निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह

IPO लाने की तैयारी में रियल एस्टेट कंपनी, निवेशकों को मिलेगा दांव लगाने का मौका
कंपनी के प्रवर्तक एवं निवेशक 250 करोड़ रुपये तक का ओएफएस लाएंगे। ओएफएस के तहत, प्रवर्तक सर्वप्रिय सिक्योरिटीज और निवेशक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 125-125 करोड़ के इक्विटी शेयर की बिक्री करेंगे।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर दांव लगाकर किस्मत आजमाने वाले निवेशकों के लिए एक निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह और मौका बन सकता है। दरअसल, रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने आईपीओ के जरिए 1,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास शुरुआती दस्तावेज जमा कराए हैं।
750 करोड़ रुपये के नए शेयर: दस्तावेज के मुताबिक आईपीओ के तहत 750 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी किए जाएंगे। कंपनी के प्रवर्तक एवं निवेशक 250 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएंगे। ओएफएस के तहत, प्रवर्तक सर्वप्रिय सिक्योरिटीज और निवेशक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 125-125 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर की बिक्री करेंगे।
कहां खर्च होंगे पैसे: आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग कर्ज के भुगतान, भूमि अधिग्रहण और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा पूंजी का उपयोग सब्सिडरी कंपनियों के ऋण भुगतान के लिए भी किया जाएगा।
सिग्नेचर ग्लोबल ने मार्च, 2022 तक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 23,453 हाउसिंग और कॉमर्शियल इकाइयों की बिक्री की थी। कंपनी की वित्त वर्ष 2021-22 में बिक्री 142.47 प्रतिशत बढ़कर 2,590.22 करोड़ रुपये हो गई है।
Stocks To Buy: कमजोर बाजार में इस शेयरों की करें शॉपिंग, एक्सपर्ट देवांग मेहता की सलाह से बनें अमीर
शेयर बाजार के इस दौर में भी कई आईटी कंपनियों के शेयर अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं। भारत में कंपनियों के निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह लिए नतीजे का सीजन चल रहा है और अगले कुछ दिनों में कई कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं।
इसका मतलब यह है कि अब अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व एक साल में दो-तीन बार ब्याज दरों में वृद्धि करने के अपने सामान्य कदम की तरफ बढ़ सकता है। इस कवायद की शुरुआत भी हो चुकी है। बैंक ऑफ इंग्लैंड और ईसीबी ने भी ऐसे संकेत दिए हैं कि अब ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
आईटी कंपनियों
अगर बात शेयरों में निवेश कर कमाई करने की करें तो भारत की आईटी कंपनियां अच्छे तिमाही नतीजे पेश कर रही हैं और उनका गाइडेंस भी बढ़ रहा है। शेयर बाजार के इस दौर में भी कई आईटी कंपनियों के शेयर अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं। भारत में कंपनियों के लिए नतीजे का सीजन चल रहा है और अगले कुछ दिनों में कई कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं।
एशियन पेंट्स पर लगाएं दांव
पिछले 5 दिनों में एशियन पेंट्स के शेयर में 7 फ़ीसदी की कमजोरी आई है। देवांग मेहता ने कहा है कि एशियन पेंट्स की लंबी अवधि की ग्रोथ स्टोरी पर किसी को शक नहीं है, लेकिन इस समय एशियन पेंट्स के शेयर अपेक्षाकृत महंगे भाव पर दिख रहे हैं। एशियन पेंट्स के शेयर पिछले कुछ हफ्ते में ₹2700-2800 के हाई तक पहुंच चुके थे। कच्चे माल के बढ़ते भाव की वजह से अब कंपनी के शेयर पर दबाव दिख रहा है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो एशियन पेंट निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह के शेयरों की खरीदारी कर सकते हैं।
बैंक के शेयरों पर लगाएं दांव
ICICI Bank और Axis Bank कामकाज के लिहाज से बेहतरीन स्थिति में नजर आ रहे हैं। आने वाली दो-तीन तिमाही में देश के दोनों दिग्गज बैंक के शेयरों में खासी तेजी दर्ज की जा सकती है।
