स्विंग ट्रेडिंग क्या है

Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye 2022
इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).
Trading के बारे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।
शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)
ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).
सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते स्विंग ट्रेडिंग क्या है हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।
इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती है।
” शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं। “
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )
Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।
- इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
- स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
- स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
- पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है। इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं। यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Scalping Trading क्या स्विंग ट्रेडिंग क्या है है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.
Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग
जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग
Swing trading स्विंग ट्रेडिंग
इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके
Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे
वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे
शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान
अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को स्विंग ट्रेडिंग क्या है खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो
Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग
अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है
लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे
इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है
दोस्तो आशा करता हु आपको यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे
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FAQ
ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है
ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading
नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी
ट्रेडिंग कैसे करे इन हिंदी 2022 | Trading kaise kare in hindi
Trading kya hota hai :- ट्रेडिंग का हिंदी अर्थ “व्यापार” होता है हमारे भारत देश में ट्रेडिंग बहोत ज्यादा प्रचलित शब्द है। जिसका सिंपल मतलब व्यापार करना होता है इसमें मुख्य रूप से शेयर की खरीदी और बिक्री का व्यापार किया जाता है जो आज के समय का सबसे जल्दी पैसा कमाने का जरिया बना हुआ है। एक व्यापारी या कोई भी आम व्यक्ति इसे आज के समय में आसानी से कर सकता है। इसके बाद हम जानेंगे की Trading kaise kare in hindi में।
ट्रेडिंग कैसे करे
अगर आ सोच रहे है कि ट्रेडिंग करके लाखो रूपये कमाया जा सकता है तो आप सही सोच रहे है लेकिन लाखो रूपये जिस प्रकार आप कमा सकते है उसी प्रकार आप अपना लाखो रूपये इसमें गवा भी सकते है ट्रेडिंग करना तो आसान है मगर इसे बिना सिखे करेंगे तो आपके लिए ये जोखिम भरा हो सकता है।
ट्रेडिंग कैसे करे ? (Trading kaise kare)
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास मुख्यतः डीमैट अकॉउंट और ट्रेडिंग अकॉउंट होना आवश्यक है इसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते है तो सबसे पहले आप अपना डीमैट अकॉउंट खोले जिसके साथ ही ट्रेडिंग अकॉउंट अपने आप खुल जाता है। डीमैट अकॉउंट और ट्रेडिंग अकॉउंट को खोलना काफी आसान है इसके लिए गूगल प्ले स्टोर में बहोत सारे ऑनलाइन एप्प मौजूद है जिसमे आप अपना अकॉउंट खोल सकते है।
ट्रेडिंग अकॉउंट क्या होता है ? (Trading Account kya hota hai)
ट्रेडिंग अकॉउंट डीमैट अकॉउंट जैसा ही होता है लेकिन इसमें आपके द्वारा ट्रेड किये गए सभी Transaction को डाटा के रूप में रखता स्विंग ट्रेडिंग क्या है स्विंग ट्रेडिंग क्या है है दरासल ट्रेडिंग अकॉउंट आपके ब्रोकर के पास मौजूद होता है।
आपके द्वारा डीमैट अकॉउंट में शेयर की खरीदी और बिक्री को रिकॉर्ड करके ब्रोकर ट्रेडिंग अकॉउंट के मदद से आपके शेयर को आपके निर्देश अनुसार खरीद और बेच सकता है।
ट्रेडिंग के प्रकार (Trading ke prakar)
एक सफल ट्रेडर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट में एक टाइप चूस करना होगा और उसी के अनुसार आप शेयर मार्केट में आसानी से ट्रेड कर सकते है। शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अलग अलग प्रकार है Trading ke prakar जो निन्म है –
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? (Intraday Trading kya hai )
Intraday Trading वो ट्रेडिंग है जिसे एक दिन में कम्पलीट करना होता है सिंपल शब्दों में समझे तो इसमें जिस दिन शेयर को खरीदते है उसी दिन शेयर को बेचना होता है इसका एक्सपायरी डेट एक दिन का होता है। समय की बात करे तो सुबह 9:15 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया गया है।
