बिजनेस में सफलता के टिप्स

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पाना है जल्द ही सफलता तो आज ही छोड़ दें ये आदतें
आपने भी देखा ही होगा की बहुत से लोग किसी न किसी क्षेत्र में प्रगति के लिए आगे तो बढ़ते है पर सफल नहीं हो पाते है। आखिर क्यों ऐसा होता है। किन कमियों की वजह से वे मेहनत करने के बाद भी पीछे रह जाते है। जानिए, और सफलता के लिए करें कुछ ऐसे प्रयास -
हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होने के लिए सबसे पहले तो अपनी बुरी आदतों को छोड़ना ही होगा क्योंकि कहीं न कहीं ये बुरी आदते ही सफलता के लिए बाधक बनती है।
1- बिजनेस में सफलता चाहिए तो मदद मांगने में संकोच न करें। अहंकार के साथ आप बिजनेस में आगे नहीं बढ़ सकते।
2- काम कल पर छोड़ने की आदत छोड़ दें। आज का काम अभी खत्म करें।
3-बात-बात पर बुरा मानने और प्रतिक्रिया देने की आदत को भी छोड़ दें। क्योंकि इससे आपका पीआर खराब हो जाएगा। जिससे बिजनेस पर असर होगा।
4- कोई परफेक्ट नहीं हो सकता। इसलिए बार-बार खुद को परफेक्ट दिखाने और समझने की गलती न करें। इससे आपका बिजनेस पिछड़ जाएगा।
5- मन में अपने किसी एम्प्लॉई या क्लायंट को छोटा न समझें। किसी के भी आइडिया से आपके बिजनेस की किस्मत बदल सकती है।
IIM Sirmaur 6th Convocation : नेस्ले के MD ने दिए टिप्स, जाजू & अयान को स्वर्ण पदक
पांवटा साहिब, 19 नवंबर : भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर (IIM Sirmaur) का छठा वार्षिक दीक्षांत समारोह शनिवार को पांवटा साहिब में संस्थान के परिसर में आयोजित किया गया। नेस्ले इंडिया लिमिटेड (Nestle India Limited) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन (Suresh Narayanan) ने बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअल से शिरकत की। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रफुल्ल वाई. अग्निहोत्री (Prof Prafulla Y Agnihotri) ने इस अवसर पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईएम सिरमौर अजय एस श्रीराम (Ajay S. Shriram) और अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रबंध निदेशक, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड उपस्थित थे। उन्होंने स्नातक करने वाले छात्रों को एमबीए की डिग्री प्रदान की। 186 छात्रों को मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) और 29 छात्रों को मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट (एमबीए टी एंड एचएम) से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान IIM के छात्र व स्टाफ
ये बेहतरीन स्टूडेंट्स
स्नातक करने वाले छात्रों में इकतालीस छात्राएं हैं। जाजू विनय कमल और मोहम्मद अयान अहमद ने क्रमशः एमबीए और एमबीए (टी एंड एचएम) के लिए चेयरमैन का स्वर्ण पदक प्राप्त किया। योग्यता के क्रम में दूसरे स्थान पर रहने के लिए अतींद्र साहा और आशीष कुमार को निदेशक पदक से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में ईशान मिश्रा और आशीष कुमार को उनके संबंधित कार्यक्रम में आलराउंड प्रदर्शन के लिए विशेष पहचान पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि का संबोधन…
ऑनलाइन दीक्षांत भाषण में, मुख्य अतिथि सुरेश नारायणन ने छात्रों को एक प्रेरक भाषण दिया और सफलता के लिए अपने “C” मंत्रों को साझा किया। इसमें स्पष्टता, क्षमता, साहस, रचनात्मकता, बाधाएं, करुणा, संतोष और निरंतर सीखना शामिल था। अंत में, उन्होंने जोर देकर कहा कि एमबीए की डिग्री सिर्फ बोर्डिंग पास है योग्यता ही जीवन में उड़ान को परिभाषित करेगी। आखिरकार, खुशी ही जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।
बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित IIM के छात्र
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बोले…
