वित्त ट्रैकिंग

वित्त ट्रैकिंग
एप्पल वॉचओएस 9 में उचित बैटरी सेविंग मोड लाएगा
सैन फ्रांसिस्को, 20 नवंबर (आईएएनएस)। एप्पल वॉचओएस 9 के अगले अपडेट में एक नया बैटरी-सेविंग मोड लाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर घड़ी की बैटरी लाइफ बढ़ाई जा सके।
सैन फ्रांसिस्को, 20 नवंबर (आईएएनएस)। एप्पल वॉचओएस 9 के अगले अपडेट में एक नया बैटरी-सेविंग मोड लाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर घड़ी की बैटरी लाइफ बढ़ाई जा सके।
जीएसएमएरिना की रिपोर्ट के अनुसार, सेटिंग मेन्यू या कंट्रोल सेंटर का इस्तेमाल कर मोड को मैनुअली ऑन किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, जब बैटरी 10 प्रतिशत बची रहती है तो यह उपयोगकर्ता को अलर्ट करता है और 80 प्रतिशत चार्ज होने पर स्वचालित रूप से बंद हो जाता है।
अधिक ऊर्जा-गहन सुविधाएं, जिनमें हमेशा प्रदर्शन पर, हृदय गति अधिसूचनाएं, ट्रैकिंग, हृदय गति और रक्त ऑक्सीजन रीडिंग शामिल हैं, बैटरी-बचत मोड में अक्षम हो जाएंगी।
वर्कआउट के लिए रिमाइंडर भी अक्षम कर दिए जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पास में आईफोन नहीं है जो घड़ी से जुड़ा है तो यह मोड वाई-फाई और सेल्युलर कनेक्शन को बंद कर देगा।
इस महीने की शुरूआत में, टेक दिग्गज ने अपने एप्पल वॉच में वॉचओएस 9 चलाने के लिए एक अनुकूलित बैटरी चाजिर्ंग फीचर जोड़ा था जो बैटरी की उम्र बढ़ने को धीमा करने के लिए उपयोगकर्ताओ की चाजिर्ंग आदतों से सीखेगा।
फीचर के आईफोन संस्करण के समान, यह पता लगाता है कि उपयोगकर्ता की चाजिर्ंग आदतों के आधार पर बैटरी को 100 प्रतिशत चार्ज करना सबसे अच्छा है।
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मिशन प्रारम्भ: ISRO द्वारा भारत का पहला निजी रॉकेट ‘विक्रम-S’ लॉन्च किया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के पहले निजी रूप से निर्मित रॉकेट – ‘विक्रम-S ‘ (VKS), एक उपकक्षीय लॉन्च वाहन लॉन्च किया।
- रॉकेट “विक्रम-S”, विक्रम श्रृंखला में पहला, विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिन्हें व्यापक रूप से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के अग्रणी के रूप में माना जाता है।
- इसे मिशन “मिशन प्रारम्भ” (शुरुआत) के तहत विकसित किया जा रहा है, जो एक नई शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है।
हैदराबाद (तेलंगाना) में स्थित एक स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने ISRO और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की सहायता से विक्रम-S रॉकेट और प्रारम्भ मिशन विकसित किया।
- मिशन का उद्देश्य विक्रम-S, एक एकल-चरण, ठोस ईंधन वाले उप-कक्षीय रॉकेट को अंतरिक्ष में लॉन्च करना है, और मिशन को IN-SPACe द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- केंद्र सरकार द्वारा 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी ऑपरेटरों के लिए खोलने के बाद, स्काईरूट एयरोस्पेस भारत में पहली निजी तौर पर आयोजित कंपनी बन गई।
‘विक्रम-S’ रॉकेट और प्रारम्भ मिशन की मुख्य विशेषताएं
i.’विक्रम-S’ लॉन्च वाहन की स्पिन स्थिरता के लिए वित्त ट्रैकिंग 3-D मुद्रित ठोस थ्रस्टर्स के साथ दुनिया के पहले ऑल-कम्पोजिट रॉकेटों में से एक है।
- स्काईरूट एयरोस्पेस के अनुसार, विक्रम-S अंतरिक्ष की सबसे तेज और सबसे सस्ती यात्रा है।
- इसका शरीर द्रव्यमान 545 kg, लंबाई 6 मीटर और व्यास 0.375 मीटर है।
