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निवेश स्थल

निवेश स्थल
जम्मू और कश्मीर ब्यूरो
Updated Mon, 09 May 2022 02:15 AM IST

देश में शीर्ष निवेश स्थल के रूप में उभर रहा है जम्मू-कश्मीर: प्रशासन

श्रीनगर, 23 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में 10,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि 60,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश की सरकार के सफल अभियान को दर्शाता है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, ‘‘आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त हुआ था। हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को लगभग एक वर्ष में 56,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश की निजी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश कर रही हैं। रियल एस्टेट सम्मेलन के दौरान कई बिल्डरों ने भी यहां निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी निवेश स्थल से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

देश में शीर्ष निवेश स्थल के रूप में उभर रहा है जम्मू-कश्मीर: प्रशासन

श्रीनगर, 23 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में 10,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि 60,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश की सरकार के सफल अभियान को दर्शाता है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, ‘‘आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त हुआ था। हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को कहा, ‘‘आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त हुआ था। हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को लगभग एक वर्ष में 56,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश की निजी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश कर रही हैं। रियल एस्टेट सम्मेलन के दौरान कई बिल्डरों ने भी यहां निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

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निवेश स्थल (Nivesh sthal ) मीनिंग : Meaning of निवेश स्थल in English - Definition and Translation

  1. ShabdKhoj
  2. निवेश स्थल Meaning
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भारत बना दुनिया के निवेश का पसंदीदा स्थल

दुनिया भर के निवेशकों के लिए भारत अब पसंदीदा देश बन गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में भारत आज न केवल दुनिया के लिए निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है बल्कि विभिन्न सेक्टर्स में नए-नए कीर्तिमान भी स्थापित कर रहा है। देश के तरक्की के ग्राफ को देखकर हर देशवासी ”मेरा देश, मेरा देश मेरा देश बदल रहा है… आगे बढ़ रहा है” गीत गुनगुनाने लगा है।

भारत के बुलंद हौसलों की झलक

केवल निवेश स्थल इतना ही नहीं, बीते माह हमें यह भी देखने को मिला था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की जमकर तारीफ की थी। असल में IMF बदलते भारत का मुरीद हो गया है। IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस संबंध में कहा भी था कि आने वाले वक्त में भारत दुनिया में एक अलग छाप छोड़ेगा। जॉर्जीवा ने यह भी कहा था कि, “भारत इस अंधेरे क्षितिज पर एक उज्ज्वल स्थान कहलाने का हकदार है क्योंकि यह वास्तव में इस नाजुक समय के दौरान तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विकास संरचनात्मक सुधारों से कायम है।”

IMF की प्रबंध निदेशक के इन शब्दों में साफ झलकता है कि भारत की तरक्की और उसके बुलंद हौसलों से आज पूरी दुनिया हिंदुस्तान की मुरीद हो गई है। विश्व के तमाम देशों को अब भारत में अपना विकास नजर आने लगा है। शायद यही कारण है कि भारत बीते कुछ साल में दुनिया के निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है। यानि निराशा के अंधेरे में घिरे विश्व एक भारतीय इकोनॉमी एक ब्राइट स्पॉट बन चुका है। आईएमएफ की यह टिप्पणी तेजी से विकसित होते भारत के बुलंद हौसलों की झलक प्रकट कर रही है। भारत अब आत्मनिर्भरता के मंत्र के साथ मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर दुनिया के बाजारों में छा रहा है।

ज्ञात हो, इससे पहले व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) ने ‘इन्वेस्ट इंडिया’ को ‘संयुक्त राष्ट्र निवेश संवर्धन पुरस्कार 2020’ का विजेता भी घोषित किया था। यह पुरस्कार विश्व की निवेश संवर्धन एजेंसियों को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। संभवत: भारत सरकार ने देश को निवेश के लिए दुनिया में पसंदीदा स्थल बनाने और कारोबार करना अधिक सुगम बनाने पर अधिक फोकस किया है। यह इसी बात का एक और बड़ा प्रमाण है।

