीदने से पहले उसके कागजात की जांच पड़ताल अनुभवी वकील से करवा लेनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उस संपत्ति पर कोई विवाद किसी अदालत में लंबित तो नहीं है।

8. रखें सुरक्षित भविष्य का लक्ष्य

पिछले कई दशकों में वृद्धावस्था के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने का लक्ष्य हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। इसी जरूरत को देखते हुए वृद्धावस्था में पेंशन के लिए एक सार्वजनिक स्कीम एनपीएस के नाम से शुरू की गई है। इससे वे लोग भी आजीवन पेंशन पाने की आशा रख सकते हैं जो अब तक पेंशन के लाभ से वंचित रहे हैं। सब लोग जानते हैं कि जीवन बीमा, पीपीएफ में 1,50,000 रु. तक निवेश करके आयकर में छूट मिलती है, पर एनपीएस की खासियत यह है कि इसमें लगाई गई 50,000/- रु. तक की राशि पर 1,50,000/- रु. की उपरोक्त छूट के अलावा आयकर छूट है।

9. हमेशा अधिकृत कार्यालय या अधिकृत व्यक्ति से जानकारी लें

कोई भी निवेशक अगर बैंकों इत्यादि के अधिकृत कार्यालयों में जा कर या किसी भी स्कीम के बारे में चार-पांच जगह से छानबीन करके और अपने निवेश को अलग-अलग तरीके से बांट कर निवेश करता है तो न केवल नुकसान से बच सकता है परंतु अपनी जरूरतों के मुताबिक कुछ पैसा कभी भी निकाल सकता है, कर छूट का लाभ प्राप्त कर सकता है और लंबे समय तक किए गए निवेश पर उच्च लाभ प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा वह अपनी वृद्धावस्था में एक न्यूनतम आय का जरिया बनाए रखने के साथ अपनी मृत्यु के बाद अपने परिवार के लोगों के जीवनयापन के लिए उचित संसाधन छोडऩे के बारे में भी आश्वस्त हो सकता है।

संभला शेयर बाजार, जिले में निवेशकों ने कमाए १०० करोड़

Ghaziabad Bureau

गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Sat, 14 Mar 2020 12:15 AM IST

ghaziabad news

संभला शेयर बाजार, जिले में निवेशकों ने कमाए 100 करोड़
गाजियाबाद। कोरोना के चलते शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट शुक्रवार को पटरी पर आती दिखी। बाजार चार प्रतिशत की तेजी पर बंद हुआ और बीते दिन आई दस प्रतिशत की गिरावट से भी पार पाया। विशेषज्ञों का कहना है कि कुल 14 प्रतिशत का लाभ निवेशकों को मिला। अनुमान के मुताबिक जिले में निवेशकों ने अच्छी कंपनी के शेयर से करीब 100 करोड़ रुपये कमाए।
शेयर बाजार में मचे हाहाकार के बीच विशेषज्ञ निवेश में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। क्रूड ऑयल में लगातार गिरावट और कोरोना का कहर शेयर बाजार को और भी चौंका सकता है। क्रूड ऑयल से संबंधित कंपनियां दाम में लगातार गिरावट से सहमी हुई हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार अमेरिका के डोजोंस से प्रभावित रहता है। डोजोंस में लगातार शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? दो दिन से गिरावट आ रही थी। दस प्रतिशत की गिरावट से बाजार सहमा हुआ था। लोअर सर्किट (खरीदार न होना) से बाजार अब तक की सबसे बड़ी गिरावट का शिकार हुआ। निवेशकों की निगाहें अब सोमवार पर हैं, आने वाले दिनों में बाजार को लेकर सबसे अधिक चर्चा है।
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अभी रहेगा बाजार पर प्रभाव, सावधानी बरतें निवेशक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य आलोक गर्ग ने बताया कि कोरोना का प्रभाव अभी शेयर बाजार पर रहेगा। गाजियाबाद में करीब दस हजार डीमेट अकाउंट हैं। इनमें से दो से ढाई हजार खाताधारक प्रतिदिन शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त करते हैं। लोग अच्छी कंपनी के ही शेयर (ब्लूचिप) में निवेश करें। छोटी कंपनियों के शेयर न खरीदें। इसकेअलावा केवल शेयर में ही अपना निवेश न रखें। अन्य साधनों का भी प्रयोग करें, जिससे ऐसे समय में झटका न लगे। आलोक गर्ग ने बताया कि ऐसे समय में अगर लोग 100 रुपये के शेयर खरीद रहे हैं तो निवेश कम करते हुए 20 रुपये के ही शेयर खरीदें।
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निवेशक न डरें न बहकावे में आएं
चार्टर्ड अकाउंटेंट विनीत राठी का कहना है कि भारत सहित कई देश चीन से जुड़े हुए हैं और आयात-निर्यात के मामले में भी निर्भरता अधिक है। हमारे देश में भी कई चीजें बाहर से आती हैं। कोरोना के चलते प्रतिबंध इस पर प्रभाव डालेगा। यस बैंक सहित कई इंडस्ट्री के खराब प्रदर्शन से भी लोगों में डर है। ऐसे में निवेशक किसी भी तरह का डर न रखें और ना ही बहकावे में आएं। लंबे समय के लिए किए गए निवेश को डर के चक्कर में न बेचें। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ऐसी बड़ी कंपनियां जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन कोरोना के चलते अभी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है, इनके शेयर खरीदे जा सकते हैं। रेट कम होने से लंबे समय के निवेश के लिए यह सबसे बेहतर है। अधिक निवेश करने से लोग बचें और बाजार की लगातार अपडेट लेते रहें।