स्वागत भाषण में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष अजय एस. श्रीराम ने छात्रों के बीच नवाचार (Innovation) और उद्यमिता पर जोर देते हुए विभिन्न नई पहल करके आईआईएम सिरमौर को एक उत्कृष्ट संस्थान बनाने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
निदेशक का संबोधन…
आईआईएम सिरमौर के निदेशक प्रोफेसर प्रफुल्ल वाई. अग्निहोत्री ने स्नातक छात्रों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईआईएम सिरमौर (IIM Sirmaur) ने एमबीए प्रोग्राम में 249, एमबीए (टी एंड एचएम) में 53 और पीएचडी में एक छात्र को प्रवेश दिया। उन्होंने छात्रों की उपलब्धियों के साथ-साथ उनके प्लेसमेंट रिकॉर्ड के बारे में भी सभा को अवगत कराया। उन्होंने यह भी साझा किया कि आईआईएम सिरमौर ने अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कंसोर्टियम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो आईआईएम सिरमौर को सभी फ्रांसीसी सरकारी विश्वविद्यालयों या सार्वजनिक विश्वविद्यालयों तक पहुंच प्रदान करेगा, ताकि एक भारतीय छात्र क्रेडिट (Indian Student Credit) पूरा होने पर आधिकारिक फ्रेंच एम 2 स्टेट डिग्री प्राप्त कर सके।
फ्रांसीसी विश्वविद्यालय आईआईएम सिरमौर के सभी कार्यक्रमों को हस्ताक्षरित प्रत्येक समझौते के लिए क्रेडिट समकक्षता के संदर्भ में मान्यता देंगे। आईआईएम सिरमौर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक वैधानिक और स्वायत्त संस्थान (Statutory and Autonomous Institution) है। उन्होंने कहा कि 2015 में स्थापित, आईआईएम सिरमौर शिक्षाविदों, अनुसंधान, कॉर्पोरेट इंटरफेस, सामाजिक समावेश और सामुदायिक जुड़ाव से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में पहल करने में सक्षम रहा है।
2 महीने का कोर्स कर शुरू किया बिजनेस, अब सालाना ₹18 लाख की कमाई कर रहा ये शख्स
Layer Farming Business Idea: बिजनेस शुरू करने के लिए इस शख्स ने अपने पैरेंट्स से 20 लाख रुपए का उधार लिया. उनके फर्म से 5 गांवों के लिए 90 किसान जुड़े हुए हैं. वो 4 लागों को रोजगार भी दे रहे हैं.
Layer Farming Business Idea: तेजी से बदलते समय के साथ लोगों की सोच भी बदली है. कुछ वर्ष पहले तक देश का युवा वर्ग खेती किसानी से इतर, केवल इंजीनियरिंग और डॉक्टर की पढ़ाई के पीछे ही भागता था. वहीं अब कृषि (Agriculture) सेक्टर में भी करियर की अपार संभावनाएं बन गई हैं. आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जिसने एग्री में दो महीने का कोर्स किया और अब वो सालाना लाखों में कमाई (Income) के साथ लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
महाराष्ट्र के सांगली जिले के वालवा तालुक के रहने वाले महेश मुकुंड पाटिल ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे योजना का लाभ उठाया. उन्होंने एग्री क्लिनिक और एग्री बिजनेस केंद्र योजना से दो महीने की आंत्रप्नयोर ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने लेयर पोल्ट्री (Layer Poultry) में शामिल होने का फैसला किया.
क्या है Layer Poultry Farming?
लेयर पोल्ट्री फार्मिंग (Layer Poultry Farming) का मतलब कमर्शियल स्तर पर अंडा प्रोडक्शन (Egg Production) के उद्देश्य से अंडा देने वाली पोल्ट्री पक्षियों का पालन करना है. लेयर चिकन 18 से 19 हफ्ते में कमर्शियल रूप से अंडे देना शुरू कर देते हैं. ये अपनी 72 से 78 हफ्ते की उम्र तक लगातार अंडे देना जारी रखती हैं. ये अंडे देने की अवधि के दौरान लगभग 2.25 किलोग्राम भोजन खाकर करीब 1 किलोग्राम अंडे का प्रोडक्शन कर सकती हैं.
10 हजार मुर्गियों से शुरू किया लेयर फार्मिंग
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन मैनेजमेंट ने महेश मुकुंड पाटिल की सफलता की कहानी बताई है. महेश फीड और फीड सप्लीमेंट्स के लिए बहुत उत्सुक थे जो सेहत के लिए फायदेमंद है. उसके मुताबिक, मुर्गिंयों )Hen) के लिए प्रोटीन, विटामिन और मिनरल बहुत जरूरी हैं. ये अंडे (Egg) की क्वालिटी, लेयर पोल्ट्री फर्टिलिटी और लेयर बर्ड की हेल्थ को प्रभावित करते हैं.
