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Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ

Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ
शैक्षिक तकनीकी के उपागम

Guidance and Counselling B. Ed third semester solved mcq 2021

(C) The content of the guidance programme can serve as a curricular experiences for Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ students as well.

Read Also :

19. Which stage of career development given by Supur, corresponds to psychological of childhood and pre- life stage adolescence ?

(D) Maintenance
ANS : (A) Growth stage

20. Which personality type is this : likes to take risks, facility with words, self- confident and assertive ?

21. "The phase of guidance that aims to assist an individual in respect to personal habits, attitudes and intermate personal problem is personal guidance." Who said this ?

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(D) All of the above
ANS : (A) to choose and prepare for an occupation

27. What are the inherited factors that contribute to a student's achievement ?
(A) Temperament
(B) Sensitivity
(C) Genetic character
(D) All of the above
ANS : (D) All of the above

28. The factors which cause learning problems in children with special needs related to the school environment are :
(A) low expectancies and lack of teacher's acceptance of the student.
(B) acceptance of disabled children by their non-disabled peers.
(C) individual needs matched with quality teaching.
(D) appropriate physical facilities provided to special needs student.
ANS : (A) low expectancies and lack of teacher's acceptance of the student.

29. The YMCA of which city also does the guidance work ?
(A) Kolkata
(B) Chennai
(C) Mumbai
(D) Delhi
ANS : (A) Kolkata

30. What possible measures are required to be taken by the teachers to facilitate adjustment of students in a classroom ?

(A) Teachers should not expect the same level of performance from all students.
(B) Teacher should emphasise on improving language development of the students.
(C) More progress is made when teachers pressure children into learning.
(D) All of the above
ANS : (D) All of the above

31. Vocational adjustment leads to progress of :
(A) Self-realisation
(B) Social-adjustment
(C) Feeling of autonomy
(D) All of the above
ANS : (B) Social-adjustment

32. Human development is a result of:
(A) Biological development
(B) Cognitive developmen
(C) Socio-emotional development
(D) All of the above
ANS : (D) All of the above

33. Stages involved in directive counselling are :
(A) Analysis, self-exploration, interpretation, counselling
(B) Analysis, synthesis, diagnosis, prognosis, counselling
(C) Analysis, synthesis, interpretation, implementation, counselling
(D) Self-exploration, interpretation, analysis, synthesis, counselling
ANS : (B) Analysis, synthesis, diagnosis, prognosis, counselling and follow up

34. Which of the following are the problems faced in evaluation of counselling process ?
(A) To presuppose a criteria used for evaluation
(B) Lack of adequate data
(C) Both (A) and (B)
(D) None of the above
ANS : (C) Both (A) and (B)

35. The procedure of non-directive counselling is given by :
(A) G. E. Mayers
(B) Carl R. Rogers
(C) Robert Roesslor
(D) William Cottle

B.Ed Previous year solved MCQ:

*NOTE : If you have any doubt with our any answers of our solved paper then you can inform us through Comment box or our Contact us Page. We will cross check our answer and it can be changed.Environmental Education Solved MCQ paper 2020

शिक्षा विचार

शैक्षिक तकनीकी के विभिन्न रूप (Various forms of educational technology)

नमस्कार साथियों! शिक्षा विचार में आप सभी का स्वागत हैl दोस्तों आज की इस लेख में हम शैक्षिक तकनीकी के विभिन्न रूप अथवाVarious forms of educational technology की Study करेंगे। जिसके अंतर्गत हम तीन techniques का प्रयोग करेंगे।

  • शैक्षिक तकनीकी प्रथम अथवा हार्डवेयर उपागम (Educational technology-I or software approach)
  • शैक्षिक तकनीकी द्वितीय अथवा सॉफ्टवेयर उपागम (Educational technology-II or software approach)
  • शैक्षिक तकनीकी तृतीय अथवा प्रणाली विश्लेषण (Educational technology-III or system approach)

