शेयर मार्केट में कितना Risk है

शेयर मार्केट में प्रवेश करने के लिए आपको ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं पड़ेगी मगर आपको शुरुआत काफी ध्यान से करनी होगी क्योंकि अगर आप एक गलती करते हैं तो उसका खामियाजा आपको अपने पैसे डूबा कर शेयर मार्केट में कितना Risk है चुकाना होगा आप शेयर मार्केट को सीखने के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म का यूज कर सकते हैं जिसके जरिए आप अच्छे ट्रेडर और इन्वेस्टर जान सकते हैं. महान लोग सीखना कभी नहीं छोड़ते तो ध्यान रखें कि आपको शेयर मार्केट में अपने पैसे को निवेश करते समय भी सीखते रहना है जिससे कि आप एक बेहतरीन शेयर मार्केटर बन सके.
शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
Zee Business हिंदी 02-10-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि शेयर मार्केट में कितना Risk है कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
शेयर बाजार सीखने में कितना समय लगता है? | Share Market Sikhne Mai Kitna Time Lagta Hai
आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आपको शेयर बाजार सीखने में कितना समय लगेगा और ऐसे कुछ माध्यम भी बताएंगे जिनके जरिए आप शेयर बाजार के निवेशक एवं विशेषज्ञ बन सकते हैं.
शेयर बाजार सीखने में कितना समय लगता है?
आज के दौर में शेयर बाजार काफी चर्चा का विषय बना हुआ है यहां हर कोई आकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहता है मगर कुछ लोगों के मन में यह सवाल भी है कि क्या शेयर बाजार वास्तव में काफी कठिन है सीखना मगर हम आपको बता दें कि यह आपके ऊपर भी निर्भर करता है कि आप शेयर बाजार कहां से सीख रहे हैं एवं किस तरह से आप उस में रुचि दिखा रहे हैं शेयर बाजार शेयर मार्केट में कितना Risk है में अपने पैसे को निवेश करना काफी आसान है मगर उस पैसे को किन कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करना है उसके चुनाव में ही सारी रिसर्च होती है और यही आपकी एक गलती आपके पैसे को डूबा भी सकती है एवं उसे अच्छे रिटर्ंस में तब्दील भी कर सकती है.
शेयर बाजार सीखना कोई इतना मुश्किल कार्य नहीं है मगर आपको इसका अभ्यास करते रहना होगा आपको शेयर बाजार को समझने के लिए कुछ ऐसे सोर्सेस हैं जिनका आप सहारा लेकर शेयर बाजार में प्रवेश कर सकते हैं.
शेयर मार्केट कैसे सीखे? - Share Market
हम आपको कुछ ऐसी माध्यम बता रहे हैं जिनके जरिए आप शेयर बाजार को काफी जल्दी और आसानी से समझ और सीख सकते हैं. बस आपको थोड़ा सब्र से और ध्यान से समझने की आवश्यकता होगी मगर इसमें थोड़ा समय भी लगेगा.
- शेयर मार्केट का विशेषज्ञ मित्र खोजें
- Online Courses की मदद ले
- शेयर मार्केट की किताबें पढ़ें - हमने शेयर मार्केट की बेहतरीन किताबों के लिए एक पोस्ट लिखी है आप जिसे जाकर पढ़ सकते हैं एवं शेयर मार्केट की शुरुआत कर सकते हैं - Books on Indian Stock Market for Beginners in Hindi ( शेयर मार्केट बुक्स )
- बाजार का विश्लेषण करें एवं समझें
- सफल निवेशक जिन्होंने शेयर मार्केट में अपने पैसे को निवेश किया और अच्छे इन्वेस्टर है उन्हें फॉलो करें
- शेयर मार्केट को सोशल मीडिया पर एवं अलग प्लेटफार्म पर फॉलो करते रहे
- शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अभ्यास करते रहे एवं समझते रहे
- थोड़े समय के लिए ट्रेडिंग से शुरुआत करें मगर एक अच्छे इन्वेस्टर बने
शेयर मार्केट क्या है? और इससे कितना प्रॉफिट हो सकता है?
दोस्तों कई लोग शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नहीं ले पाते, और उन्हें नहीं पता होता कि शेयर मार्केट क्या है? और यह हमें पैसा क्यों देती है? और हमारा पैसा क्यों खा सकती है? जो व्यक्ति बिजनेस करता है उसे शेयर के बारे में अच्छे से जानकारी होती है? लोगों को अपने बिजनेस पार्टनर चाहिए होते हैं और वह कंपनी के शेर सिर्फ इसलिए बेचते हैं ताकि उन्हें ज्यादा पैसा मिल सके, क्योंकि शेयर बेचने के बदले में पैसा मिलता है।
शेयर मार्केट में कितनी कमाई हो सकती है?
दोस्तों अगर बात करें कि शेयर मार्केट में कितनी कमाई हो सकती है और यह आपको पैसा कहां से और क्यों देता है, तो एक बात ध्यान में रखिए कि जो भी शेयर बिकते हैं उनका पैसा कंपनी के पास जाता है उसके बाद जो लोग शेर अपने पास से बेच देते हैं उन्हें बदले में जो पैसा मिलता है वह पैसा भी कंपनी देती है, शेयर का प्राइस डिमांड और सप्लाई के हिसाब से ऊपर नीचे होता रहता है।
मान लीजिए अगर आप किसी शेयर को ₹100 के भाव से खरीदें और ₹200 के भाव से बेच दें तो आपको ₹100 का प्रॉफिट होगा, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप कोई वस्तु लेकर बेचते हो शेयर भी एक सॉफ्ट एसेट होती है।
अगर आपकी ली हुई वस्तु के प्राइस आपके खरीदने के प्राइस से नीचे चली जाए तो आपको घाटा होना संभव है, क्योंकि आप महंगे में खरीदकर सस्ते में बेचेंगे तो बीच का शेयर मार्केट में कितना Risk है गैप आपको ही भरना पड़ेगा और उसी को घाटा बोलते हैं, शेयर मार्केट में भी कुछ इसी प्रकार से नुकसान हो सकता है, लेकिन शेयर मार्केट में आप दो तरह से काम कर सकते हैं।
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.