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अग्रणी संकेतक

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GDP: कल आएंगे दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े, आर्थिक विकास दर के लिए अग्रणी संकेतक SBI रिसर्च का ये है अनुमान

By: ABP Live | Updated at : 29 Nov 2022 08:49 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

आर्थिक विकास दर का अनुमान (फाइल फोटो)

GDP Forecast: केंद्र सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए जाने हैं और इससे पहले एसबीआई रिसर्च ने अपना जीडीपी अनुमान दिया है जो अच्छी खबर लेकर नहीं आया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिसर्च टीम ने मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में कमजोरी और मार्जिन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक विकास अग्रणी संकेतक दर के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है. इसका अर्थ है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी के 6 फीसदी के स्तर को भी नहीं छू पाने की संभावना है.

औसत अनुमान से कम है SBI रिसर्च का जीडीपी का अनुमान
एसबीआई रिसर्च की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही अग्रणी संकेतक में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 5.8 फीसदी रह सकती है जो औसत अनुमान से 0.30 फीसदी कम है.

बायो रिसर्च में अग्रणी भूमिका निभा रहा है चीन

चीन ने हाल के वर्षों में तमाम क्षेत्रों में खूब प्रगति हासिल की है. विज्ञान व तकनीकी सेक्टर भी इससे अछूते नहीं हैं. आपको यह बता दें कि चीन विश्व में आर एंड डी यानी अनुसंधान और विकास संबंधी कार्यों पर सबसे ज्यादा खर्च करने अग्रणी संकेतक वाले देशों में से एक है. इसके अलावा, पिछले दो वर्षों में चीन ने जीन-संपादन, सिंथेटिक जैव प्रौद्योगिकी और माइक्रोबायोमिक्स में एक मजबूत तकनीकी नींव का भी निर्माण किया है.

बीजिंग : आंकड़ों के मुताबिक ग्लोबल आर एंड डी खर्च में चीन की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है. एक और रिपोर्ट अग्रणी संकेतक सामने आयी है, जिसमें चीन बायो रिसर्च में अग्रणी संकेतक अग्रणी संकेतक सबसे आगे है.

हाल ही में आयी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी शोधकर्ताओं ने इस साल सितंबर महीने तक जैविक संसाधनों से संबंधित 5 लाख 67 हजार से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए. इससे चीन, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान आ जाता है. इससे मतलब यह है कि चीन उक्त संसाधनों के विकास को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

लालटेन

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लिंटर्न कॉर्पोरेशन औद्योगिक सिग्नल लाइट खतरनाक कोनों, तौल तराजू, अंडरपास और एब्यूटमेंट पर यातायात के लिए कई फायदे प्रदान करते हैं। हमारे लालटेन धातु परावर्तक, हुड और उच्च गुणवत्ता वाले सेमाफोर लेंस से लैस हैं जो सभी परिस्थितियों में एक शानदार संकेत प्रदान करते हैं। प्रत्येक वेल्डेड 16 गेज स्टील से बना है और आसान दीपक परिवर्तन के लिए टिका हुआ दरवाजे और 1/4 टर्न-कैप्टिव फास्टनरों से सुसज्जित है। वे मौसम प्रतिरोधी, धूल प्रतिरोधी हैं, और एलईडी बल्ब के साथ आपूर्ति की जाती है। विभिन्न दिशाओं का सामना करने के लिए संयुक्त किया जा सकता है। एक फ्लैशर किट भी उपलब्ध है।

आवेदन में शामिल हैं: ओवरहेड क्रेन सिग्नल, क्रेन निकासी संकेतक, खदान चेतावनी संकेत, आग बुझाने की कल उपकरण, घाट और बांध मार्कर, पार्किंग गैरेज, लोडिंग डॉक, उच्च वोल्टेज चेतावनी, गेज रोशनी, निकास, फायर अलार्म, रेल क्रॉसिंग गेट

विनिर्देशों

भारी शुल्क 16 गेज लेंस हुड के साथ चित्रित स्टील

हेवी-ड्यूटी प्रिज्मेटिक 63/8 “(162 मिमी) सेमाफोर ग्लास लेंस

लाल, रेलमार्ग हरा, एम्बर, नीला, स्पष्ट

मानक ए -19 सॉकेट
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जरुरी जानकारी | दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमानः एसबीआई रिसर्च

जरुरी जानकारी | दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमानः एसबीआई रिसर्च

मुंबई, 28 नवंबर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध टीम ने विनिर्माण गतिविधियों में कमजोरी और मार्जिन के बढ़ते दबाव को देखते हुए जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया है।

एसबीआई रिसर्च की तरफ से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रह सकती है जो औसत अनुमान से 0.30 प्रतिशत कम है।

सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए जाने हैं।

कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन घटा

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रिपोर्टिंग तिमाही में इन कंपनियों के राजस्व में वृद्धि दर अच्छी रही है लेकिन उनके लाभ में एक साल पहले की तुलना में करीब 23 प्रतिशत की गिरावट आई है. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को छोड़कर अन्य लिस्टेड कंपनियों के मार्जिन पर दबाव भी देखा गया है. उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन दूसरी तिमाही में घटकर 10.9 फीसदी रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 17.7 फीसदी था. इन परिस्थितियों के बीच दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर औसत बाजार अनुमान (6.1 प्रतिशत) से कहीं कम 5.8 प्रतिशत रह सकती है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की समूची अवधि में ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रह सकती है जो भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 फीसदी कम है. एसबीआई रिसर्च का ये अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है.

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