ii. प्रारम्भ मिशन में 3 क्लाइंट पेलोड, दो भारतीय और एक विदेशी, त्वरण और दबाव को मापने के लिए सेंसर से लैस थे।
- ये तीन उपग्रह चेन्नई (तमिलनाडु) स्थित SpaceKidz , आंध्र प्रदेश स्थित N-SpaceTech और आर्मेनिया के BazoomQ स्पेस रिसर्च लैब के हैं।
- पेलोड को विक्रम-S प्रक्षेपण यान द्वारा 500 km लो इंक्लिनाशन ऑर्बिट(LIO) में स्थापित किया जाएगा।
iii. रॉकेट के प्रक्षेपण से विक्रम श्रृंखला के वैमानिकी प्रणालियों जैसे टेलीमेट्री, ट्रैकिंग, जड़त्वीय माप, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), ऑन-बोर्ड कैमरा, डेटा अधिग्रहण और पावर सिस्टम के उड़ान-परीक्षण को प्रदर्शित करने की उम्मीद है।
iv. विक्रम-S भारत के पहले कार्बन-फाइबर-निर्मित ठोस ईंधन इंजन द्वारा संचालित होगा, जिसे IN-SPACe द्वारा लॉन्च के लिए अनुमोदित किया गया है।
v. विक्रम-S रॉकेट विक्रम-1 रॉकेट का एक स्केल-डाउन संस्करण है।
- विक्रम-S एक सिंगल स्टेज रॉकेट है, जबकि विक्रम-1 एक मल्टी-स्टेज व्हीकल है।
vi. स्काईरूट एयरोस्पेस में 3 रॉकेट वेरिएंट होंगे:
- विक्रम I – पेलोड या वहन क्षमता: 500 km लो इंक्लिनाशन ऑर्बिट(LIO) में 480 kg; 500 km सन-सिंक्रोनस एंड पोलर ऑर्बिट (SSPO) में 290 kg
- विक्रम II – 500 km LOI में 595 kg, 500 km SSPO में 400 kg
- विक्रम III – 500 km LOI में 815 kg,500 km SSPO में 560 kg
स्काईरूट एयरोस्पेस
i. स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना वित्त ट्रैकिंग जून 2018 में ISRO के पूर्व वैज्ञानिकों पवन कुमार चंदना और नागा भरत डाका द्वारा की गई थी।
ii. यह भारत वित्त ट्रैकिंग का सबसे बड़ा निजी वित्त पोषित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप है, जिसकी पूंजी आज तक 526 करोड़ रुपये है, और इसने दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
iii. यह ISRO के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने वाला पहला स्टार्टअप है।
iv. स्काईरूट ने आधुनिक समग्र और 3D-प्रिंटिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके भारत के पहले निजी तौर पर विकसित क्रायोजेनिक, हाइपरगोलिक-तरल और ठोस ईंधन-आधारित रॉकेट इंजनों का सफलतापूर्वक निर्माण और परीक्षण किया है।
हाल में संबंधित समाचार:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. A K अनिल कुमार को 18-22 सितंबर 2022 को पेरिस (फ्रांस) में आयोजित वार्षिक सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस (IAC) 2022 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री संघ (IAF) के उपाध्यक्ष (VP) के रूप में चुना गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बारे में:
अध्यक्ष – S. सोमनाथ
मुख्यालय – बेंगलुरु, कर्नाटक
स्थापना – 1969
हिमाचल प्रदेश: मंडी में दो भाइयों पर जानलेवा हमला,मरा समझ जंगल में फेंक हुए फरार, हमलावर बाप-बेटे गिरफ्तार………
जिला मंडी स्थित पधर में रविवार रात दो सगे वित्त ट्रैकिंग भाइयों पर बाप-बेटे सहित 3 लोगों ने लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया. आरोपी दोनों भाइयों को बेहोशी की हालत में सड़क से नीचे जंगल में फेंककर फरार हो गए. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत जानलेवा हमला करने की एफआईआर दर्ज कर दी गई है. वहीं, मामले में घायल एक युवक का इलाज जोनल अस्पताल मंडी और दूसरे की हालत गंभीर होने के चलते आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया है.
