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शेयर बाज़ार के प्रकार

शेयर बाज़ार के प्रकार
ग्लोबल ट्रेडिंग के द्वार खुलेंगे
वेस्‍टेड फाइनेंस के सह-संस्‍थापक एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, विरम शाह का कहना है कि इस साझेदारी से भारतीय खुदरा निवेशकों का दायरा बढ़ेगा। ऐसा देखा गया है कि अब उनकी रूचि दीर्घकालिक निवेश हेतु भौगोलिक रूप से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने में है। उन्हें दृढ़ विश्‍वास है कि इस प्‍लेटफॉर्म से अनेक भारतीय निवेशकों के लिए ग्‍लोबल ट्रेडिंग के द्वार खुलेंगे। इस प्रोडक्‍ट से विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों को सीधे यूएस स्‍टॉक बाजार में निवेश करने की असाधारण क्षमता प्राप्‍त होगी।

शेयर इश्यू के प्रकार Types-of-share-issue

स्टॉक मार्केट क्या है : Share Bazar Kya Hai | 2 Stock Market

स्टॉक मार्केट क्या है : Share Bazar Kya Hai | Stock Market – यहाँ स्टॉक मार्किट से जुडी सभी बेसिक जानकारी उपलब्ध है। तो चलिए जानते हैं स्टॉक मार्किट के बारे में और आपको यहाँ इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं।

Table of Contents

स्टॉक मार्केट क्या है | Stock Market in Hindi

हमने कहीं बार शेयर बाजार के बारे में सुना है। शेयर बाजार कहो या स्टॉक मार्केट बात एक ही है। शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी।

हर कंपनी के अपने शेयर होते हैं। जब आप इन शेयर को खरीदते तो हो आप उस कंपनी को एक इकनोमिक बूस्ट देते हो। और कंपनी बदले में आपको डिविडनड देती है। यह डिविडनड ठीक वैसे ही है जैसे आप आपको बैंक में फिक्स डिपाजिट कराने पर इंटरेस्ट प्राप्त होता है। हालांकि डिविडेंड दिया जायेगा या नहीं यह कंपनी के ऊपर निर्भर करता है।

स्टॉक मार्केट को सट्टा बाजार भी कहा जाता है और कुछ लोग तो इसे सट्टा बोलकर इसमें पैसा लगाने से परहेज करते हैं बल्कि दूसरों को भी इससे दूर रहने की सलाह देते हैं। किन्तु यह अधूरा सच है।

इसमें कोई शक नहीं कि स्टॉक मार्किट एक प्रकार से सट्टा बाजार है। क्योंकि इसमें पैसा आने और जाने का बिलकुल साफ साफ़ जोखिम है। किन्तु यदि हम इसे लॉन्ग टर्म बेस पर देखें तो यह जोखिम ना होकर के एक प्रकार का बिज़नेस है।

शेयर बाज़ार क्या है | Share Bazar Kya Hai

किसी भी कंपनी जो कोई शुरू करता है अर्थात जो उसमें पैसा लगाता है। उसे प्रमोटर्स कहते हैं। यह प्रमोटर्स शुरुआत में एक या उससे अधिक हो सकते हैं। प्रमोटर भी किसी भी शेयर की फेस वैल्यू तैय करते हैं। फेस वैल्यू का अर्थ है शेयर की स्टार्टिंग प्राइस।

शुरुआत में एक कम्पनी प्राइवेट कंपनी होती है। फण्ड की जरूरत पड़ने पर बाद में यह कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन जाती है फिर इससे आगे जाने पर यह लिस्टेड कंपनी बन जाती है। लिस्टेड कंपनी बनने पर कोई भी व्यक्ति इसके शेयर खरीद सकता है। क्यों कि फिर यह पूरी तरह से ओपन मार्किट होता है।

स्टॉक एक्सचेंज वह प्लेटफार्म है जहाँ जाकर एक इन्वेस्टर किसी शेयर को खरीदता व बेचता है। स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार से उसका सिक्योरिटीज प्रदान करता है। भारत में तीन प्रकार के स्टॉक एक्सचेंज है। – 1. BSE (Bombay Stock Exchange) 2. NSE National Stock Exchange और 3. MSEI (Metropolitan Stock Exchange of India)

Share Market Kya Hai | शेयर मार्केट क्या है

मार्किट दो तरह के होते हैं 1 Primary Market और 2. Secondary Market. प्राइमरी मार्किट वह मार्किट होता है जब कोई कंपनी फर्स्ट टाइम स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने को आती है यहाँ कंपनी से सीधे सीधे एक इन्वेस्टर शेयर खरीदता शेयर बाज़ार के प्रकार है।

सेकेंडरी मार्किट हमारे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं। यहाँ एक इन्वेस्टर से दूसरा इन्वेस्टर शेयर का लेन देन करता है।

किसी भी प्राइवेट कंपनी में ज्यादा से ज्यादा 200 भागीदार हो सकते हैं। इसके बाद उसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी और उससे आगे उसे लिस्टेड कंपनी बनना होता है।

जब कोई प्राइवेट कंपनी पब्लिक लिमिटेड बनती है तो वह अपने शेयर IPO के तहत इन्वेस्टर्स को प्रोवाइड करवाती है। ताकि ज्यादा से ज्यादा वह फंडिंग करवा सके। इस कमपनी को Issuer कंपनी कहते हैं। जो कंपनी IPO के तहत आती है उसे ही प्राइमरी मार्किट कहते हैं। IPO का अर्थ है Initial Public Offer.