✓✓उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक भर्ती विज्ञान 2021

✓✓अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न

  • अभियंत्रण की मशीन के प्रयोग को शैक्षिक तकनीकी प्रथम Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ कहते हैं | स्मरण रहे कि तकनीकी प्रथम का जन्म भौतिक विज्ञान से हुआ है| डेविस के अनुसार शैक्षिक तकनीकी -प्रथम अथवा उपागम शिक्षा और शिक्षा प्रणाली में भौतिक विज्ञान का प्रयोग है, जिसके द्वारा शिक्षण प्रक्रिया का धीरे-धीरे मशीनीकरण किया जा रहा है, ताकि कम से कम समय में थोड़े से थोड़ा धन खर्च करके अधिक से अधिक विद्यार्थी को शिक्षित किया जा सके
  • अर्थात शैक्षिक तकनीकी के अंतर्गत चलचित्र, ग्रामोफोन, रेडियो, टेपरिकॉर्डर, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, बंद- सर्किट टेलिविजन आदि सभी शिक्षण की मशीनें आती हैं| इनके प्रयोग से शिक्षण को अधिक से अधिक प्रभावपूर्ण बनाकर शिक्षण के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है |
  • 1.संचय (Preservation)
  • 2.हस्तांतरण(Transmission)
  • 3.विकास(Development)

✓✓उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक भर्ती विज्ञान 2021

✓✓अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न

  • ज्ञान के संचय का इतिहास छापने की मशीनों के आरंभ होने के समय से माना जाता है| इन मशीनों के द्वारा ज्ञान को पुस्तकों के रूप में संचित किया जाता है, जो पुस्तकालय में रखी जाती है| आजकल ज्ञान को पुस्तकों के अतिरिक्त टेप-रिकॉर्डर तथा फिल्म आदि द्वारा भी संचित किया जा सकता है|
  • मानवीय ज्ञान का दूसरा पक्ष उसका प्रसार अथवा हस्तांतरण करना हैl वैसे शिक्षक अपने विद्यार्थियों को स्वयं भी ज्ञान Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ प्रदान कर सकता है| आजकल के ज्ञान के प्रसार में माइक, रेडियो तथा टेलीविजन आदि मशीनों का प्रयोग भी किया जाता है, जिससे असंख्य विद्यार्थी घर बैठे ही लाभ उठाते रहते हैं| इस प्रकार की ‘शैक्षिक तकनीकी प्रथम’ के कारण अब शिक्षा की प्रक्रिया में आश्चर्यजनक परिवर्तन हो गया है तथा विश्वविद्यालय भी ‘शैक्षिक तकनीकी- प्रथम’ की ही देन है|
  • मानवीय ज्ञान का तीसरा पक्ष ज्ञान का विकास करना है| इसके लिए शोध कार्यों की व्यवस्था की जाती है| शोधकर्ता आजकल बिजली की मशीनों तथा Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ कंप्यूटर आदि का प्रयोग करता है। इस प्रकार ज्ञान के तीनों पक्षों में अब मशीनों का प्रयोग होने लगा है अर्थात शिक्षण की प्रक्रिया का यंत्रीकरण हो गया हैं। Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ शिक्षण की प्रक्रिया में इस यंत्रीकरण को शैक्षिक तकनीकी प्रथम अथवा हार्डवेयर उपागम कहते हैं|

>>>>>>लॉरेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास की अवस्था का सिद्धांत

>>>>>>जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत

  • शैक्षिक तकनीकी के उस रूप को अनुदेशन-तकनीकी(Instructional Technology), शिक्षण तकनीकी(Teaching Technology) तथा व्यवहार तकनीकी (Behavioral Technology) का नाम भी दिया गया है| तकनीकी के इस रूप में अभियंत्रण में मशीनों का प्रयोग नहीं किया जाताl इसमें शिक्षण तथा सीखने के मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग किया जाता है, जिससे विद्यार्थियों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन किया जा सके| यदि मशीनों का प्रयोग किया जाता तो वह केवल पाठ्यवस्तु को प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है| ‘शैक्षिक तकनीकी-द्वितीय’ का संबंध उद्देश्यों के व्यवहारिक रूप, शिक्षण के सिद्धांतों, शिक्षण की विधियां तथा प्रविधियां, अनुदेशन प्रणाली के पुनर्बलन(Reinforcement) एवं मूल्यांकन(Evaluation) से होता है| संक्षेप में, इस तकनीकी उपागम का तात्पर्य शिक्षक तथा Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ सीखने के सिद्धांतों का उपयोग करना है|
  • शैक्षिक तकनीकी तृतीय अथवा प्रणाली विश्लेषण को प्रबंधन तकनीकी (Management Technology) भी कहते हैं| इसने प्रशासन, प्रबंध, व्यापार, उद्योग तथा सेना से संबंध रखने वाली समस्याओं के विषय में निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत किया जाता है| शैक्षिक तकनीकी तृतीय के अंतर्गत शैक्षिक प्रशासन एवं प्रबंध की समस्याओं का वैज्ञानिक तथा परिणामात्मक ढंग से अध्ययन किया जाता है| इसके प्रयोग से शैक्षिक प्रणाली, शैक्षिक प्रशासन तथा प्रबंध कों प्रभावशाली बनाया जा सकता है| संक्षेप में, शैक्षिक तकनीकी तृतीय शैक्षिक प्रशासन के विकास तथा अनुदेशन की रूप- रेखा का निर्माण करने में सहयोग प्रदान करती है|

