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म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा

म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा

Mutual Funds क्या हैं और ये कितने प्रकार के होते हैं | What are Mutual Funds?

Mutual Funds क्या हैं (What is Mutual Funds) – Mutual Funds विभिन्न investors से पैसा इकट्ठा करने और एक ही फंड में invest करने का एक तरीका है। सरल शब्दों में, Mutual Funds की बात करें तो यह विभिन्न विशेषज्ञ लोगों द्वारा किया गया सामूहिक invest है। जो विभिन्न investors से एकत्रित धन को बांड, शेयर बाजार में invest करता है। investor को उसके पैसे के लिए units आवंटित की जाती हैं। इस units को (NAV) कहा जाता है। Mutual Funds अपनी units उसी तरह जारी करते हैं जैसे कंपनियाँ शेयर जारी करती हैं। अगर हम Mutual Funds में invest करना चाहते हैं तो हमें Mutual Funds की units (एनएवी) खरीदनी होगी।

सीधे शब्दों म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा में कहें तो Mutual Funds कई लोगों के पैसे से बना एक फंड होता है। जिसमें invest किए गए पैसे का इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर invest करने में किया जाता है। Mutual म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा Funds में हजारों लोगों द्वारा invest की गई राशि को Mutual Funds के Professional Fund Manager के अपने विशेषज्ञ ज्ञान और Mutual Funds योजना उद्देश्यों के अनुसार विभिन्न प्रकार के investments या securities में invest किया जाता है।

Professional Fund Manager आपके फंड को इकट्ठा करते हैं और उन्हें कंपनी के शेयर, बॉन्ड या सेविंग स्कीम जैसे विभिन्न invest साधनों में ठीक से invest करते हैं। और यह कोशिश की जाती है कि investor को उसकी राशि से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो। और जो भी रिटर्न मिलता है, उसे डिविडेंड और अन्य तरीकों से investors को बांट दिया जाता है। आशा है कि आप समझ गए होंगे कि Mutual Funds क्या है |

Professional Fund Manager कौन होता है?

फंड के प्रबंधन का काम एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसे Professional Fund Manager कहा जाता है। experts के रूप में Fund Manager निवेश market के उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह समझते हैं और फंड मैनेजर अधिकतम आय अर्जित करने के उद्देश्य से market के मिजाज के अनुसार उपलब्ध funds में योजनाबद्ध तरीके से invest करते हैं।

Mutual Funds कैसे काम करते हैं?

India में ज्यादातर Mutual Funds फण्ड में invest करने के लिए विशेष कम्पनी काम करती है जो Mutual Funds कम्पनी कहलाती हैं। ये कंपनियां investors की ओर से Investment बाजार में उपलब्ध शेयरों, आईपीओ, Bonds or Debentures और bonds आदि में invest करती हैं।

Mutual Funds कंपनी Mutual म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा Funds फंड के तहत किए गए Investment की इकाइयों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। इसके अलावा, ये कंपनियां आपको वे सेवाएं भी प्रदान करती हैं, जो आपकी investment प्रक्रिया को और अधिक सरल और आसान बनाती हैं। इन सेवाओं में Mutual Funds के लिए financial advice और advice, customer services, accounting, marketing and sales आदि शामिल हैं।

Mutual Funds में SEBI की क्या भूमिका है?

Mutual Funds SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के तहत पंजीकृत हैं जो India में market को regulate करता है। investors के पैसे को market में सुरक्षित रखने का काम SEBI करता है. SEBI द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी company लोगों के साथ धोखा तो नहीं कर रही है। India में Mutual Funds बहुत पहले से मौजूद है, लेकिन आज भी लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।

Mutual Funds में कौन invest कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति Mutual Funds में हर महीने केवल 500 ₹ की दर से invest कर सकता है। Mutual Funds में invest करने के लिए minimum amount 500 ​​रुपये है।

Mutual Funds कितने Type के होते हैं?

