लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

Intraday Trading क्या है? Day Trading कैसे करें?
Intraday Trading क्या है? Day Trading कैसे करें? क्या आप भी intraday trading करने की सोच रहे हैं। लेकिन आप डे ट्रेडिंग के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। तो फिर आइए आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है? इसे कैसे करे? साथ ही intraday करने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading में किसी भी कंपनी के शेयर को एक ही ट्रेडिंग दिन के लिए खरीदा और बेचा जाता हैं। इसलिए इसे Day Trading भी कहते है। एक दिन में शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से intraday traders या day traders शेयर को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमाने का प्रयास करते हैं।
अगर आसान शब्दो में समझाए तो intraday trading का मतलब intraday traders बाजार के खुलने के बाद शेयर को खरीदते हैं और ठीक बाजार के बंद होने से पहले बेच देते हैं। अगर आपने अपना शेयर नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर अपने आप position को square off कर देता है। वहीं अगर शेयर आपने NRML पर खरीदे हैं तो आपका ब्रोकर पोजिशन को delivery trade में बदल देगा।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए बाजार खुलने के बाद आपने किसी कंपनी के 500 शेयर को 1000 रुपये पर खरीद लिया। अगर आपको यह लगता है कि यह शेयर आज 1010 तक जाएगा। जैसे ही यह स्टॉक 1010 रुपये तक गया और आपने शेयर को बेच दिया। तो ऐसे में आपको 5000 रुपये का प्रॉफिट होगा। इसी तरह डे ट्रेडर्स कुछ घंटो में एक अच्छा प्रॉफिट कमा लेते हैं। इसी को intraday trading या day trading कहते हैं।
Intraday Trading कैसे करे?
Day Trading करने के लिए आपको online trading platform (जैसे कि Zerodha, Upstock, Angel broking आदि) अंगेलब्र पर अपना demat account खोलना पड़ेगा। बिना डिमैट खाता के आप किसी भी तरह की ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। इसलिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए डिमैट अकाउंट होना आवश्यक है। बता दूं कि intraday trading में काफी risk होता है। इसलिए डे ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ खास जानकारी होना आवश्यक है। आइए तो फिर जानते हैं।
1. Intraday Trading करने के लिए आपके द्वारा चुने गए शेयर लिक्विड होना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि जिस स्टॉक को आप खरीद रहे हैं उसमे वॉल्यूम हाई होना चाहिए। अगर किसी भी स्टॉक में वॉल्यूम कम है तो intraday trading के लिए उस share से दूर रहना चाहिए।
2. Intraday Trading करने के लिए सिर्फ 2 - 3 तीन अच्छे शेयरों का चुनाव करें।
3. शेयर के चुनाव से पहले बाजार का ट्रेंड देखे। इसके बाद ही intraday trading के लिए शेयर चुने।
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेयर की चाल में बहुत तेजी से मूवमेंट होता है। इसलिए ट्रेड लेने से पहले एंट्री प्राइस, टारगेट और सबसे महत्वपूर्ण स्टॉप लॉस पहले से तय कर लें। जिसे सही समय पर आप बाजार लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान से बाहर निकल आए।
5. इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए उन शेयरों का चयन करना ज्यादा सही माना जाता है जो इंडेक्स या सेक्टर के साथ साथ चलते हैं।
6. सबसे महत्वपूर्ण कि share market risky होता है इसलिए उतने पैसे के ट्रेड ले जितना आपको loose करने में कोई दिक्कत ना हो।
Intraday Trading के फायदे क्या है?
Intraday Trading के advantages जाना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि यह फायदे अन्य ट्रेडिंग से डे ट्रेडिंग को भिन्य करते हैं।
1. निवेश या डिलीवरी की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग में कम capital कि जरूरत होती है।
2. Intraday Trading में कम समय में प्रॉफिट कमा लेते हैं। लंबे समय तक आपको इंतजार नहीं करना पड़ता है।
3. अगर stock market में volatility ज्यादा हुई तो ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
4. Day Trading में आपको leverage ज्यादा मिलता है। लेकिन लीवरेज सुविधा सभी ब्रोकर की अपनी अलग अलग होती है।
5. Day Trading में overnight risk नहीं होता है। वहीं होल्डिंग और लॉन्ग टर्म निवेश में overnight risk होता है।
6. Intraday Trading में आपको short selling कि भी सुविधा मिल जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी स्टॉक को पहले बेच सकते हैं। इसके बाद कम रेट पर खरीद सकते हैं।
Intraday Trading के नुकसान क्या है?
