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ब्रिकी का दबाव

ब्रिकी का दबाव
एक की खरीद पर दूसरी मुफ्त का भी है ऑफर
नई आबकारी नीति में अधिकतम खुदरा मूल्य पर मनमाफिक डिस्काउंट देने की इजाजत है। कुछ निजी दुकानदार तो व्हिस्की के भारतीय ब्रांड पर एक की खरीद पर दूसरी मुफ्त दे रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बीवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरि का कहना है, 'शराब की बिक्री के लिए दिल्ली हमेशा ही एक बड़ा मार्केट रहा है। पहले दिल्ली और गुरुग्राम में शराब की कीमतों में 20 से 25 फीसदी का अंतर होता था लेकिन अब ब्रिकी का दबाव दिल्ली और हरियाणा की शराब की कीमतों में कोई अंतर नहीं रह गया है। दिल्ली में शराब की बिक्री बढ़ने के पीछे यह एक बड़ा कारण है।' उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में शराब पर यदि एक तरह का टैक्स लगता है तो बिक्री की असमानत पर रोक लग सकती है।

Delhi-NCR Liquor News

9वीं की छात्रा की दर्दभरी कहानी : पापा 3 साल से कर रहे रेप, कहते हैं-तू किसी और की औलाद, मां भी बनाती है दबाव

9वीं की छात्रा की दर्दभरी कहानी : पापा 3 साल से कर रहे रेप, कहते हैं-तू किसी और की औलाद, मां भी बनाती है दबाव

16 साल की नाबालिग छात्रा का आरोप है कि तीन साल से उसका बाप उसके साथ रेप कर रहा है। उससे बार-बार कहता है कि तू मेरी औलाद नहीं है, अगर बात नहीं मानी तो घर से निकाल दूंगा। पीड़ित छात्रा ने अपनी मां पर भी पिता का ही साथ देने का आरोप लगाया है।

उसने कहा कि जब भी वह मां से इसकी शिकायत करती तो मां उसी पर दबाव बनाती और कहती कि संबंध तो बनाने ही पड़ेंगे। छात्रा ने बताया कि वह पिता के खिलाफ पहले भी थाने में शिकायत कर चुकी है लेकिन मां ने दबाव बनाकर उससे केस वापस करा लिया था। अब उसने दूसरी बार शिकायत की है।

COVID-19: लॉकडाउन से 2-3 महीने ऑटो होलसेल रहेगा कमजोर; किन शेयरों में लगाएं दांव, किनसे बनाएं दूरी

COVID-19: लॉकडाउन से 2-3 महीने ऑटो होलसेल रहेगा कमजोर; किन शेयरों में लगाएं दांव, किनसे बनाएं दूरी

कोरोना वायरस के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन ने ऑटो कंपनियों की बिक्री पर बड़ा असर डाला है.

COVID-19 Impact ब्रिकी का दबाव on Auto Sector: कोरोना वायरस के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन ने ऑटो कंपनियों की बिक्री पर बड़ा असर डाला है. पहले से मंदी की मार झेल रहे ऑटो सेक्टर पर लॉकडाउन ने दबाव और बढ़ा दिया है. जिसका गवाल मार्च के बिक्री आंकड़े हैं. हैवी डिस्काउंट के बाद भी सेक्टर के हर सेग्मेंटकार, टू व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल की बिक्री में डबल डिजिट तक की गिरावट देखने को मिली है. एक्सपर्ट माने रहे हैं कि अभी लॉकडाउन के चलते अप्रैल और मई में भी देश के कई हिस्सों में होल सेल के आंकड़े कमजोर रहने का अनुमान है. वहीं, BS-VI ट्रांजिशन पूरा होने तक भी बिक्री कमजोर रहने का अनुमान है. हालांकि कोविड—19 के मामले कंट्रोल में आने, BS-VI ट्रांजिशन पूरा होने और अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने के बाद ऑटो सेक्टर में फिर से ग्रोथ लौटेगी.

डिस्काउंट देने के बाद भी बिक्री ठप

ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर के अनुसार देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते डिमांड पूरी तरह से ठप पड़ चुकी है. कंपनियों ने अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट कुछ दिनों के लिए बंद कर दिए हैं. इससे प्रोडक्शन में बड़ी गिरावट आई है. रिटेल लेवल पर शहरों या कस्बों में शोरूम के बंद होने के चलते रजिस्ट्रेशन में भी भारी गिरावट आई है. कंपनियों ने पिछले महीने अच्छा खास डिस्काउंट दिया था, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ. ब्रोकरेज हाउस के अनुसार आटो सेक्टर में कोरोना वायरस के लंबे समय से असर देखा जा रहा है. चीन में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद होने से कई कंपनियों को जरूरी प्रोडक्ट की आपूर्ति में दिक्कत हुई, जिससे प्रोडक्शन कम ब्रिकी का दबाव हुआ. फिलहाल प्रोडक्शन ठप होने से होलसेल के आंकड़े कम से कम 2 से 3 महीने कमजोर रहने का अनुमान है.

