व्यापारियों में निवेश

“ हम बाहर के ट्रक वालों पर पूरी तरह निर्भर हैं, लेकिन वे लोग इतने डरे हुए हैं कि कोई यहाँ आना नहीं चाहता। उनके नहीं आने से हमारे तमाम सेब सड़ जाएँगे।
कश्मीर : निवेश की बात करने वाली सरकार ने किसके सहारे छोड़ दिया है सेब व्यापारियों को?
ऐसे समय में जब वित्त मंत्री जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीदें जता रही व्यापारियों में निवेश हैं, कश्मीर का पारंपरिक व्यवसाय ख़तरे में है। ट्रक चलाने वालों पर हमले और दो दिन में तीन नागरिकों की मौत से कश्मीर का सेब व्यापार बुरी हालत में है। कश्मीर में सेब उगाने वाले और सेब का व्यापार करने वालों के सामने फ़िलहाल सबसे बड़ा संकट यह है कि उन्हें सेब बाहर ले जाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। क्या उनका सेब सड़ जाएगा या उन्हें वे सेब औने पौने दाम में बेचने को मजबूर होना पड़ेगा?
यह सवाल महत्वपूर्ण इसलिए है कि तमाम ट्रक वाले बाहर, ख़ास कर, पंजाब के हैं। जिस तरह अलगाववादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ में ट्रक वालों पर हमला किया, उससे लोग आतंकित हैं।
संदिग्ध आतंकवादियों ने राजस्थान के रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर को मार डाला। इसके बाद दो और लोग मारे गए। संदिग्ध आतंकवादियों ने ट्रक ड्राइवर शरीफ़ ख़ान को गोली मार दी और ट्रक में आग लगा दी। इसके दो दिन बाद छत्तीसगढ़ के मजदूर को पुलवामा में गोली मार दी गई। इसके कुछ ही घंटों बाद शोपियां में पंजाब से गए एक ट्रक वाले की हत्या कर दी गई।
पाबंदियों का कहर!
दो महीने की पाबंदियों की वजह से पूरे जम्मू-कश्मीर में ट्रकों की आवाजाही बंद है। समाचार पोर्टल न्यूज़ 18 ने ख़बर दी है कि सरकार ने जो मंडियां पहले से बना रखी हैं, वे खुली भी हैं तो वहाँ कोई जाने वाला नहीं है, कोई कामकाज नहीं हो रहा है। इसकी वजह साफ़ है, सेब बाहर ले जाने के लिए ट्रक चाहिए और बाहर से कोई ट्रक वाला आ नहीं रहा है।
“
हम बाहर के ट्रक वालों पर पूरी तरह निर्भर हैं, लेकिन वे लोग इतने डरे हुए हैं कि कोई यहाँ आना नहीं चाहता। उनके नहीं आने से हमारे तमाम सेब सड़ जाएँगे।
न्यूज़ 18 का यह भी कहना है कि शोपियां में 215 ट्रक हैं। लेकिन जब सेब तैयार होता है तो लगभग 8,000 ट्रकों की ज़रूरत होती है। लेकिन इस बार ट्रक कश्मीर नहीं पहुँच रहे हैं। पाबंदियों में ढील दी जा रही व्यापारियों में निवेश है, लेकिन डरे हुए ट्रक वाले घाटी की ओर रुख नहीं कर रहे हैं।
हाल यह है कि जहाँ बीते साल एक पैकेट सेब शोपियां से बंगलुरू पहुँचाने के लिए 100 रुपये लगते थे, इस बार व्यापारी 170 रुपये देने को तैयार हैं।
बंदी में कामकाज न मिलने से ज़्यादातर मजदूर वापस जा चुके हैं। वे अधिकतर बिहार और उत्तर प्रदेश के थे। वे वापस नहीं लौट रहे हैं। पिछले साल जहाँ एक दिन की मजदूरी इन लोगों की 550 रुपए थी, इस पर 900 रुपये से ज़्यादा देने को लोग तैयार हैं।
सेब उद्योग के साथ सबसे बड़ी दिक्क़त यह है कि न तो ट्रक मिल रहे हैं, न मजदूर। समय बीतता जा रहा है। हालाँकि सेब की माँग है, पर व्यापारी परेशान हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को ही कहा कि कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश होगा और इसका एलान बहुत जल्द कर दिया जाएगा। पर सरकार सेब व्यापारियों की एक मामूली समस्या का व्यापारियों में निवेश समाधान नहीं ढूंढ पा रही है। सवाल यह है कि क्या ऐसा ही चलेगा। सेब का मौसम बीत जाने के बाद स्थिति सामान्य भी हो गई तो ये व्यापारी क्या करेंगे?
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नोटबंदी, जीएसटी के बाद अब एफडीआई से व्यापारियों पर मार : केजरीवाल
केजरीवाल ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
- News18Hindi व्यापारियों में निवेश
- Last Updated : January 12, 2018, 11:51 IST
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने व्यापारियों को एक साल में तीसरी चोट पहुंचाई है. नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब सरकार एफडीआई ला रही है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'एक साल में व्यापारियों पर तीन मार - पहले नोटबंदी, फिर GST और अब FDI. छोटे और मंझले व्यापारियों के लिए तो जैसे मरने जैसी नौबत आ गई है.'
बता दें कि इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर भी अरविंद, मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.