मामले में पुलिस द्वारा दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपमंडल पधर की ग्राम पंचायत उरला के गांव खुंड़ निवासी जो पेशे से टैक्सी चालक है. पीड़ित देवेंद्र कुमार के अनुसार बीती रात रविवार को जब वह छोटे भाई पवन कुमार के साथ अपनी कार में पधर से अपने घर जा रहा था. इसी दौरान नेशनल हाईवे मंडी-पठानकोट पर कोटरोपी के समीप पहुंचने पर बीरी सिंह के बेटे दिनेश ने गाड़ी को रुकने का इशारा किया. इसके बाद गाड़ी को किनारे खड़ा करते ही बाप-बेटे सहित एक अन्य युवक ने खिड़कियां खोलकर डंडों से जानलेवा हमला कर दिया.
दोनों के बेहोश हो जाने के बाद सड़क से नीचे जंगल में फेंक दिया. देर रात तक घर न पहुंचने पर परिजनों ने तलाश की तो दोनों को सड़क से नीचे बेहोशी की हालत में पाया. जहां से दोनों भाइयों को सिविल अस्पताल पधर पहुंचाया गया. इसके बाद बड़े भाई देवेंद्र कुमार और पवन कुमार को जोनल अस्पताल मंडी भेज दिया गया. जहां से पवन कुमार की नाजुक स्थिति को देखते हुए आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है. युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है. जबकि, बड़े भाई देवेंद्र का मंडी में उपचार चल रहा है.
मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी पधर लोकेंद्र नेगी ने कहा कि पीड़ित देवेंद्र कुमार के बयान पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच जारी है और हमले के पीछे के कारण का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आरोपी बीरी सिंह पुत्र भगत राम और दिनेश उर्फ दीनानाथ पुत्र बीरी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि, तीसरे युवक की तलाश जारी है.
होठों को ही नहीं सँवारती है लिपस्टिक, अर्थव्यवस्था का भी हाल है बताता: जानिए कॉस्मेटिक्स सेल और मंदी में क्या है रिश्ता
मंदी और लिपस्टिक का क्या संबंध है? (फोटो क्रेडिट- जी न्यूज और जागरण)
एक तरफ जहाँ ब्रिटेन मंदी के दौर से गुजर रहा है, वहीं अमेरिका के भी हालात अच्छे नहीं हैं। ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि मंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में सिकुड़न आ सकती है। इन सब के बीच ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ की काफी चर्चा है। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ के बारे में। साथ ही आपको यह भी बताते हैं कि इसका मंदी से क्या संबंध है।
फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट की मुताबिक, अमेरिका में बीते 1 साल की तुलना में इस साल फेस केयर आइटम की बिक्री में 2.1% की गिरावट आई है। भले ही डॉलर मजबूत है, अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्र लड़खड़ा रहे हैं। मेकअप के सामग्रियों की बिक्री और लिपस्टिक आमतौर पर मुद्रास्फीति के दबावों से प्रभावित नहीं होते हैं, बल्कि इसकी खरीदारी में बढ़ोतरी होती है। हालाँकि, अमेरिका में ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ संकेत दे रहे हैं कि इसमें अब बदलाव हो रहा है।
क्या होता है ‘लिपस्टिक इंडेक्स’
मंदी के समय में लिपस्टिक इंडेक्स एक लंबे समय से आर्थिक संकेतक रहा है। आर्थिक मंदी के बावजूद लिपस्टिक की बिक्री बढ़ती है। इसके पीछे वजह यह है की उपभोक्ता, खासकर महिलाएँ तंगी की वजह से महँगी वस्तुओं पर खर्च कम कर देती हैं और खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए कम महँगी चीजों को खरीदना पसंद करती हैं। दूसरी ओर कोरोना की वजह से मास्क की अनिवार्यता भी समाप्त हो गई है और लिपस्टिक की बिक्री बढ़ने लगी है।
