अध्ययन का सामग्री

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम
इसके अलावा, विदेश मंत्री (ईएएम) "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम के बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करने और व्यापक सुधार प्राप्त करने" पर L.69 समूह की उच्च-स्तरीय बैठक में भाग लेने वाले हैं।

अतिथि सत्र: श्री अभिनय चौधरी

इन्फेड (भा.प्र.सं. नागपुर उद्यमिता विकास फाउंडेशन) के सहयोग में ई-सेल ने बिगबास्केट के सह-संस्थापक श्री अभिनय चौधरी का सहर्ष स्वागत किया। इस सत्र में ग्राहक अवधारण, अनुकूलन क्षमता, चुनौतीपूर्ण व्यापार में वैल्यू प्रोपोसीशन, तथा भारत में सप्लाइ चेन नेटवर्क का नीतिबद्ध प्रसार, इन विषयों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। सत्र में धारणीय (सस्टेनेबल) बिज़नस तंत्रों पर भी चर्चा हुई।

इस संवादात्मक सत्र से छात्रों में उत्साह का संचार हुआ है जो उन्हें उनकी उद्यमिता की यात्रा में ज़रूर मदद करेगा। भा.प्र.सं. नागपुर की ओर से हम श्री अभिनय चौधरी के प्रति, अपना बहुमूल्य समय छात्रों को देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

भारतीय प्रबंध संस्थान नागपुर, प्लॉट नंबर 1, सेक्टर 20, मिहान (नॉन-सेज),नागपुर – 441108

EAM जयशंकर 10 दिवसीय अमेरिका यात्रा पर होंगे रवाना; UNGA सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का करेंगे नेतृत्व

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 18 से 28 सितंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका की 10 दिवसीय यात्रा पर जाने के लिए तैयार हैं। अपनी यात्रा के दौरान, वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र में उच्च स्तरीय सप्ताह के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी करेंगे। उनका 24 सितंबर को सत्र को संबोधित करने का कार्यक्रम है। जयशंकर 18-28 सितंबर व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम तक अमेरिका में रहेंगे।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 77वें UNGA का विषय "ए वाटरशेड मोमेंट: ट्रांसफॉर्मेटिव सॉल्यूशंस टू इंटरलॉकिंग चैलेंजेस" है। बयान के अनुसार, जयशंकर सुधारित बहुपक्षवाद के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, 4 (जी 4) देशों के समूह की एक मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। G4 देशों में भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील शामिल हैं।

व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम

विश्व हिन्दी सचिवालय और वैश्विक हिन्दी परिवार
भाषा विमर्श - 04

'भाषा संस्कृति और व्यापार'

‘विश्व हिन्दी सचिवालय' तथा 'वैश्विक हिन्दी परिवार' के संयुक्त तत्वावधान में भाषा विमर्श शृंखला के अंतर्गत 5 जुलाई, 2020 को भाषा विमर्श सत्र- 4 रखा गया। इस वेबिनार में इटली के हिन्दी विद्वान डॉ. मार्को व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम जोल्ली और लंदन से बीबीसी के पूर्व पत्रकार विजय राणा ने "भाषा संस्कृति और व्यापार" विषय पर अपने विचार रखे। इस सत्र में सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए डॉ. जवाहर कर्नावट जी ने भाषा विमर्श शृंखला के पूर्व सत्रों का उल्लेख करते हुए "भाषा संस्कृति और व्यापार" सत्र की पूर्व पीठिका रखी। डॉ. मार्को जी का परिचय कराते हुए डॉ. कर्णावट ने कहा कि वे भारत और इटली के संबंधों के व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम बीच की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे शुरुआत में मसूरी आ गए और यही पर हिन्दी की शिक्षा ग्रहण की। आपने यह भी बताया कि डॉ. मार्को जोली ने भीष्म साहनी पर पीएच.डी. की है और आप दिल्ली यूनिवर्सिटी में इतालवी पढ़ाते रहे हैं।

भारत संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग हेतु पुन: निर्वाचित

भारत को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (यूएनसीआईटीआरएएल) हेतु 9 नवंबर 2015 को छह साल के कार्यकाल के लिए महासभा व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम द्वारा पुन: निर्वाचित किया गया.

भारत को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (यूएनसीआईटीआरएएल) हेतु 9 नवंबर 2015 को छह साल के कार्यकाल के लिए महासभा द्वारा पुन: निर्वाचित किया गया.
भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान सहित 22 अन्य देश भी यूएनसीआईटीआरएएल के लिए पुन: निर्वाचित किए गए.