कारोबारियों को बढ़ते भरोसे और बढ़ती ट्रांसपेरेंसी के कारण मिला ये मुकाम

वहीं कारोबारियों को बढ़ते भरोसे और बढ़ती ट्रांसपेरेंसी के कारण देश ने अक्टूबर 2022 में 1.51 करोड़ का 2nd highest gross GST revenue अर्जित किया। सरकार के लगातार प्रयासों से कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टीलाइजर, स्टील, सीमेंट और पावर जैसी देश की आठ कोर इंडस्ट्रीज ने भी बेहतरीन ग्रोथ दिखाई। इन आठ कोर इंडस्ट्रीज के कंबाइंड इंडेक्स की बात करें तो सितंबर 2021 में यह 128 पर था जबकि सितंबर 2022 में कंबाइंड इंडेक्स करीब 8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 138 पर पहुंच चुका है।

भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का दुनिया में ऊंचा स्थान

भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का दुनिया में ऊंचा स्थान है। हमारे देश में स्टार्टअप की सफलता, विशेष रूप से यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे भी अधिक खुशी की बात यह है कि हमारे देश का विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं। आज के भारत का मूल मंत्र है करुणा – वंचितों के लिए, करुणा – जरूरतमंदों के लिए और हाशिए के लोगों के लिए।

71% मल्टीनेशनल कंपनियां अगले 3-5 वर्षों में भारत में करेंगी भारी निवेश

वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी भारत को विशेष सफलता मिली है। भारत की मजबूत होती इकोनॉमी ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। CII-EY MNC सर्वे 2022 रिपोर्ट के मुताबिक 71% मल्टीनेशनल कंपनियां अगले 3-5 वर्षों में भारत में भारी निवेश करने जा रही है। सर्वे रिपोर्ट की मानें तो 64% मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में बिजनेस के अनुकूल बेहतर माहौल बनाने का श्रेय केंद्र सरकार को देती है।

देश में ”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में हुई भारी बढ़ोतरी

पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की लगातार कोशिशों से देश में ”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में भारी बढ़ोतरी हुई है। तो वहीं डिजिटलीकरण से सहुलियत भी बढ़ी है और पारदर्शिता से भरोसा बढ़ा है। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत अब तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने ओर तेजी से अग्रसर है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी भारत को मिली सफलता

इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलीकरण में भी निवेश स्थल भारत को बड़ी सफलता मिली है। भारत सरकार का लक्ष्य भारत के सामान्य लोगों को इस बेस पर इंपावर करना है, यानि कि उसे पावरफुल बनाना है। इसलिए, भारत ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर अपनी नीतियां बनाई, और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली। भारत ने इसके लिए दो चीजों पर एक साथ काम किया। पहला-बैंकिंग व्यवस्था को सुधारना उसे मजबूत करना उसमें पारदर्शिता लाना और दूसरा- वित्तीय समावेश करना। ये दोनों ही उपाय सफल साबित हुए।

आज भारत के 99 प्रतिशत से अधिक गांवों में 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंक शाखा, बैंकिंग आउटलेट या ‘बैंकिंग मित्र’ निवेश स्थल है। आम नागरिकों को बैंकिंग की जरूरतें पूरी करने के लिए इंडिया पोस्ट बैंकों के माध्यम से व्यापक डाकघर नेटवर्क का भी उपयोग किया गया है। आज भारत में प्रति एक लाख वयस्क नागरिकों पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वह जर्मनी, चीन और निवेश स्थल निवेश स्थल दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से अधिक है।

डिजिटल भागीदारी से भारत के लिए खुला संभावनाओं का नया संसार

कहते हैं कि वित्तीय भागीदारी जब डिजिटल भागीदारी से जुड़ जाती है तो संभावनाओं का एक नया संसार खुलने लगता है। जी हां, यूपीआई (UPI) ने भारत के लिए विकास के नई द्वार खोलने का कार्य किया है। यूपीआई जैसा बड़ा उदाहरण आज हमारे सामने है और भारत को इस पर गर्व है क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली तकनीक है। आज 70 करोड़ स्वदेशी रुपे कार्ड उपयोग कर रहे हैं, जो विदेशी कंपनियों और उच्च वर्गों के ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल की तुलना में बहुत बड़ा बदलाव है। “प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था का निवेश स्थल यह संयोजन गरीबों के लिए गरिमा और सामर्थ्य को बढ़ा रहा है और मध्यम वर्ग को सशक्त बना रहा है, साथ ही यह देश के डिजिटल विभाजन को भी खत्म कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि निवेश को प्रोत्साहित करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी ‘इन्वेस्ट इंडिया’ को साल 2020 का संयुक्त राष्ट्र निवेश संवर्धन पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। इस पर पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार भारत को निवेश के लिए दुनिया का पसंदीदा स्थल बनाने और कारोबार करना अधिक सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वास्तव में सरकार ऐसा करके जनता से किए अपने वादों को पूरा भी कर रही है। तभी तो महामंदी के दौर और कोरोना संकट में भी भारत की गाड़ी ट्रैक से नहीं उतरी और देश का विकास का पहिया निरंतर घूमता रहा है।