डे ट्रेडिंग के आपने फायदे तो जान लिए है। इसी को देखकर आप intraday trading करने के लिए तैयार हो गए होगे। आपको लग रहा होगा कि intraday trading करना बहुत आसान होता है। लेकिन बता दू कि इंट्रा डे ट्रेडिंग के अगर advantages है, तो उसके कुछ disadvantages भी हैं। जिन्हे आपको जानना जरूरी है। तो आइए इसके नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
1. डे ट्रेडिंग में कुछ समय में प्रॉफिट कमाया जाता लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान है। तो दूसरी तरफ कुछ समय में पैसा गवाया भी जाता है।
2. डे ट्रेडिंग में आपको कोई fix return नहीं मिलता है। यानी कि यहां कोई fix salary नहीं होती है जिस पर आप डिपेंड हो सके।
3. Leverage, अगर आपका प्रॉफिट को मल्टीपल करने के लिए मददगार साबित होता है। तो दूसरी तरफ आपका नुकसान भी मल्टिप्ल करता है।
4. Intraday Trade के लिए आपका discipline होना जरूरी है। अगर आप discipline नहीं रहे तो बहुत बड़ा नुकसान कर सकते हैं।
5. Intraday Trading में आपको psychologically मजबूत होना पड़ता है। जो intraday traders के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती होती है।
यह भी जाने-
निष्कर्ष-
Intraday Trading काफी risky होता है इसलिए intraday करने से पहले आपको मार्केट के बारे में जानकारी होनी चाहिए। मतलब यह कि यहां आज हर कोई पैसे कमाना चाहता है। लेकिन 90% लोगो के सफल ना होने का कारण उन्हें मार्केट के बारे में सही से जानकारी नहीं होती है।
अगर कुछ लोगो को मार्केट के बारे लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान में जानकारी भी होती है तो money management या psychologically मजबूत नहीं होते हैं। Intraday में अगर आप इमोशंस पर ट्रेड करेगे, तो आपको भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयरों में तेजी से उतार चड़ाव होते लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान हैं। इसलिए किसी के सलाह पर ट्रेड बिल्कुल ना ले। ट्रेड लेने से पहले उसका लॉजिक आपके पास होना चाहिए। मतलब यह की किसी भी ट्रेड को लेने से पहले आपको research और समझ विकसित करने की आवश्यकता है।
उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा आज का लेख intraday trading क्या है? पसंद आया होगा। अगर आपको शेयर बाजार के बारे में जानकारी चाहिए तो हमारे साथ जुड़े रहे। साथ ही इस पोस्ट को social media platforms जैसे कि फेसबुक, वॉट्सएप, आदि पर अपने दोस्तो को जरूर शेयर करें। ताकि वह भी इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में जानकारी हासिल कर सके।
Long term investing क्या होता है?
जब किसी स्टॉक में लम्बे समय तक निवेश किया जाये, तो उसे Long term investing कहा जाता है, Long Term Investing से हमारा मतलब, स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने की उस तरीके से है, जिसमे कोई निवेशक कोई स्टॉक 6 महीने से लेकर कुछ सालो तक लिए उसी स्टॉक में निवेश किया रहता है,
Long Term investing के Example-
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के कुछ Example इस प्रकार है –
जैसे –1 साल से अधिक का निवेश,
1 साल से 3 साल तक का निवेश
1 साल से 5 साल लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान तक का निवेश
5 साल या उस से ज्यादा समय के लिए निवेश
इस तरह के टाइम फ्रेम में की जाने वाली ट्रेडिंग को Long term investing कहा जाता है,