Structure के Base पर Mutual Funds के प्रकार

  • Open Ended Mutual Fund
  • Close Ended Mutual Fund
  • Interval Funds

Open Ended Mutual Fund

लोग इस तरह के फंड में invest करना ज्यादा पसंद करते हैं। Fund liquidity के मामले में इस प्रकार के Mutual Funds सबसे अच्छे हैं। ये फंड investor को साल भर खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं। इस प्रकार के Fund में किसी भी प्रकार की कोई समयावधि नहीं होती। इस प्रकार के Mutual Funds में liquidity प्रदान की जाती है।

Close Ended Mutual Fund

इस प्रकार के fund लंबी अवधि के लिए रखे जाते हैं। इसमें आप कभी भी फंड को खरीद या बेच नहीं सकते हैं। इस प्रकार के फंड का Redemption एक निश्चित तिथि के आधार पर ही किया जा सकता है – यह तिथि तीन से छः वर्ष तक की हो सकती है। ये फंड लॉन्च के कुछ time बाद ही एक निश्चित अवधि के लिए आवेदन के लिए उपलब्ध हैं। लोगों को इस प्रकार के फंड को कम समय में बेचने और खरीदने की अनुमति नहीं है। फंड को तभी बेचा जा सकता है जब फंड की समय अवधि समाप्त हो जाए। इस प्रकार के Mutual Funds को शेयर बाजार में invest किया जाता है।

Interval Funds

ये funds Open Ended और Close Ended fund के मिले-जुले लाभों के साथ आते हैं। इस प्रकार के funds में Open Ended और Close Ended दोनों प्रकार के funds की प्रधानता होती है। इन funds का स्टॉक एक्सचेंजों की मदद से trade किया जा सकता है और मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के आधार पर पूर्व-निर्धारित समय अंतराल पर बिक्री या redemption के लिए उपलब्ध होते हैं।

Assets के Base पर Mutual Funds के प्रकार

  • Debt Funds
  • Liquid Mutual Funds
  • Equity Funds
  • Money Market Funds
  • Balanced Mutual Funds

Debt Funds

यह योजना उन investors के लिए best है जो बिना किसी risk के अधिकतम investment income अर्जित करना चाहते हैं। क्योंकि इस तरह के fund में risk बहुत कम होता है। इसके माध्यम से company या government निवेशकों से पैसा उधार लेती है और उस पर एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करती है। इस mutual fund फंड में निवेश किए गए पैसे की वापसी की लगभग guarantee होती है और इसके अंदर risk बहुत कम होता है।

Liquid Mutual Funds

Liquid fund एक ऐसा fund है जिसमें किसी भी time पैसा निकाला जा सकता है। यह fund उन investors के लिए सबसे अच्छा है जो कम से कम time में सुरक्षित रूप से investment income अर्जित करना चाहते हैं। इस fund में आप जो भी पैसा निकालते हैं, वह पैसा चौबीस घंटे के भीतर आपके bank account में पहुंच जाता है। आप इसमें कम से कम 3 दिन के लिए भी invest कर सकते हैं और इसका मेच्युर time 91 दिनों का है.

Equity Funds

Equity funds सबसे लोकप्रिय हैं, investors जो long-term के capital gain या growth में रुचि रखते हैं और market risk के लाभ-हानि से पूरी तरह अवगत हैं, इस प्रकार की fund scheme में invest करना चाहते हैं। इसमें लोगों को ज्यादा risk लेकर ज्यादा returns मिलने की उम्मीद होती है। इसमें म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा fund manager द्वारा पूरा पैसा stock market के equity shares में invest किया जाता है। इस scheme में profit और risk दोनों ही अधिकतम होते हैं।

Money Market Funds

अगर आपके पास पैसा है लेकिन आप उसे long time तक नहीं रखना चाहते हैं, आप इसे थोड़े समय के लिए invest करना चाहते हैं, तो भी ये आपके पास एक अच्छा option है।

Balanced Mutual Funds

Balance fund scheme में equity और Debt Funds के लाभों का मिश्रण है। इस प्रकार के फंड में म्यूचुअल फंड का पैसा Debt और equity दोनों में invest किया जाता है।

इस scheme में fund manager निवेश बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए equity बाजार में invest करता है, ताकि investors को अधिकतम income अर्जित करने का अवसर दिया जा सके। यह Debt Fund की तुलना में अधिक जोखिम भरा है लेकिन Equity Fund की तुलना में कम जोखिम भरा है।

Mutual Funds अच्छा हैं या बुरा?