शेयर बाजार में निवेश का एक आसान तरीका जो सामान्य लोगों के भी आएगा काम

By: एबीपी न्यूज, वेब डेस्क | Updated at : 23 May 2021 03:53 PM (IST)

यदि आपको नदी पार करनी हो और आपको तैरना ना आता हो तो क्या हुआ.. आप नाव में बैठ कर चले जाइए. बस नाव की ही तरह म्यूचुअल फंड भी उन निवेशकों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करता है जिन्हें पूंजी बाज़ार की सीमित जानकारी है. म्यूचुअल फंडको प्रोफेशनल्स मैनेज करते हैं और वो रिसर्च करके सही शेयर्स का पोर्टफोलियो बनाते हैं. म्यूचुअल फंडके परफॉरमेंस मूल्यांकन करने के लिए उस की तुलना किसी इंडेक्स से की जाती है और उस इंडेक्स की परफॉरमेंस को बेंचमार्क माना जाता है. ऐसे म्यूचुअल फंड जिनका पोर्टफोलियो फंड मैनेजर तय करते हैं उन्हे एक्टिव फंड कहते हैं. फंड शेयर बाज़ार के प्रकार मैनेजर की हमेशा कोशिश रहती है कि वो निवेशकों को अधिक से अधिक रिटर्न दिला सकें लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता क्योंकि शेयरों के चुनाव में एक भावनात्मक दृष्टिकोण भी होता है. अब यदि आप चाहते हैं कि आपकी स्कीम वैसा ही प्रदर्शन करे जैसा कि वो इंडेक्स जिसे वो स्कीम ट्रैक कर रही है तो इसका तरीका है एक इंडेक्स फंड में निवेश. इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है लेकिन इसके पोर्टफोलियो में शेयर फंड मैनेजर तय नहीं करते बल्कि उस इंडेक्स के पोर्टफोलियो को कॉपी करते हैं जिस पर ये फंड आधारित होता है. यानि कि एक इंडेक्स फंड पूरी तरह से पैसिव या निष्क्रिय फंड होता है.

इनिशियल पब्लिक ऑफर जारी करने के तरीके :

कोई भी कंपनी शेयर बाज़ार के प्रकार दो तरीकों से इनिशियल पब्लिक ऑफर जारी करती है जिनका वर्णन निम्नवत है |

1. बुक बिल्डिंग रूट (Book Building Root):

IPO जारी करने के इस तरीके में कंपनी अपने नए शेयरों के लिए एक प्राइस बैंड तय करती है | और निवेशक अपनी इच्छानुसार ही उस प्राइस बंद की लिमिट में ही आवेदन करते हैं | बुक बिल्डिंग रूट में इस प्राइस बैंड की सबसे उपरी एवं निचली कीमत में अधिक से अधिक अंतर बीस प्रतिशत तक का हो सकता है | बुक बिल्डिंग रूट में बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही शेयर की कीमत तय की जाती है |

2. फिक्स्ड प्राइस रूट (Fixed Price Root):

IPO जारी करने के इस दूसरे तरीके में कंपनी द्वारा अपने शेयर की एक निश्चित कीमत प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है | इसमें निवेशकों को पहले से कंपनी के शेयर की कीमत का पता शेयर बाज़ार के प्रकार शेयर बाज़ार के प्रकार होता है | इसमें दोनों तरह के निवेशक चाहे वे संस्थागत हों, या रिटेल दोनों आवेदन कर सकते हैं |

पब्लिक इश्यू (Public Issue) :

प्राथमिक बाजार में शेयर इश्यू के प्रकार में दूसरा प्रकार पब्लिक इश्यू है | जब कोई पहले से लिस्टेड कंपनी प्राइमरी मार्केट में शेयरों के नए इश्यू लाना चाहती हो | या फिर अपने स्वामित्व में से कुछ हिस्सा पब्लिक के लिए प्रस्तुत करना चाहती हो तो इस शेयर इश्यू को पब्लिक इश्यू कहा जाता है | जहाँ तक इसकी कार्यशैली का सवाल है इसकी कार्यशैली भी IPO की तरह ही होती है |