Nivesh ka Funda: अगले 3-5 साल के लिए बाजार से मिल सकता है रिजनेबल रिटर्न, म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक्सपर्ट की सलाह
Nivesh ka Funda: प्रशांत जैन ने कहा कि शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म में आमतौर पर Volatility रहती है. पिछले 6 महीने में इसमें करीब 8 से 10 फीसदी का करेक्शन देखने को मिला है. सारी चीजों निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह के देखते हुए इस करेक्शन को अच्छा कहा जा सकता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक रुस-यूक्रेन संकट का हमारी अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
Nivesh ka Funda: जी बिजनेस की खास सीरीज 'निवेश का फंडा' में हम आपकी म्यूचुअल फंड के दिग्गज फंड मैनेजर्स से मुलाकात कराते हैं. दरअसल इस माहौल में निवेशक जानना चाहते हैं कि वो कहां और किस तरह के फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं. शुक्रवार (11 मार्च, 2022) को जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने देश के दिग्गज और प्रतिष्ठत निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के ED और CIO प्रशांत जैन से खास बातचीत की.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
अभी बाजार अस्थिर और कमजोर भी है ऐसे में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स थोड़ा डरे हुए हैं. उन्हें नुकसान की आशंका सता रही है. कुछ निवेशकों के मन में सवाल है कि अभी पैसा Withdraw कर लें और हालात बेहतर होने पर भी निवेश करें. इसपर एक्सपर्ट ने कहा कि शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म में आमतौर पर Volatility रहती है. पिछले 6 महीने में इसमें करीब 8 से 10 फीसदी का करेक्शन देखने को मिला है. सारी चीजों के देखते हुए इस करेक्शन को अच्छा कहा निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह जा सकता है.
🔸अगले 3-5 साल के लिए बाजार से रिजनेबल रिटर्न मिलने का अनुमान, रुस - यूक्रेन संकट का ऑयल सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं होगा : प्रशांत जैन, ED & CIO, HDFC AMC#ZeeBusiness LIVE👉 https://t.co/[email protected] | @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/j1j5AmOs2z
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 11, 2022नए निवेशक कैसे करें तैयारी?
बाजार अभी सस्ता नहीं है और इसमें हमें अगले 3 से 5 साल के लिए सामान्य रिटर्न की अपेक्षा करनी चाहिए. ऐसे में नए निवेशकों को सामान्य रिटर्न यानी जीडीपी ग्रोथ के बराबर रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. लेकिन लंबे समय में ये अच्छा रिटर्न देता है. वहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि रुस-यूक्रेन संकट का ऑयल सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
मार्केट को लेकर राय
इक्विटी की बात करें तो बड़ी बिकवाली के बावजूद मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा. प्रशांत जैन के मुताबिक घरेलू इन्वेस्टर्स के ज्यादा निवेश से FII में बिकवाली से Volatility में कमी आ रही है. ये बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई से हमारी अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. वहीं इस संकट के दूर होने के बाद हमारा फोकस फिर यूएस इंटरेस्ट रेट और वहां के इन्फ्लेशन पर आ जाएगा.
कहां लगाएं पैसा?
एक्सपर्ट ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में पिछले दिनों अच्छा करेक्शन देखने को मिला है. इसके वैल्यूएशंस भी रिजनेबल हैं. बढ़ती महंगाई की वजह से कंज्यूमर गुड्स सेक्टर पर असर पड़ सकता है. कमोडिटीज में बढ़ते इन्फ्लेशन की वजह से मार्जिन पर भी दबाव रह सकता है. वहीं इस सेक्टर के पीई मल्टीपल भी ज्यादा हैं. निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि फिक्स इनकम में ज्यादा पैसा लगाने के बावजूद रिटर्न कम मिलता है. जबकि इक्विटी में लंबे समय के लिए रिस्क कम और रिटर्न ज्यादा होता है.
