अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए

संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
दिल्ली अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए के क्रिप्टोकरेंसी चोरी केस का खुलासाः हमास ने चुरायी थी 4 करोड़ की cryptocurrency, जानें पूरा मामला
दिल्ली के बिजनेस मैन के digital wallet से चोरी हुए cryptocurrency मामले में दिल्ली पुलिस के हाथ बडी़ सफलता लगी है, जोकि साल 2019 का मामला था। बीते 5 महीने तक चल रही दिल्ली पुलिस की इस जांच में, फिलिस्तीनी आतंकी संगठन Hamas का नाम सामने आ चुका है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस कमिश्नर Rakesh Asthana की तरफ से उपयुक्त चैनलों के जरिए देश में और विदेश में संबंधित अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराने की संभावना है।
दिल्ली पुलिस की Intelligence Fusion and Strategic Operations (IFSO) के डीसीपी KPS Malhotra के द्वारा एक कॉन्फिडेंशियल जांच रिपोर्ट तैयार की गयी। इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के बिजनसमैन की cryptocurrency चोरी केस में Hamas कनेक्शन सामने आया है। बिजनसमैन के प्राइवेट वॉलेट से चोरी हुए cryptocurrency के Hamas की सैन्य शाखा अल-क़सम ब्रिगेड की तरफ से प्रयोग की बात सामने आई है। Hamas की यह सैन्य शाखा आतंकवाद को finance करने के लिए चोरी और donate की गई cryptocurrency का इस्तेमाल करती है।
IFSO की रिपोर्ट के मुताबिक चुराई cryptocurrency अलग-अलग अकाउंट में transfer की गई थी। जब्त किया गया वॉलेट मोहम्मद नसीर इब्राहिम अब्दुल्ला का था। अन्य वॉलेट जिसमें cryptocurrency का एक बड़ा हिस्सा transfer किया गया था, मिस्र में गीज़ा से operate किया जा रहा था, जो अहमद मरज़ूक का था। सूत्रों के मुताबिक एक अन्य वॉलेट, जिसमें cryptocurrency को transfer किया गया था, फिलिस्तीन के रामल्लाह के अहमद क्यूएच सफी का था।
साल 2019 में पश्चिम विहार के एक बिजनेस मैन ने अपने वॉलेट से cryptocurrency गायब होनी की शिकायत को दर्ज कराया था। शिकायत के अनुसार, उस बिजनेस मैन के पास अपने Oppo F17 मोबाइल डिवाइस पर 6.2 Bitcoin, 9.79 Ethereum, 2.44 bitcoin cash ब्लॉकचैन मोबाइल वॉलेट है। सूत्रों ने बताया कि उस समय उसकी currency की कीमत करीब 30.6 लाख रुपये थी। मामला तकनीकी जांच के लिए विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया था। KPS Malhotra ने इसके बाद एसीपी Raman Lamba, एसआई Neeraj और अन्य को शामिल करते हुए एक विशेष टीम का गठन किया, जो कि ठगे गए पैसे के प्राप्तकर्ताओं को track करने के लिए थी।
चीन से विपरीत हांगकांग ने लिया बड़ा फैसला, Crypto अपनाने के लिए बढ़ाया कदम!
आज तक 31-10-2022 https://www.aajtak.in
पिछले कई महीनों से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. कई दिग्गज कह रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का बुलबुला फूट चुका है. लेकिन इस बीच हांगकांग क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अमलीजामा पर विचार कर रहा है.
दरअसल आने वाले दिनों में हांगकांग के लोग क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन कर पाएंगे. हांगकांग ने एशिया में क्रिप्टोकरेंसी का हब बनने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में रिटेल ट्रेडिंग की इजाजत देने की तैयारी की गई है. जिसके बाद लोग क्रिप्टो को डिजिटल-एसेट के तौर खरीद-फरोख्त कर पाएंगे.
हांगकांग में क्रिप्टो पर कानून संभव
हांगकांग की सरकार की ओर से सोमवार को इसपर फैसला लिया गया है. सरकार ने कहा कि आसानी से लोगों तक इसकी पहुंच कैसे हो, इस पर तेजी से काम किया जाएगा. साथ ही दुनियाभर के वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंजों को कारोबार के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा नई वर्चुअल-एसेट लाइसेंसिंग नियम पर भी काम हो रहा है.
बता दें, जहां हांगकांग ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. वहीं चीन में इससे उलट क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है. पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी के सबसे ज्यादा नए निवेशक भारत, ब्राजील और हांगकांग के थे.
