शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

Tata Steel के एक शेयर के बदले मिलेंगे 10 शेयर, कंपनी ने तय की स्टॉक स्प्लिट की रिकॉर्ड डेट
नई दिल्ली. टाटा समूह की कंपनी टाटा स्टील अपने शेयरों को जल्द ही विभाजित (Split) करने वाली है. 1:10 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट करने के लिए कंपनी ने रिकॉर्ड डेट 29 जुलाई 2022 तय की है. बीते दिनों तिमाही नतीजे जारी करते हुए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करने की घोषणा की थी. शेयरों के विभाजन के बाद, जिस निवेशक के पास टाटा स्टील का एक शेयर है, उसके पास 10 शेयर हो जाएंगे.
टाटा स्टील के बोर्ड ने मई में स्टॉक स्प्लिट पर मुहर लगाई थी. कंपनी बोर्ड ने तब कहा था कि कैपिटल मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने, शेयरधारकों का आधार फैलाने और छोटे निवेशकों के लिए कंपनी के शेयर आसानी से उपलब्ध कराने के मकसद से शेयरों का विभाजन करने का निर्णय लिया गया है.
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क्या है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब है शेयरों की संख्या को ज्यादा करना. आमतौर पर किसी कंपनी के शेयर जब बहुत महंगे हो जाते हैं, तब छोटे निवेशक उन शेयरों में निवेश नहीं कर पाते हैं. ऐसे में कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने और बाजार में मांग बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का निर्णय लेती है. शेयर स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. इससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण पर कोई असर नहीं होता है. स्टॉक स्प्लिट से शेयर की कीमत घट जाती है. इससे छोटे निवेशकों के लिए शेयरों में निवेश करना आसान हो जाता है. आमतौर पर स्प्लिट के बाद कुछ समय के लिए उन शेयरों में उछाल देखा जाता शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? है.
आज शेयरों में पहले तेजी, बाद में गिरावट
टाटा स्टील के शेयर आज शुक्रवार 22 जुलाई को हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ करने के बाद इंट्राडे में यह शेयर 944 रुपये तक पहुंच गया. हालांकि बाद में बाजार बंद होने तक टाटा स्टील लाल निशान पर आ गया था. आज स्टॉक 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 936.05 रुपये पर क्लोज हुआ है.
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पिछले एक महीने में इस शेयर में 11.19 फीसदी की तेजी आ चुकी है. हालांकि पिछले एक साल की अवधि में टाटा स्टील के शेयरों में 26.52 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह पिछले छह महीनों में टाटा ग्रुप का यह शेयर 14.90 फीसदी लुढ़क चुका है. वर्ष 2022 में अब तक यह शेयर निवेशकों को 18 फीसदी नुकसान करा चुका है.
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शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?
स्टॉक स्प्लिट क्या होता है और क्यों लाया जाता है ?
- Post last modified: September 12, 2020
- Post author: Yogesh Singh
- Post category: Share Market
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दोस्तों हमने अपने पहले के पोस्ट में बोनस शेयर का जिक्र किया की बोनस शेयर क्या होते है ,निवेशकों पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है ,आज हम उसी से मिलता जुलता एक Corporate Action stock split के बारे में जानेंगे ,ये Stock शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? Split क्या है ? कैसे काम करता है ,क्या इसका निवेशकों पर प्रभाव पड़ता है ,आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इन सभी सवालों के उत्तर देंगे आइए जानते है –
Stock Split क्या है – What Is Stock Split In Hindi
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता शेयर्स का विभाजन, जिस तरह split का हिंदी में मतलब किसी चीज़ का विभाजन होता है ठीक उसी तरह शेयर मार्किट में स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर्स का विभाजन होता है ,यह एक Corporate Action है ,जो स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कंपनियों द्वारा इच्छानुसार किया जाता है ,इसका मतलब जरुरी नहीं है की स्टॉक मार्किट में लिस्टेड हर एक कंपनी अपने स्टॉक स्प्लिट करेगी ,स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला कंपनी का निजी फैसला होता है
Stock Split कैसे काम करता है ?