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शैक्षिक तकनीकी के उपागम -Approaches of Educational Technology in Hindi

शैक्षिक तकनीकी के उपागम

शैक्षिक तकनीकी के उपागम

शैक्षिक तकनीकी के उपागम

शैक्षिक तकनीकी के उपागम (Approaches of Educational Technology)– शैक्षिक तकनीकी के तीन उपागम हैं-

(1) कठोर उपागम (Hardware Approaches)

(2) कोमल उपागम (Software Approaches)

(3) प्रणाली उपागम (Systems Approaches)

(1) कठोर उपागम (Hardware Approaches) –

कठोर साधन वे साधन हैं जिनमें यंत्रीकृत साधनों को सम्प्रेषण हेतु प्रयोग में लाया जाता है। जैसा कि पहले कहा जा चुका है कि इस उपागम के द्वारा शिक्षण प्रक्रिया का यंत्रीकरण करके कम व्यय और कम समय में अधिक-से-अधिक छात्रों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाता है। कठोर या यंत्रीकृत साधनों में प्रायः निम्न आविष्कारित उपकरण आते हैं

(i) आकाशवाणी (रेडियो)

(ii) सीतावाद्य (ग्रामोफोन) ।

(iii) प्रक्षेपक (प्रोजेक्टर) |

(iv) चित्र विस्तारक यंत्र (एपीडायस्कोप) |

(v) ध्वनिलेख यंत्र (टेप रिकॉर्डर) ।

(vii) वीडियो कैसेट।

(vi) दूरदर्शन (टेलीविजन) ।

(viii) संगणक (कम्प्यूटर) ।

(ix) चलचित्र (सिनेमा) ।

(2) कोमल उपागम (Software Approaches) –

शैक्षिक तकनीकी द्वितीय अथवा कोमल उपागम को अनुदेशन तकनीकी (Instructional Technoloby), शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology) तथा व्यवहार तकनीकी (Behavioural Teachnology) की संज्ञा दी जाती है। कोमल उपागम विज्ञान व तकनीकी पर आधारित न होकर सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान और विशेषकर अधिगम के मनोविज्ञान की आधारशिला पर खड़ा है। कोमल उपागम में शिक्षण तथा अधिगम के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन किया जा सके। कोमल उपागम का सम्बन्ध उद्देश्य के व्यवहारिक रूप, शिक्षण के सिद्धान्तों, शिक्षण की विधियों तथा प्रविधियों, अनुदेशन प्रणाली, पुनर्बलन तथा पृष्ठ-पोषण की युक्तियों एवं मूल्यांकन से होता है। संक्षेप में कोमल उपागम के अन्तर्गत अदा (Input), प्रक्रिया (Process) तथा प्रदा (Output) तीनों पक्षों को विकसित करने का प्रयास किया जाता है।

आर्थर मेल्टन (1959 ) ने कोमल उपागम के सम्बन्ध में अपने महत्त्वपूर्ण विचार व्यक्त किये हैं। उनके अनुसार- “यह तकनीकी सीखने के मनोविज्ञान पर आधारित है तथा अनुभव प्रदान करके छात्रों में अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन की प्रक्रिया का शुभारम्भ करती है। ” सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि तकनीकी एवं मशीनी Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ उपागम के माध्यम से प्रयोग में लाई जाने वाली शिक्षण सामग्री, अभिक्रमित अनुदेशन सामग्री, शिक्षण विधियाँ युक्तियाँ आदि कोमल उपागम हैं।

( 3 ) प्रणाली उपागम (Systems Approaches) –

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् प्रणाली उपागम का विकास हुआ। इसने प्रबन्ध, शासन, व्यापार, उद्योग एवं सेना सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक आधार प्रदान किया। इसे शैक्षणिक प्रबन्ध (Educational Management) कहा जाता है। शिक्षा प्रशासन एवं प्रबन्ध को वैज्ञानिक आधार प्रदान कर इसे अधिक प्रभावशाली एवं सुदृढ़ बनाया जा सकता है। प्रणाली उपागम का सम्बन्ध कक्षा के बाह्य परिवेश से होता है जो व्यवस्था में व्याप्त कमियों या समस्याओं को उजागर करता है और वैज्ञानिक पद्धतियों के आधार पर उसका समाधान निकालता है। इस प्रकार प्रणाली उपागम के द्वारा विद्यालय के प्रबन्ध, प्रशासन और व्यवस्था सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करके उसे प्रभावशाली और कम खर्चीला बनाया जा सकता है।