सीधे तौर पर यह बताना आसान नहीं है कि म्यूचुअल फंड अच्छा हैं या बुरा। क्योंकि हर चीज के दो पहलू होते हैं, लेकिन हां Mutual Funds के favor में लोगों की राय बेहतर होती है. वहीं, जब भी Mutual Funds में invest करने की बात आती है तो आपको यह समझना होगा कि जितनी आपकी क्षमता है उतना ही पैसा Mutual Funds में invest करना चाहिए। और किसी भी Mutual Funds में invest करने से पहले हमेशा खुद की research करें। किसी के भ्रम में आकर invest न करें।

mutual funds में invest करने से पहले सभी documents और fund से related सभी जानकारी एकत्र कर लें। किसी भी प्रकार की क्षति के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

क्या है फडी, म्‍यूचुअल फंड, पीपीएफ, सुकन्‍या समृद्धि योजना, जानिए किसमें जल्‍दी होगा आपका रुपया डबल

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सरकार ने बैं‍क डिपॉजिट ब्‍याज दरों में में नरमी के बीच अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए स्‍मॉल सेविंग स्‍कीम पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। गिरती ब्याज दरें निवेशकों को बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेश के दूसरे ऑप्‍शन तलाशने पर मजबूर कर रही हैं। सवाल यह है कि आपको कौन सा निवेश इंस्‍ट्रूमेंट चुनना चाहिए ? सबसे पहले अपनी निवेश अवधि और वह लक्ष्य तय करें जिसके लिए आप निवेश करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा के लिए बैंक FD में निवेश कर रहे थे, तो आप सुकन्या समृद्धि योजना या म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं।

ताकि योजना को सलेक्‍ट करने में मिले मदद
एक बार जब आप अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर योजनाओं को शॉर्टलिस्ट कर लेते हैं , तो आप सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले को चुनने के लिए रिटर्न अंतर को भी देख सकते हैं। एक आसान तुलना के लिए, यहां हम यह पता लगाएंगे कि इन निवेश साधनों को आपके निवेश को दोगुना करने में कितना समय लगता है। एक योजना का चयन करना तब आसान हो जाएगा जब आपको पता चल जाए कि कौन सी योजना आपके निवेश को तेजी से दोगुना कर देगी।

रूल 72 बताएगा आपका रुपया कब होगा डबल
यह रूल 72 आपको बताता है कि आपका पैसा कितनी तेजी से दोगुना होगा। कितना पैसा दोगुना होगा, यह जानने से पहले अपने लक्ष्यों और निवेश की अवधि निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। आइए अब ’72 का नियम’ का उपयोग करके पता करें कि ये निवेश कितनी तेजी से पैसे को दोगुना कर सकते हैं। हम यह देखने के लिए ‘रूल 72 ′ का उपयोग करेंगे कि ये निवेश कितनी तेजी आपके धन को दोगुना कर सकते हैं। रूल 72 एक फॉर्मूला है जहां हम ’72’ संख्या को इंवेस्‍टमेंट इंस्‍ट्रूमेंट द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से भाग करते हैं ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि आप उस विशेष निवेश के साथ अपने पैसे को कितनी जल्दी दोगुना कर सकते हैं।