केपीएमजी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोराना वायरस का असर जिन सेक्टर पर सबसे ज्यादा पड़ा है, उनमें आटो सेक्टर प्रमुख है. सेक्टर में लंबे समय से कैश फ्लो की स्थिति ब्रिकी का दबाव कमजोर है, जिससे पूरे बाजार पर असर पड़ रहा है. देश में अज्ञर्थव्यवस्था पर दबाव के चलते पहले से परचेजिंग पावर कमजोर बनी हुई थी, अब लॉकडाउन के चलते टू व्हीलर और पैसेजर कारों की ब्रिकी ठप हो गई है. लाूकडाउन के चलते कमर्शियल सेक्टर में बिल्कुल भी डिमांड नहीं है. वहीं कुछ कंपनियों के लिए आटो कंपोनेंट समय से न मिलने की वजह से भी परेशानी बढ़ी है.

शेयर को लेकर क्या हो स्ट्रैटेजी

ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने अशोक लेलैंड, भारत फोर्ज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टीवीएस मोटर्स में होल्ड करने की सलाह दी है. वहीं, आयशर मोटर्स, मारुति सुजुकी और मदरसन सूमी में खरीद की सलाह दी है. बजाज आटो में रिड्यूस करने और सिएट में बिक्री की सलाह दी है. जबकि एक्साइड और हीरो मोटोकॉर्प में एक्यूमुलेट यानी और जोड़ने की सलाह दी है.

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने मारुति सुजुकी में 5900 रुपये के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है. वहीं, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 426 रुपये के लक्ष्य के साथ निवेश सलाह दी है. जबकि टाटा मोटर्स में 111 रुपये के लक्ष्य के साथ और अशोक लेलैंड में 67 रुपये के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है.

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दिल्ली के डिस्काउंट-ऑफर ने बिगाड़ा NCR के शराब की दुकानों ब्रिकी का दबाव का गणित, बिक्री में 25% की गिरावट

टाइम्स नाउ डिजिटल

 NCR liquor sale drops due to Delhi

  • दिल्ली में शराब की कीमत पर मिल रही भारी छूट और ऑफर
  • ऑफर और छूठ से एनसीआर में शराब की बिक्री गिर गई है
  • हरियाणा और दिल्ली में शराब के दाम लगभग बराबर हो गए हैं

Delhi-NCR Liquor News : दिल्ली में शराब की कीमतों पर जारी भारी छूट ने एनसीआर की दुकानों की कमाई का गणित बिगाड़ दिया है। आबकारी विभाग के मुताबिक शराब के अधिकतम खुदरा मूल्‍य (MRP) पर भारी डिस्‍काउंट की वजह से एनसीआर में शराब की दुकानों की बिक्री में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनियों एवं एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे ग्राहक जो पहले गुरुग्राम से शराब खरीदते थे, अब ऑफर और डिस्काउंट के बाद वे दिल्ली में ही इसे खरीदने लगे हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल सरकारी दुकानों के अलावा प्राइवेट दुकानदारों को शराब की ब्रिकी शुरू करने ब्रिकी का दबाव की अनुमति दी।

इस सेगमेंट पर टिकी है ऑटो इंडस्ट्री की ब्रिकी

शुक्रवार फिच सॉल्यूशंस कंट्री रिस्क एंड इंडस्ट्री रिसर्च ने का बयान सामने आया है. जिसमें ऑटो सेक्टर को लेकर रिसर्च पेश की गई है. बता दे कि भारत में ऑटो इंडस्ट्री का मोटरसाइकिल सेगमेंट बाकी ऑटो सेगमेंट की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा क्योंकि कोरोनावायरस महामारी के कारण वित्तीय दबाव बढ़ने के चलते अधिक उपभोक्ता मोटरसाइकिल सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए मजबूर होंगे. फिच ग्रुप यूनिट ने एक बयान में कहा कि घरेलू मोटरसाइकिल उत्पादन ब्रिकी का दबाव मांग में बदलाव से कुछ समर्थन हासिल करेगा, लेकिन निर्यात बाजार से अधिक लाभ प्राप्त होगा, क्योंकि मोटरसाइकिल की मांग कई बाजारों में अपेक्षाकृत मजबूत बनी ब्रिकी का दबाव हुई है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से

किसके दबाव में ब्लूम्सबरी ने लिया पुस्तक प्रकाशित नहीं करने का फैसला!

देश में अभिव्यक्ति की स्वतंंत्रता के स्वयंभू आलंबरदारों का दोहरा चरित्र एक बार फिर सामने आ गया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ब्लूम्सबरी प्रकाशक ने ‘दिल्ली रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी’ को प्रकाशित करने से मना क्यों कर दिया। आखिर देश में ऐसे कौन लोग हैं जो प्रकाशक पर किताब न छापने का दबाव बना रहे हैं, जबकि इससे पहले ब्लूम्सबरी दिल्ली दंगे पर किताब प्रकाशित कर चुकी है। आखिर दिल्ली दंगे की सच्चाई आने से कौन लोग परेशान हैं?

दरअसल, ब्रिटेन के प्रकाशक ब्लूम्सबरी की भारत की शाखा ब्लूम्सबरी इंडिया दिल्ली दंगों पर एक पुस्तक ‘दिल्ली रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी’ को ब्रिकी के लिए लाने वाली थी। मोनिका अरोड़ा, प्रेरणा मल्होत्रा और सोनाली चितलकर की इस पुस्तक के कंटेंट की सभी तरह से जांच के बाद इसकी 300 प्रतियां लेखकों को दे दी गयी थीं। लेखकों ने पुस्तक मिलने के बाद आज इसका वेव लांच किया। इस वेव लांच से ठीक पूर्व ब्लूम्सबरी ने इसका प्रकाशन नहीं करने का ऐलान कर दिया।

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