गाजियाबाद। कोरोना के चलते शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट शुक्रवार को पटरी पर आती दिखी। बाजार चार प्रतिशत की तेजी पर बंद हुआ और बीते दिन आई दस प्रतिशत की गिरावट से भी पार पाया। विशेषज्ञों का कहना है कि कुल 14 प्रतिशत का लाभ निवेशकों को मिला। अनुमान के मुताबिक जिले में निवेशकों ने अच्छी कंपनी के शेयर से करीब 100 करोड़ रुपये कमाए।
शेयर बाजार में मचे हाहाकार के बीच विशेषज्ञ निवेश में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। क्रूड ऑयल में लगातार गिरावट और कोरोना का कहर शेयर बाजार को और भी चौंका सकता है। क्रूड ऑयल से संबंधित कंपनियां दाम में लगातार गिरावट से सहमी हुई हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार अमेरिका के डोजोंस से प्रभावित रहता है। डोजोंस में लगातार दो दिन से गिरावट आ रही थी। दस प्रतिशत की गिरावट से बाजार सहमा हुआ था। लोअर सर्किट (खरीदार न होना) से बाजार अब तक की सबसे बड़ी गिरावट का शिकार हुआ। निवेशकों की निगाहें अब सोमवार पर हैं, आने वाले दिनों में बाजार को लेकर सबसे अधिक चर्चा है।


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अभी रहेगा बाजार पर प्रभाव, सावधानी बरतें निवेशक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य आलोक गर्ग ने बताया कि कोरोना का प्रभाव अभी शेयर बाजार पर रहेगा। गाजियाबाद में करीब दस हजार डीमेट अकाउंट हैं। इनमें से दो से ढाई हजार खाताधारक प्रतिदिन शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त करते हैं। लोग अच्छी कंपनी के ही शेयर (ब्लूचिप) में निवेश करें। छोटी कंपनियों के शेयर न खरीदें। इसकेअलावा केवल शेयर में ही अपना निवेश न रखें। अन्य साधनों का भी प्रयोग करें, जिससे ऐसे समय में झटका न लगे। आलोक गर्ग ने बताया कि ऐसे समय में अगर लोग 100 रुपये के शेयर खरीद रहे हैं तो निवेश कम करते हुए 20 रुपये के ही शेयर खरीदें।
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निवेशक न डरें न बहकावे में आएं
चार्टर्ड अकाउंटेंट विनीत राठी का कहना है कि भारत सहित कई देश चीन से जुड़े हुए हैं और आयात-निर्यात के मामले में भी निर्भरता अधिक है। हमारे देश में भी कई चीजें बाहर से आती हैं। कोरोना के चलते प्रतिबंध इस पर प्रभाव डालेगा। यस बैंक सहित कई इंडस्ट्री के खराब प्रदर्शन से भी लोगों में डर है। ऐसे में निवेशक किसी भी तरह का डर न रखें और ना ही बहकावे में आएं। लंबे समय के लिए किए गए निवेश को डर के चक्कर में न बेचें। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ऐसी बड़ी कंपनियां जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन कोरोना के चलते अभी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है, इनके शेयर खरीदे जा सकते हैं। रेट कम होने से लंबे समय के निवेश के लिए यह सबसे बेहतर है। अधिक निवेश करने से लोग बचें और बाजार की लगातार अपडेट लेते रहें।