शेयर इश्यू के प्रकार में तीसरा प्रकार राईट इश्यू है, सामान्यतया जब कोई लिस्टेड कंपनी अपने शेयर होल्डरों को प्राथमिकता देते हुए नए इश्यू जारी करती है तो इन्हें राईट इश्यू कहा जाता है | इन राईट इश्यू को जारी करते वक्त कंपनी अपने शेयर होल्डरों को उनकी शेयरों के संख्या के अनुरूप नए शेयर खरीदने का प्रस्ताव रखती है | यह जरुरी नहीं है की हर शेयर होल्डर को कंपनी के इस प्रस्ताव को मानना ही पड़ेगा शेयर होल्डर चाहें इसे स्वीकार कर सकते हैं और चाहें तो अस्वीकार भी कर सकते हैं |

प्रीफरेंशियल इश्यू (Preferential Issue):

शेयर इश्यू के प्रकार में चौथा प्रकार प्रीफरेंशियल इश्यू है जब कोई लिस्टेड कंपनी अपने कुछ चुनिन्दा निवेशकों के लिए शेयर अर्थात इक्विटी का इश्यू जारी करती है, जिसमे शेयर की तय की गई कीमत का उस समय के बाजार मूल्य से कोई सम्बन्ध नहीं होता है इस प्रकार के शेयर इश्यू को Preferential Issue कहते हैं |

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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।

भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश

अमेरिकी स्टॉक में करें निवेश एक डॉलर से

अमेरिकी स्टॉक में करें निवेश एक डॉलर से

  • शून्‍य ब्रोकरेज फीस के साथ यूएस स्‍टॉक्‍स में असीमित ट्रांजेक्‍शंस कर सकेंगे भारतीय निवेशक
  • एक से भी कम शेयर में निवेश करने की सुविधा
  • ऐमजॉन, गूगल या बर्कशायर हैथवे जैसे ऊंची कीमतों वाले शेयर्स में भी न्‍यूनतम 200 से निवेश शुरू कर सकते हैं
  • प्रोफेशनल्‍स द्वारा तैयार किये गये पोर्टफोलियोज और स्‍टॉकस व ईटीएफ के थीम-आधारित बास्‍केट्स में मिलेगा निवेश का मौका

कुछ क्लिक में हो जाएगा यूएस स्टॉक में निवेश
अब निवेशक मात्र कुछ ही क्लिक्‍स में फेसबुक, एप्‍पल, नेटफ्लिक्‍स, गूगल व अन्‍य कंपनियों के शेयर्स की खरीद/बिक्री कर सकते हैं; या थीम-आधारित बाजारों या ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। विशाल वैश्विक बाजार की आसान उपलब्‍धता के साथ, निवेशक न केवल भौगोलिक डाइवर्सिफिकेशन का लाभ ले सकते हैं बल्कि अपने पोर्टफोलियो को एक देश और एक मुद्रा के जोखिम से बचा सकते हैं। यह विशिष्‍ट समाधान, प्रोफेशनल्‍स द्वारा तैयार किये गये पोर्टफोलियो और थीम-आधारित स्टॉक्‍स व ईटीएफ उपलब्‍ध कराता है, जिसे लेने से लेकर फंड ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया डिजिटल है और इस प्रकार, यह सुनिश्चित करता है कि ग्‍लोबल इन्‍वेस्टिंग #सिम्‍पल है।

Share Market Recession : दुनियाभर के शेयर बाजार में मंदी के संकेत, भारतीय बाजार पर भी असर, 4 दिनों से लगातार जारी गिरावट

आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वैश्विक शेयर बाजार (Share Market) में मंदी (Recession) के आसार नजर आ रहे हैं। दुनिया के लगभग सभी छोटे-बड़े देश इस मंदी के असर से प्रभावित हैं। भारत भी इस अंतर्राष्ट्रीय मंदी के प्रभाव से बचता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक ओर भारतीय मुद्रा में लगातार डॉलर के मुकाबले गिरावट जारी है, वहीं भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले चार दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

सरकार का दावा मजबूत है स्थिति

भारत सरकार की ओर से दावा किया गया था कि देश की आर्थिक स्थिति वर्तमान में काफी मजबूत है और किसी प्रकार की मंदी देश में नहीं है, जबकि शेयर बाजार के जानकार और अर्थशास्त्री सरकार के इस दावे का समर्थन करते नजर नहीं आ रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भारतीय मुद्रा के अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में अधिक मजबूती का दावा कर रही हैं, जबकि डॉलर की तुलना में रुपया लगातार गिरता जा रहा है।

बेरोजगारी में वृध्दि

इस वैश्विक आर्थिक मंदी का सीधा प्रभाव दुनियाभर के रोजगारों पर पड़ता दिखाई दे रहा है। भारत सहित दुनिया के सभी छोटे और बड़े देशों में आर्थिक मंदी की वजह से लाखों करोड़ो लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसके साथ ही नए रोजगारों की संभावना भी बहुत ही कम निर्मित हो रही है। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या से आने वाले समय में इस आर्थिक मंदी में और भी अधिक गिरावट के संकेत बन रहे हैं, जोकि एक चिंताजनक विषय है।

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