अगर आप 10 बजे शेयर खरीदते है तो आपको वो शेयर 3:30 बजे तक या उससे पहले बेचना होता है यदि आप शेयर को खरीद कर नहीं बेचते है तो आपका ब्रोकर उस शेयर को बेच देता है और उसे बेचने का चार्ज आपसे वसूल करता है। अगर आप Intraday Trading करते है तो आपको इसमें समय को ध्यान में रखकर ट्रेड करना आवश्यक है।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे (Intraday Trading kaise kare)
Intraday Trading करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय होना आवश्यक है क्योकि इसमें आपको मार्केट चालू होने से बंद होने तक आपको इसमें समय देना जरूरी है।
इसको करने के लिए आपको chart देखना आना चाहिए इसके बिना आप Intraday Trading नहीं कर सकते यदि आप करते है तो आपका पैसा डूबने का चांस बढ़ जाता है।
इसमें चार्ट पैटर्न का महत्व काफी ज्यादा होता है इसे करने वाले Traders chart screen के सामने ही समय बिताना पसंद करते है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? (Swing Trading kya hai )
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमे शेयर को 24 घंटे या उससे अधिक समय तक होल्ड करके रखा जा सकता है Swing Trading में ट्रेडर्स आसानी से ट्रेड कर सकते है अधिकतर लोगो Swing Trading Style में ट्रेड करना पसंद होता है ये स्टाइल ट्रेडर्स में ज्यादा पसंद किया जाता है क्योकि इसमें जोखिम कम होने का चांस रहता है।
Swing Trading kya hai ये तो आप लोग समझ गए होंगे लेकिन इसे सफल बनाने के लिए इंडिकेटर का उपयोग अधिक मात्रा में किया जा रहा है जो जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
स्कल्पिंग ट्रेडिंग क्या है ? (Scalping Trading kya hai)
Scalping Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमे शेयर को कम से कम 1 minute और ज्यादा से ज्यादा 5 minute तक के लिए ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते है इस तरह के ट्रेडिंग स्टाइल में ट्रेडर्स हमेसा बड़ी मात्रा में शेयर को खरीदते है और 1 minute के भीतर लाभ कमा कर शेयर बेच देते है ऐसा ट्रेडर्स बार बार करके छोटी छोटी मात्रा में अधिक लाभ कमा लेते है।
इसमें जितना आसानी से लाभ कमाया जा सकता है उतना ही आसानी से पैसा गवाया भी जा सकता है इसलिए इस ट्रेडिंग को करने वाले ट्रेडर्स काफी ज्यादा स्किल्ड या अनुभवी होते है इसमें चार्ट पैटर्न को बारीकी से देखना और उसके हिसाब से ट्रेड करना होता है।
स्कल्पिंग ट्रेडिंग स्ट्रैटजी इन हिंदी ? (Scalping Trading strategy in hindi)
Scalping Trading kya hai ये आप समझ गए होंगे अब बात करते स्विंग ट्रेडिंग क्या है है Scalping Trading strategy के बारे में, तो चलिए जानते है कि Scalping Trading के लिए कैसे strategy बनाते है जो निन्म है –
- इसमें सबसे पहले आपको ऐसे स्टॉक को खोजना होगा जो मार्केट में काफी ज्यादा Volatility मतलब काफी ज्यादा उछाल या गिरावट उतपन्न करते है।
- Volatility शेयर स्टॉक खोजने के लिए इंटरनेट में बहोत सरे वेबसाइट मौजूद है जो आपको आसानी से ऐसे स्टॉक खोज कर दे सकते है।
- Volatility स्टॉक मिलने के बाद चार्ट पैटर्न को 1 minute से 5 minute के बिच सेट करके ध्यान पूर्वक देखे।
- चार्ट पैटर्न में इंडीकेटर्स का उपयोग करे।
पोसिशनल ट्रेडिंग क्या है (Positional Trading kya hai)
शेयर मार्केट में शेयर को 1 महीने से ज्यादा होल्ड करके रखने को Positional Trading कहते है इसे आप अपने मर्जी के अनुसार कभी भी बेच सकते है इसमें पैसा डूबने का जोखिम कम होता है इसलिए ज्यादा तर इन्वेस्टर्स अपने पैसे इसी में इन्वेस्ट करते है और लम्बे समय तक होल्ड करके बाद में बेच देते है। ऊपर आप समझ गए होंगे कि Trading kaise kare और स्ट्रैटजी कैसे बनाये।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading कुछ ही दिन की लिए की गई होल्डिंग होती है.जैसे15 से 20 दिन के लिए. किसी स्टॉक को होल्ड करके रखना और प्रॉफ़िट होने पर बेच देना Swing Trading कहलाता है. Swing Trading एक सबसे लोकप्रिय strategy है. जिसमें simple Moving Average का इस्तेमाल 10 या फिर 20 दिनों के वैल्यू डेटा को समझने के लिए किया जाता है.साधारण भाषा में समझें तो Swing Trading डिलीवरी ट्रेडिंग का एक छोटा भाग है, जो कुछ ही टाइम पीरियड के लिए होल्ड किया जाता है.डे ट्रेडिंग और ज्यादा समय के बीच की ट्रेडिंग में Swing Trading की अपनी दुनिया है. स्विंग ट्रेड्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक कहीं भी ट्रेडिंग कर सकते है. Swing Trading करने वाले कई दिनों के चार्ट पैटर्न की तलाश में रहते हैं, जिससे की वो कम समय में अधिक प्रॉफिट कमा सकें. देखा जाए तो डे ट्रेडिंग से Swing Trading काफी बेहतर है.
Swing Trader कौन हैं?
Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing स्विंग ट्रेडिंग क्या है Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.
Swing Trading के लाभ
Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा दिखाना होता है.
Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम
Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य प्रणाली चुने.
कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें
स्विंग ट्रेडर्स कई दिनों के चार्ट और पैटर्न को एनालिसिस करते हैं, और कुछ पैटर्न जैसे
Head and Shoulders
Cup and Handle Pattern
Moving Average Crossover
Bollinger Bands Method:
Support and Resistance
का उपयोग करते हैं
निष्कर्ष
स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।
अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.