इस प्रणाली उपागम में निम्नलिखत चरण होते हैं-

(1) स्थितियों का विश्लेषण ।

(2) वांछित स्थितियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करना।

(3) लक्ष्यों की प्राप्ति के Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ लिए चयनित तकनीक का मूल्यांकन।

(4) विकल्प तैयार करना।

(5) मूल्य एवं लाभ विश्लेषण के आधार पर सर्वोत्तम विकल्प का चयन।

(6) प्रणाली की विस्तृत रूपरेखा तैयार करना।

(7) प्रणाली के नियंत्रण के तरीके की रूपरेखा तैयार करना।

(8) समाधान के लिए कार्य करना।

शिक्षा में प्रणाली उपागम नवीन समस्या समाधान प्रविधि है। यह सभी पक्षों और घटकों के साथ शिक्षा को सम्पूर्णता में देखता है, शिक्षा के घटक, विद्यार्थी, शिक्षक, पाठ्यक्रम, शिक्षण माध्यम, पाठ्यवस्तु, अनुदेशन प्रणाली, भौतिक पर्यावरण तथा अनुदेशनात्मक उद्देश्यों का मूल्यांकन। शिक्षा के क्षेत्र में प्रणाली उपागम के अन्तर्गत निम्नलिखित चरणों का समावेश होता है-

(1) अनुदेशात्मक लक्ष्यों और व्यावहारिक उद्देश्यों को परिभाषित करना और उन्हें व्यवहारिक रूप में लिखना।

(2) विविध संचार माध्यमों एवं प्रकरणों द्वारा इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विविध क्रिया-कलाप निश्चित करना ।

(3) छात्रों की आवश्यकताओं और विशेषताओं को चिन्हित करना।

(4) विषय के प्रभावशाली अधिगम के लिए समुचित विधियों का चयन करना।

Mention Meaning in Hindi | मेंशन का मतलब, सही प्रयोग & उदाहरण

Mention Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ meaning in Hindi क्या है / Mention Not का अर्थ हिंदी में जानिए

Mention means in Hindi yaha describe kiye gaye hai:

Hindi meaning of Mention as Verb:
उल्लेख करना (Ullekh Karna) – make mention, hint
चर्चा करना (Charcha karna)
हवाला देना (Hawala Dena) – refer, cite
उद्धरण देना (Uddharan Dena) – extract
ज़िक्र करना (Zikra Karna) – make mention
वर्णित करना (Varnit Karna) – depicture, describe
वर्णन (Varnan) – description, characterization, declaration, depiction,

Hindi Meaning of Mention as Noun:
उल्लेख (ullekh) – description, article
हवाला (Hawala) – reference mark, quotation, citation,
कथन (Kathan / Quote)- statement, utterance, proposition, pronouncement, saying or quotes of someone
ज़िक्र (Zikra / jikra)

English word mention meaning in Hindi

Synonym word of Mention / पर्यायवाची या समानार्थी शब्द

Remark = Dhyan ध्यान
Quotation = Hawala हवाला
Name = Nam नाम
Reference = Zikra/ jikra जिक्र
citation = Samman सम्मन
Declaration = Nirdesh Karna निर्देश करना

Usage of Word mention & meaning in Hindi / वाक्य प्रयोग Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ & इसका अर्थ

He made regularly mention of his health.
wah niymit roop se apne swasthya ka jikra karta tha.
वह नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का जिक्र करता था.

Please never mention this place to anyone.
Krapya is sthan ka ullekh kisi se kabhi na karna.
कृपया इस जगह का उल्लेख किसी से कभी न करना.

Related words सम्बंधित या मिले जुले शब्द

Hindi Meaning of MENTIONED (Adjective):
Mentioned = पहले से उल्लेख किया हुवा.
Above mentioned = उपर वर्णित किया हुवा या उपर दर्शाया हुआ

Mention vs Mansion

Other same word – Mansion meaning in Hindi

मेंशन और मैनशन में ये pronunciation में लगभग मिलते जुलते है लेकिन इनमे काफी difference hai.