सोमवार को हुआ चुनाव पांचवां चुनाव था, जिसमे वर्ष 2015 के लिए भारत को चुना गया. देश ने वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के लिए भी पुन: चुनाव जीता.

अप्रैल 2015 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक समिति (ईसीओएसओसी) ने भारत को यूनिसेफ कार्यकारी परिषद और विश्व खाद्य कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र मानव बस्ती कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल (यूएन-हैबिटैट) और अपराध की रोकथाम एवं आपराधिक न्याय आयोग के लिए निर्वाचित किया.

आर. बी. आई. अल्मोड़ा की संकल्पना

  • उद्धयमिता एवं व्वयसाय का विकास
  • पलायन रोकने हेतु सतत आजीविका विकास
  • उद्यम स्थापना के लिए सहायता एवं समाधान
  • मार्केटिंग लिंकेज के लिए सहयोग
  • व्यापार औपचारिकता के लिए सहायता

नवाचार को बढ़ावा देना – उद्यम क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और व्यवसाय निर्माण को बढ़ावा देना जो ग्रामीण समुदायों को अवसर प्रदान कर सकें।
आजीविका के नए अवसरों को बढ़ाना- उत्तराखंड राज्य में पलायन को दूर करने के लिए ग्रामीण इलाकों के ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका के अवसर पैदा करना
उद्यमी इको-सिस्टम का विकास- ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सुगम बनाना।
मार्केटिंग सहयोग- ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सुगम बनाना।

आर.बी.आई के लाभार्थी

बिजनेस इन्क्यूबेटर्स राज्य के ग्रामीण समुदाय के सदस्यों को अपने उद्यम स्थापित करने या बढ़ाने में सहायता करेंगे। उद्यमों को 5 भागों में उप वर्गीकृत किया जा सकता व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम है-
1. सीड स्टेज- उद्यमी अभी भी व्यावसायिक जीवनचक्र के बीज चरण में हैं, जब उनका व्यवसाय सिर्फ एक विचार या एक सोच है।

2. प्रारंभिक चरण- आवेदक जिन्होंने कानूनी इकाई के रूप में अपना व्यवसाय पंजीकृत किया है और उत्पादन और संचालन शुरू कर दिया है।

3. ग्रोथ स्टेज- आवेदक जो कुछ समय से व्यवसाय में हैं और उनके पास एक ऐसा उत्पाद है जिसका बाजार में परीक्षण किया गया है। वे बड़े पैमाने पर परिचालन की तलाश कर रहे हैं या अब बड़े बाजारों तक पहुंचने और बाजार में मौजूदा और नए खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की योजना बना रहे हैं।

4. एसएचजी और फेडरेशन- राज्य में एसएचजी द्वारा संचालित समूह और व्यक्तिगत उद्यम। ये कानूनी संस्थाओं के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं लेकिन छोटे व्यवसाय चला सकते हैं।

आर बी आई का सहयोग

उद्यमशीलता का विकास – ग्रामीण व्यापार इन्क्यूबेटरों की सबसे व्यापार सत्र और उनके कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक ग्रामीण समुदायों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने में मदद करना होगा। इस प्रयास के हिस्से के रूप में, इनक्यूबेटर ने एक ईडीपी प्रोग्राम विकसित किया है , जिसे उच्च शिक्षा संस्थानों, आईटीआई और पॉलिटेक्निक और इसी तरह के संस्थानों में संचालित किया जाना है |

संकल्पना – इन्क्यूबेटर्स इन्क्यूबेटीस को नए विचारों को समझने में और उन्हें पूरा करने में सहायता करेंगे। इसमें उद्यमी द्वारा बनाये जाने वाले उत्पाद या सेवा की पहचान करना, उत्पादों की मांग अपने उत्पादों के लिए खरीदारों की पहचान करना क्रय क्षमता का आंकलन आदि शामिल हैं।

बिज़नेस प्लानिंग – उद्यमियों को उनके बिज़नेस आईडिया को बेहतर समझने और आगे की योजना बनाने में सहायता मिलेगी। इसमें उद्यम में लगने वाली लागत नकदी प्रवाह का अनुमान तथा लाभ-हानि को समझना शामिल होगा।
क़ानूनी पहलू –इनक्यूबेटर उद्यमों को कानूनी सलाहकारों से जोड़ेगा जिससे उन्हें लइसेंस, सर्टिफिकेशन और अन्य कंप्लायंस करने में सहूलियत होगी ।

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