Diwali Muhurat Trading 2022 Time: दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग के वक्त इन 4 स्टॉक पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट्स को ग्रोथ का भरोसा

Muhurat Trading 2022 Time: दिवाली के दिन यूं तो शेयर मार्केट में सामान्य दिनों की तरह कारोबार नहीं होता है लेकिन निवेशकों को एक घंटे का समय इंवेस्टमेंट के लिए मिलता है। इन स्टॉक पर लगा सकते हैं दांव-

Diwali Muhurat Trading 2022 Time: दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग के वक्त इन 4 स्टॉक पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट्स को ग्रोथ का भरोसा

Diwali Muhurat Trading 2022 Time: दिवाली के दिन यूं तो शेयर मार्केट (Stock Market) में सामान्य दिनों की तरह कारोबार नहीं होता है लेकिन निवेशकों को एक घंटे का समय इंवेस्टमेंट के लिए मिलता है। इस मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhhurat Trading) के समय बड़ी संख्या में लोग शेयरों को खरीदना और बेचना शुभ मानते हैं। बता दें, वैश्विक उथल-पुथल के बीच इस साल भारतीय शेयर मार्केट (Share Market) में काफी उतार और चढ़ाव देखने को मिला है। लेकिन पिछले 7 सत्रों के दौरान दलाल स्ट्रीट का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। शुक्रवार को NSE 12 अंकों की उछाल के साथ 17,576 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई 104 अंकों की तेजी के साथ 59,307 पर बंद हुआ है। अगर आप भी मुहूर्त ट्रेडिंग ( Diwali Muhurat Trading) के वक्त निवेश करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट की पसंद के इन 4 शेयरों पर दांव लगा सकते हैं।

दिवाली के दिन LPG सिलेंडर सस्ता हुआ या महंगा? चेक करें लेटेस्ट रेट्स

कौन से स्टॉक्स हैं एक्सपर्ट की पसंद?

अनुग गुप्ता, वाइस प्रेसीडेंट ( IIFL Securities) की पसंद

1-सुजलॉन एनर्जी- 11 रुपये का टारगेट प्राइस (स्टॉप लॉस - 6.50 रुपये)
2- इलेक्ट्रॉनिक मार्ट - 102 रुपये का टारगेट प्राइस (स्टॉप लॉस - 80 रुपये)

रवि सिंघल - सीईओ - GCL Securities की पसंद

3-कोटक महिंद्रा बैंक - टारगेट प्राइस 1940-1989 रुपये (स्टॉप लॉस 1870)
4- पंजाब नेशनल बैंक - टारगेट प्राइस - 44 रुपये से 50 रुपये (स्टॉप लॉस - 38.50)

मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान क्या रणनीति अपनाएं?

जेएम फाइंनेशियल सर्विसेज के रिसर्च और टेक्निकल हेड शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? डायरेक्टप राहुल शर्मा कहते हैं,“निफ्टी इस समय एक बेहतर प्वाइंट पर है। हमें उम्मीद है कि निफ्टी आने वाले दिनों में 18,000 या 18,100 के लेवल तक जा सकता है। बैंकिंग सेक्टर ने पिछले दो सेशन के दौरान 10 प्रतिशत गेन किया है। इस तरह का जब भी रिएक्शन देखने को मिलता है तब बाजार हमेशा ऊपर की तरफ जाता है।” 5paisa.com के लीड रिसर्च के रुचित जैन कहते हैं, “चार्ट पैटर्न काफी बेहतर दिखाई दे रहा है। यह मोमेंटम पॉजिटिव ग्रोथ की संभावना दिखा रहा है। किसी भी प्रकार के गिरावट के वक्त निवेशक को खरीदारी पर फोकस करना चाहिए। हालांकि, स्टॉक का चयन सावधानी से करें।”