LONG TERM INVESTING और LONG TERM TRADING
Technically देखा जाये तो, स्टॉक मार्केट में Investing जैसी कोई चीज नहीं होती, हम स्टॉक खरीदते और बेचते है, चाहे समय का अंतर कितना भी हो, 1 दिन वाली ट्रेडिंग हो या 10 साल वाली ट्रेडिंग,
स्टॉक मार्केट में सिर्फ ट्रेडिंग ही होता है,
लेकिन जब हम किसी एक ही कंपनी में लम्बे समय तक स्टॉक खरीदने के बाद बने पैसा उसी कंपनी में लगाये रहते है, तो इस तरह की ट्रेडिंग, ट्रेडिंग नहीं बोल के इन्वेस्टिंग कहा जाता है,
LONG TERM INVESTING का PURPOSE
इस तरह Long Term Trading में ट्रेडर का मकसद होता है,
- टैक्स का लाभ लेना, (किसी एक स्टॉक में 1 साल से ज्यादा समय तक निवेश टैक्स फ्री हो जाता है)
- Dividend का लाभ लेना, (कुछ कंपनी अपने स्टॉक्स पर रेगुलर डिविडेंड देती है )
- कंपनी का ग्रोथ अगर तेजी से होता है, तो ऐसे में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर बहुत अच्छा लाभ मिल जाता है,
यहाँ पर एक गौर करने वाली बात है कि , स्टॉक मार्केट के King कहे जाने वाले चाहे वारेन वफे हो या राकेश झुनझुनवाला दोनों भी इसी तरह के लम्बे समय की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में विस्वास रखते है,
Long term investing के फायदे,
अगर बात की जाये लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदों की तो,
- मार्केट में रोज के उतार चढाव से आप को घबराने की जरुरत नहीं होती,
- आपको टैक्स फ्री dividend और लाभ मिलता है,
- अगर आप का निवेश किसी ऐसी कमपनी है, जिसका फ्यूचर में मार्केट ग्रोथ बहुत अच्छा है, तो आपको अपने निवेश पर बहुत ही शानदार फायदा होता है,
Long term Investing के लिए क्या करे-
अगर आप स्टॉक मार्केट में अनुशाषित निवेश करते है, और मार्केट पर नजर बनाए रखते हुए, fundamental और technical दोनों पहलु को ध्यान रखने के साथ फ्यूचर इकॉनमी को ध्यान में रखते हुए, अच्छे स्टॉक्स, का चुनाव करके आप, लॉन्ग टर्म काफी अच्छा लाभ कमा सकते है.
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के लिए हमें स्टॉक का fundamental analysis पहले करना पड़ता है, इसिलिये अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का लाभ उठाना चाहते है तो आपको fundamental analysis अच्छी तरह समझना होगा. ताकि आप बड़े निवेशको की इस धन बनाने के तरीके से लाभ उठा सके .
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स्टॉक ट्रेडिंग केसे काम करती है?
लाभ कमाने के उद्देश्य से कंपनी के शेयरों को खरीदना और बेचना स्टॉक ट्रेडिंग है। किसी कंपनी के शेयर खरीदने पर आपकी उस कंपनी के छोटे से हिस्से में हिस्सेदारी होती है और कंपनी के शेयर की कीमतों में उतार चढ़ाव से आपके निवेश का मूल्य में बदलाव होगा। FXTM की स्टॉक ट्रेडिंग सर्विस में, आप संभावित फायदा कमाने के लिए आप कोई भी होल्डिंग बेच सकते हैं लेकिन स्टॉक पर शॉर्ट (सेल) पोजीशन नहीं ओपन कर सकते।
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जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।
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लॉन्ग टर्म में शेयर बाजार ऊपर जाने के बावजूद लोगों को नुकसान क्यों होता है? कारण जानिए
इतना ही नही सब कुछ जानकारी होते हुऐ भी लोग शेयर बाजार में नुकसान में रहते हैं। आइए जानते हैं कि इसके क्या कारण हैं?
