खाता क्या हैं

Manufacturering Account जिसे उत्पादन खाता व निर्माण खाता भी कहते है। निर्माण खाता से आशय ऐसे खाते से होता है। जो वस्तु के निर्माण की लागत को ज्ञात करने के लिए बनाया जाता है।
शाखा खाता से आप क्या समझते हैं? इनके क्या उद्देश्य हैं।
शाखा खाता से आप क्या समझते हैं? इनके क्या उद्देश्य हैं।
शाखा खाता से आप क्या समझते हैं? इनके क्या उद्देश्य हैं। आश्रित शाखाओं को कितने प्रकार से विभाजित किया जा सकता है?
शाखा खाता का अर्थ
मुख्य कार्यालय एवं उसकी शाखाओं से सम्बन्धित खाते शाखा खाते कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में, शाखा खाते के अन्तर्गत शाखाओं से सम्बन्धित व्यवहारों का उल्लेख प्रधान कार्यालय एवं शाखा कार्यालय की पुस्तकों में किया जाता है ताकि एक निश्चित अवधि में प्रत्येक शाखा की लाभ-हानि के साथ ही वित्तीय स्थिति ज्ञात की जा सके।
शाखा खाते के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं :
- प्रत्येक शाखा की लाभ-हानि ज्ञात करना ।
- प्रत्येक शाखा के कार्यों पर नियंत्रण रखना।
- व्यवसाय की वास्तविक आर्थिक स्थिति ज्ञात करना ।
- प्रत्येक शाखा के लिए रोकड़ एवं वस्तुओं की व्यवस्था करना।
- प्रत्येक शाखा की कार्यक्षमता में वृद्धि करना।
(I) आश्रित शाखाएँ (Dependent Branches)- आश्रित शाखाएँ अपना कार्य मुख्य कार्यालय के अधीन व उसके आदेशानुसार करती हैं। इन शाखाओं में विक्रय किया जाने वाला माल मुख्य कार्यालय द्वारा या उनके आदेशानुसार प्राप्त किया जाता है तथा आवश्यक व्ययों का भुगतान मुख्य कार्यालय द्वारा या उनके आदेशानुसार किया जाता है।
बच्चों का बैंक अकाउंट खुलवाने के हैं ढेरों फायदे, जानें कैसे खुलता है ये खाता और क्या हैं नियम !
अगर आपके बच्चे की उम्र 18 साल से कम है, तो आप उसके लिए माइनर अकाउंट बैंक में खुलवा सकते हैं. यहां जानिए इसके फायदे और माइनर अकाउंट को खोलने के तरीके व अन्य जरूरी जानकारी.
बच्चों का बैंक अकाउंट खुलवाने के हैं ढेरों फायदे, जानें कैसे खुलता है ये खाता और क्या हैं नियम ! (Zee Biz)
आमतौर पर लोग बच्चों के नाम से अकाउंट नहीं खुलवाते, लेकिन खाता क्या हैं उन्हें खुलवाना चाहिए. बच्चों के नाम अकाउंट खुलवाने के कई फायदे हैं. इससे आप बच्चों के लिए बड़ा फंड इकट्ठा कर सकते हैं. इसके अलावा स्कूलों में छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन की राशि या बच्चों से जुड़ी किसी भी योजना की धनराशि सीधेतौर पर उनके माइनर अकाउंट में ही आती है. वहीं इस अकाउंट के जरिए आप बच्चों को सेविंग्स करने की आदत डलवा सकते हैं. बैंकों में बच्चों के नाम से जो अकाउंट खोला जाता है, इसे 'माइनर अकाउंट' कहा जाता है. 18 साल से कम उम्र के नाबालिग के लिए माइनर अकाउंट खोला जा सकता है. इसकी खाता क्या हैं प्रक्रिया.
कौन खोल सकता है ये खाता
- बच्चे के नाम से माता-पिता खुलवा सकते हैं ये अकाउंट
- कानूनी रूप से जो अभिभावक हैं, वो भी खुलवा सकते हैं खाता
- इसके अलावा नाबालिग और गार्जियंस का जॉइंट अकाउंट
- 10 साल या उससे ज्यादा उम्र का नाबालिग अपने नाम पर खुलवा सकता है. वो इस खाते को खुद ऑपरेट कर सकता है.
