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शेयर बाजार में रहें सतर्क, BofA का अनुमान, दिसंबर तक 10 प्रतिशत लुढ़क सकता है निफ्टी

ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान दिया है कि दुनिया भर में मंदी की आशंका और महंगाई के ऊंचे स्तरों की वजह से 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 31 दिसंबर, 2022 तक 15,600 अंक पर रहेगा.

शेयर बाजार में रहें सतर्क, BofA का अनुमान, दिसंबर तक 10 प्रतिशत लुढ़क सकता है निफ्टी

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Aug 12, 2022 | 1:10 PM

शेयर बाजार में जून के मध्य से बढ़त का रुख बना हुआ है. हालांकि अगर आप इस तेजी को देखते हुए बाजार में अब निवेश की तैयारी कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं.दरअसल अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने भारतीय शेयर बाजारों में निवेशकों के लिए आने वाले समय में और अधिक परेशानी का संकेत दिया है. बोफा का अनुमान है कि दिसंबर तक बेंचमार्क सूचकांक में 10 प्रतिशत का और करेक्शन आएगा. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक दुनिया भर में जारी आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की आशंकाओं की वजह से शेयर बाजार में दबाव बना रहेगा.

15600 के स्तर तक गिर सकता है निफ्टी

ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान दिया है कि 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 31 दिसंबर, 2022 तक 15,600 अंक पर रहेगा. हालांकि राहत की बात ये है कि ब्रोकरेज हाउस ने पहले निफ्टी में इससे भी ज्यादा गिरावट की आशंका जताई थी. इससे पहले बोफा ने जून में निफ्टी के दिसंबर अंत तक 14,500 अंक पर रहने का अनुमान लगाया गया था। कंपनी ने अपने इस अनुमान में अब संशोधन किया है. फिलहाल निफ्टी 17650 के ऊपर कारोबार कर रहा है. यानि यहां से निफ्टी में करीब 2000 अंक की गिरावट संभव है.बाजार में छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव का रुख रहा है. अप्रैल में निफ्टी 18 हजार के स्तर के पार पहुंच गया था. हालांकि गिरावट आने पर इंडेक्स जून के मध्य तक 15300 से भी नीचे पहुंच गया. अब एक बार फिर बढ़त देखने को मिल रही है.

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क्यों आ सकती है गिरावट

शेयर बाजारों ने हाल में विदेशी निवेशकों के प्रवाह के साथ निरंतर बिकवाली के बाद कुछ लिवाली देखी गई है. इससे पहले विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजारों से 29 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की है. बोफा के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, हम मौजूदा अस्थिर माहौल और वैश्विक मंदी की चिंताओं को लेकर सतर्क बने हुए हैं. इसके अलावा ब्रोकरेज ने कच्चे तेल की उच्च कीमतों, रुपये में गिरावट जैसी चिंताओं के साथ साथ घरेलू मुद्रास्फीति में कमी जैसे कुछ सकारात्मक बातों की ओर भी इशारा किया है

सेबी के फैसले: ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को मंजूरी, चांदी के इटीएफ की होगी शुरुआत

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में इन तमाम फैसलों को मंजूरी दी गई।

Credit- PTI

बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किये। सोने की प्रतिभूतियों और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को अधिक तार्किक बनाने के साथ ही चांदी के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (सिल्वर ईटीएफ) की शुरुआत के लिये नियमों में संशोधन केा मंजूरी दी गई है। संबंधित पक्ष के साथ शेयर एक्सचेंज लेनदेन के नियमों को और सख्त बनाया गया, वहीं अधिक अथवा प्रभावी मतदान अधिकार वाले शेयरों को जारी करने के नियमों शेयर एक्सचेंज को सरल बनाया गया। इसके साथ ही सूचीबद्धता समाप्त करने के नियमों में कुछ राहत दी गई है। इन तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में इन तमाम फैसलों को मंजूरी दी गई। सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) के ढांचे को मंजूरी दे दी गई। निदेशक मंडल की बैठक के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा। सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं।

सेबी निदेशक मंडल ने स्वर्ण बाजार के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद के रूप में की जा सकेगी। शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। त्यागी ने कहा कि सोने का प्रतिनिधित्व करने वाला साधन इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी।

सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है। ईजीआर के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है। सेबी निदेशक मंडल ने एक अहम कदम उठाते हुये चांदी का ईटीएफ शुरू करने के वासते नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। यह मंजूरी मौजूदा गोल्ड ईटीएफ के लिये रखे गये नियामकीय प्रक्रिया की तर्ज में सुरक्षा उपाय रखते हुये दी गई है।

