म्यूचुअल फंड

आइए समझते हैं कि ग्रोथ ऑप्शन में क्या होता है। मान लीजिए किसी ने 10 रुपये की एनएवी प्राइस पर 100 यूनिट खरीदी। उसने कुल 1 हजार रुपये इन्वेस्ट किए। पांच साल बाद उस एनएवी की वैल्यू 30 रुपये हो गई तो उसे एक एनएवी पर 20 रुपये का फायदा हुए। यानी अब उसे कुल फायदा 2 हजार रुपये का हुआ।
पारस्परिक निधि (म्युचुअल फंड)
म्युचुअल फंड ऐसी इकाई है जो विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों के पैसे को एकत्रित करती है। म्यूचुअल फंड इस धन को तब विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए इकाई धारकों की ओर से एक पेशेवर निधि प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
टिप्पणी: पारस्परिक निधियों (म्युचुअल फंड) में निवेश करने के लिए, निवेशकों को पारस्परिक निधि (म्यूचुअल फंड) संबंधी केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) का अनुपालक होने की आवश्यकता होती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं? कभी न करें ये 6 गलतियां
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 01 Jun 2020 10:45 AM (IST)
नई दिल्लीः म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिये निवेश काफी पॉपुलर हो रहा है. छोटे निवेशक, जो शेयर बाजार की पेचीदगियों से नावाकिफ हैं और इसके जोखिम से बचना चाहते हैं वे म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं. हालांकि इस चक्कर में नए निवेशक कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे उनका निवेश डूब जाता है या उन्हें भारी घाटा होता है. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो इन 6 गलतियों से जरूर बचें.
शेयर बाजार में तेजी देख कर न करें निवेश
जब शेयर बाजार में तेज बढ़त देखी जाती है, तो कई निवेशक इसका तुरत-फुरत फायदा उठाने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर देते हैं. लेकिन बाजार काफी वोलेटाइल होता है. यह जितनी तेजी से ऊपर चढ़ता है उतनी ही तेजी से नीचे आता है. म्यूचुअल फंड के जरिये अच्छा रिटर्न हासिल करने कि लिए अनुशासित और लगातार निवेश जरूरी है. इसलिए सिस्टमैटिक निवेश योजना एसआईपी का सहारा लिया जाता है. इसके जरिये आप एक निश्चित अंतराल में थोड़ी-थोड़ी रकम किसी फंड में डालते हैं. यह आपके बाजार को जोखिम से बचाता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के मामले में भारतीय सबसे पीछे
सावधि जमा (एफडी) और छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती के बाद छोटे निवेशक तेजी से म्यूचुअल फंड का रुख कर रहे हैं। इसकी वजह म्यूचुअल फंड में परंपरागत जमा योजनाओं के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलना है। इसके बावजूद म्यूचुअल फंड में निवेश के म्यूचुअल फंड मामले में भारतीय निवेशक सबसे पीछे हैं। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
वैश्विक औसत से काफी पीछे हम
- 12 फीसदी निवेश करते हैं भारतीय देश की जीडीपी का सिर्फ म्यूचुअल फंड में अभी
- 63 फीसदी है वैश्विक औैसत जीडीपी के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करने का
Mutual Funds मंदी में भी चमकते ये म्यूचुअल फंड, कौन-कौन हैं बेस्ट फंड
मुंबई: विगत कुछ वर्षों से देश में म्यूचुअल फंड विशेषकर म्यूचुअल फंड इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाएं (Equity Mutual Funds) अच्छे रिटर्न (Profit) के कारण म्यूचुअल फंड रिटेल निवेशकों (Retail Investors) में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। म्यूचुअल फंड हाउस अपने कोष प्रबंधकों (Fund Managers) और शोध विश्लेषकों की टीम की बदौलत हर पहलु से गहन रिसर्च कर अच्छे शेयरों का चयन करते हैं एवं समय पर प्रॉफिट बुक कर उसे अपने निवेशकों को प्रदान करते हैं, जबकि एक रिटेल निवेशक के लिए शेयर बाजार (Stock Market) में सीधे निवेश करने में काफी जोखिम होता है, क्योंकि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव आना आम बात है। इसके अलावा शेयर बाजार में सही शेयर का चयन कर लाभ अर्जित कर पाना आसान नहीं है। यह बहुत ही कठिन कार्य है, लेकिन अच्छे म्यूचुअल फंड मैनेजर अपने कौशल और अनुभव के बूते बाजार से कमाई कर पाने में सफल हो रहे हैं।
लार्जकैप फंड : निपोन, IDBI, बड़ौदा बीएनपी, SBI MF ने किया मालामाल