माइनर अकाउंट खोलने की प्रक्रिया भी उसी तरह की है, जिस तरह कोई अन्य सेविंग अकाउंट खोला जाता है. इसके लिए भी उसी ओपिनिंग फॉर्म को भरने की जरूरत होती है. इस फॉर्म में आपको बच्चे की पूरी जानकारी जैसे नाम, पता, उम्र, अभिभावक की जानकारी को भरना होता है और साइन करना होता है. अकाउंट खोलने के लिए आपको खाता क्या हैं नाबालिग की उम्र का प्रमाणपत्र, गार्जियन का केवाईसी, नाबालिग का आधार कार्ड आदि की जरूरत पड़ती है.
खाता क्या हैं
Q.55: वसूली खाता क्या है ?
Answer: वसूली खाता :- फर्म के विघटन पर समस्त सम्पत्तियों (रोकड़ एवं बैंक छोड़कर) तथा समस्त दायित्वों (संचय , आधिक्य , पूँजी , व्यक्तिगत ऋण को छोड़कर) को जिस खाते में हस्तांतरित किया जाता है उसे वसूली खाता कहते हैं। यह नाममात्र का खाता होता है।
वसूली खाते में सम्पत्तियों की बिक्री से प्राप्त रोकड़ तथा दायित्वों के भुगतान में देय रोकड़ का लेखा वसूली खाते में किया जाता है। वसूली खाते में वसूली व्ययों का लेखा करने के पश्चात् वसूली पर लाभ-हानि की गणना की जाती है तथा लाभ-हानि को पुराने साझेदारों के पुराने अनुपात में बांटकर साझेदारों के पूंजी खाते में हस्तांतरित किया जाता है।
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उत्पादन खाता (manufacturing account) क्या है।
नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट मे हम निर्माण खाता (Manufacturering Account) के बारे में विस्तार से जानेगे। क्योंकि बहुत से व्यक्ति Trading Account और Manufacturering Account को लेकर बात करते हैं। की दोनों एक Account है। परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ये दोनों खाते अलग – अलग होते हैं। और दोनों को बनाने का उद्देश्य भी अलग – अलग होता है।
यदि आप व्यापार खाता (Trading Account) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो य़ह पढे।
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उत्पादन खाता (manufacturing account) क्या है। |
Banking Knowledge: सेविंग और करंट बैंक अकाउंट में क्या होता है अंतर? यहां समझिए आसान शब्दों में
हम में से अधिकतर लोगों का बैंक खाता है। बैंक में अकाउंट ओपन करते समय, जब हम आवेदन फॉर्म को भरते हैं। उस दौरान हमसे यह पूछा जाता है कि आप अपना सेविंग अकाउंट खुलवाना चाहते हैं या करंट अकाउंट। हम में से ज्यादातर लोग सेविंग खाता क्या हैं अकाउंट ही खुलवाते हैं। इसके अलावा एटीएम से जब पैसों को निकालते हैं उस दौरान भी स्क्रीन पर सेविंग, करंट और क्रेडिट बैंक अकाउंट टाइप शो होता है। ऐसे में कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं और सवाल करते हैं कि आखिर सेविंग और करंट बैंक अकाउंट में क्या अंतर होता है? अगर आपको भी इन दोनों बैंक अकाउंट टाइप के बीच का अंतर नहीं पता, तो कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको बहुत ही आसान भाषा में इस बारे में बताएंगे कि सेविंग और करंट बैंक अकाउंट क्या होते हैं, और इन दोनों के बीच क्या अंतर है? आइए जानते हैं -
सेविंग अकाउंट
सेविंग अकाउंट को बचत खाता भी कहा जाता है। बचत खाता आम आदमी के लिए काफी लाभदायक होता है। इसमें वह अपने सेविंग के पैसों को थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर सकता है। बचत खाते में जमा पैसों पर बैंक द्वारा ब्याज दर मिलती है।
करंट अकाउंट
करंट अकाउंट को चालू खाते के नाम से भी जाना जाता है। ये अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। इस अकाउंट में हमेशा लेन देन चलती रहती है। इसी वजह से इसको चालू खाता कहा जाता है।
सेविंग और करंट अकाउंट के बीच का अंतर
सेविंग अकाउंट को आम आदमी के लिए बनाया गया है। वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। बचत खाते में आपको बैंक से ब्याज दर मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ब्याज दर नहीं मिलती है।
सेविंग अकाउंट में आप निश्चित मात्रा में ही ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें आपको ट्रांजेक्शन लिमिट मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ट्रांजैक्शन लिमिट नहीं होती है। आप जितनी चाहे उतनी ट्रांजैक्शन इसमें कर सकते हैं।