कंपनियों द्वारा स्टॉक स्प्लिट शेयर्स को तोड़ने तथा बाजार में अपनी कंपनी के शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? काम में आता है ,कंपनिया अपने शेयर्स को किसी भी अनुपात 1,2,3,4 इत्यादि में स्प्लिट कर सकती है ,
जैसे हम stock split example से समझते है ,अगर कोई ABC कंपनी अपने स्टॉक को 1 :1 अनुपात में स्प्लिट करती है तो प्रत्येक व्यक्ति जो उस कंपनी का निवेशक है उसके शेयर्स का 1 :1 अनुपात में विभाजन हो जायगा और उसके प्रत्येक शेयर अब दो शेयर्स में तब्दील हो जायँगे
क्या Stock Split करने से कंपनी के मार्किट कैप पर कोई असर होता है ?
जी नहीं स्टॉक स्प्लिट करने से कंपनी के मार्किट कैप में कोई असर नहीं पड़ता ,जब कंपनी अपने स्टॉक को किसी अनुपात में स्प्लिट करती है ,तो उसी अनुपात में उसके प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू कम हो जाती है जैसे की हमने अपने पिछले उदाहरण में देखा की कंपनी ABC ने अपने शेयर्स को 1 :1 अनुपात में विभाजन करने का निर्णय लिया ,
मान लीजिये कंपनी के पास 10,000 शेयर्स है जिनमे प्रत्येक शेयर्स की मार्किट वैल्यू 1000 रूपए है ,इसी तरह कंपनी का मार्किट कैप 10,000*1000 =100,00000 यानी 1 करोड़ रूपए है ,अब जब कंपनी 1:1 अनुपात में शेयर्स को स्प्लिट करती है ,तो उसके शेयर्स की संख्या 20,000 हो जाएगी ,और प्रत्येक शेयर की मार्किट वैल्यू 1:1 अनुपात में घटकर 500 रूपए हो जाएगी , 20,000*500=100,00000 लेकिन उसका मार्किट कैप 1 करोड़ रूपए ही रहेगा
अब स्प्लिट से पहले जिस व्यक्ति के पास ABC कंपनी के 500 शेयर्स थे ,अब उसके शेयर्स की संख्या बढ़कर 1000 हो जाएंगी ,और उसके प्रत्येक शेयर्स की फेस वैल्यू भी अब आधी हो जाएगी
क्यों लाया जाता है Stock Split क्या इससे कंपनी या निवेशक को कोई फायदा होता है ?
कंपनी स्टॉक स्प्लिट क्यों करती है ,इसके दो कारण हो सकते है ,जैसे की अपने कंपनी के शेयर्स को बढ़ाना ताकि और और लोग कंपनी के शेयर्स ले सके और दूसरा liquidity ,
जैसे जैसे कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ते है वैसे ही उसमे liquidity की दिक्कत आने लगती है ,liquidity का मतलब होता है शेयर्स को बेचना ,क्योंकि ज्यादातर लोग महंगे शेयर्स को नहीं ले शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? सकते है ,जिस तरह MRF कंपनी का एक शेयर 60,000 रूपए का है अब हर कोई 60,000 रूपए का शेयर्स नहीं ले सकता ,जिस कारण MRF के शेयर्स में liquidity की दिक्कत रहती है क्योंकि उनके निवेशक को खरीदार मिलना मुश्किल हो जाता है ,
ठीक इसी प्रकार कंपनी liquidity की समस्या कम करने और शेयर्स की संख्या को बढ़ाने के लिए कंपनी अक्सर अपने स्टॉक को स्प्लिट करती है ,ताकि छोटे निवेशक भी इन कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सके
निवेशक को स्टॉक स्प्लिट्स से क्या फायदा होता ?,देखिये अब स्टॉक स्प्लिट्स के बाद निवेशक के शेयर्स की संख्या बढ़ जाती है और शेयर्स के दाम घट जाते है ,जिससे की नए निवेशक को कम दाम में कंपनी के शेयर्स मिल जाते है
स्टॉक स्प्लिट्स से liquidity भी बढ़ जाती है ,जिसका फायदा ये होता है की अब आप अपने कंपनी के शेयर्स आसानी से बेच सकते है ,और आपको खरीददार ढूंढ़ने या शेयर्स को बेचने में दिक्कत नहीं आती और liquidity बढ़ने से स्टॉक मार्किट में कंपनी के शेयर्स का वॉल्यूम भी बढ़ता है, और अगर डिमांड सप्लाई के साथ कंपनी की ग्रोथ भी अच्छी हो है तो पहले के मुकाबले अब आपके पास ज्यादा शेयर्स भी होते है और उनके दाम बढ़ने की दर स्टॉक स्प्लिट्स के पहले के मुकाबले अब अच्छी होती है
Note :वॉल्यूम शेयर्स के लेन देन को कहा जाता है अगर कोई एक बार शेयर खरीदता और बेचता है तो उसे 2 वॉल्यूम कहते है एक बेचने और दूसरा खरीदने के लिए अगर एक दिन में कंपनी के शेयर्स का वॉल्यूम 1000 है तो उसका मतलब उस कंपनी के शेयर्स को उस दिन 500 बार खरीदा और 500 बार बेचा गया है
Reverse stock split क्या होता है ?