रिटेल निवेशकों के लिए सबसे श्रेष्ठ माने जाने वाले म्यूचुअल फंड लार्जकैप फंडों (Large Cap Funds) की बात करें तो 30 अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनियों में से सिर्फ 8 म्यूचुअल फंड हाउस ही विगत 12 महीनों में सेंसेक्स-निफ्टी से बेहतर और पॉजिटिव रिटर्न दे पाने में कामयाब हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 6.6% का फायदा निपोन इंडिया लार्जकैप फंड (Nippon India Large Cap Fund) ने दिया है। इसके फंड मैनेजर शैलेश राज भान और आशुतोष भार्गव हैं। विगत 3 वर्षों की कमाई देखे तो आईडीबीआई इंडिया म्यूचुअल फंड टॉप 100 इक्विटी फंड नंबर (IDBI India Top 100 Equity Fund) वन रहा म्यूचुअल फंड म्यूचुअल फंड है। इसने सबसे अधिक 13% का वार्षिक औसत रिटर्न (CAGR) प्रदान कर निवेशकों को मालामाल किया है। इसके फंड मैनेजर आलोक रंजन हैं, जो आईडीबीआई म्यूचुअल फंड (IDBI Mutual Fund) के मुख्य निवेश अधिकारी भी हैं। यदि किसी निवेशक ने आईडीबीआई इंडिया टॉप 100 इक्विटी फंड में 3 साल पहले 1 लाख रुपए निवेश किया होगा तो वह राशि अब बढ़कर 1.50 लाख रुपए से अधिक हो गयी है।
एसबीआई ब्ल्यूचिप फंड का 14.90% शानदार रिटर्न
5 वर्षों का आंकड़ा देखा जाए तो सबसे ज्यादा निपोन इंडिया लार्जकैप (Nippon India Large Cap Fund) और बड़ौदा बीएनपी लार्जकैप (Baroda BNP Large Cap Fund) ने समान रूप से 9.90% का वार्षिक रिटर्न प्रदान किया है। जबकि 10 साल में एसबीआई ब्ल्यूचिप फंड (SBI Bluechip Fund) 14.90% के शानदार वार्षिक रिटर्न के साथ नंबर वन रहा है। इसकी फंड मैनेजर सोहिनी अंदानी हैं। यदि किसी निवेशक ने 10 साल पहले एसबीआई ब्ल्यूचिप फंड में 1 लाख रुपए निवेश किया होगा तो वह राशि अब बढ़कर 4 लाख रुपए से अधिक हो गयी है। यानी 4 गुना कमाई। लार्जकैप फंडों का निवेश मुख्यत: सेंसेक्स-निफ्टी और निफ्टी-100 कंपनियों यानी ब्ल्यूचिप शेयरों में होता है।
लार्ज एंड मिडकैप फंड (Large & Midcap Funds) भी एक लोकप्रिय कैटेगरी है। इन स्कीमों का ज्यादा निवेश लार्ज कैप और मिडकैप शेयरों में किया जाता है। इस कैटेगरी में विगत 1 साल में 6.3% रिटर्न के साथ क्वांट लार्ज एंड मिडकैप फंड (Quant Large & Midcap Fund) नंबर वन रहा है। 3 साल में भी क्वांट 18.7% के जोरदार वार्षिक रिटर्न के साथ अव्वल रहा है। इस फंड का प्रबंधन संजीव शर्मा, वासव सहगल और अंकित पांडे करते हैं। जबकि 5 वर्षों में एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड (SBI Large & Midcap Fund) 11.6% के वार्षिक प्रतिफल के साथ नंबर वन रहा है। इसके फंड मैनेजर सौरभ पंत हैं। इसी तरह 10 वर्षों की अवधि में 20% के जबरदस्त वार्षिक रिटर्न के साथ केनरा रोबेको ईमर्जिंग इक्विटीज फंड (Canara Robeco Emerging Equities Fund) नंबर वन रहा है। 10 साल म्यूचुअल फंड पहले यदि किसी निवेशक ने केनरा रोबेको ईमर्जिंग में 1 लाख रुपए निवेश किया होगा तो वह राशि अब बढ़कर 6.27 लाख रुपए से ज्यादा हो गयी है। अर्थात 10 साल में 6 गुना से अधिक फायदा। म्यूचुअल फंड इस सर्वश्रेष्ठ फंड का प्रबंधन श्रीदत्ता भंडवालदार करते हैं, जो केनरा रोबेको म्यूचुअल (Canara Robeco Mutual Fund) के इक्विटी हैड भी हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जान लें डिविडेंट और ग्रोथ में फर्क, जानें क्या हो सकता है ज्यादा फायदेमंद
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटो: फाइनेंशियल एक्सप्रेस )
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले डिविडेंड, ग्रोथ और डिविडेंट री-इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। बेहतर विकल्प चुनने से आप अच्छा रिटर्न भी पा सकते हैं। म्यूचुअल फंड में ये तीनों म्यूचुअल फंड विकल्पों के जरिए रिटर्न मिलता है।
आपको बता दें कि डिविडेंड और ग्रोथ ऑप्शन में क्या फर्क है। पहले विकल्प के तहत आपको रिटर्न का भुगतान मिल जाता है जबकि दूसरे विकल्प में मिलने वाले रिटर्न को फिर से निवेश करवा दिया जाता है। डिविडेंट के मामले में निवेशकों को निश्चित समय में रिटर्न का भुगतान किया जाता है। यह वार्षिक, दैनिक, तिमाही हो सकात है। वहीं ग्रोथ ऑप्शन में जो भी लाभ मिलता है उसे स्कीम में फिर से डाल दिया जाता है। इसका भुगतान निवेशक को नहीं किया जाता है।