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं? ध्यान में रखें ये 5 महत्वपूर्ण बातें

टाइम्स नाउ डिजिटल

इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) में निवेश की योजना बना रहे हैं। निवेश से पहले यहां जानिए कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए। नहीं तो नुकसान भी हो सकता है।

Thinking of Investment in IPO? Keep these 5 important things in mind

भारतीय स्टॉक मार्केट में हाल के समय में प्रारंभिक सार्वजनिक ऑफरिंग/ इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की बाढ़ सी आ गई है। स्टॉक इन्डेक्स के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर ट्रेड करने के साथ, बाजार में शीघ्र ही नए आईपीओ के आने के साथ ही, नए शेयरों को जारी करने का इस तरह का जोश देखने की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन, निवेश करने से पहले पूंजी बाजार में प्रवेश करने वाले प्रत्येक न्यू एन्ट्रेंट का मूल्यांकन विभिन्न फैक्टर्स के आधार पर किया जाना चाहिए क्योंकि जिस तरह से मार्केट इंटरमीडियरीज द्वारा उन्हें बताया जा रहा है, वे उतने आकर्षक नहीं भी हो सकते हैं। इसलिए, निवेशकों के लिए यह समझदारी की बात होगी की वे आईपीओ में निवेश करने से पहले पर्याप्त सावधानी बरतें, क्योंकि कभी-कभी इस तरह के निवेश जितने दिखाई देते हैं, उससे अधिक जोखिमपूर्ण हो सकते हैं।

आगे बढ़ने से पहले, आइये पहले यह समझते हैं कि आईपीओ होता क्या है?

प्रारम्भिक सार्वजनिक ऑफरिंग (आईपीओ), निवेशकों को शेयर जारी करके स्टॉक मार्केट से पूंजी जुटा कर किसी निजी रूप से धारित कंपनी को पब्लिक कंपनी बनाने की प्रक्रिया को कहा जाता है। आईपीओ से निजी फर्में अपनी आने वाली परियोजनाओं या विस्तार के लिए फंड जुटाने में समर्थ होती हैं और इसके बाद कंपनी की सार्वजनिक रूप से स्क्रूटनी किया जाना संभव होता है। स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की लिस्टिंग से कंपनी को अपना वास्तविक मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है। इस प्रकार की ऑफरिंग से आम निवेशक कंपनी के भावी विकास में भागीदारी करने में सक्षम होते हैं।

ऐसा कहने के बाद, यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि सभी आईपीओ, सफल नहीं रहते हैं। इससे पहले अनेक ऐसे इश्यू रहे हैं जो कामयाब साबित नहीं हुए, जबकि काफी इश्यू सफल रहे और वे आज भी निवेशकों के निवेश में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इस प्रकार, निवेशक को आईपीओ में निवेश करते समय बहुत अधिक सावधानी और बुद्धिमत्ता का प्रयोग करना चाहिए।

यहां पर उन 5 सावधान करने वाले कदमों को बताया गया है जिनका आईपीओ में पैसा लगाते समय इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

डीआरएचपी को गहराई से पढ़ें

नई इकाई के ड्राप्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्ट्स या डीआरएचपी में आईपीओ पेश करने वाली नई इकाई के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल की गई होती है। शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? डीआरएचपी, जिसे सिक्योरीटीज मार्केट रेगुलेटर यानी सिक्योरीटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (एसईबीआई) के यहां सब्मिट कराया जाता है, एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है और इसमें कंपनी के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल की जाती है, जिसमें इसका कारोबार, पिछला परफॉर्मेंस, सम्पत्ति और देयताएं, आईपीओ के ज़रिए प्राप्त फंड्स की क्यों जरूरत है और वह इस फंड का क्या करेगी, और संभावित जोखिम फैक्टर्स, जो कंपनी के परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकते हैं। उसका ब्यौरा भी शामिल होता है, और इस प्रकार, शेयर की कीमत तय की जाती है। निवेश करने से पहले आपको इसे गहराई से पढ़ने में कोई गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि डीआरएचपी में वह महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है जिससे आपको कारोबार को बेहतर समझने में मदद मिल सकती है और आप एक समझदार निवेशक बन सकते हैं।