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उधाल लेकर शुरू किया कारोबार
महेश ने अपने पैरेंट्स से 20 लाख रुपए का उधार लेकर 10,000 बर्ड्स से लेयर पोल्ट्री फार्मिंग (Layer Poultry Farming) की शुरुआत की. आज उनके कारोबार का सालाना टर्नओवर (Business Profit) 18 लाख रुपए है. आज एमएम लेयर फार्मिंग से 5 गांवों के लिए 90 किसान जुड़े हुए हैं. वो 4 लागों को रोजगार भी दे रहे बिजनेस में सफलता के टिप्स हैं.
अपनी राशि के अनुसार जाने कौन सा बिजनेस आपके लिए है बेस्ट
अपनी राशि के अनुसार जाने कौन सा बिजनेस आपके लिए है बेस्ट
अपना बिजनेस चुनने को लेकर कई लोग दुविधा में बने रहते है। एक ओर जहां ज्यादातर व्यक्ति अपने कॅरियर के चुनाव को लेकर संतुष्ट नहीं होते हैं। वहीं कई बार तमाम मेहनत के बावजूद व्यक्ति जिस प्रोफेशन में होता है वह उसमें भी ज्यादा बड़े मुकाम तक नहीं पहुंच पाता है। जानिए राशि के अनुसार अपना बिजनेस आपके लिए है बेस्ट
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि वैदिक ज्योतिष में नौकरी/व्यवसाय का सही चयन करने के लिए जन्म कुण्डली में स्थित ग्रहों तथा नक्षत्र की स्थिति के साथ दसवें भाव का विश्लेषण किया जाता है। जन्मपत्रिका में दसवां भाव कर्म व पिता का भाव माना जाता है। यह भाव हमारे कर्म क्षेत्र के बारे में बताता है।
वहीं ज्योतिष विज्ञान में राशि के अनुसार कार्य व व्यवसाय की अनुकूलता को बताया गया है। ऐसे में माना जाता है कि यदि आप अपनी राशि के अनुसार अपने प्रोफेशन का चयन करते हैं, तो आपको इसमें अधिक सफलता मिलती है।
इसके कारण के संबंध में पंडित शर्मा कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र व्यक्ति की रुचि, बौद्धिक प्रतिभा और उसकी वास्तविक क्षमता का सटीक अध्ययन उसकी जन्म कुंडली के आधार पर करता है। इसलिए राशि के अनुसार व्यवसाय अथवा कार्य क्षेत्र का चयन बेहद सार्थक होता है।
ऐसे में माना जाता है कि अगर हम अपनी राशि के हिसाब से अपने कॅरियर का चुनाव करें तो हम ऐसी कई परेशानियों से बच सकते हैं। इसी कारण माना जाता है कि राशि के जातकों के लिए किस प्रोफेशन में जाना फायदेमंद हो सकता है:
1. मेष राशि
मंगल ग्रह इन राशि वालों का स्वामी होता है। यह साहस और ऊर्जा का कारक होता है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार मेष लग्न वाले जातकों के लिए इंजीनियरिंग, सैन्य और पुलिस क्षेत्र सही रहता है। इसके अलावा वकालत, चिकित्सक, ड्राइविंग, जौहरी और कम्प्यूटर क्षेत्र जैसे व्यवसाय में आपको सफलता प्राप्त होती है।
2. वृषभ राशि
इस राशि का स्वामी शुक्र होता है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह दाम्पत्य जीवन, पार्टनर, वैभव आदि का कारक होता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे में वृष राशि के जातकों के लिए कला, विलासिता की वस्तुएं, पेंटिंग, गायक, नृत्य, संगीत, सिनेमा, अभिनय, फैशन आदि क्षेत्र अनुकूल होते हैं। आपके लिए कृषि, धातु, होटल आदि से संबंधित व्यवसाय शुभ होता है।
3. मिथुन राशि
बुध ग्रह को ज्योतिष में मिथुन राशि का स्वामी माना जाता है। यह ग्रह संवाद, गणित, कॉमर्स और बुद्धि का कारक होता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे में मिथुन राशि वालों को बैंकिंग, लिपिक, लेखन, मीडिया रिपोर्टर, संपादन, भाषा विशेषज्ञ अनुवादक के क्षेत्र में करियर बनना चाहिए।
4. कर्क राशि
कर्क राशि का चंद्रमा की स्वामित्व वाली राशि है। चंद्र ग्रह मन और माता का कारक होता है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार इस राशि वाले जल व कांच से सबंधित कार्यों में सफलता पाते हैं। इसलिए आपको शील पेय, लांडरी, नाविक, डेयरी फार्म, होटल, कारोबार, बर्फ, जहाज, रसायन विज्ञान सुगंधित पदार्थ, अगरबत्ती, फोटोग्राफी, चित्रकारी, पुरातत्व, इतिहास सामाजिक कार्यकर्ता आदि व्यवसाय चुनना चाहिए।