कौन सा निवेश कब करेगा आपका रुपया डबल

  • बैंक एफडी की करें तो 5.5 फीसदी पर आपका रुपया डबल होने में करीब 13 साल लग जाएंगे।
  • वहीं बात पीपीएफ की करें तो 7.1 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। ब्याज दर 7.1 फीसदी (72/7.1 = 10.14) पर बनी हुई है, तो पीपीएफ को आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा 10 साल लग जाएंगे।
  • इसी तरह , सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर पर आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 9.4 साल लगेंगे।

कर सकते हैं स्विच
ऊपर दी गई कुछ योजनाएं आपको मौजूदा ब्याज दरों पर अपने निवेश को दोगुना करने के लिए लंबी परिपक्वता अवधि प्रदान नहीं कर सकती हैं , लेकिन यह अभ्यास आपको बैंक एफडी का विकल्प चुनने में मदद करेगा और यह भी समझाने का प्रयास करेगा कि आपको निवेश से कितनी उम्मीद है। यदि आप पूरी तरह से स्विच नहीं करना चाहते हैं तो आप अपने निवेश म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा पर बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में इन्‍हें एड कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि रूल 72 एक अनुमानित आइडिया देता है और इसमें एकमुश्‍त निवेश के पैमाने को मानता है।

क्यों खत्म हो रहा है म्यूचुअल फंडों से मोह?

mutual funds exposure to bank stocks

बैंकिंग शेयरों के प्रति फंड हाउसों के घटते रुझान की वजह शेयर बाजार में कई महीनों से जारी अस्थिरता के साथ-साथ बैंकों पर नकदी का दबाव और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से उठाए गए मौद्रिक सख्ती के कदम रहे।

इन कारकों के चलते इक्विटी बाजार में बैंकिंग सेक्टर के शेयर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और कई महीनों से उनपर बिकवाली का दबाव बना हुआ है।

जुलाई 2013 में जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के संवेदी सूचकांक में 1.2 फीसदी की गिरावट रही वहीं बैंकिंग सेक्टर से जुड़े बीएसई के बैंकेक्स सूचकांक की गिरावट इसके 10 गुने से भी ज्यादा 14 फीसदी पर रही।

बाजार के विभिन्न सेक्टरों में से म्यूचुअल फंडों का सबसे ज्यादा 22,009 करोड़ रुपए या 12.91 फीसदी निवेश सॉफ्टवेयर, फार्मा 13,997 करोड़ (8.21 फीसदी), कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स 13,258 करोड़ (7.78 फीसदी), पेट्रोलियम 9,979 करोड़ रुपए (5.85 फीसदी) के स्तर पर रहा।

इससे पहले की बात करें तो 2012 में बैंकिंग सेक्टर भी फंडों के पसंदीदा सेक्टरों में शामिल था। इस समय लोन की सस्ती ब्याज दरों के चलते बैंकिंग सेक्टर में तेजी का दौर चल रहा था।

रुपए में गिरावट जहां अर्थव्यवस्था और बाजार को प्रभावित कर रही है, वहीं बैंकिंग सेक्टर पर भी इसका खासा बुरा असर देखने को मिल रहा है।

इसकी एक बानगी बैंकिंग शेयरों में म्यूचुअल फंडों के निवेश में भारी गिरावट के रूप में देखने को मिली है।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक बैंकिंग शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश जुलाई में घटकर 28,862 करोड़ रुपए पर आ गया। यह 19 महीने का सबसे निचला स्तर रहा।

सेबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के अंत तक म्यूचुअल फंडों का बैंकिंग शेयरों निवेश उनके 1.70 लाख करोड़ रुपए के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का महज 16.93 फीसदी रहा।

यह दिसंबर 2011 के बाद बैंकिंग शेयरों में म्यूचुअल फंडों का सबसे कम निवेश है। दिसंबर 2011 में यह 26,335 करोड़ रुपए के स्तर पर था।

इसके विपरीत दिसंबर में बैंकिंग शेयरों में फंडों का निवेश उछल कर अपने उच्चतम स्तर 43,659 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था।