हांगकांग की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं
हांगकांग की वित्तीय सेवा और ट्रैजरी ब्यूरो ने सोमवार को टेक कॉन्फ्रेंस में इस प्लान की घोषणा की है. मालूम हो कि कोविड से पहले पूरी दुनिया से बड़ी संख्या में लोग हांगकांग घूमने जाते थे. लेकिन महामारी की वजह से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई. इसलिए क्रिप्टो के पीछे आर्थिक फैसले को भी जोड़कर देखा जा रहा है.
फिलहाल रिटेल निवेशक बिनेंस (Binance) जैसे बिना लाइसेंस वाले एक्सचेंजों पर क्रिप्टो ट्रेड कर सकते हैं. लेकिन VASP सिस्टम लागू होने के बाद फिर केवल VASP लाइसेंस प्राप्त एक्सचेंज ही किसी भी क्रिप्टो सेवाओं की पेशकश कर सकेंगे, इनमें से कुछ रिटेल निवेशक को भी क्रिप्टो सर्विस ऑफर कर सकेंगे.
AIIMS Server Restored: सात दिन के बाद AIIMS की वेबसाइट हुई बहाल, जानिए क्या था पूरा मामला
AIIMS Server: एम्स अस्पताल के सर्वर्स को लगभग 8 दिन बाद रिस्टोर कर लिया गया है और अब बताया जा रहा है कि नेटवर्क्स को सैनिटाइज किया जा रहा है.
AIIMS website restored
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 30 नवंबर 2022,
- (Updated 30 नवंबर 2022, 1:55 PM IST)
सात दिन तक हैक रहा AIIMS का सर्वर
खो गया करोड़ों मरीजों का डेटा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली ने मंगलवार को कहा कि संस्थान के ई-हॉस्पिटल डेटा को सर्वर पर बहाल कर दिया गया है और सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए को सैनिटाइज किया जा रहा है.
AIIMS ने बयान जारी करते हुए कहा, “ई-अस्पताल डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है. सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है. डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए बड़ी संख्या में सर्वर/कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं."
बयान में आगे बताया गया कि आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, लैब आदि सहित सभी अस्पताल सेवाएं मैन्युअल मोड पर चलती रहेंगी.
The eHospital data has been restored on servers. Network being sanitized before services can be restored. The अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए process is taking some time due to the volume of data and large number of servers/computers for the hospital services. Measures are being taken for cyber security: AIIMS pic.twitter.com/w8Rk8hwOa7
— ANI (@ANI) November 29, 2022
लगभग 7 दिन तक हैक रहा AIIMS का सर्वर
आपको बता दें कि 23 नवंबर 2022 को एम्स अस्पताल ने अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी. पिछले बुधवार से अस्पताल का सर्वर डाउन है, और अधिकारी मैन्युअल रूप से ओपीडी और सैंपल कलेक्शन मैनेज कर रहे हैं.
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने मीडिया को बताया कि जिस दिन से सर्वर डाउन हुआ है, डिजिटल रिकॉर्ड की तुलना में अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. पिछले तीन दिनों में, लगभग 12,000 मरीजों को दैनिक आधार पर अटेंड किया गया है. यह पहले से कहीं ज्यादा है क्योंकि अब लोगों को ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की आवश्यकता नहीं अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए पड़ रही है.
हैकर्स ने मांगी 200 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी
दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कहा गया कि हैकर्स ने फिरौती के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये मांगे. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इन खबरों का खंडन किया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी भारत कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-आईएन), अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए दिल्ली पुलिस, खुफिया ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और मंत्रालय सहित कथित मैलवेयर हमले की चल रही जांच में शामिल हो गई है. गृह मंत्रालय (एमएचए) पहले से ही घटना की जांच कर रहा है.
बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने दो सिस्टम एनालिस्ट को सस्पेंड कर दिया है. ड्यूटी में कथित लापरवाही के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
खो गया करोड़ों मरीजों का डेटा
एम्स के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा संस्थान में डायग्नोस्टिक्स, लैब और ओपीडी अन्य क्रिप्टोकरेंसी देखने के लिए सेवाओं को चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त किया है. मरीजों के डेटा की चोरी इस मामले में प्रमुख है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एम्स में हर साल करीब 38 लाख मरीजों का इलाज होता है. उनका सारा डेटा अब खो गया है. बताया जा रहा है कि खोए हुए डेटा में राजनीतिक नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायाधीशों सहित करोड़ों मरीजों की जानकारी शामिल है.
फिलहाल, एम्स नेटवर्क सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है. सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटीवायरस समाधान व्यवस्थित किए गए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि 50 में से बीस सर्वरों को स्कैन किया गया है और यह गतिविधि 24x7 चल रही है.
यह गतिविधि अभी और 2-3 दिनों तक जारी रहने की संभावना है. इसके बाद, ई-हॉस्पिटल सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है.