5. सिंह राशि सूर्य ग्रह के स्वामित्व वाली राशि सिंह है। हिन्दू ज्योतिष में सूर्य ग्रह पद-प्रतिष्ठा, आत्मा, पिता, लीडर आदि का कारक होता है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि के जातकों को राजनयिक, प्रशासनिक, अधिकारी वर्ग, शासकीय पद पर कार्य करना चाहिए। इसके अलावा इन्हें औषधि, स्टाक एक्सचेंज कपड़ा, रूई, काग़ज़, स्टेशनरी, घास, फल से संबंधित व्यवसाय में भी सफलता देता है।
6. कन्या राशि ज्योतिष में कन्या राशि पर बुध का स्वामित्व माना गया है। यह संवाद, बुद्धि, वाणी, गणित, ज्योतिष आदि का कारक होता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे में कन्या राशि के जातकों को ज्योतिष, वायु, अध्ययन, अध्यापन, शिक्षक, खुदरा, विक्रेता, लिपिक, रुपयों का लेन-देन, स्वागतकर्ता, बस ड्राइवर, रेडियों-दूरदर्शन के कलाकार, नोटरी, कम्प्यूटर आदि क्षेत्रों में करियर बनाना चाहिए।
7. तुला राशि इस राशि का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह योवन, सुंदरता, आभूषण, ऐश्वर्य, काम शास्त्र आदि का कारक होता है। ज्योतिष के अनुसार तुला राशि के जातकों को मनोचिकित्सक, अन्वेषक, जासूस, बही खाता रखने वाला, खजांची, बैंक क्लर्क, टाइपिस्ट, लेखा परीक्षक, पशुओं से उत्पन्न वस्तुएं जैसे दूध, घी, ऊन आदि का क़ारोबार करना चाहिए।
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8. वृश्चिक राशि मंगल ग्रह को वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है। ज्योतिष विज्ञान में मंगल को ऊर्जा, साहस, मकान, भूमि आदि का कारक माना जाता है। अतः ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि के जातकों को करियर में सफलता पाने के लिए केमिस्ट, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, भवन निर्माण, मार्केटिंग, देश सेवा, टेलीफोन, विद्युत खनिज तेल, नमक, औषधि, घड़ी, रेडियो, दार्शनिक, जासूस आदि क्षेत्रों में हाथ आज़माना चाहिए।
9. धनु राशि इस राशि का स्वामी गुरु होता है। ज्योतिष बृहस्पति ग्रह को गुरु, ज्ञान, सुख, देवता, मित्र, पुत्र आदि का कारक माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार इस राशि के जातकों के लिए अध्यापन, लेखक, संपादक, शिक्षा विभाग, कानून, वकालत, लेखन, कार्य, क्लर्क, उपदेशक, स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक, धर्म सुधारक, प्रकाशन, दलाल, आयात-निर्यात, खाद्य पदार्थ, चमड़े का व्यापार, बैंकर आदि क्षेत्र अनुकूल होते हैं।
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10. मकर राशि शनि के स्वामित्व वाली राशि मकर है। ज्योतिष में शनि ग्रह शस्त्र, यात्रा, चाकरी, भैंस, ऊँट, घोड़ा, हाथी, शिल्प, नीलम आदि का कारक होता है। ऐसे में मकर राशि वाले जातकों को ज्योतिष के अनुसार प्रबंधन, बीमा विभाग, बिजली, कमिशन, मशीनरी, ठेकेदारी, सट्टा, आयात-निर्यात, रेडीमेड कपड़ा, राजनीतिक, खिलौना, खनन, वन उत्पाद, बागवानी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहिए।
11. कुंभ राशि कुंभ राशि का स्वामी भी शनि होता है। शनि को शस्त्र, यात्रा, चाकरी, शिल्प, नीलम आदि का कारक माना गया है। ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि के जातकों को इससे संबंधित व्यवसायों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इसके साथ ही आपको शोध कार्य, शिक्षण बिजनेस में सफलता के टिप्स कार्य, ज्योति-तांत्रिक, प्राकृतिक, उपचारक, दार्शनिक, चिकित्सकीय, कम्प्यूटर, वायुयान, मैकेनिक, बीमा, ठेकेदारी आदि क्षेत्र में भी सफलता मिलने की संभावना रहती है।
