खुलने का समय

भक्त गण अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराके मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए खुलने का समय समय ले सकते हैं। श्रद्धालु दर्शन का समय अपनी मर्जी और सुविधानुसार चुन सकते हैं। श्रद्धालुओं को mahadevdarshan.org वेब पेज पर जाकर अपना विवरण भरना होगा। तिथि और समय का विकल्प क्लिक करने के बाद अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल और दर्शन करने वालों की संख्या का विवरण भर कर स्लिप का प्रिंट ले लें, क्योंकि मंदिर परिसर में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है।
खुलने का समय in Hindi हिन्दी
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गरियाबंद आज से अनलाक, दुकान खुलने का समय यथावत
सात दिन के लाकडाउन के बाद गुरुवार से जिले में पूरा मार्केट खुल जाएगा। इसके साथ ही जिले के सभी शासकीय अर्द्धशासकीय कार्यालय, बैंक, शराब दुकान सहित सभी संस्थानें भी फिर से यथावत समयानुसार संचालित होने लगेंगे।
गरियाबंद (नईदुनिया न्यूज)। सात दिन के लाकडाउन के बाद गुरुवार से जिले में पूरा मार्केट खुल जाएगा। इसके साथ ही जिले के सभी शासकीय अर्द्धशासकीय कार्यालय, बैंक, शराब दुकान सहित सभी संस्थानें भी फिर से यथावत समयानुसार संचालित होने लगेंगे। बुधवार शाम तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ था इसलिए दुकान खुलने का समय सुबह नौ से शाम छह बजे तक यथावत रहेगा।
ज्ञात हो कि जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर छत्तरसिंह डेहरे ने जिले में 23 से लेकर 30 सितंबर तक पूर्णत लाकडाउन लगा दिया था जो बीती बुधवार रात 12 बजे शिथिल हो गया। इधर, लाकडाउन आगे नहीं बढ़ाए जाने की मांग करने वाले व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही व्यापारियों ने जिला प्रशासन से वर्तमान में दुकान खुलने की समय अवधि को बढ़ाने की मांग की है। व्यापारियों ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि लाकडाउन समस्या का हल नहीं है। लाकडाउन के बाद भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दूसरी ओर लाकडाउन के चलते व्यापारियों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। आम जनता को दैनिक जरूरत की चीजों और ताजे साग सब्जी फल के लिए परेशानी हुई है। इसे देखते हुए अब दुकानों के खुलने के समय को यथावत किया जाए। राजधानी रायपुर सहित अन्य सभी जिलों में समयावधि बढ़ाई गई है। ज्ञात हो कि लाकडाउन के पहले सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक दुकाने और बाजार खुलते रहे हैं लेकिन अब व्यापारी चाहते हैं कि इसका समय सुबह सात से रात आठ बजे तक किया जाए। विशेषकर फुटकर, चाय नाश्ता, गुमटी ठेला वाले छोटे छोटे व्यवसायी के रोजी रोटी और आर्थिक परेशानी को देखते हुए इसकी सीमा बढ़ाई जाए। व्यापारियों का कहना है कि पांच-छह बजे के बाद ही सरकारी कर्मचारी, बैंक कर्मी आदि की छुट्टी होती है उन्हें जरूरी समान की खरीदी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इसके अलावा शाम को ही छोटे खुलने का समय फुटकर व्यापारी के दुकानों में ग्राहकी होती है। ज्यादातार उनका व्यवसाय शाम चार से रात आठ बजे तक रहता है। लेकिन अभी मात्र दो घंटे चार से छह बजे तक ही सिमट गया है। इससे उनको आर्थिक नुकसान हो रहा है। समय बढ़ने से उन्हें आर्थिक स्तर का सुधार होगा।
बद्रीनाथ मंदिर
बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर है यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका विष्णु पुराण और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है और इसके अलावा मध्ययुगीन तमिल कैनन दिव्या प्रभु की तरह 6वीं-9वीं शताब्दी के आसपास है।
बद्रीनाथ मंदिर, जिन्हें बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है, हिंदुओं का सबसे पवित्र तीर्थ स्थान है जहां सालाना 10 लाख से अधिक भक्त दर्शन के लिए आते है। यह मंदिर उत्तर भारत में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के खुलने का समय तट पर गढ़वाल पहाड़ी पर स्थित है। गढ़वाल पहाड़ी पटरियों समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,2 9 5 फुट) की ऊंचाई पर स्थित हैं।
बद्रीनाथ मंदिर ‘चार धाम’ और ‘छोटा चार धाम’ तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्य स्थलों में से एक है। हिमालय क्षेत्र में चरम मौसम की स्थिति के कारण यह केवल छह महीनों के लिए खुलता है, यह मंदिर अप्रैल महीने के अंत में खुलता है और नवम्बर के शुरुआत व बीच में बन्द हो जाता है।
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काशी विश्वनाथ के करना चाहते हैं दर्शन? जानिए पहुँचने का मार्ग, मंदिर खुलने और पूजा-आरती का समय
Highlights श्रद्धालु घर बैठे ही दर्शन-पूजन के साथ रुद्राभिषेक तक करा सकते हैं। 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्ला बाई खुलने का समय होल्कर ने काशी विश्वनाश मंदिर का निर्माण करवाया। धर्म ग्रंथ में काशी का उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है। गंगा नदी के तट पर बसे बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ भगवान शिव के बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। काशी (how to reach kashi) को भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है। इसे भगवान शिव की नगरी (City of Lord Shiva) भी माना जाता है। काशी को ही वाराणसी या बनारस भी कहा जाता है। हर साल देश-विदेश से लाखों शिव-भक्त खुलने का समय काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए वाराणसी आने की इच्छा रखते हैं। इस आलेख में हम आपको बताएंगे कि पहले वाराणसी आप कैसे पहुंच सकते हैं और वाराणसी आने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक आप कैसे पहुंचेंगे।