बैंकिंग शेयरों के प्रति फंड हाउसों के घटते रुझान की वजह शेयर बाजार में कई महीनों से जारी अस्थिरता के साथ-साथ बैंकों पर नकदी का दबाव और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से उठाए गए मौद्रिक सख्ती के कदम रहे।

इन कारकों के चलते इक्विटी बाजार में बैंकिंग सेक्टर के शेयर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और कई महीनों से उनपर बिकवाली का दबाव बना हुआ है।

जुलाई 2013 में जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के संवेदी सूचकांक में 1.2 फीसदी की गिरावट रही वहीं बैंकिंग सेक्टर से जुड़े बीएसई के बैंकेक्स सूचकांक की गिरावट इसके 10 गुने से भी ज्यादा 14 फीसदी पर रही।

बाजार के विभिन्न सेक्टरों में से म्यूचुअल फंडों का सबसे ज्यादा 22,009 करोड़ रुपए या 12.91 फीसदी निवेश सॉफ्टवेयर, फार्मा 13,997 करोड़ (8.21 फीसदी), कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स 13,258 करोड़ (7.78 फीसदी), पेट्रोलियम 9,979 करोड़ रुपए (5.85 फीसदी) के स्तर पर रहा।


इससे पहले की बात करें तो 2012 में बैंकिंग सेक्टर भी फंडों के पसंदीदा सेक्टरों में शामिल था। इस समय लोन की सस्ती ब्याज दरों के चलते बैंकिंग सेक्टर में तेजी का दौर चल रहा था।

Investment Tips: लाखों का फंड चाहिए तो 15 साल तक रोज बचाएं 100 रुपये, घरवाले भी कहेंगे- क्या दिमाग पाया है

Business News: अगर म्यूचुअल फंड रिटर्न की बात की जाए तो कई स्कीम्स ऐसी हैं, जिन्होंने 15 फीसदी का रिटर्न 15 साल में दिया है. लेकिन एक बात ध्यान में रखें कि किसी एक फंड में पूरी धनराशि न लगाएं. अगर 3000 रुपये लगा रहे हैं तो तीन हिस्से करके 1000 रुपये अलग-अलग फंड्स में लगाएं.

Mutual Funds SIP: महंगाई जितनी तेजी से बढ़ रही है, उस हिसाब से बैंकों की बचत योजनाएं म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा लुभावनी नहीं रह गई हैं. ब्याज दरों में भी इजाफा होता जा रहा है और बैंकों के सेविंग्स अकाउंट, एफडी और मियादी जमा खाते पर जो ब्याज मिलता है वो नाकाफी है. ऐसे में पैसे को कहां निवेश करें, यह सवाल हम सभी के जहन में उठता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम पूंजी में अगर आप ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड्स आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं.

यूं बनाएं लाखों का फंड

भले ही रोजगार के मौकों में वृद्धि हुई हो लेकिन जितनी महंगाई है, उस हिसाब से मजदूरी नहीं बढ़ी है. ऐसे में बचत पर प्रभाव पड़ा है. लिहाजा अगर आप 100 रुपये की बचत हर रोज करते हैं तो महीने में 3000 रुपये हो जाएंगे. इन पैसों को आप किसी अच्छे म्यूचुअल फंड की स्कीम के सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में डाल सकते हैं. यह इन्वेस्टमेंट आपको 15 साल तक करना है. मार्केट में इस वक्त कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्होंने 15 साल में 15 प्रतिशत की दर से रिटर्न दिया है. अगर इतना ही रिटर्न मिला तो 15 वर्ष बाद आपके पास 20 लाख रुपये का फंड जमा हो जाएगा.

क्या है रकम बढ़ने का फॉर्मूला

आप हर महीने किसी म्यूचुअल फंड की स्कीम में 3000 रुपये का निवेश करते हैं, वो भी 15 साल के लिए तो आप आसानी से इस टारगेट को हासिल कर सकते हैं. कैलकुलेशन करें म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा है या बुरा तो 15 साल में आपका कुल निवेश होगा 5.40 लाख रुपये का. अगर फंड मैनेजर का प्रदर्शन अच्छा रहा तो डेढ़ दशक बाद आपके एसआईपी की वैल्यू 20 लाख रुपये की हो जाएगी. यानी 14.60 लाख रुपये का रिटर्न आपको मिलेगा. इसमें कंपाउंडिंग का फायदा भी आप हासिल करेंगे.