Mansion ka matlab:

Mentioned meaning in Hindi
मेंशनएड का मतलब है उल्लेख किया, वर्णित किया, उल्लेखित होता है.
mentioned meaning – यह मेंशन का सेकंड फॉर्म है। पास्ट के सेंटेंस में इसका प्रयोग होता है।

Now आप मेंशन और मैन्शन के मीनिंग के बारे में जान चुके है। इसलिए मेंशन और मैन्सन में अंतर समझकर इसका अच्छे से उच्चारण करे।

Mention Not Meaning in Hindi

Use of mention not in Hindi / मेंशन से जुड़े शब्द के अन्य अर्थ

not mention / no mention / thank you mention not meaning in Hindi – जब कोई आपको थैंक्स या धन्यवाद बोलता है तो आप जवाब में उसको mention not कहते हैं. यही mention not ka means or matlab है।

Always mention in Hindi –

कोई सत्य आपको हमेशा प्रयोग करना हो तो , जिसका उल्लेख बार बार करना हो या हमेशा करना पड़े.

Meaning of Mention in Other Languages

Marathi: उल्लेख, उल्लेख करणे, निर्देश

Gujarati: ઉલ્લેખ, નિર્દેશ, ઉલ્લેખ કરવો

Tamil: குறிப்பும் (Kuṟippum), குறிப்பீடு (mention)

Telugu: ప్రస్తావన(Prastāvana) సూచన, నిర్దేశించడం

Punjabi: ਜ਼ਿਕਰ (Zikara)

Conclusion Message:

प्रिय पाठकों! इस तरह के words meanings के बारे में जानकर अपनी अंग्रेजी से हिंदी (English to Hindi) शब्दावली में सुधार करते हैं। जिनसे आपकी ये दोनों भाषाएँ स्ट्रॉन्ग हो जाएगी।

Other English word’s meanings:

इस मीनिंग को Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ Technical Analysis की परिभाषाएं और अर्थ समझने के बाद जो आपका सवाल था – What is definition meaning in Hindi? का जवाब मिल गया होगा। साथ ही साथ आप यह भी जांगे होंगे की Mention का मतलब हिंदी में क्या-2 है। इसके क्या समानार्थी शब्द है और अंग्रेजी शब्द का अर्थ हिंदी में उल्लेख क्या है (meaning of English word mention in Hindi ).

दोस्तों आपको अंग्रेजी शब्द मेंशन का अर्थ हिंदी (Mention Meaning in Hindi) में कैसी लगी है कमेंट करके अपनी सलाह दीजिये और अपने दोस्तो और रिश्तेदारों की शब्दावली बढ़ाने के लिए पोस्ट को शेयर भी करें।

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काव्य के कितने गुण होते हैं?

Important Points

काव्य गुण - जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में शूरवीरता, सच्चरित्रता, उदारता, करुणा, परोपकार आदि मानवीय गुण होते हैं, ठीक उसी प्रकार काव्य में भी प्रसाद, ओज, माधुर्य आदि गुण होते हैं। अतएव जैसे चारित्रिक गणों के कारण मनुष्य की शोभा बढ़ती है वैसे ही काव्य में भी इन गुणों का संचार होने से उसके आत्मतत्त्व या रस में दिव्य चमक सी आ जाती है। यह मुख्य रूप से तीन होते हैं -

ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ते ही अर्थ ग्रहण हो जाता है, वह प्रसाद गुण से युक्त मानी जाती है। अर्थात् जब बिना किसी विशेष प्रयास के काव्य का अर्थ स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है, उसे प्रसाद गुण युक्त काव्य कहते है।

ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ने से चित्त में जोश, वीरता, उल्लास आदि की भावना उत्पन्न हो जाती है, वह ओजगुणयुक्त काव्य रचना मानी जाती है।

हृदय को आनन्द उल्लास से द्रवित करने वाली कोमल कांत पदावली से युक्त रचना माधुर्य गुण सम्पन्न होती है। अर्थात् ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़कर चित्त में श्रृंगार, करुणा या शांति के भाव उत्पन्न होते हैं, वह माधुर्य गुणयुक्त रचना मानी जाती है।

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Last updated on Sep 26, 2022

The Madhya Pradesh Professional Education Board is very soon going to release the notification for recruitment for the post of MP Police SI (Sub-Inspector). In the last recruitment cycle, a total of 611 vacancies were released. The expected vacancy this year is to be much higher than that of the previous cycle. The candidates must be at least 18 years old to be able to apply for the post. The candidates can go through the MP Police SI Syllabus and Exam Pattern to have a better understanding of the requirements of the exam.

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