ग्लोबल मार्केट ट्रैकिंग फर्म एनपीडी ग्रुप के डेटा में पाया गया कि लिपस्टिक और अन्य लिप मेकअप की बिक्री पिछले साल की तुलना में पहली तिमाही में 48% बढ़ी है। इसका मतलब है पिछले साल की तुलना में लिप मेकअप की बिक्री में 222 मिलियन डॉलर से अधिक की बिक्री हुई है।
कैसे आया चर्चा में
‘लिपस्टिक इफेक्ट’ पहली बार 2001 की मंदी के दौरान चर्चा में आया था। उस समय यह देखा गया था कि इकोनॉमी की खराब हालत के बावजूद लिपस्टिक की बिक्री बढ़ी है। 1929 और 1993 की महामंदी के दौरान भी ऐसा देखने को मिला था। इसे ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ नाम दिया गया। इस थ्योरी के मुताबिक, इकोनॉमी की सेहत और कॉस्मेटिक्स की बिक्री के बीच विपरीत संबंध है।
वहीं 2008-09 की आर्थिक मंदी के दौरान ‘फाउंडेशन इंडेक्स’ का टर्म सामने आया था। जब महिलाओं ने ब्यूटी प्रोडक्ट पर ज्यादा पैसे खर्च करने के बजाए फाउंडेशन के जरिये अपनी त्वचा को चमकाने का राज खोजा। इस दौरान देखा गया कि मंदी के बावजूद बाजार में फाउंडेशन की बिक्री जबरदस्त रही और यह निष्कर्ष निकाला गया कि महिलाएं जब अन्य शौक की चीजों पर ज्यादा पैसे नहीं खर्च कर पा रहीं थी, तो फाउंडेशन के इस्तेमाल से खुद को खूबसूरत दिखाने की कोशिश की।
एनपीडी में ब्यूटी इंडस्ट्री एडवाइजर की सलाहकार लारिसा जेन्सेन ने बताया, “उपभोक्ता अर्थव्यवस्था के बारे में बुरा महसूस करते हैं तो वे अच्छा दिखना चाहते हैं। चूंकि वसंत और गर्मियों की शुरुआत में कंज्यूमर सेंटीमेंट गिर गया था, लिपस्टिक की बिक्री बढ़ गई। ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ जीवित और अच्छी तरह से हमारे बीच है।”
TRAVEL TIPS: कपल्स के लिए एक ऐसा होटल जहाँ पर नाबालिगों की है नो एंट्री
TRAVEL NEWS DESK : केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सभी लोग छुट्टियां बिताने के लिए अच्छे होटल और रिजॉर्ट का चयन करते हैं। क्योंकि मस्ती करने के लिये सिर्फ बच्चों का ही नहीं, बल्कि बड़ों का भी मन करता है। जब इंसान काम काज से काफी ज्यादा थक जाता है, तो उसे रिलैक्स करने के लिए कुछ समय चाहिए होता है। तो लोग ये समय अपने परिवार के साथ या दोस्तों के साथ घूम फिर कर ही बिताना चाहते हैं ताकि वह अच्छे यादगार पल भी बना सके। लेकिन यदि आप अपने पार्टनर के साथ खुलकर कही घूमना चाहते हैं या मस्ती करना चाहते हैं, तो आप नहीं कर सकते। क्योंकि भारत में 99% होटलों में लोग परिवार समेत ही रुकते हैं। आज हम आपको हिंदुस्तान के वित्त ट्रैकिंग एक ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ कोई बच्चा दिखेगा ही नहीं। यह होटल खासतौर पर कपल्स के लिए बनाया गया है।
18 साल से कम उम्र के लोगों की नो एंट्री:
आज हम आपको कुछ ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ पर 18 साल से कम लोगों की नो एंट्री होती है यानी कि यदि वित्त ट्रैकिंग आप 18 साल से कम है और आप नाबालिग हैं, तो आपको होटल में प्रवेश नहीं मिल सकता। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि छुट्टियों का आनंद उठाने आये कपल्स अपनी ज़िन्दगी में बिना किसी संकोच के एंजॉय सकें और वहाँ के खूबसूरत नेचर और जगह का आनंद उठा सके। वैसे तो ऐसे ही कुछ और जगह है जो कि वेलनेस सेंटर के तौर पर है या नेचर के बीच ट्रैकिंग जैसी एक्टीविटी के लिए है। यहां खतरों को देखते हुए बच्चों की एंट्री बैन की गई है। लेकिन गोवा के इस होटल में 18 साल से कम उम्र के लड़का और लड़कियों की एंट्री बैन हैं।