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सेबी ने अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया। इस कदम से नवीन प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों को मदद मिलेगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि जिन प्रवर्तकों का नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वे कंपनियों में अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर रख सकते हैं। फिलहाल यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर जारी करने और विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) जमा करने के बीच न्यूनतम अंतर को कम कर तीन महीने कर दिया गया है। फिलहाल यह छह महीने है।

सेबी निदेशक मंडल ने खुली पेशकश के बाद कंपनी के इक्विटी शेयर की सूचीबद्धता समाप्त करने से जुड़े नियमों में संशोधन का भी निर्णय किया। इस पहल का मकसद विलय और अधिग्रहण को अधिक युक्तिसंगत और सुगम बनाना है। निदेशक मंडल ने संबंधित पक्ष लेनदेन की परिभाषा का विस्तार करते हुये अधिग्रहणकर्ता के लिये खुली पेशकश के बाद अधिग्रहीत कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करने को आसान बनाया गया है। नियामक ने कहा कि उस अधिग्रहणकर्ता के लिये अधिग्रहण नियमन के तहत नयी व्यवस्था केवल खुली पेशकश के मामले में उपलब्ध होगी, जो संबंधित कंपनी में स्वयं या संयुक्त नियंत्रण चाहता है।

अगर अधिग्रहणकर्ता संबंधित कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करना चाहता है, उसे इसके लिये खुली पेशकश कीमत के ऊपर उपयुक्त प्रीमियम के साथ अधिक मूल्य का प्रस्ताव करना होगा। इसके अलावा, सेबी निदेशक मंडल ने संबंधित पक्षों के शेयर एक्सचेंज बीच लेन-देन के नियमों के कड़ाई से लागू करने और मजबूत निगरानी व्यवस्था को लेकर नियमों में बदलाव का निर्णय किया। एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में नियामक ने निवेशकों के लिये अधिकार पत्र को मंजूरी दी। इस पहल से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

निवेशकों के अधिकार पत्र (चार्टर) में निवेशकों के अधिकार, जिम्मेदारी, प्रतिभूति बाजार में क्या करना है और क्या नहीं करना है, समेत अन्य बातों को शामिल किया गया है। इसके अलावा नियामक ने विभिन्न इकाइयों के साथ विचार-विमर्श कर सेबी के मान्यता प्राप्त बाजार ढांचागत संस्थानों, पंजीकृत मध्यस्थों और नियमित इकाइयों के लिये भी निवेशक अधिकार पत्र तैयार किया है।

भारत के प्रमुख Share Markets और Stock Price Indices in Hindi

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आज हम भारत के प्रमुख शेयर बाजारों (Share Markets) और मूल्य सूचकांकों (Price Index) की बात करेंगे. कुछ रोचक तथ्य (facts) भी आपको बताएंगे. इस पोस्ट में हम भारतीय पूँजी बाजार से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं (important timeline) की लिस्ट आपके सामने रखेंगे.

भारत के प्रमुख शेयर बाजार/Important Share Markets in India:-

राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges) – राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) – यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.

ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI) – इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.

कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:-Some Important Facts

1. विश्व का सबसे पहला संगठित शेयर बाजार वर्ष 1602 में Amsterdam, Netherlands में स्थापित किया गया था.

2. भारत में National Commodity & Derivatives Exchange Ltd. (NCDEX) ने कृषिगत उत्पादों (agricultural products) के लिए NCDEXAGRI नामक सूचकांक (Index) 3 मई, 2005 को शुरू किया. यह सूचकांक देश का पहला Commodity Index है.

3. ग्रीनेक्स (GREENEX) देश का पहला पर्यावरण अनुकूल शेयर मूल्य सूचकांक है जिसे देश में हरित निवेश को शेयर एक्सचेंज बढ़ावा (to promote green investment) देने के लिए शुरू किया गया है.

4. रेजिडेक्स (RESIDEX) राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा 11 जुलाई, 2007 को लागू किया गया. जमीन की खरीद-बिक्री में अक्सर बेईमानी होती है. कालाबाजारी की निगरानी और रोकथाम के लिए इस इंडेक्स को लांच किया गया.

विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market

शेयर मूल्य सूचकांक/Share Price Index स्टॉक एक्सचेंज/Stock Exchanges
डो जोन्स (Dow Jones) न्यूयॉर्क
निक्की (Nikkei) टोकियो
मिड डेक्स (MID DAX) फैंकफर्ट, जर्मनी
हैंग सेंग (HANG SENG) हांगकांग
सिमेक्स (SIMEX) सिंगापुर
कोस्पी (KOSPI) कोरिया
सेट (SET) थाइलैंड
तेन (TAIEN) ताईवान
शंघाई कॉम (Shanghai Com) चीन
नासदाक (NASDAQ) USA
एस.एंड.पी (S.& P.) कनाडा
बोवेस्पा ब्राजील
मिब्टेल इटली
आई.पी.सी. (IPC) मैक्सिको
जकार्ता कम्पोजिट इंडोनेशिया
KLSE कम्पोजिट मलेशिया
सियोल कम्पोजिट दक्षिण कोरिया
FTSE-100 लन्दन

भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/ Important Stock Price Indices in India

BSE SENSEX– यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (The Stock Exchange Mumbai) का संवेदी शेयर सूचकांक है. यह 30 प्रमुख शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1978-79 है.
BSE 200–यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 200 शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है. इसका नाम BSE 200 इसलिए है क्योंकि इसमें 200 कंपनी रजिस्टर्ड हैं.
DOLLEX- BSE 200 BSE 200 सूचकांक का ही डॉलर मूल्य सूचकांक डॉलेक्स (DOLLEX) कहलाता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है.
NSE-50–राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दिल्ली से सम्बंधित इस सूचकांक का नाम बदलकर शेयर एक्सचेंज S & P CNX Nifty रखा गया है.

भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों की सूची

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी जगह है शेयर एक्सचेंज शेयर एक्सचेंज जहां निवेशक कंपनियों में शेयरों को खरीदते हैं और बेचते हैं. अब तक देश में 23 सेबी के स्वीकृत स्टॉक एक्सचेंज हैं. स्टॉक मार्केट को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रबंधित और विनियमित किया जाता है.जुलाई 9, 2007 को सेबी ने सुस्त कामकाज के कारण सौराष्ट्र स्टॉक एक्सचेंज, राजकोट की मान्यता रद्द कर दी है जिसके कारण अब सक्रीय स्टॉक एक्सचेंज की संख्या घटकर 23 हो गई है.

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी जगह है जहां निवेशक कंपनियों में शेयरों को खरीदते हैं और बेचते हैं. अब तक देश में 23 सेबी के स्वीकृत स्टॉक एक्सचेंज हैं. स्टॉक मार्केट को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रबंधित और विनियमित किया जाता है.

भारत में सभी स्वीकृत स्टॉक एक्सचेंज के नाम इस प्रकार हैं

LIST of stock exchanges india

1. उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज, कानपुर

2. वड़ोदरा स्टॉक एक्सचेंज, वडोदरा

3. कोयंबटूर स्टॉक एक्सचेंज, कोयम्बटूर

4. मेरठ स्टॉक एक्सचेंज, मेरठ

5. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई

6. ओवर द काउंटर एक्सचेंज, मुंबई

7. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई

8. अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज, अहमदाबाद

establishment of stock exchange in india


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9. बैंगलुरू स्टॉक एक्सचेंज, बैंगलुरू

10. भुवनेश्वर स्टॉक एक्सचेंज, भुवनेश्वर

11. कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज, कोलकाता

12. कोचीन स्टॉक एक्सचेंज, कोचीन

13. दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज, दिल्ली

14. गुवाहाटी स्टॉक एक्सचेंज, गुवाहाटी

15. हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज, हैदराबाद

16. जयपुर स्टॉक एक्सचेंज, जयपुर

17. केनरा स्टॉक एक्सचेंज, मैंगलोर

18. लुधियाना स्टॉक एक्सचेंज, लुधियाना

19. चेन्नई स्टॉक एक्सचेंज, चेन्नई

20. मध्य प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज, इंदौर

21. मगध स्टॉक एक्सचेंज, पटना

22. शेयर एक्सचेंज पुणे स्टॉक एक्सचेंज, पुणे

23. कैपिटल स्टॉक एक्सचेंज केरल लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम, केरल

जुलाई 9, 2007 को सेबी ने सुस्त कामकाज के कारण सौराष्ट्र स्टॉक एक्सचेंज, राजकोट की मान्यता रद्द कर दी है जिसके कारण अब सक्रीय स्टॉक एक्सचेंज की संख्या घटकर 23 हो गई है.

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