सिंगल ब्रैंड रिटेल में अब ऑटोमेटिक रूट से 100% FDI की मिली इजाजत
सिंगल ब्रैंड रिटेल कंपनियों में अब ऑटोमेटिक रूट के जरिये 100 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत दे दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके अलावा एविएशन और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी एफडीआई नियमों में छूट दी गई है. आपको बता दें कि इस फैसले से इन सेक्टर्स में निवेश बढ़ेगा. साथ ही, विदेशी कंपनियां अब भारत में आसानी से निवेश कर पाएंगी. लिहाजा ऐसे में नए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
क्या है नया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) नियमों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. नए फैसले के तहत सिंगल ब्रैंड रिटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई. इससे पहले एफडीआई के तहत निवेश करने पर सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब सभी शर्तें पूरी करने पर कैबिनेट से मंजूरी नहीं लेनी होगी. अगर आसान शब्दों में समझें तो निवेश मंजूरी की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी.
इससे क्या होगा
वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल ने न्यूज18हिंदी को बताया कि यह फैसला रिटेल कंपनियों के लिए बड़ी राहत की खबर है. सिंगल ब्रैंड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई तो पहले से था, लेकिन ऑटोमेटिक रूट्स के जरिए निवेश को मंजूरी से कंपनियों के लिए निवेश करना आसान हो जाएगा. विदेशी कंपनियां अब भारत में किसी भी कंपनी को आसानी से खरीद सकती है. साथ ही, विस्तार करने के लिए उन्हें सरकार से मंजूरी नहीं लेनी होगी. लिहाजा ऐसे में नए प्लांट भी व्यापारियों में निवेश लगेंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
क्या है FDI
सामान्य भाषा में समझें तो किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई कहलाता है. ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है. आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को एफडीआई का दर्जा दिलाने के लिए कम-से-कम कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है. इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है.
एफडीआई के फायदे
एफडीआई से विदेशी निवेशक और निवेश हासिल करने वाला देश, दोनों को फायदा होता है. निवेशक को यह नए बाजार में प्रवेश करने और मुनाफा कमाने का मौका देता है. विदेशी निवेशकों को टैक्स छूट, आसान नियमों, लोन पर कम ब्याज दरों और बहुत सी बातों से लुभाया जाता है. एफडीआई से घरेलू अर्थव्यवस्था में नई पूंजी, नई प्रौद्योगिकी आती है और रोजगार के मौके बढ़ते हैं और इस तरह के बहुत से फायदे होते हैं.
विरोध शुरू
सिंगल ब्रैंड रीटेल में ऑटोमैटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत दी जाने का विरोध शुरू हो गया है. ऑल इंडिया ट्रेडर्स कंफेडेरशन (महासंघ) (CAIT) ने इसका विरोध करते हुए कहा है ऐसा करके बीजेपी ने अपना चुनावी वादा तोड़ा है क्योंकि इससे बाहर की बड़ी कंपनियां भारत की मार्केट पर कब्जा कर लेंगी.
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पीएम मोदी की जापान यात्रा : एटमी डील पर रहेगा जोर, व्यापारियों को दिया निवेश का न्योता - 10 बातें
टोक्यो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर जापान पहुंच गए हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर होने के अलावा व्यापार, निवेश व सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे आधिकारिक दौरे पर जापान पहुंचे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने जापान के दिग्गज व्यापारियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने की कोशिश की.
व्यापार प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा, 'मेरा संकल्प इसे दुनिया में सबसे खुली अर्थव्यवस्था बनाने का है . मैं वादा करता हूं कि हम 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं भारत व्यापारियों में निवेश आर्थिक सुधार की नई दिशा में बढ़ रहा है, हम सुधार नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
पीएम मोदी ने व्यापारियों में निवेश साथ कहा, 'हम आपकी चिंताओं का सक्रियता से समाधान करेंगे. हम जापानी औद्योगिक टाउनशिप सहित विशेष तंत्र को आगे और मजबूत करेंगे. भारत की विकास जरूरतें विशाल और वास्तविक हैं, यहां जापानी कंपनियों के लिए अभूतपूर्व अवसर हैं.'
प्रधानमंत्री टोक्यो में यहां अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से मुलाकात करेंगे और विस्तृत बातचीत करेंगे. अबे के साथ अहम द्विपक्षीय वार्ता से पहले पीएम मोदी ने जापान के सम्राट अकिहितो से बातचीत की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, 'एक दुर्लभ बातचीत जो भारत और जापान के बीच गर्मजोशी भरे अनूठे संबंधों का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के महामहिम सम्राट अकिहितो का अभिवादन किया.' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'सभ्यता की बात की गई. प्रधानमंत्री मोदी और सम्राट अकिहितो ने भारत और जापान के संबंधों एवं एशिया के भविष्य पर बातचीत की.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टोक्यो पहुंचने पर जापान में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. जापान पहुंचने पर उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ अपने होटल की लॉबी में बातचीत की. पीएम मोदी के कार्यालय ने ट्वीट किया, 'भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री के टोक्यो पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.' ट्वीट में भारतीय समुदाय के साथ पीएम मोदी की मुलाकात वाली तस्वीर भी पोस्ट की गई है.
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में दिवंगत नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए थोड़ी देर रुकने के बाद पीएम मोदी टोक्यो पहुंचे.
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और जापान असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. इस बहुप्रतीक्षित समझौते के लिए दोनों पक्षों ने आतंरिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली है.
दोनों देशों ने पिछले दिसंबर में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु ऊर्जा में सहयोग के लिए व्यापक समझौते को एक रूपरेखा प्रदान कर दी थी, लेकिन अंतिम संधि पर हस्ताक्षर होना बाकी था, क्योंकि कुछ तकनीकी एवं कानूनी मुद्दों को सुलझाया जाना था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि दोनों देशों ने इस संधि के मूल पाठ की कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं समेत आतंरिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं.
जापान में विशेषकर वर्ष 2011 की फुकूशिमा परमाणु संयंत्र आपदा के बाद भारत के साथ परमाणु करार की दिशा में आगे बढ़ने के विरुद्ध राजनीतिक विरोध के स्वर हैं.