Reverse स्टॉक स्प्लिट ,स्टॉक स्प्लिट के शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? बिलकुल विपरीत होता है जिसमे शेयर्स को merge किया जाता है ,जिससे की कंपनी अपने शेयर्स के दाम बढ़ा सके और बाजार में अपने शेयर्स की सँख्या को कम कर सके
बोनस शेरस और स्टॉक स्प्लिट्स में क्या अंतर है ?
बोनस शेयर्स और स्टॉक स्प्लिट्स में दो अंतर है –
- बोनस शेयर्स में कंपनी के शेयर्स को बढ़ाया जाता है ,जबकि स्टॉक स्प्लिट्स में मौजूदा शेयर्स को विभाजित किया जाता है
- बोनस शेयर्स लाने से कंपनी के शेयर्स की फेस वैल्यू कम नहीं होती वही स्टॉक स्प्लिट्स में फेस वैल्यू को कम किया जाता है
निष्कर्ष
आज के हमारी पोस्ट में स्टॉक स्प्लिट्स से जुडी ध्यान देनी वाली बाते यह है ,
- Stock Split द्वारा कंपनी के कुल शेयर की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है,
- कंपनी द्वारा Stock Split किए जानेसे कंपनी के मार्केट कैप पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
- Stock Split करने से कंपनी शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? के शेयर का फेस वैल्यू कम हो जाता है,
Disclaimer : हम यहाँ पर किसी भी कंपनी का कोई प्रचार नहीं कर रहे है ,और न ही आपको इनमे निवेश करने की कोई सलाह दे रहे है,निवेश करने का फैसला आपका अपना निजी होना चाहिए
तो दोस्तों आज हमने जाना की व्यापार में Stock Split क्या है ? What Is शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? Stock Split In Hindi और इसका निवेशको पर क्या प्रभाव पड़ता है ,आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी ,अगर आपका कोई सुझाव है तो हमे हमे जरूर बताये
Bonus Share: महीनेभर में ₹89 से ₹235 का हुआ ये शेयर, खरीदने की मची होड़
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Bonus Share: शेयर बाजार में एक शेयर ऐसा है जो लगातार तेजी से आगे भाग रहा है और आने वाले दिनों में अपने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा कराने वाला है। यह शेयर एलस्टोन टेक्सटाइल्स (इंडिया) (Alstone Textiles) का है। माइक्रोकैप टेक्सटाइल कंपनी (Microcap textile company) के शेयर लगातार ऊपरी सर्किट मार रहा है। अब कंपनी ने सबसे बड़े बोनस शेयर (Bonus Share) का ऐलान कर दिया है।
क्या है रिकॉर्ड डेट?
