व्यापर रोक

सोशल वर्क से अपनी पढ़ाई करने वाले सुशील ने कुछ साल सामाजिक संगठनों और सीएसआर प्रोजेक्ट्स के साथ काम किया है। लेकिन फिर लगा कि अपने शहर में ही रहकर कुछ किया जाए तो उदयपुर में कृषि यंत्रों की दुकान शुरू की। फ़िलहाल, वह अपनी दुकान चलाने के साथ-साथ उदयपुर व्यापार मंडल व्यापर रोक के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाल रहे हैं।
लाल मिर्ची में सामान्य व्यापार
बाजार के सूत्रों के मुताबिक अच्छी मिर्ची का स्टॉक बेहद सिमित मात्र में देखा जा रहा है तथा कोल्ड स्टोरेज की मिर्ची में 55 से 60% की हिस्सेदारी एक्सपोर्टरों की होने की खबर है, ऐसे में घरेलु बाजार में लाल मिर्ची की सप्लाई पर असर पड़ सकता है, इसके अलावा उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भारत से बीज वाली तथा मीडियम क्वालिटी की लाल मिर्ची की मांग में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिससे गुंटूर तथा वारंगल के व्यापर रोक बाजारों में लाल मिर्ची में बाजार मजबूत देखे जा रहे है।
गौरतलब है की उत्तर भारत से मीडियम क्वालिटी की लाल मिर्ची की मांग में अच्छी वृद्धू हुई है तथा साल दर साल वैश्विक जनसँख्या में वृद्धि के कारण लाल मिर्ची की खपत लगातार बढती जा रही है तथा मिर्ची का औसत उत्पादन लगभग एक जैसा होने की वजह से आपूर्ति में कमी देखी जा रही है जिसकी वजह से मांग तथा आपूर्ति में अस्थिरता देखी जा सकती है।
व्यापर रोक
कीमतों पर काबू के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम
नई दिल्ली. व्यापर जगत से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, अब मोदी सरकार (Modi government) ने चीनी के एक्सपोर्ट (export of sugar) (निर्यात) पर लगे प्रतिबंध को आगामी अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया है। बता दें कि, इससे पहले बीते 1 जून 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक के लिए ये पाबंदी लगाई गई थी। बता दें कि, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है। वहीं इसके व्यापर रोक प्रमुख ग्राहकों में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और दुबई शामिल हैं। पता हो कि देश में शुगर की घरेलू कीमतों में बढ़ रही तेजी पर लगाम कसने के लिए चीनी एक्सपोर्ट पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया था। जान लें कि बीते 24 मई, 2022 को सबसे पहले यह प्रतिबंध लागू किया गया था। वहीँ अब मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से जारी किए गए इस सर्कुलर में बताया गया है कि यह प्रतिबंध CXL और TRQ (tarriff rate qouta) कोटा के तहत EU और US में भेजी जा रही चीनी पर फिलहाल लागू नहीं है। जानकारी दें कि भारत का चीनी निर्यात सितंबर में समाप्त विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान 57% बढ़कर 109.8 लाख टन हो गया है।
हिमाचल: अकेले शुरू किया शहर का कचरा समेटना, 100 क्विंटल कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका
हिमाचल प्रदेश में लाहौल जिले के रहने वाले सुशील कुमार पिछले लगभग डेढ़-दो सालों से अपने व्यापर व्यापर रोक मंडल में आने वाली सभी दुकानों और ढाबों आदि से प्लास्टिक और काँच के कचरे को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं!
पहाड़ी इलाकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में पर्यटकों का योगदान सबसे अधिक माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पर्यटकों की आवाजाही से पहाडों पर प्रदूषण भी फैल रहा है? लेकिन यह भी सच है कि केवल पर्यटक ही प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि वहाँ रहने वाले लोग भी पर्यावरण को लेकर जागरूक नहीं हुए हैं। ऐसे में हम आपको आज हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे शख्स (Himachal Man Collecting Waste) की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने पहाड़ों को कूड़े-कचरे से मुक्त बनाने के लिए एक अनोखी पहल की शुरूआत की है।
पाकिस्तान हुकूमत के खिलाफ आक्रोश, गिलगिट-बाल्टिस्तान में सड़कों पर उतरी जनता
गिलगिट-बाल्टिस्तान में प्रदर्शन, लोगों ने मांगा अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा। (pc- ANI/twitter)
Gilgit-Baltistan hold protest against pakistan: जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत पर लगातार निशाना साध रहा है। लेकिन इसी बीच उन्हीं के लोगों ने पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार के खिलाफ गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। दरअसल पाकिस्तानी सरकार ने विकास के नाम पर गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में जमीनों, संपत्तियों और संसाधनों का अधिग्रहण किया है। सरकार ने गिलगित एयरपोर्ट के निर्माण समेत विकास के नाम पर यहां के लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया था। इस बात से व्यापर रोक नाराज़ स्थानीय लोग सड़कों पर उतार आए और सरकार से मुआवजे की मांग करने लगे।
वास्कोडिगामा कहाँ का निवासी था:
Key Points
- वास्को- डी -गामा 1498 में समुद्र के रास्ते भारत पहुंचने वाला पहला यूरोपीय था।
- वह पुर्तगाल का था और एक समुद्री मार्ग की तलाश आवश्यक हो गई क्योंकि ओटोमन्स ने कॉन्स्टेंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) पर कब्जा कर लिया और भूमि मार्ग के माध्यम से व्यापार रोक दिया।
- वास्को डी गामा का बेड़ा मालाबार तट (वर्तमान भारत के केरल राज्य) पर कोझीकोड (कालीकट) के पास कप्पडू पहुंचा।
- उस समय कालीकट का राजा एक मरीन (ज़मोरिन) था।
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Last updated on Sep 27, 2022
The National Buildings Construction Corporation (NBCC) has released the provisional NBCC JE Result for Civil and Electrical. The Computer Based Test (CBT) for the NBCC JE (Civil) was conducted on 8th May and 9th May 2022 and the CBT for the JE (Electrical) was conducted on 8th May 2022. Candidates with Diploma only appeared for the Computer Based Test (CBT). Candidates who will qualify for the CBT round and will be selected finally will get a basic NBCC JE Salary of Rs. 27,270.