(डिस्क्लेमर: यहां निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस/एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Nivesh ka Funda: अगले 3-5 साल के लिए बाजार से मिल सकता है रिजनेबल रिटर्न, म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक्सपर्ट की सलाह
Nivesh ka Funda: प्रशांत जैन ने कहा कि शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म में आमतौर पर Volatility रहती है. पिछले 6 महीने में इसमें करीब 8 से 10 फीसदी का करेक्शन देखने को मिला है. सारी चीजों के देखते हुए इस करेक्शन को अच्छा कहा जा सकता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक रुस-यूक्रेन संकट का हमारी अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
Nivesh ka Funda: जी बिजनेस की खास सीरीज 'निवेश का फंडा' में हम आपकी म्यूचुअल फंड के दिग्गज फंड मैनेजर्स से मुलाकात कराते हैं. दरअसल इस माहौल में निवेशक जानना चाहते हैं कि वो कहां और किस तरह के फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं. शुक्रवार (11 मार्च, 2022) को जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने देश के दिग्गज और प्रतिष्ठत एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के ED और CIO प्रशांत जैन से खास बातचीत की.
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अभी बाजार अस्थिर और कमजोर भी है ऐसे में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स थोड़ा डरे हुए हैं. उन्हें नुकसान की आशंका सता रही निवेशकों के लिए कुछ सामान्य सलाह है. कुछ निवेशकों के मन में सवाल है कि अभी पैसा Withdraw कर लें और हालात बेहतर होने पर भी निवेश करें. इसपर एक्सपर्ट ने कहा कि शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म में आमतौर पर Volatility रहती है. पिछले 6 महीने में इसमें करीब 8 से 10 फीसदी का करेक्शन देखने को मिला है. सारी चीजों के देखते हुए इस करेक्शन को अच्छा कहा जा सकता है.
🔸अगले 3-5 साल के लिए बाजार से रिजनेबल रिटर्न मिलने का अनुमान, रुस - यूक्रेन संकट का ऑयल सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं होगा : प्रशांत जैन, ED & CIO, HDFC AMC#ZeeBusiness LIVE👉 https://t.co/[email protected] | @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/j1j5AmOs2z
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 11, 2022नए निवेशक कैसे करें तैयारी?
बाजार अभी सस्ता नहीं है और इसमें हमें अगले 3 से 5 साल के लिए सामान्य रिटर्न की अपेक्षा करनी चाहिए. ऐसे में नए निवेशकों को सामान्य रिटर्न यानी जीडीपी ग्रोथ के बराबर रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. लेकिन लंबे समय में ये अच्छा रिटर्न देता है. वहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि रुस-यूक्रेन संकट का ऑयल सप्लाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
मार्केट को लेकर राय
इक्विटी की बात करें तो बड़ी बिकवाली के बावजूद मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा. प्रशांत जैन के मुताबिक घरेलू इन्वेस्टर्स के ज्यादा निवेश से FII में बिकवाली से Volatility में कमी आ रही है. ये बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई से हमारी अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. वहीं इस संकट के दूर होने के बाद हमारा फोकस फिर यूएस इंटरेस्ट रेट और वहां के इन्फ्लेशन पर आ जाएगा.
कहां लगाएं पैसा?
एक्सपर्ट ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में पिछले दिनों अच्छा करेक्शन देखने को मिला है. इसके वैल्यूएशंस भी रिजनेबल हैं. बढ़ती महंगाई की वजह से कंज्यूमर गुड्स सेक्टर पर असर पड़ सकता है. कमोडिटीज में बढ़ते इन्फ्लेशन की वजह से मार्जिन पर भी दबाव रह सकता है. वहीं इस सेक्टर के पीई मल्टीपल भी ज्यादा हैं. निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि फिक्स इनकम में ज्यादा पैसा लगाने के बावजूद रिटर्न कम मिलता है. जबकि इक्विटी में लंबे समय के लिए रिस्क कम और रिटर्न ज्यादा होता है.
(डिस्क्लेमर: यहां निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस/एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)