बोर्ड ने 9:1 के रेशियो में बोनस स्टॉक और 1:10 के रेशियो में स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक पात्र शेयरधारक को दिए गए रिकॉर्ड डेट पर हर एक शेयर के लिए 1 रुपये के फेस वैल्यू के साथ 10 इक्विटी शेयर मिलेंगे। बता शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? दें कि कंपनी ने प्रत्येक शेयर के लिए 1 रुपये के फेस वैल्यू के साथ नौ बोनस शेयर जारी करने की भी घोषणा की है। इसका मतलब है कि एक पात्र शेयरधारक को फेस वैल्यू के साथ 100 इक्विटी शेयर मिलेंगे। कंपनी ने रिकॉर्ड डेट के तौर पर 3 दिसंबर, 2022 तय की है।
एक माह में ₹89 से ₹235 हुआ भाव
बोनस शेयर की घोषणा के बाद एलस्टोन टेक्सटाइल्स (इंडिया) के शेयर 5% ऊपर रहे। शुक्रवार को यह शेयर अपर सर्किट में 235.5 रुपये पर बंद हुए। एलस्टोन टेक्सटाइल ने निवेशक को मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Stock Return) दिया है क्योंकि पिछले महीने स्टॉक में 164.61% की बढ़ोतरी हुई है। महीनेभर में यह शेयर 89 रुपये से बढ़कर 235.5 रुपये पर आ गए। वहीं, इस साल YTD में इस शेयर ने 1,400% का तगड़ा रिटर्न दिया है। इस दौरान यह 15 रुपये से उछलकर लेटेस्ट शेयर प्राइस तक पहुंचा है।
TATA Steel Stock Split 10:1 Means: टाटा ने अपने स्टॉक के किये 10 टुकड़े, जानिए क्या होता है स्टॉक स्प्लिट और निवेशकों को क्या होता है फायदा?
TATA Steel Stock Split 10:1 Meaning In Hindi, Stock Split Kya Hota Hai Hindi Mei: स्टॉक स्प्लिट की घोषणा के बाद टाटा स्टील के शेयर (Tata Steel Share) गुरुवार को बाजार खुलने के साथ ही उछाल भरते हुए नजर आए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुरुआती कारोबार में Tata Steel के बीएसई (Bombay Stock Exchange) पर शेयरों का भाव 6 फीसदी तक बढ़ गया था. इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम जानेंगे की ये स्टॉक स्प्लिट क्या होता है (Stock Split Kya Hota hai) और इससे निवेशकों (Stock Split Benefits) को क्या फायदा होता है।
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Stock Split Kya Hota Hai Hindi Mei, Tata Stock 10:1 Split In Hindi
स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का मतलब क्या होता है?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब (Stock Split Ka Matlab) शेयर विभाजन होता है। सिंपल लैंग्वेज में कहा जाये तो किसी भी एक शेयर (Share) को तोड़कर दो या उससे ज्यादा बना देना। स्टॉक स्प्लिट (Stock Split Process) के जरिए शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां अपने शेयरों को एक से ज्यादा शेयरों में विभाजित करती हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार जब किसी कंपनी का शेयर काफी महंगा (Expensive Stock) होता है तो छोटे निवेशक (Investors) उसमें निवेश करने से कतराते हैं। ऐसे में इन छोटे निवेशकों को अपनी तरफ अट्रैक्ट के लिए कंपनियां स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करती है। इसी तरह कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी कंपनियां स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करती हैं।
Stock Split से क्यों आती है शेयरों में तेजी?
जैसे की हम जानते हैं स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) से स्टॉक्स के टुकड़े हो जाते हैं, इससे कंपनी के शेयरों की कीमत घट जाती है। ऐसे में स्टॉक मार्किट (Stock Market) में शेयर का अट्रैक्शन बढ़ता है। स्टॉक स्प्लिट से छोटे निवेशकों (Micro Investors) के लिए भी उसमें निवेश करना आसान होता है। ऐसी स्थिति में डिमांड बढ़ने पर शेयर (Share) की कीमतों में फिर से उछाल आता है। फाइनेंस एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ दिन या हफ्तों के लिए उस शेयर में रैली देखने को मिल सकती है।
Stock Split से शेयरधारकों को क्या फायदा होता है?
अगर कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करती है, तो शेयरधारकों (Shareholder) को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए जितनी संख्या में शेयर स्प्लिट किया गया है उतना दिया जाता है। इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। जैसे टाटा ने अपने स्टॉक्स को 1:10 किया है, तो टाटा स्टील के शेयर होल्डर्स को अब जितने शेयर हैं उतनो का दस गुना ज्यादा शेयरहोल्डर को मिलेगा।
इस सप्ताह स्टॉक स्प्लिट के लिए टाटा स्टील की रिकॉर्ड तिथि; विवरण निवेशकों को जानना आवश्यक है
Tata Steel ने अपने स्टॉक को विभाजित करने की घोषणा की है। टाटा स्टील अपने स्टॉक को 1:10 के अनुपात में बांट रही है। इसका मतलब है कि प्रत्येक शेयरधारक को प्रत्येक होल्डिंग के लिए 10 शेयर मिलेंगे। सोमवार को, निवेशकों ने तिमाही नतीजों के साथ टाटा स्टील के शेयरों में खरीदारी की भावना को बनाए रखा और स्टॉक स्प्लिट मुख्य फोकस रहा।
टाटा स्टील: स्टॉक स्प्लिट क्या है?