नए निवेश स्थल के तौर पर उबर रहा जम्मू कश्मीर

Jammu and Kashmir Bureau

जम्मू और कश्मीर ब्यूरो
Updated Mon, 09 May 2022 02:15 AM IST

jammu kashmir news

जम्मू। जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए नए निवेश स्थल के तौर पर उभर रहा है। जम्मू कश्मीर की औद्योगिक नीति का मुख्य एजेंडा 2021 से 2030 तक विकास से बदलाव लाने का है।
प्रदेश सरकार के दावे के तहत प्रदेश में करीब 25000 लघु उद्यमों में करीब 90 फीसदी औद्योगिक श्रमिक काम करते हैं। जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार की नई योजना के तहत 28400 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है।
जम्मू कश्मीर निजी औद्योगिक एस्टेट विकास नीति 2021 से 2030 तक को हाल ही में अधिसूचित किया गया है, इसमें जीएसटी लिंक इंसेंटिव समेत कई फायदे उद्योगों व वहां काम करने वाले श्रमिकों को दिए हैं। इन नीतिगत फैसलों से जम्मू-कश्मीर में अब तक 50 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं।
इस निवेश से जम्मू-कश्मीर में करीब दो लाख 33 हजार रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जम्मू कश्मीर में औद्योगिक प्रणाली में सुधार लाने के लिए एकल खिड़की के सिद्धांत को अपनाया गया है ताकि व्यापार करने में सरलता हो। जम्मू कश्मीर के विभिन्न विभागों की 130 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है।
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र के निवेशकों के लिए भी जम्मू कश्मीर के दरवाजे खुल चुके हैं। दुबई एक्सपो 2020 में उपराज्यपाल के साथ कई वैश्विक निवेशकों ने जम्मू कश्मीर में निवेश की इच्छा जताई और कई निवेशकों के साथ समझौता हस्ताक्षर भी हुए।

जम्मू। जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए नए निवेश स्थल के तौर पर उभर रहा है। जम्मू कश्मीर की औद्योगिक नीति का मुख्य एजेंडा 2021 से 2030 तक विकास से बदलाव लाने का है।


प्रदेश सरकार के दावे के तहत प्रदेश में करीब 25000 लघु उद्यमों में करीब 90 फीसदी औद्योगिक श्रमिक काम करते हैं। जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार की नई योजना के तहत 28400 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है।


जम्मू कश्मीर निजी औद्योगिक एस्टेट विकास नीति 2021 से 2030 तक को हाल ही में अधिसूचित किया गया है, इसमें जीएसटी लिंक इंसेंटिव समेत कई फायदे उद्योगों व वहां काम करने वाले श्रमिकों को दिए हैं। इन नीतिगत फैसलों से जम्मू-कश्मीर में अब तक 50 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं।
इस निवेश से जम्मू-कश्मीर में करीब दो लाख 33 हजार रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जम्मू कश्मीर में औद्योगिक प्रणाली में सुधार लाने के लिए एकल खिड़की के सिद्धांत को अपनाया गया है ताकि व्यापार करने में सरलता हो। जम्मू कश्मीर के विभिन्न विभागों की 130 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है।

अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र के निवेशकों के लिए भी जम्मू कश्मीर के दरवाजे खुल चुके हैं। दुबई एक्सपो 2020 में उपराज्यपाल के साथ कई वैश्विक निवेशकों ने जम्मू कश्मीर में निवेश की इच्छा जताई और कई निवेशकों के साथ समझौता हस्ताक्षर भी हुए।

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