एसआईपी से मिलता है बढ़िया रिटर्न

एक्सपर्ट्स की माने तो आज के दौर में आम निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश का सबसे अच्छा तरीका एसआईपी है. इस तरह के इन्वेस्टमेंट से अच्छी एवरेजिंग हो जाती है और घाटे का खतरा कम हो जाता है. आपको बढ़िया रिटर्न भी मिलता है.

कई फंड्स की शानदार परफॉर्मेंस

अगर म्यूचुअल फंड रिटर्न की बात की जाए तो कई स्कीम्स ऐसी हैं, जिन्होंने 15 फीसदी का रिटर्न 15 साल में दिया है. लेकिन एक बात ध्यान में रखें कि किसी एक फंड में पूरी धनराशि न लगाएं. अगर 3000 रुपये लगा रहे हैं तो तीन हिस्से करके 1000 रुपये अलग-अलग फंड्स में लगाएं.

बीच में भी रोक सकते हैं SIP

अगर आपने तय कर लिया है कि 15 साल तक 3000 रुपये का निवेश SIP में करेंगे तो हो सकता है किसी मोड़ पर आपको व्यक्तिगत परेशानियों का सामना करना पड़े. उस वक्त आप निवेश को रोक भी सकते हैं. इस पर कोई पेनाल्टी नहीं लगती. जब आपकी स्थिति में सुधार हो जाए तो निवेश को फिर से शुरू कर सकते हैं.

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

म्यूचुअल फंड -बचत व निवेश का अच्छा जरिया

आपने अक्सर टीवी पर “म्यूचुअल फंड सही है” वाला विज्ञापन देखा होगा | हालाँकि विगत कुछ वर्षों में इन फंडों को लेकर कई जागरूकता आई है | लेकिन अभी भी समाज का एक बड़ा तबका है जो म्यूचुअल फण्ड को नहीं समझता और उनका फायदा उठाने से वंचित रह जाता है |

म्यूचुअल फण्ड उद्योग सेबी द्वारा विनियमित (Regulated) होता है | इसका नियम – कानून अति सख्त होने के कारण इन पर खरी उतरने वाली कम्पनियाँ ही म्यूचुअल फण्ड का व्यवसाय संचालित कर सकती हैं | भारत में इस समय तक़रीबन 45 म्यूचुअल फण्ड कम्पनियाँ काम कर रहीं हैं | वहीं अमेरिका में हजारों म्यूचुअल फण्ड कम्पनियाँ काम कर रहीं हैं |

यहाँ यह समझना आवश्यक है कि म्यूचुअल फण्ड अपने आप में कोई निवेश नहीं है | बल्कि विभिन्न प्रकार के निवेश वाले विकल्पों जैसे कंपनियों के शेयर,बांड,सरकारी बांड,सोना,चांदी,रियल एस्टेट इत्यादि में कम पैसे से निवेश करने का एक उचित माध्यम मात्र है |

एक म्यूचुअल फण्ड मसलन SBI या फिर ICICI इत्यादि अनेक स्कीमों का संचालन करते हैं | हर स्कीम का उद्येश्य दूसरे से भिन्न होता है | अतः बहुत आवश्यक है कि आप अपनी आवश्यकता,जोखिम लेने की अपनी क्षमता एवं निवेश की अवधि को ध्यान में रखकर ही अपनी निवेश रणनीति बनायें |

बेहतर होगा कि आप किसी पंजीकृत म्यूचुअल फण्ड सलाहकार की देख रेख में निवेश करें | जब तक कि आप स्वयं अच्छा ज्ञान व अनुभव नहीं प्राप्त कर लेते |

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