क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है

युआन रिजर्व को बढ़ावा देने के लिए चीन ने 40 से ज्यादा देशों के साथ करेंसी स्वैप एग्रीमेंट किया है। इस एग्रीमेंट के तहत 2 देशों को व्यापार करने कि लिए हर बार SWIFT सिस्टम की जरूरत नहीं। एक फिक्स अमाउंट का ट्रेड वो देश क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है अपनी करेंसी में कर सकते हैं।
अमेरिकी डॉलर को रौंद रही रूस-चीन की स्ट्रैटजी: पुतिन ने सस्ता तेल बेचा, जिनपिंग ने सस्ता कर्ज बांटा; भारत भी अहम किरदार
24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करते ही रूस पर प्रतिबंधों की बाढ़ आ गई। अमेरिकी डॉलर में कारोबार न कर पाने का संकट खड़ा हो गया। रूसी करेंसी रूबल की वैल्यू धड़ाम हो गई। रूस की इकोनॉमी तबाह होने की भविष्यवाणियां होने लगीं, लेकिन पुतिन तो जैसे इसी मौके के इंतजार में थे। उन्होंने जिनपिंग के साथ एक ऐसी स्ट्रैटजी को एक्टिवेट कर दिया, जिसकी तैयारी दोनों पिछले कई सालों से कर रहे थे। ये स्ट्रैटजी दुनिया से अमेरिका डॉलर के दबदबे को खत्म कर सकती है।
भास्कर एक्सप्लेनर में हम रूस-चीन की उसी स्ट्रैटजी को आसान भाषा में जानेंगे, लेकिन उससे पहले 2 सवालों के जवाब जान लेना जरूरी है.
सवाल- 1: अमेरिकी डॉलर दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी कैसे बन गई?
स्टॉक मार्केट और रुपये दोनों पर विदेशी संकेतों का दबाव, जानिए कैसे रहे आज के बाजार?
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Nov 18, 2022 | 6:36 PM
घरेलू बाजारों में आज विदेशी संकेतों की दबाव देखने को मिल रहा. आज के कारोबार में स्टॉक मार्केट और रुपये दोनों में ही कमजोरी देखने को मिली है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में घरेलू स्टॉक मार्केट लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये में भी आज कमजोरी देखने को मिली है. हालांकि खास बात ये है कि दोनो ही मार्केट में गिरावट सीमित ही दर्ज हुई. बाजार के एक्सपर्ट्स की माने तो फिलहाल घरेलू बाजारों को विदेशी संकेतों से दिशा मिल रही है. फिलहाल विदेशी बाजारों में अनिश्चितता है जिसका नुकसान घरेलू बाजारों को हो रहा है.
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इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.51 प्रतिशत बढ़कर 109.35 पर आ गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सख्त रुख अपनाने की बात कहने के बाद डॉलर में मजबूती आई। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.86 प्रतिशत बढ़कर 101.86 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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कच्चे तेल में तेजी
अमेरिकी कच्चा तेल U.S. West Texas Intermediate crude oil सोमवार को शुरुआती कारोबार में 0.83 फीसदी यानी 0.77 डॉलर की तेजी के साथ 93.83 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है। ब्रेंट 0.57 फीसदी यानी 0.58 डॉलर की क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है तेजी के साथ 101.6 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है। हाल के दिनों में कच्चे तेल क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है की कीमत में काफी उठापटक देखी जा रही है। ईरान और पश्चिमी देशों के न्यूक्लियर डील के करीब पहुंचने क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है की खबरों से इसमें गिरावट आई थी। लेकिन फिर क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है सऊदी अरब की एक धमकी से इसमें तेजी आई। सऊदी अरब ने कहा था कि ओपेक देश कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर सकते हैं।
भारत में तेजी से बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार के क्या हैं कारण ?
एक विविध संघीय जनतंत्र होने के बावजूद बीते छः वर्षों में पूरे भारत के लिए सीमलेस, सम्मिलित एवं पारदर्शी व्यवस्थाएँ तैयार करने पर बल दिया गया है। जहाँ पहले भारत में अप्रत्यक्ष कर ढाँचे का एक बहुत बड़ा जाल फैला हुआ था, वहीं अब जीएसटी के रूप में केवल एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली पूरे देश के व्यापार संस्कृति का एक हिस्सा बन चुकी है।
आपको याद होगा, दिनांक 25 सितम्बर 2019 को क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है न्यूयॉर्क में ब्लूम्बर्ग वैश्विक व्यापार फ़ोरम 2019 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशी निवेशकों को निमंत्रण देते हुए कहा था कि वे भारत में अपने निवेश को बढ़ाएँ क्योंकि विकास ही आज भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आज भारत की जनता उस सरकार के साथ खड़ी है जो व्यवसाय का माहौल सुधारने के लिए बड़े से बड़े और कड़े से कड़े फ़ैसले लेने में पीछे नहीं रहती है।
रुपये में कैसे होगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार? केंद्र सरकार का जोर क्यों
यूएस डॉलर (USD) के बजाय भारतीय रुपये (INR) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पहल के तरीकों पर चर्चा करने के लिए देश के बैंकों, विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालयों सहित हितधारकों के साथ बैठक कर रहा है. बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय बैंक संघ, बैंकों के प्रतिनिधि निकाय और उद्योग निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से कहा जाएगा कि वे निर्यातकों को रुपये के कारोबार पर बातचीत करने के लिए कहें. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद बदले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत सरकार ने रुपये में कारोबार को बढ़ाने के विकल्प पर विचार तेज किया हुआ है. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार रुपये में कैसे हो सकता है? साथ ही सरकार क्यों इस पर जोर दे रही है?