निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न

Edelweiss Financial Services का NCD निवेश के लिए खुल गया है.
अभी कहां निवेश करना है बेस्ट इक्विटी, SIP, गोल्ड या FD? जानें इस साल किसने दिया ज्यादा रिटर्न
साल 2022 में रिटर्न के मामले में इक्विटी, सोना, क्रिप्टोकरेंसी और सेफ इन्वेस्टमेंट ज्यादातर सभी ने निराश किया है। विश्व भर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया है। सभी महंगाई पर काबू पाने के लिए कई तरीके आजमा रहे हैं। बचे हुए साल 2022 के महीनों में रूस-यूक्रेन का संघर्ष तेज होने और ताइवान पर यूएस-चीन के बीच टकराव के साथ निवेश का माहौल चुनौतीपूर्ण लग रहा है।
हालांकि, प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक दशहरे से एक दिन पहले मंगलवार को फेस्टिव मूड में नजर आया। पॉजिटिव वैश्विक संकेतों के बीच इक्विटी में 2 प्रतिशत से निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न अधिक की तेजी आई। अमेरिका में कमजोर मैन्युफैक्चरिंग डेटा ने उम्मीद जगाई है कि फेडरल रिजर्व अपनी नीति सख्त करने की स्पीड को धीमा कर सकता है।
तो क्या निवेशकों को इस समय जोखिम उठाना चाहिए और अपने सरप्लस पैसे को किसी दूसरे एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए?
Mutual Funds : निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न ये म्यूचुअल फंड स्कीम दे रहीं निवेशकों को तगड़ा रिटर्न, निवेशक बने मालामाल
Mutual Funds Scheme : अगर आप भी अपना पैसा कहीं इन्वेस्ट (Invest) करने की सोच रहे हैं, तो म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतर ऑप्शन के रूप में मौजूद है। चाहे वो लॉन्ग टर्म में बच्चों के भविष्य को लेकर हो या फिर शॉर्ट टर्म में आपकी जरूरत के लिए, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) आपको बेहतर लाभ देगा। आज हम आपको म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की कुछ स्कीम (Scheme) के बारे में जानकारी देंगे, जिसमें आपको कम इन्वेस्ट (Invest) में ज्यादा मुनाफा मिलेगा। तो आइए जानते हैं ऐसी ही म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) के बारे में जो निवेशकों (Investers) का कई गुना ज्यादा रिटर्न दे रही है.
SBI के करोड़ों निवेशकों के निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न लिए अच्छी खबर, अब मिलेगा पहले से ज्यादा रिटर्न
नई दिल्ली | देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने चालू वित्त वर्ष की जुलाई से सितंबर की तिमाही के बीच एकल आधार पर 13,265 करोड रुपए का मुनाफा कमाया है. यदि इस मुनाफे की पिछले से तुलना की जाए तो यह 74 परसेंट अधिक है. यह लाभ किसी तिमाही में बैंक का सर्वाधिक लाभ है. भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार को सूचना जारी की, जिसमें बताया गया कि फंसे कर्ज़ों के लिए वित्तीय प्रावधान में कमी आने और ब्याज आय बढ़ने से उसके लाभ में बढ़ोतरी हुई है.
SBI के निवेशकों की बल्ले-बल्ले
1 साल पहले की समान तिमाही में बैंक का एकल आधार पर लाभ 7,627 करोड रुपए था. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एसबीआई को जबरदस्त मुनाफा हुआ, जिसका लाभ निवेशकों को भी मिलेगा. शेयर बाजार में SBI के शेयर मे उछाल आने की उम्मीद है. शुक्रवार को बंद हुए कारोबारी सत्र में एसबीआई का शेयर लगभग 2% की तेजी के साथ 595.70 रूपये के स्तर पर बंद हुआ था. दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 88,734 करोड़ रूपये हो गई है. पिछली तिमाही में एसबीआई की शुद्ध ब्याज आय 13% बढ़कर 35,183 करोड रुपए हो गई, 1 साल पहले यह 31,184 करोड रुपए थी.
घरेलू शुद्ध ब्याज मार्जिन भी 3.5 परसेंट से सुधर कर 3.55% हो गई. शुद्ध NPA यानी फंसे कर्ज़ों का अनुपात भी घटकर कुल अग्रिम का 0.80% हो गया है. 1 साल पहले की समान अवधि में यह अनुपात 1.52% था. इसका नतीजा यह हुआ कि फंसे कर्ज़ों के लिए वित्तीय प्रावधान की जरूरत में गिरावट देखी निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न गई. 1 साल पहले जहां फंसे कर्ज़ों के लिए 2699 करोड़ रुपए का प्रावधान बैंकों को करना पड़ा था, सितम्बर तिमाही में यह राशि घटकर 2011 करोड़ रूपये हो गई. बीती तिमाही में बैंक का परिचालन लाभ 17% से बढ़कर 21,120 करोड रुपए हो गया जबकि 1 साल पहले यह 18079 करोड रुपए था.
