वित्तीय संपत्ति और बाजार

परिणामस्वरूप आजीविका के साथ अच्छे वेतन के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा। सुप्त संपत्ति चलायमान संपत्ति में परिवर्तित होकर शेयर धारकों के हाथों में आएगी। शेयरों का बढ़ता मूल्य : भारतीय स्टेट बैंक के शेयर सूचीबद्ध होकर आज चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का निर्माण कर चुके हैं। रिलायंस का पूंजीकरण 17 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है जिसमें मुकेश अंबानी का भाग 49 प्रतिशत अर्थात साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये है।
वित्तीय संपत्ति और बाजार
वीडियो: वास्तविक संपत्ति बनाम। वित्तीय संपत्ति
वित्तीय परिसंपत्तियां बनाम भौतिक परिसंपत्तियां
आस्तियों को आमतौर पर एक मूल्य के साथ कुछ भी कहा जाता है जो आर्थिक संसाधनों या स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें नकदी जैसे मूल्य में परिवर्तित किया जा सकता है। वित्तीय संपत्ति और भौतिक संपत्ति, दोनों मूल्य के ऐसे स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, भले ही वे अपनी विशेषताओं और विशेषताओं के आधार पर एक-दूसरे से बहुत भिन्न हों। चूंकि कई आसानी से दो प्रकार की परिसंपत्तियों को समान अर्थ के लिए भ्रमित करते हैं, निम्नलिखित लेख दोनों के बीच अंतर का एक ठोस विवरण प्रदान करता वित्तीय संपत्ति और बाजार है, और कुछ बिंदुओं का पता लगाता है जो पाठकों को इन दो प्रकार की परिसंपत्तियों के बीच के अंतर को समझने में मदद कर सकते हैं।
वित्तीय संपत्ति
वित्तीय बाजार एवं इसके प्रकार (Financial Market and its type in Hindi)
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे अनेक क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। इस लेख के माध्यम से हम समझेंगे वित्तीय बाज़ार (Financial Market and its type in Hindi) के बारे में और जानेंगे बाजार के प्रकारों को।
वित्तीय बाजार से पूर्व समझते हैं बाज़ार को, बाज़ार से आशय ऐसे स्थान से है, जहाँ वस्तुओं या सेवाओं का लेन-देन किया जाता हो। इसी प्रकार वित्तीय बाज़ार एक ऐसा बाजार है, जहाँ अनेक वित्तीय उत्पादों जैसे शेयर, बांड्स, डिबेंचर, मुद्राओं आदि की खरीद बिक्री की जाती है। सामान्यतः यहाँ धन या वित्त का प्रवाह आधिक्य वाले क्षेत्रों से कमी वाले क्षेत्रों की ओर होता है। बाज़ार का मुख्य आधार ब्याज अथवा लाभांश अर्जित करना होता है।
वित्तीय बाजार के प्रकार
वित्तीय बाज़ार (Financial Market) के मुख्यतः दो अंग हैं।
- मुद्रा बाज़ार
- पूँजी बाज़ार
मुद्रा बाज़ार (Money Market)
ऐसा बाजार जहाँ विभिन्न वित्तीय संपत्तियों तथा परिसंपत्तियों की खरीद तथा बिक्री अल्प काल, सामान्यतः एक वर्ष से कम की अवधि के लिए की जाती है मुद्रा बाजार कहलाता है। इस बाजार के माध्यम से रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा की तरलता (Liquidity) को नियंत्रित किया जाता है। तरलता से आशय किसी भी वित्तीय संपत्ति को न्यूनतम समय तथा न्यूनतम हानि में नगदी या कैश में परिवर्तन करने से है। उदाहरण के तौर पर सोने को किसी मकान की तुलना में बेहद कम समय में कैश में बदला जा सकता है अतः सोने की तरलता मकान से अधिक होगी।
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Stock Market: संपत्ति के सृजन और पूंजी निर्माण में शेयरों की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही
संपत्ति के सृजन और पूंजी निर्माण में शेयरों की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है परंतु हमारे देश में एक बड़ी जनसंख्या को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसा परिवेश निर्मित होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
शशांक भारद्वाज। हमारा देश वित्तीय संपत्ति और बाजार आर्थिक सुधारों की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। परंतु एक विडंबना यह भी सामने आ रही है कि इसका लाभ सभी वर्ग के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। शेयर बाजार में ऐसा करने की क्षमता है, किंतु हमारे देश में अभी भी यह अल्प विकसित अवस्था में ही है। राष्ट्र की जनसंख्या का वित्तीय संपत्ति और बाजार बहुत ही कम भाग शेयरों की जानकारी रखता है, इस कारण वह इनमें निवेश भी बहुत कम ही कर पाता है।
आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2021-2022 तक भारत में महज नौ करोड़ डीमैट खाते थे जो जनसंख्या की तुलना में बहुत कम है। आधुनिक युग में शेयर बाजार संपत्ति निर्माण का एक बड़ा केंद्र है। संपत्ति का यह एक प्रमुख प्रकार है जिसने भारत समेत पूरे विश्व में खरबों रुपये की संपति निर्मित की है। केवल भारतीय शेयर बाजार का ही मार्केट पूंजीकरण 2.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक है अर्थात इसने इतनी बड़ी राशि की संपत्ति निर्मित की है। शेयर बाजार ने विकसित राष्ट्रों यथा अमेरिका, जापान, यूरोपीय राष्ट्र आदि में तो भारत की तुलना में कई गुना अधिक संपत्ति का सृजन किया है।
इंदौर में पांच महीने में बिकी 7600 करोड़ की अचल संपत्ति, सरकार को 45 फीसद ज्यादा कमाई
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इंदौर के रियल एस्टेट बाजार में पिछले साल की तुलना में अधिक धूम है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के पांच महीने बीत चुके हैं और इन दिनों में इंदौर जिले में लगभग 7600 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री हुई है। इस खरीदी-बिक्री के लिए चुकाई गई स्टांप ड्यूटी से राज्य सरकार को 762 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। गत वर्ष अप्रैल से अगस्त तक के पांच महीनों में सरकार को केवल 524 करोड़ रुपये का ही राजस्व मिला था। इस तरह देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में यह 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
मध्यप्रदेश में इंदौर ही ऐसा शहर है जहां अचल संपत्ति की सर्वाधिक खरीदी-बिक्री होती है। साथ ही पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को अन्य शहरों और जिलों के मुकाबले इंदौर से सर्वाधिक राजस्व मिलता आया है। यह क्रम इस साल भी जारी रहने की पूरी संभावना है। इंदौर में इस वित्तीय वर्ष में अब तक 60 हजार 756 संपत्तियों की खरीदी-बिक्री हो चुकी है। इंदौर में मुंबई, दिल्ली सहित बड़े शहरों के अलावा कई एनआरआइ भी निवेश कर रहे हैं। कोरोना के बाद ऐसा माना जा रहा था कि संपत्ति के बाजार को उबरने में समय लगेगा, लेकिन यह अनुमान गलत साबित हुआ। वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद इंदौर में संपत्ति की खूब खरीदी-बिक्री हुई।