शेयर बाजार में नुकसान के कारण
वैसे शेयर बाजार में नुकसान होने का कोई एक कारण नहीं है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमे से कुछ पर हम चर्चा करते हैं:-
जानकारी का अभाव
कुछ लोग शेयर मार्केट में आते हैं और बिना शेयर बाजार की बेसिक जानकारी प्राप्त किए ही ट्रेडिंग शुरु कर देते हैं।
कुछ लोग तो सिर्फ रातों रात अमीर बनने के लिए ही शेयर बाजार में कदम रखते हैं।
कुछ लोग उन लोगों को देख कर शेयर बाजार में उतरते हैं जो पहले से ही शेयर बाजार में काम कर रहे होते हैं और उससे पैसे कमा रहे होते हैं।
इन सब वजह से लोग शेयर बाजार में आ तो जाते हैं फिर उसके बाद वह बिना अपनी समझ के दूसरों की सलाह पर या तो पेनी स्टॉक खरीद करने लगते हैं जो कि जाहिर सी बात है सस्ता रहता है या गलत शेयर में पैसा लगा लेते हैं और फिर यह उम्मीद करते लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान हैं कि वह बढ़ जाए।
शेयर बाजार जुए का खेल नहीं है जहां पर केवल आप भाग्य के भरोसे पैसा कमा का पाए| यहां आपकी सारी जमा पूंजी सिर एक दिन में ही स्वाहा हो सकती है।
इसलिए शेयर बाजार में निवेश से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें। इसके लिए आपको किसी विशेष कोर्स की तो मैं सलाह नही देता, आप यूट्यूब वीडियो के माध्यम से या zerodha varsity या मनी कंट्रोल की साइट का लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान उपयोग भी कर सकते हैं।
आप जितनी नॉलेज लेते जायेंगे आपका रिस्क उतना ही कम होता जायेगा और आपके लाभ की संभावना उतनी ही अधिक होती जायेगी।
लालच भी शेयर बाजार में नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण हैं। लोग एक दिन में ही लाखों रुपए कमाने का सपना देखते हैं।
इस लालच के चक्कर में अक्सर लोग ऐसे शेयर में बहुत सारा निवेश करते हैं जो एक दिन में ही 10% से लेकर 50% तक ऊपर चले जाते हैं। अक्सर पैनी स्टॉक में ऐसा ही होता है।
दरअसल यह कुछ पैसे वाले फंड मैनेजर या ऑपरेटर्स का जाल होता है जिसमें कई लोग फस जाते हैं।
जैसे जब इस तरह के शेयर ऊपर जाते हैं तो इनमें कोई सेलर नही होता और आपका ऑर्डर नीचे के दामों में प्रोसेस ही नही हो पाता। जब ऊपर के दामों पर आपका ऑर्डर कंप्लीट हो जाता है तो फिर शेयर के दाम नीचे गिरने लगते हैं। अगर आप फिर शेयर बेचने का सोचते भी हो तो इसमें कोई buyer ही नही रहता।
कई बार कोई कंपनी लगातार बहुत खराब प्रदर्शन करती जाती है जिससे उसका शेयर प्राइस नीचे आता जाता है और लोग नीचे के दामों पर उसको खरीदते जाते हैं इस लालच में की ज्यादा लाभ होगा जबकि ऐसा होता नही है।
इसलिए अपने लालच को काबू में रखें और सही स्टॉक में ही पैसा लगाए।
लालच की तरह डर भी शेयर मार्केट में नुकसान का कारण बनता है। किसी खबर के कारण बाजार में आई गिरावट में नुकसान पर ही अच्छे शेयर्स को बेच कर निकल जाते हैं।
इसी डर के कारण लोग लाभ होने की स्थिति में शेयर को ज्यादा अवधि के लिए hold नही करते कि कही उनका लाभ न चला जाए और थोड़े से लाभ में ही शेयर बेच देते हैं।
सब्र की कमी
सब्र रखना शेयर बाजार में पैसे कमाने के लिए बहुत जरुरी है।
कुछ लोग जब बाजार ऊपर होता है तब उसके नीचे आने का सब्र नही रखते बल्कि ऊपर के दामों पर ही खरीददारी कर लेते हैं।
इसके विपरीत, जब बाजार थोड़ा सा भी गिरता है तो होल्ड करने के लिए भी सब्र नही रखते और नुकसान में ही बेच देते हैं। और उनके बेचने के बाद ही शेयर के दाम ऊपर भाग जाते हैं।
अनुशासन की कमी
शेयर बाजार में भी अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है। कुछ लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं और बीच में ही ट्रेडिंग करने लगते हैं। कुछ लोग लाभ होने पर भी और ज्यादा लाभ के लिए अपनी पूंजी से ज्यादा की ट्रेडिंग करने लगते हैं जिसे मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है।
कुछ लोग अच्छे स्टॉक्स की बजाय गलत स्टॉक्स में पैसा लगाने लगते हैं। कुछ पैसा लगाने से पहले बिल्कुल भी रिसर्च नही करते हैं।
ये सब बहुत जरुरी बाते हैं जिनको ध्यान में रखकर बहुत ही अनुशासन के साथ आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। इसको आप शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स के रूप में अपने अंदर बिठा लें।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्नभारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.