आरबीआई सेविंग्स बॉन्ड से मिलेगा एफडी से ज्यादा रिटर्न
जोखिम लिए बगैर बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा प्रतिफल चाहते हैं तो आप निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न आरबीआई के फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड 2020 में निवेश कर सकते हैं। सरकार ने जुलाई 2020 में 7.75 फीसदी की फिक्स्ड ब्याज दर वाले आरबीआई सेविंग्स बॉन्ड की जगह फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड पेश किया था। निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न चूंकि यह सरकारी बॉन्ड है, इसलिए बेहद सुरक्षित है। साथ ही इस पर ज्यादातर बैंकों के सावधि जमा (एफडी) से ज्यादा ब्याज भी मिलता है।
कैसे करें निवेश
आरबीआई ने सभी सरकारी बैंकों और चुनिंदा निजी बैंकों जैसे एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक तथा आईडीबीआई बैंक को यह बॉन्ड जारी निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न करने का अधिकार दिया है। पूरे साल में किसी भी समय इस बॉन्ड में व्यक्ति, संयुक्त या नाबालिग के अभिभावक के तौर पर निवेश किया जा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं और बैंक शाखा भी जा सकते हैं।
NCD : 10 साल के निवेश पर मिलेगा 10.10% तक सालाना रिटर्न, आज से खुला इनवेस्टमेंट का नया ऑप्शन
Edelweiss Financial Services का NCD निवेश के लिए खुल गया है.
Edelweiss Financial Services NCD: बाजार में उतार चढ़ाव है, जिससे इक्विटी में नुकसान हो रहा है. स्माल सेविंग्स स्कीम में रिटर्न बहुत कम रह गया है. ऐसे में अगर आप निवेश के लिए कोई बेहतर विकल्प की तलाश में हैं तो निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न आज से अच्छा मौका है. Edelweiss Financial Services का नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) निवेश के लिए आज यानी 3 अक्टूबर से खुल गया है. यह निवेश के लिए 17 अक्टूबर तक खुला रहेगा. इस नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर का साइज 400 करोड़ रुपये का होगा. इसका बेस साइज 200 करोड़ रुपये निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न है और इसमें ओवरसब्सक्रिप्शन के जरिए 200 करोड़ जुटाने का विकल्प है. इसमें अलग अलग 10 विकल्पों में अधिकतम 10.10 फीसदी सालाना रिटर्न मिलेगा.
NCD रेटिंग
Edelweiss Financial Services की NCD को CRISIL से AA-/Negative रेटिंग मिली है. वहीं ACUITE से AA-/Negative रेटिंग है. यानी यह पूरी तरह से सेफ भी नहीं है. वैसे बेहतर रेटिंग का भी यह मतलब नहीं होता है कि कोई एनसीडी पूरी तरह से निवेश का सुरक्षित विकल्प है.
Edelweiss Financial Services की NCD में निवेश के 10 अलग अलग विकल्प हैं. मैच्योरिटी 24 महीने से 120 महीने की है. जिनमें मंथली, एनुअल या मेच्योरिटी पूरी होने पर इंटरेस्ट पेमेंट की सुविधा है. यानी इसमें आप सालाना, मासिक या फिर एक साथ ब्याज पाने का ऑप्शन चुन सकते हैं. अलग अलग विकल्पों में 8.84 फीसदी से 10.09 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यानी बैंकों की एफडी से 3 फीसदी ज्यादा ब्याज.
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कितना करना होगा निवेश
एक NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. अलॉटमेंट फर्स्ट कम फर्स्ट सर्विस बेसिस पर है.
नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होते हैं. इन्हें कंपनी जारी करती है. इनके निवेशकों को मिलेगा ज्यादा रिटर्न जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्स होती है. इनकी मैच्योरिटी पर निवेशकों को ब्याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्ट्रूमेंट होते हैं.
सिक्योर्ड एनसीडी का मतलब इसमें कंपनी की सिक्योरिटी होती है. कंपनी अगर किसी वजह से निवेशकों को पैसे पेमेंट नहीं कर पाती तो निवेशक उसके एसेट को बेचकर अपना पैसा निकाल सकते हैं. अनसिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्योरिटी नहीं होती हैं. इसमें जोखिम ज्यादा होता है.