जुटाई गई पूंजी का उद्देश्य

कंपनी को पूंजी की आवश्यकता के बारे में 'क्यों चाहिए' फेक्टर को बहुत अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। यदि कंपनी कर्ज में डूबी है और डीआरएचपी में यह उल्लेख किया जाता है कि प्राप्त फंड्स का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा, तो निवेशकों को इस प्रकार के इश्यू के प्रति सावधान हो जाना चाहिए। लेकिन, यदि उपयोग कर्ज के भुगतान और साथ ही विस्तार, दोनों उद्देश्यों से किया जाएगा, तो आप निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। यदि कंपनी पहले से लाभ के साथ आगे बढ़ रही है और उसके पास समुचित कैश बैलेंस है, और एकमात्र अपने कारोबार में विस्तार करने और भावी लाभ को प्राप्त करने के लिए जुटाई जाने वाली पूंजी का इस्तेमाल करना चाहती है, तो ऐसे इश्यू में निवेश करना जरूरी हो जाता है।

प्रोमोटर्स को जानिए

कंपनी को चलाने वाले लोगों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें फर्म के प्रोमोटर्स और मैनेजमेंट में अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल होते हैं। क्योंकि यह व्यक्ति कंपनी के लिए ड्राइविंग फोर्स हैं, इसलिए विकास की संभावनाएं उनकी सही कारोबारी निर्णय लेने की योग्यता पर निर्भर करती हैं। निवेशकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि महत्वपूर्ण मैनेजमेंट अधिकारियों द्वारा कितने समय उस कंपनी में बिताया गया है।

संभावित ग्रोथ ड्राईवर्स

विभिन्न ग्रोथ ड्राईवर्स में कंपनी जिस सेक्टर में काम करती हैं, उसमें इसकी पोजिशन क्या है, इसका मार्केट शेयर कितना है, इसके उत्पादों की एक्सेसिबिलिटी और विजिबिलिटी कितनी है, भौगोलिक विस्तार कितना है, विस्तार योजनाएं क्या हैं, अनुमानित प्रोफिटेबिलिटी, आपूर्ति सीरीज, संकट को झेलने की क्षमता और कार्यकुशलता जैसे फेक्टर्स से भावी कारोबारी की संभावनाओं को निर्धारित किया जाता है।

जोखिम फैक्टर्स

कंपनी द्वारा अपने डीआरएचपी में बताए गए जोखिम फैक्टर्स पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ये फिल्टर्स की तरह काम करते हैं और जब बात आईपीओ में निवेश करने की आती है, तो इन्हीं के आधार पर तय किया जाता है कि क्या आईपीओ में निवेश किया जाए अथवा नहीं। कानूनी मुकदमेबाजी से लेकर मौसमी की आपदाएं और ब्याज दरों में नीतिगत परिवर्तन आदि अनेक जोखिम फैक्टर्स हो सकते हैं, जो कंपनी की भावी विकास संभावनाओं को बाधित कर सकते हैं।

अंत में

किसी अन्य निवेश की ही तरह, निवेश करने से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का मूल्यांकन करें। आपको अपनी जोखिम को उठाने की क्षमता के अनुसार ही निवेश करना चाहिए। यदि बाजार में भागीदारी करने वालों के अनुसार कारोबार बहुत अधिक जोखिम भरा लगता है, और आपकी जोखिम को उठाने की योग्यता से मेल नहीं करता है, तो आईपीओ में निवेश करने से बचना ही बेहतर होगा। इसके अलावा, ऑफर की जाने वाली वैल्यूएशंस, विकास की संभावनाओं से मेल नहीं करती हैं, तो आपको इससे बचना चाहिए।

किसी आईपीओ पर विचार करते समय अपनी खुद की रिसर्च करने पर विचार करना चाहिए। नए इश्यू को शीघ्रतापूर्वक पैसा कमाने के इंस्ट्रुमेंट नहीं माना जाना चाहिए। और इसी के साथ-साथ, समान रूप से यह भी सच है कि आपको हर आईपीओ में निवेश करने की जरुरत नहीं है। आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, इस बात के आधार पर फैसला करना उपयुक्त रहता है। यहां कहना जरूरी है कि समझदार निवेशक लंबी अवधि में बेहतर परफॉर्म करते हैं।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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