12. मीन राशि मीन राशि गुरु के स्वामित्व वाली राशि है। ज्योतिष बृहस्पति ग्रह को गुरु, ज्ञान, सुख, देवता, मित्र, पुत्र आदि का कारक माना जाता है। अतः ज्योतिष के अनुसार मीन राशि के जातकों को लेखन, सम्पादन, अध्यापन, लिपिक, पानी, अनाज, दलाली, शेयर, मछली, कमीशन, एजेंट, आयात निर्यात, कोरियोग्राफी आदि क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहिए।
Chanakya Niti: छात्र-छात्राओं को अच्छा भविष्य बनाने के लिए करना होगा इन चीजों का त्याग, जानें सफलता पाने का टिप्स.
आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई बिजनेस में सफलता के टिप्स विषयों के विशेषज्ञ थे. इन्होंने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि विषयों पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि छात्र-छात्राओं को अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए कुछ चीजों का त्याग करना पड़ता है.
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. इन्होंने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि विषयों पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि छात्र-छात्राओं को अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए कुछ चीजों का त्याग करना पड़ता है. चाणक्य ने सफलता पाने के लिए कई टिप्स दिये है. उन्होंन कहा है कि जो छात्र इन चीजों को नहीं छोड़ता है, वह विद्या जैसे महान धन का अर्जित नहीं कर सकता है.
चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि विद्यार्थियों को अध्ययन के समय में कुछ सावधानिया रखनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार किसी भी छात्र को देर तक नहीं सोना चाहिए. छात्र और संत एक समान होते है. संतों और छात्रों को एक जैसी नींद लेनी चाहिए, जिस तरह संत अपनी साधना को पूरा करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते है, ठीक उसी तरह से विद्यार्थियों को भी अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उत्सुक रहना चाहिए. छात्रों को हमेशा पौष्टिक भोजन खाना चाहिए. पौस्टिक खाना खाने से छात्रों के स्वास्थ्य के विकास के साथ-साथ बुद्धि का भी विकास होता है.
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इन 06 बातों पर देना होगा ध्यान
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि विद्यार्थियों को कामवासना से दूर रहना चाहिए. अगर वह अनैतिक चीजों के बारे में सोचता रहा तो विद्या ठीक से प्राप्त नहीं कर सकता है. उसका अध्यन करने में बिल्कुल ही मन नहीं लगेगा.
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध होता है. क्रोध से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है. क्रोध में रहने वाला व्यक्ति ठीक से पढ़ाई-लिखाई नहीं कर सकता है.
लोभ इंसान को आगे ले जाने के बजाय पीछे ले जाता है. छात्र के लिए लालच पढ़ाई के लिए होना चाहिए, अन्यथा छात्र जीवन में लालच करना खराब परिणाम लाते हैं. छात्रों को लालच से दूर रहना चाहिए.
चाणक्य ने बताया है कि छात्र को हमेशा संतुलित भोजन करना चाहिए. कुछ भी खा लेने से छात्र के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उसके अध्ययन में बाधा आ जाता है.
छात्र जीवन में साधारण रहना चाहिए. छात्राओं को अधिक शृंगार नहीं करना चाहिए. साज-शृंगार में अगर ध्यान रहेगा तो अध्ययन में विघ्न आ जाएगा. छात्र का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा और परिक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं कर पाएगा.
चाणक्य ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि छात्रों को हर समय अध्ययन करते रहना चाहिए, उसको मनोरंजन के लिए खेल-कूद का सहारा लेना चाहिए. छात्र को आवश्यकता से अधिक खेलकूद में नहीं लगना चाहिए. इससे बचना चाहिए.
Posted by: Radheshyam Kushwaha
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