स्टॉक स्प्लिट के तहत, सूचीबद्ध कंपनी मौजूदा शेयरधारकों को अधिक शेयर जारी करके बकाया शेयरों की संख्या बढ़ाती है। स्टॉक स्प्लिट व्यक्तिगत शेयरों के बाजार मूल्य को भी कम करता है, हालांकि, कंपनी के बाजार पूंजीकरण को बदलने में इसका परिणाम नहीं होता है। उदाहरण के लिए, टाटा स्टील का स्टॉक विभाजन 1:10 अनुपात है, इसका मतलब है कि कंपनी में एक शेयरधारक का एक इक्विटी शेयर बढ़कर 10 शेयर हो जाएगा और पूर्व-विभाजन तिथि पर शेयरों की कीमत भी आगे घट जाएगी। इससे एक शेयरधारक के पास कंपनी में सस्ती कीमत पर अधिक शेयर होंगे।
टाटा स्टील ने प्रत्येक शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? 10 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयरों के विभाजन के लिए शेयरधारकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए रिकॉर्ड तिथि के रूप में 29 जुलाई तय की है।
बाजार दिशानिर्देशों के अनुसार, कंपनी शेयरधारकों से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही लाभांश, स्टॉक विभाजन और बोनस मुद्दों जैसे कॉर्पोरेट कार्यों के लिए एक रिकॉर्ड तिथि तय कर सकती है। टाटा स्टील को 28 जून, 2022 को आयोजित कंपनी की 115 वीं वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी मिली है। स्टॉक विभाजन के लिए 29 जुलाई (शुक्रवार) को रिकॉर्ड तिथि के साथ, इसका मतलब है कि टाटा स्टील के शेयर पूर्व-विभाजन में बदल जाएंगे। 28 जुलाई।
शुक्रवार को बीएसई के अनुसार, 1,14,302 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ, टाटा स्टील एक लार्ज-कैप निगम है जो देश के लौह धातु खंड में काम करता है।
टाटा स्टील: स्टॉक स्प्लिट क्यों?
घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA ने हाल शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? ही में एक रिपोर्ट जारी की जिसमें उसने कहा कि बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ कमोडिटी की कीमतों में तेज वृद्धि से निर्माण उद्योग की लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो पहले से ही प्रमुख कमोडिटी में काफी वृद्धि के कारण इनपुट लागत दबाव से जूझ रहा है। लागत, विशेष रूप से स्टील और सीमेंट। चालू वित्त वर्ष में कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिटेबिलिटी में 100-200 बेसिस प्वाइंट की गिरावट देखने को मिल सकती है।
टाटा स्टील के मामले में, स्टॉक विभाजन से कंपनी को तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी, इस प्रकार मुनाफे पर कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा।
यह भी देखा गया है कि जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत अधिक होती है, तो वह छोटे निवेशकों के लिए शेयरों को अधिक किफायती बनाने के लिए अपने स्टॉक को विभाजित करती है। एक बार जब टाटा स्टील का स्टॉक बदल जाता है और सस्ता हो जाता है, तो यह अधिक निवेशकों को आकर्षित करेगा और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि होगी।
टाटा स्टील: वित्तीय
कंपनी ने जून 2022 को समाप्त तिमाही के लिए समेकित लाभ में सालाना आधार पर लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,765 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की है, जो उच्च इनपुट लागत और कर व्यय से प्रभावित है। तिमाही के दौरान राजस्व 18.6 प्रतिशत बढ़कर तिमाही के दौरान 63,430 करोड़ रुपये हो गया। समेकित ईबीआईटीडीए 15,047 करोड़ रुपये रहा, जो कि यूरोप में इनपुट लागत में तेज वृद्धि के बावजूद, विशेष रूप से कोकिंग कोल और गैस की कीमतों में 7 प्रतिशत की कमी के बावजूद था।